समुद्री सहयोग बढ़ाने हेतु भारत का 5 सूत्री एजेंडा
चर्चा में क्यों
हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा समुद्री सुरक्षा में वृद्धि
पर UNSC में एक खुली बहस की अध्यक्षता की गई।
- इसके बाद UNSC ने भारत के समुद्री सुरक्षा पर अध्यक्षीय वक्तव्य को पारित किया गया।
वर्तमान समय में समुद्री सुरक्षा की चुनौतियां
- समुद्री डकैती/आतंकवाद।
- अंतर्देशीय वह अंतरराष्ट्रीय समुद्री जल विवाद।
- जलवायु परिवर्तन।
भारत का 5 सूत्री एजेंडा
- अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसरण में समुद्री विवादों का समाधान।
- समुद्री व्यापार की बाधाओं का निराकरण।
- प्राकृतिक आपदा, तथा गैर अभिकर्ता जन्य खतरों से मुकाबला।
- समुद्री संसाधनों का संरक्षण।
- उत्तरदायित्व पूर्ण समुद्री संपर्क बढ़ाना।
समुद्री सहयोग के क्षेत्र में भारत के अब तक के प्रयास
- सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास अर्थात सागर
- 2008 में भारतीय नौसेना द्वारा हिंद महा क्षेत्र में समुद्री आतंकवाद से बचाव हेतु गस्ती जारी।
- मोबाइल शिपिंग इंफॉर्मेशन फ्यूजन सेंटर।
- डीप ओशन मिशन।
- जल संरक्षण और समुद्री सुरक्षा हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम।
OBC समूह को निर्दिष्ट करने संबंधी राज्यों के अधिकार को बहाल करने हेतु विधायक
चर्चा में क्यों
सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों की अपनी सूची तैयार करने की संबंधी अनुमति देने के लिए 127 वां संविधान संशोधन विधेयक हाल ही में लोग व राज्यसभा में पारित किया गया है।
मुख्य प्रावधान
- राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को पिछड़े वर्ग की सूची तैयार करने की अनुमति प्रदान की गई है।
आवश्यकता क्यों
- 5 मई को मराठा समुदाय के आरक्षण मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने 102 संविधान संशोधन का हवाला देते हुए राज्यों को सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्गों को अधिसूचित करने पर रोक लगा दी है।
127 में संविधान संशोधन के प्रमुख बिंदु
- SEBC सूची तैयार करने का राज्यों को अधिकार।
- राष्ट्रपति केवल केंद्र सरकार की योजनाओं हेतु SEBC संबंधी सूची को भी अधिसूचित कर सकते हैं।
- केंद्र सरकार SEBC सूची केंद्र सूची भी बना सकती है।
- सभी राज्य अपनी-अपनी SEBC सूची तैयार कर सकते हैं।
- राज्यों द्वारा तैयार सूची विधि के अनुरूप होगी तथा केंद्रीय सूची से अलग हो सकती हैं।
- 338B के आलोक में केंद्र / राज्य सरकारों को SEBC संबंधी नीतिगत मामलों पर OBC कमीशन OBC विधेयक अब तक के अन्य प्रावधान।
- 1993 में NCBC ( राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की व्यवस्था )
- 102 में संविधान संशोधन द्वारा NCBC को संवैधानिक दर्जा मिला ।
- इसके तहत केंद्र/राज्य सरकारों को ओबीसी से जुड़े नीतिगत मामलों पर 338 B के आलोक में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग से परामर्श करना अनिवार्य होगा।