डेटा संरक्षण पर संसदीय समिति की कार्रवाई
- संसदीय समिति ने उपयोगकर्ताओं के डेटा की सुरक्षा और संरक्षण के संदर्भ में फेसबुक, अमेजन, गूगल और पेटीएम आदि कंपनियों से उनके विचार मांगे थे।
- समिति द्वारा फेसबुक से उसके निर्णय लेने की प्रक्रिया, राजस्व मॉडल, कर भुगतान करने का तरीका, विज्ञापन दाताओं और इन विज्ञापन दाताओं के लिए लक्षित दर्शक चुनने की प्रक्रिया, नए उपयोगकर्ताओं की आयु का पता लगाने कि व उपयोगकर्ताओं की पृष्ठभूमि का सत्यापन की प्रक्रिया के संदर्भ में पूछे गए।
- अमेजन समिति के समक्ष उपस्थित होने से मना करने पर समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने कहा यह संसदीय विशेषाधिकार (अनुच्छेद- 105) का उल्लंघन है और अमेजन के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक 2019
उद्देश्य
- नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षा प्रदान करने के साथ इसके लिए एक डेटा सुरक्षा प्राधिकरण की स्थापना करना है।
- यह विधेयक सरकार भारत की निजी कंपनियों और विदेशी कंपनियों द्वारा व्यक्तिगत डेटा को एकत्र करने, स्थानांतरित करने तथा इसके प्रसंस्करण की प्रक्रिया को विनियमित करने की रूपरेखा प्रस्तुत करता है।
- विधेयक सरकार को कुछ विशेष प्रकार के व्यक्तिगत डेटा को विदेशों में स्थानांतरित करने की अनुमति देता है साथ ही सरकारी एजेंसियों को नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा एकत्र करने की छूट प्रदान करता है।
- सरकार के नेतृत्व में बने तकनीकी आधारित समाधानों को भी बढ़ावा देता है जैसे सेवाओं की आपूर्ति के बेहतर लक्ष्यीकरण और साक्ष्य अधारित नीतियों के निर्माण के लिए किसी भी इकाई या कंपनी को गैर व्यक्तिगत डेटा या अज्ञात डेटा प्रदान करने की अनुमति दे सकती है।
लाभ
- डाटा स्थानीयकरण से किसी मामलें की जांच के दौरान कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए आसानी से डाटा की पहुंच सुनिश्चित की जा सकेगी जिससे इंटरनेट से जुड़े अपराधों को रोकने में सहायता होगी।
- इंटरनेट से जुड़ी कंपनियों के व्यापार की बेहतर निगरानी संभव होगी।
- वर्तमान में डाटा अर्थव्यवस्था में भारतीय कंपनियों की भूमिका सीमित है ,डाटा स्थानीयकरण से भारतीय बाजार में स्थानीय कंपनियों के हितों की रक्षा की जा सकेगी।
चुनौतियां
- सामाजिक कार्यकर्ता समूहों ने आलोचना की है कि सरकार द्वारा इसका उपयोग लोगों की निगरानी और दमन के लिए किया जा सकता है।
- श्री कृष्णन समिति द्वारा तैयार मसौदे में सभी प्रकार के व्यक्तिगत डेटा को देश के अंदर संरक्षित किए जाने पर बल दिया गया है, जबकि वर्तमान विधेयक में सिर्फ महत्वपूर्ण व्यक्तिगत डेटा के संदर्भ में ही अनिवार्यता निर्धारित है।
चिली में नए संविधान के लिए जनमत संग्रह
- हाल ही में चिली में तानाशाही युग के संविधान को बदलने और नए संविधान का निर्माण करने के लिए जनमत संग्रह किया गया ,नए संविधान के निर्माण के पक्ष में मतदान के परिणाम को स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति सेबेस्टियन पीनेरा ने नए संविधान निर्माण का आह्वान किया।
- तानाशाही युग के संविधान के तहत स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास एवं पेंशन जैसे क्षेत्रों का अधिकार निजी लोगों को दे दिया गया था जिससे और असमानता में लगातार बढ़ोतरी हो रही थी।
भू-स्थानिक सहयोग हेतु बुनियादी विनिमय तथा सहयोग समझौता (BECA)
- भारत और अमेरिका द्वारा आगामी 2+2 मंत्री स्तरीय वार्ता के दौरान BECA पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
BECA क्या है?- यह समझौता भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्य सैन्य और नागरिक उपयोग दोनों के लिए भू-स्थानिक सूचनाओं के आदान-प्रदान के सुविधा प्रदान करेगा।
भारत के लिए BECA का महत्व और लाभ
- यह भारत को स्वचालित हार्डवेयर और हथियार जैसे क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलों से सटीक हमले के लिए अमेरिका भू-स्थानिक मानचित्रो का उपयोग करने की अनुमति प्रदान करेगा।
भारत के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव का महत्व
- भारत के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ संबंध किसी भी अन्य द्विपक्षीय आर्थिक, राणनीतिक और सामाजिक संबंधों से अधिक मायने रखता है।
- अमेरिकी राष्ट्रपति व्यापार, आव्रजन नीतियों और महत्वपूर्ण रणनीतिक मुद्दों पर भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में वास्तविक परिवर्तन ला सकते हैं।
- अमेरिका में भारतीय प्रवासी सबसे सफल प्रवासी समुदायों में से एक हैं। उनकी राजनीतिक प्राथमिकताएं भिन्न हो सकती हैं किंतु वे सभी अपनी जन्मभूमि और कर्मभूमि के मध्य घनिष्ठ संबंधों का समर्थन करते हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के परिणाम का भारत-चीन संबंधों पर प्रभाव
- ट्रंप द्वारा अधिक आक्रामक तरीके से चीन का मुकाबला किया जा सकता है।
- विडेन संभवतः कांगेज्मेंट (Congagement)/ नियंत्रण सहित संबंध (Containment with Engagement) नीति का पालन कर सकते हैं।
अन्य समझौते
- LEMOA( Logistic Exchange memorandum of agreement)
- COMCASA (Communication Compatibility and security agreement)
- GSMIA (Generae security of millitary information agreement)
- इस टू प्लस टू वार्ता में दोनों देशों के साझा हितों पर (एशिया-प्रशांत क्षेत्र में) वक्तव्य जारी किया गया।
तीसरा-भारत-अमेरिका-टू-प्लस-टू-वार्ता
- नई दिल्ली में आयोजित
- ‘टू प्लस टू’ वार्ता भारत-अमेरिका के विदेश और रक्षा मंत्रियों के नेतृत्व में आयोजित की गई।
- यह दोनों देशों के मध्य सुरक्षा, रक्षा एवं राणनीतिक साझेदारी की समीक्षा के मंच प्रदान करता है।
- भारत अमेरिका के साथ जापान व ऑस्ट्रेलिया के साथ टू प्लस टू वार्ता का आयोजन (वार्षिक) करता है।
नाइट्रस ऑक्साइड के उत्सर्जन में 30% की वृद्धि
- नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक शोध के अनुसार वर्ष 1980-2016 के बीच नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) के मानव जनित उत्सर्जन में 30% की वृद्धि हुई है।
- N2O, CO2 की तुलना में 300 गुना अधिक शक्तिशाली ग्रीनहाउस गैस है।
- N3O 125 वर्षों तक वातावरण में रह सकती है।
- नाइट्रस ऑक्साइड का वैश्विक सकेंद्रण स्तर वर्ष 1750 के 270 PPB (Parts per Billions) से बढ़कर 2018 में 331PPB हो गया है अर्थात 20% की वृद्धि हुई है।
- N2O ओजोन परत के लिए प्रमुख खतरा है क्योंकि इसका संकेंद्रण लंबे समय तक वातावरण में बना रहता है।
- विकासशील देशों यथा- भारत, चीन और ब्राजील आदि देश N2O के उत्सर्जन में प्रमुख योगदान है।
भारत सुनामी के खतरे से ज्यादा सुरक्षित- INCOIS
- भारतीय राष्ट्रीय सागरीय सूचना प्रणाली केंद्र (Indian national centre for ocean Information System – INCOIS ) के निर्देशक के अनुसार भारत वर्ष 2004 में आई सुनामी की तुलना में वर्तमान से ज्यादा सुरक्षित है।
प्रमुख बिंदु
- सुनामी एक जापानी शब्द है जिसका अर्थ है हार्वर वेब/सुनामी तथा ज्वार से उत्पन्न लहरों को कभी-कभी एक ही समझ लिया जाता है लेकिन उनका दैनिक सागरिया ज्वार से कोई संबंध नहीं है।
- अधिकांश सुनामी भूकंपों के कारण उत्पन्न होती है हालांकि सुनामी ज्वालामुखी प्रस्फुटन, भूस्खलन, परमाणु विस्फोट के कारण भी उत्पन्न हो सकती है।
भारत की सुनामी के प्रति सुभेद्यता
- भारतीय तट की सुनामी के प्रति सुभेद्यता की पहचान ऐतिहासिक सुनामी एवं भूकंप की आवृत्ति उनके परिणाम प्लेटों में भ्रश की सापेक्ष स्थिति और सुनामी मॉडलिंग द्वारा की गई है।
- भारत के पूर्वी तथा पश्चिमी तटों एवं दीप क्षेत्रों सहित निम्नलिखित 5 संभावित सुनामी उत्पत्ति क्षेत्रों की पहचान की गई है।
1 अंडमान निकोबार एवं सुमात्रा द्वीप आर्क
2 इडों बर्मीज जोन
3 नैसेंट सीमा (मध्य हिंद महासागर में)
4 चागोस दीप समूह
5 मकरान अभिवाहित ( Subduction ) क्षेत्र
भारत की INCOIS प्रणाली का विकास
- INCOIS की स्थापना वर्ष 1999 में सागरीय क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं को कई प्रकार की निशुल्क सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।
- यह संस्थान , पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन है।
- INCOIS भारतीय सुनामी प्रारंभिक चेतावनी केंद्र ( Indian Tsunami Early Warning Center – ITEWC ) के माध्यम से सुनामी, तूफान की लहरों आदि पर तटीय आबादी के लिए निगरानी और चेतावनी संबंधित सेवाएं प्रदान करता है।
- ITEWC की स्थापना वर्ष 2004 की सुनामी के बाद वर्ष 2007 में की गई थी।
- INCOIS हैदराबाद, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान के ओशनसैट के आंकड़ों का प्रयोग संभाव्य मत्स्यन क्षेत्र संबंधी एडवाइजरी तैयार करने में किया जाता है।
- इसके माध्यम से मत्स्य की प्रजातियों के विकास के विशिष्ट क्षेत्रों यथा येलोफिन , टूना आदि के संबंध में सलाह दी जाती है
- लघु पोय सलाहकार और पूर्वानुमान सेवा प्रणाली ( Small vessel Advisory and forcast sarvices system – SVAS ) को मुख्यत: मत्स्य में प्रयुक्त जहाजों के परिचालन में सुधार करने के लिए किया गया है।
एनिग्माचन्ना गोलम
- यह मछलियों का एक उप प्रकार है।
- यह भूमिगत जलभरो में निवास करती है।
- इस मछली का नामकरण फिल्म ‘लॉर्ड आफ रिंग्स’ के किरदार गोलम किरदार से प्रेरित है।
ओहाका खादी
- मेक्सिको की एक जगह ओहाका के नाम पर ओहाका खादी का नामकरण।
भारत-ऑस्ट्रेलिया सर्कुलर इकोनामी हैकायन- (I-ACE)
- ऑस्ट्रेलिया व अटल नवाचार मिशन (AIM) संयुक्त रुप से सर्कुलर अर्थव्यवस्था पर एक हैकायन का आयोजन कर रहे हैं।
- क्रमिक व प्रशिक्षण विभाग (DOPT) ने एक पुरुष अभिभावकों को भी बच्चों को देखभाल के लिए अवकाश का प्रावधान कर दिया है।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
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Prashant Yadav
Dr.Sant lal
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Shubham Singh
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Sujit Kumar Prajapti