Print PDF
मिजोरम भूकंपीय क्षेत्र
चर्चा में क्यों?
मिजोरम में 21 जून से 9 जुलाई के मध्य कम से कम 8 मध्यम स्तर के भूकंप का अनुभव किया गया। रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 4.2 से 5.5 तक दर्ज की गई।
नोट – अधिकांश भूकंपों का अधिकेंद्र म्यांमार की सीमा से लगे हुए “चंपई जिले” के नीचे था।
हाल के निष्कर्ष
एक अध्ययन में, मिजोरम दो अध:स्थलीय भ्रंशों ” चूड़ाचांदपुर माओ भ्रंश” तथा “मैत भ्रंश ” के मध्य आ गया है।
तथ्य
- “चूड़ाचांदपुर माओ भ्रंश ” का नामकरण मणिपुर के 2 स्थानों के नाम पर किया गया है। इसका विस्तार चंपई की सीमा के साथ-साथ म्यांमार के उत्तर- दक्षिण दिशा तक है।
- “मैत भ्रंश” मिजोरम में सेरछिप जिले के समीप मैंत नदी के नीचे उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पश्चिम दिशा में विस्तारित है।
नोट – भ्रंश क्या होते हैं?
- भ्रंश, भूगर्भिक हलचलों के परिणाम स्वरुप विवर्तनिक प्लेटों पर अत्यधिक दबाव/तनाव के कारण भूपर्पटी की शैंलो में होने वाले विस्थापन से निर्मित होते हैं।
- भ्रंशों की लंबाई कुछ सेंटीमीटर से लेकर हजारों किलोमीटर तक हो सकती है।
- भ्रंश की सतह ऊर्ध्वाधर, क्षैतिज अथवा पृथ्वी की सतह पर कुछ कोण पर हो सकती है।
- भ्रंश, पृथ्वी की गहराई तक विस्तारित तथा सतह तक भी फैल सकते हैं।
सतत विकास लक्ष्यों की स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में नीति आयोग ने सतत विकास 2020 को लेकर डिजिटल माध्यम से आयोजित “संयुक्त राष्ट्र उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच” ( HLPF) पर दूसरी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा जारी की है।
भारत की दूसरी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा ( VNP)
- एक लघु फिल्म के माध्यम से SDG के कुछ क्षेत्रों में भारत की प्रगति के बारे में बताया गया था।
- भारत में विश्व के आबादी का 6वां हिस्सा निवास करता है इसलिए भारत में 2030 एजेंडा काफी महत्वपूर्ण है।
- भारत को 2030 तक SDG लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अपने GDP का 6.2 % खर्च करने की आवश्यकता है।
- भारत का बजट SDG प्राथमिकताओं के साथ संरेखित हो।
- भारत को अपनी सांख्यिकी प्रणाली के उन्नयन,निगरानी तंत्र में सुधार और सभी हित धारकों को और अधिक सक्षम बनाने की दिशा में कार्य करना होगा।
नोट – आयोग दीर्घकालिक बदलाव लाने और SDG लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने के लिए मौजूदा प्रयासों को दुरुस्त करने और एक नई पहल शुरू करने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (UNR) का महत्व
- इसका उद्देश्य एजेंडा को लागू करने में मिली सफलताओं और चुनौतियों समेत इस संबंध में प्राप्त सभी अनुभवों को साझा करने की सुविधा प्रदान करना है।
उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच ( HLPF) क्या है ?
- HLPF 17 सतत विकास लक्ष्यों ( SDGs) मेंं प्रगति की निरंतरता और समीक्षा के लिए महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मंच है।
- “संयुक्त राष्ट्र की आर्थिक और सामाजिक परिषद” ( ECOSOC) के तत्वाधान में HLPF की जुलाई में 8 दिनों तक बैठक होती है।
- यह मंच SDG की प्राप्ति हेतु आवश्यक मार्गदर्शन और सिफारिशें प्रदान करता है।
सतत विकास का अर्थ
- इसका अभिप्राय आने वाली पीढ़ी की अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने की क्षमता से समझौता किए बिना वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करने से है।
SDG
- वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की 70वीं बैठक के दौरान आगामी 15 वर्षों के लिए ( 2030 तक) SDG निर्धारित किए गए थे।
उद्देश्य
- सबके लिए समान, न्याय संगत, सुरक्षित, शांतिपूर्ण, समृद्धि और रहने योग्य विश्व का निर्माण करना और विकास के तीनों पहलुओं अर्थात सामाजिक समावेश, आर्थिक विकास और पर्यावरण संरक्षण को व्यापक रूप से समाविष्ट करना है।
प्रौद्योगिकी सूचना, पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (TIFAC- technology information, forecasting and assessment council)
- TIFAC- “ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ( DST) “ के तहत वर्ष 1988 में स्थापित एक “ स्वायत्त संगठन” है।
कार्य
- प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रगति करना
- प्रौद्योगिकी प्रक्षेप पथों ( technology trajectories) का आंकलन करना।
- राष्ट्रीय महत्व के चुनिंदा क्षेत्रों में नेटवर्क अभिक्रियाओं द्वारा नवाचार को बढ़ावा देना।
नोट – TIFAC को इसकी बौद्धिक संपदा अधिकार ( IPR) पर प्रशिक्षण योजना “ KIRAN-IPR” के लिए रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार ( नारी शक्ति पुरस्कार -2015) से सम्मानित किया गया है।
चाबहार रेल परियोजना
चर्चा में क्यों
- हाल ही में ईरान द्वारा भारत को चाबहार बंदरगाह से जाहिदान तक जाने वाले रेल मार्ग प्रोजेक्ट से बाहर कर दिया है ( फंडिंग में अवरोध के चलते)।
चाबहार बंदरगाह का भारतीय संदर्भ में महत्व
- भारत की ईरान तक आसान पहुंच सुनिश्चित होगी।
- चीन के सिल्क रूट का जवाब माना जा रहा था क्योंकि भारत, ईरान के सहारे बंदरगाह, रेल, सड़कों का संजाल बिछाकर मध्य-एशिया तक अपनी आसान पहुंच बना सकता है।
- भारत इस अवसंरचनात्मक ढांचे के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय उत्तर- दक्षिण परिवहन गलियारे का विकास कर सकेगा।
- अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण सहित पूरे मध्य एशिया में अपने महत्वपूर्ण उपस्थिति दर्ज करा कर ऊर्जा, व्यापार अनुसंधान व सांस्कृतिक आदान-प्रदान का वृहद प्लेटफार्म हासिल कर सकता है।
- अरब सागर में चीन की (ग्वादर बंदरगाह) उपस्थिति का विकल्प बन सकता है।
- राजनयिक , मानवीय सुरक्षा सहित अनेक अन्य पहलू हैं जो इसे भारत के लिए महत्वपूर्ण बना देते हैं।
भारत के लिए चिंताएं
- भारत मध्य पूर्व में अपना एक मजबूत साझेदार खो सकता हैं।
- चीन – ईरान संबंधो ( 25वी वर्षगांठ) में नया मोड़ आ सकता है।
- USA का सहयोग मजबूत होगा परंतु ईरान के रूप में एक महत्वपूर्ण रणनीतिक साक्षेदार खोने का भय है।
खुदरा मुद्रा स्फीति में वृद्धि
- सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार भारत की खुदरा मुद्रास्फीति जून महीने में 6.09% के स्तर पर पहुंच गई है।
मुख्य बिंदु
- खुदरा मुद्रास्फीति को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के आधार पर मापा जाता है।
- उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) का आधार वर्ष 2012है।
- यह खरीददार के दृष्टिकोण से मूल्य परिवर्तन की माप करता है।
- मुद्रास्फीति लक्ष्यीकरण (inflation targetting) के तहत RBI को मुद्रास्फीति की दर को 4% (2% ऊपर या नीचे) रखने हेतु सरकार द्वारा निर्देशित किया गया है।
- इसमें वस्तुओं एवं सेवाओं दोनों को शामिल किया जाता है।
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक को 4 वर्गों में वर्गीकृत किया गया है
- IW- औद्योगिक श्रमिक-आधार वर्ष -2001
- UNME-शहरी गैर मैनुअल कर्मचारी-आधार वर्ष -1984-85
- AL-कृषि मजदूर-आधार वर्ष -1986-87
- RL-ग्रामीण मजदूर-आधार वर्ष -1986-1987
- CPI – UNME का प्रकाशन बंद कर दिया गया है तथा CPI-IW,CPI-AL,CPI-RL का प्रकाशन श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो द्वारा आज भी होता है।
- 2012 में CSO द्वारा CPI-ग्रामीण,CPI-शहरी तथा,CPI-संयुक्त नाम से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक निर्मित किया गया है।
वर्तमान खाद्य मुद्रास्फीति के कारण
- खाद्य पदार्थों की कीमत में वृद्धि
- मांस मछली के साथ तेल व वसा उत्पादों की कीमत वृद्धि
नियंत्रित करने के संभावित प्रयास
- अर्थव्यवस्था में मुद्रा प्रवाह कम करके
- उत्पादन में वृद्धि करके
- आवश्यक उत्पादों का आयात करके
भारत की पहली ई – लोक अदालत
- हाल ही में कोविड-19 महामारी के कारण प्रतिबंधित न्याय व्यवस्था के बीच छत्तीसगढ़ में भारत की पहली राज्य स्तरीय ई – लोक अदालत की शुरुआत की गई ।
ई -लोक अदालतों के विभिन्न प्रावधान
- सामान्यता लोक अदालतों की संकल्पना गांव में लगने वाली पंचायतों पर आधारित होती है।
- लोक अदालतों का आयोजन राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) द्वारा अन्य हित धारकों के साथ मिलकर किया जाता है।
- छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा लगभग 195 खंडपीठो का गठन किया गया तथा एक दिन में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से 2270 मामलों का निपटारा किया गया ।
- राज्य में कुल मामलों में से सबसे अधिक 515 मामले रायपुर से सुलझाए गए।
- लोक अदालतें ऐसे मंच होते हैं जहां मामलों का निपटारा सौहार्दपूर्ण तरीके से किया जाता है।
- ऐसे मामले जहां संपत्ति का मूल्य 1 करोड़ रुपए से अधिक हो उसका निपटारा लोक अदालतों में नहीं किया जा सकता है।
बाढ़ प्रतिरोधी धान ( Flood Resistant Paddy )
- हाल ही में असम के किसानों ने धान की खेती करने के लिए पारंम्परिक किसानों के बजाय नई बाढ़ प्रतिरोधी धान की किस्मों का उपयोग करने की शुरुआत किया ।
प्रजातियां –
- रंजीत सब – 1 ( Ranjit Sub -1)
- स्वर्ण सब -1(Swarna Sub – 1)
- बहादुर सब – 1 (Bhadur Sub – 1)
- अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान – मनीला (फिलीपींस )
आरसीएफ सैफ्रोला (RCF Saferola)
- Covid-19 से निपटने हेतु भारत सरकार की सहायता करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय रसायन एवं उर्वरक लिमिटेड RCF ने एक हाथ सफाई आइसोप्रोपिल अल्कोहल जेल आरसीएफ सैफ्रोला लांच किया
- राष्ट्रीय रसायन एवं उर्वरक लिमिटेड भारत सरकार की एक मिनीरत्न दर्जा प्राप्त कंपनी है।
इंडेक्स ऑफ़ कैंसर प्रिपेयर्डनेस (index of cancer preparedness)
- Economic Intelligence unit -EIU ने इंडेक्स आफ़ कैंसर प्रिपेयर्डनेस नामक रिपोर्ट जारी किया है
- इस रिपोर्ट में 10 एशिया – प्रशांत देशों में कैंसर से निपटने की तैयारी के आधार पर भारत को 8 वीं रैंक दी गई।
पैडीवॉच ऐप
- चावल की कृषि में धान रोपड़, रोपड़ क्षेत्र, सिंचाई से लेकर कटाई, मीथेन उत्सर्जन व डिजिटल तकनीकी प्रयोग के बारे में सटीक जानकारी व निगरानी के लिए सिडनी विश्वविद्यालय तथा उनके सहयोगी गूगल अर्थ, ग्रुप ऑन अर्थ ऑब्जर्वेशन के सम्मिलित प्रयास से चावल की कृषि में ‘वास्तविक समय निगरानी मंच’ के रूप में ‘पैडीवाच एप’ को विकसित किया जा रहा है।
- ऐप को विकसित करने में भारत, चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया व वियतनाम जैसे चावल उत्पादक देश भी सहयोग कर रहे हैं।
नए वाहन पंजीकरण के लिए फास्टैग विवरण
- फास्टैग एक रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड होता है जिसके माध्यम से टोल प्लाजा पर ई०टोल टैक्स का भुगतान e-way में किया जा सकता है।
- कोविड-19 के संक्रमण खतरों तथा टोल प्लाजा पर लगने वाले जाम/समय को देखते हुए राजमार्ग एवं सड़क परिवहन मंत्रालय ने वाहनों के पंजीकरण के समय ही वाहनों के फास्टैग विवरण दर्ज करने का निर्णय लिया है।
- 1 दिसंबर 2019 से ही राष्ट्रीय राजमार्ग के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया गया था।
चुशूल (Chushul)
- यह लद्दाख के लेह जिले में स्थित एक गाॅव है, जिसे चुशूल घाटी (4360 मी0 ऊंचाई) के रूप में भी जाना जाता है। भारत व चीन की सेनाओं के उच्च अधिकारियों की चौथे दौर की वार्ता यही होने वाली है।
अरद और कार्मेल (Arad and Carmel)
- ये दो नई इजराइली असाल्ट (हमलावर) राइफलें हैं जिन्हें अब भारत (मध्य प्रदेश) में ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत निर्मित किया जाएगा।
विश्व की सबसे लंबी अन्त: सागरीय (Subsea) केबल
- हाल ही में ब्रिटेन के लंकाशायर शहर में विश्व की सर्वाधिक लंबी अंतः सागरीय विद्युत केबल (767Km.) का निर्माण प्रारंभ हो गया है।
- यह ब्रिटेन व डेनमार्क के बीच नवीकरणीय ऊर्जा का आदान- प्रदान करेगा।
तांगम (Tangam)
- यह अरुणाचल प्रदेश की बड़ी अतिप्राचीन जनजाति के भीतर एक अल्प ज्ञात समुदाय है। हाल ही में यहां के मुख्यमंत्री ने Tangams : An Ethnolinguistic Study of the Critically Endangered Group of Arunachal Pradesh शीर्षक से एक पुस्तक जारी किया।
भानु जयंती (Bhanu Jayanti) (13 July- 2020)
- हाल ही में इनकी (भानुभक्त आचार्य) 206वीं जयंती मनाई गई।
- ये महान महाकाव्य रामायण का संस्कृत से नेपाली में अनुवाद करने वाले पहले लेखक थे। इनका जन्म नेपाल में हुआ था।
भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार अमेरिका
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार
- अमेरिका लगातार दूसरी बार वित्तीय वर्ष 2019- 20 में भी भारत का सबसे बड़ा व्यापार साझेदार देश बना रहा।
- वित्तीय वर्ष 2019- 20 अमेरिका और भारत के बीच 88.75 बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार किया गया, जो 2018-19 में 87.96 बिलियन डॉलर था।
- अमेरिका उन चुनिंदा देशों में से एक है, जिनके साथ भारत का व्यापार अधिशेष है।
- अमेरिका वित्तीय वर्ष 2018-19 में चीन को पीछे छोड़ते हुए भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश बना।
- चीन 2013-14 से लेकर 2017-18 तक भारत का शीर्ष व्यापारिक साझेदार रहा।
- वर्ष 2019-20 में चीन के साथ व्यापार घाटा 48.66 बिलियन डॉलर रहा, जो वर्ष 2018-19 में 53.56 बिलियन डॉलर था।
अफगानिस्तान द्वारा बाघा बार्डर से भारत को निर्यात
चर्चा में क्यों-
● वर्ष 2010 में संपन्न हुई एक द्विपक्षीय संधि के अनुपालन में पाकिस्तान द्वारा अफगानिस्तान को बाघा बार्डर से भारत को माल भेजने की अनुमति दी हैं।
● उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने भारत को यह छूट अभी तक नहीं प्रदान की है और यही कारण है कि भारत अफगानिस्तान के मध्य अभी जो भी व्यापार हो रहा है वह या तो वायु मार्ग से या फिर ईरान के रास्ते।
● इस समझौते का असर अफगानिस्तान -पाकिस्तान व भारत के विगड़े संबंधों में काफी सकारात्मक भूमिका निभा सकता है।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Vivek Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar
- Sujit Kumar Prajapti