यूरेनियम आपूर्ति
- हाल ही में परमाणु ऊर्जा विभाग ने प्रस्तावों की व्यावहारिकता की कमी का हवाला देते हुए भारत को यूरेनियम अयस्क की आपूर्ति शुरू करने वाली दो ऑस्ट्रेलियाई कंपनियों द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव को रद्द कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- भारत-ऑस्ट्रेलिया के संबंधों में वर्ष 2012 से ही उतार-चढ़ाव देखा गया है जब आस्ट्रेलियाई सरकार द्वारा भारत को परमाणु अप्रसार संधि का हस्ताक्षरकर्ता देश नहीं होने के बावजूद यूरेनियम देने का फैसला लिया गया था।
- ऑस्ट्रेलिया से आयातित यूरेनियम का उपयोग भारतीय परमाणु रिएक्टरों की इंधन आवश्यकताओं को पूरा करने हेतु किया गया जो अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी द्वारा निर्धारित सुरक्षा उपायों के तहत है।
- दोनों देशों के प्रयासों के बावजूद यूरेनियम आपूर्ति के मुद्दे पर बहुत कम प्रगति हो सकी है वर्ष 2017 में ऑस्ट्रेलिया ने पहली बार यूरेनियम जहाज भेजा था किंतु यह मात्रात्मक रूप से काफी कम थी।
भारतीय Civil Nuelcar क्षमता
- भारत में 6780 मेगा वाट की स्थापित क्षमता के साथ 22 रिएक्टर है। इनमें से 800 स्वदेशी यूरेनियम से संचालित हैं जबकि शेष 14 रिएक्टर IAEA सुरक्षा उपायों के अंतर्गत आयातित यूरेनियम द्वारा संचालित हैं।
- वर्तमान में भारत द्वारा रुस, कजाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, फ्रांस और कनाडा से यूरेनियम ईंधन का आयात करता है।
- कजाकिस्तान विश्व में यूरेनियम का सबसे बड़ा उत्पादक देश है।
अप्रसार संधि (NPT – Non Proliferation Treaty)
- यह एक अंतरराष्ट्रीय संधि है जिसका उद्देश्य परमाणु हथियारों तथा हथियारों की तकनीकी के प्रसार को रोकना, परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को बढ़ावा देते हुए निशस्त्रीकरण के लक्ष्य को आगे बढ़ाना है। इस संधि पर वर्ष 1968 में हस्ताक्षर किया गया तथा 1970 में यह संधि लागू हुई। वर्तमान में इसमें 190 देश शामिल हैं। यह एक बहुपक्षीय एवं बाध्यकारी संधि है।
भारत का रूख
- भारत उन 5 देशों में शामिल है जिन्होंने NPT पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। अन्य देश पाकिस्तान, इजराइल, उत्तरी कोरिया व दक्षिणी सूडान है।
- भारत ने परमाणु अप्रसार वाली अंतरराष्ट्रीय संधियों का विरोध किया है क्योंकि वह गैर परमाणु संपन्न देशों में एक निश्चित रूप से लागू होती है तथा दूसरी ओर, ये संधियां 5 परमाणु हथियार संपन्न देशों के एकाधिकार को वैधता प्रदान करती है।
भारत में साइबर अपराध और साइबर सुरक्षा
साइबर अपराध पर राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा समन्वयक ले० कर्नल राजेश पंत की टिप्पणी
- साइबर सुरक्षा के कारण 2019 में अर्थव्यवस्था को 1.5 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान
- स्मार्ट सिटी 5-G के विकास/ शुरुआत से साइबर खतरो में वृद्धि होगी।
- साइबर सुरक्षा उत्पादों के उत्पादन में भारतीय कंपनियों का परफारमेंस बहुत निराशाजनक रहा है।
- स्वदेशी समाधान विकसित करने हेतु साइबर सुरक्षा के लिए एक समर्पित उद्योग मंच स्थापित किया जाना चाहिए।
साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता फैलाने हेतु सरकार द्वारा उठाए गए कदम
- ऑनलाइन साइबर क्राईम रिर्पोटिंग पोर्टल – चाइल्ड पोर्नोग्राफी / बाल यौन शोषण सामग्री, बलात्कार, यौन सामग्री की शिकायतों की रिपोर्ट करने हेतु शुरू है।
- I4C ( इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर ) ( प्रतीक्षित कार्यक्रम) – साइबर अपराध संबंधित मुद्दों को व्यापक एवं समन्वित तरीके से हल करने हेतु।
- NCIIPC (नेशनल क्रिटिकल इनफॉरमेशन इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोडक्शन सेंटर ) – सूचना अवसंरचना के संरक्षण हेतु।
- CERT – IN – डिजिटल सेवा प्रदाता इकाइयों को साइबर सुरक्षा संबंधी घटनाओं की रिपोर्टिंग CERT- IN मेंं करना अनिवार्य है।
- साइबर स्वच्छ केंद्र – बोटनेट क्लीनिंग एवं मालवेयर एनालिसिस सेंटर।
उद्देश्य – दुर्भाग्यपूर्ण कार्यक्रम का पता लगाना।
- संकट प्रबंधन योजना – साइबर हमलों व साइबर आतंकवाद का मुकाबला करने हेतु।
अन्य उपाय
- नियमित रूप से अलर्ट / सलाह जारी करना।
- कानून प्रवर्तन कार्मिकों / अभियोजकों न्यायिक अधि० हेतु क्षमता निर्माण / प्रशिक्षण इत्यादि।
- साइबर फॉरेंसिक सुविधा में सुधार करना
- त्वरित / तीव्र जांच
- पुलिस सुधार व लोक व्यवस्था को अधिक दक्ष, जवाबदेंह व पारदर्शी बनाना
बायोरेमेडिएशन तंत्र तकनीक
संदर्भ- हाल ही में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ ओशन टेक्नोलॉजी चेन्नई द्वारा समुद्री रोगाणुओं तथा गेहूं के चोकर के कंसोर्टिया का उपयोग करके इमोबिलाइज्ड एग्रो-अवशेष बैक्टीरियल कोशिकाओं पर एक पर्यावरण-अनुकूल कच्चे तेल बायोरेमेडिएशन तंत्र तकनीकी को विकसित किया गया है।
बायोरेमेडिएशन
- इसे उस प्रक्रिया के रूप में परिभाषित किया जाता है जो सूक्ष्म जीवों या उनके एंजाइमों का उपयोग पर्यावरण में मौजूद दूषित पदार्थों को उनकी मूल स्थिति से हटाने एवं बेअसर करने के लिए प्रयोग की जाती है।
- समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में गहरे समुद्र में हाइड्रोकार्बनो प्लास्टिक माइकोबियल कंसोर्टिया समुद्री जल पर फैली तेल की परत को तोड़ने में मदद करता है।
समुद्री यातायात सेवा (VTS) और यातायात निगरानी व्यवस्था (VTMS)
- जहाजरानी राज्य मंत्री द्वारा हाल ही में समुद्र यातायात सेवा (Vessel Traffic Services- VTS) और पोत यातायात निगरानी व्यवस्था (Vessel Traffic Monitoring Systems- VTMS) के लिए स्वदेशी सॉफ्टवेयर समाधान के विकास का शुभारंभ किया गया है।
- VTS और VTMS एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जो पोत की स्थिति अन्य यातायात की स्थिति या मौसम संबंधी खतरे की चेतावनी और एक बंदरगाह या जलमार्ग के भीतर यातायात के व्यापक प्रबंधन को निर्धारित करता है।
- IMO सम्मेलन के SOLAS (Safety of Life at Sea) के तहत VTMS का पालन अनिवार्य है।
भारतीय वन्यजीव संस्थान का स्वायत्तता दर्जा समाप्त
- वित्त मंत्रालय द्वारा पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले भारतीय वन्यजीव संस्थान को स्वायत्त निकाय के दर्जे से वंचित करने की योजना बनाई जा रही है। इससे संगठन के वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है।
चिंताएं
- भारतीय वन्यजीव संस्थान का प्रमुख दायित्व वैज्ञानिक जानकारी के आधार पर देश के वन्य जीव संसाधनों के प्रबंधन और संबंधित नीतियों पर पर्यावरण और वन मंत्रालय (MoEF) को सलाह प्रदान करता है संस्थान द्वारा यह भूमिका केवल तब तक की ही निभाई जा सकती है जब तक यह MoEF का भाग बना रहता है।
- इसके अलावा सरकार द्वारा इस संस्थान को प्रदान की जाने वाली राशि में प्रतिवर्ष 25% की कटौती की जाएगी और इसे केवल शिक्षण और अनुसंधान में संलग्न डीम्ड विश्वविद्यालय बनाया जा सकता है।
वित्त मंत्रालय के इस निर्णय का कारण
- वित्त मंत्रालय के अनुसार 109 निकायों को कुल 26 निकायों में विलय कर देना चाहिए तथा 23 निकायों को सरकार से अलग कर दिया जाना चाहिए। भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) इन 23 निकायों में से एक है।
उड़ान दिवस
- 21 अक्तूबर, 2020 को उड़ान (उड़े देश का आम नागरिक) योजना की चौथी वर्षगाँठ मनाई गई
- भारत सरकार की एक महत्त्वाकाँक्षी योजना है।
उद्देश्य –
- क्षेत्रीय हवाई मार्गों द्वारा आम लोगों को सस्ते और सुलभ हवाई यात्रा का लाभ उपलब्ध कराना है।
- देश के उड्डयन क्षेत्र में नए हवाई अड्डों और हवाई मार्ग को जोड़ने में उड़ान योजना का अहम योगदान रहा है।
- इसके अंतर्गत 285 हवाई मार्गो के अंतर्गत 50 गैर-सेवारत अथवा सेवारतहवाई अड्डों को जोड़ा गया है।
- इसमें 5 हेलीपोर्ट भी शामिल हैं।
- भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण इस योजना के लिये बुनियादी ढाँचा उपलब्ध कराने वाली एजेंसी के रूप में कार्य करता है
- यह वर्ष 2024 तक 100 हवाई अड्डों/वाटरड्रोन/हेलीपोर्ट विकसित करने का लक्ष्य रखता है।
LOC पर स्मार्ट फेंस
- भारत LOC पर 700 किलोमीटर से अधिक दूरी तक पूरी बाड़ को स्मार्ट बाड़ (Smart fence) में बदलने की सोच रहा है।
- इस बाड़ को LIDAR (Light Detection and Ranging) सेंसर इंफ्राटेक सेंसर और कैमरों के साथ लैस किया जाएगा।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
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Prashant Yadav
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