कोरोना की दूसरी लहर के बाद आर्थिक राहत पैकेज
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वित्त मंत्रालय ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों को राहत प्रदान करने के लिये कई उपायों की घोषणा की।
- इस राहत पैकेज का उद्देश्य आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिये स्वास्थ्य प्रणालियों को तैयार करना और विकास तथा रोज़गार के लिये प्रोत्साहन प्रदान करना है। हालाँकि भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह पैकेज राजकोषीय घाटे में 0.6% की वृद्धि करेगा।
- कुल 17 उपायों के साथ इस आर्थिक राहत पैकेज में 6,28,993 करोड़ रुपए की राशि की घोषणा की गई है।
महामारी से निपटने हेतु आर्थिक राहत:
- कोरोना प्रभावित क्षेत्रों के लिये ऋण गारंटी योजना:
- व्यवसायों को 1.1 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त ऋण मिलेगा। इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये 50,000 करोड़ रुपए और पर्यटन सहित अन्य क्षेत्रों के लिये 60,000 करोड़ रुपए शामिल हैं।
- स्वास्थ्य क्षेत्र के घटक का उद्देश्य कम सेवा वाले क्षेत्रों (अर्थात् गैर-महानगरीय क्षेत्रों) को लक्षित करते हुए चिकित्सा बुनियादी ढाँचे को बढ़ाना है।
- गारंटी कवरेज: विस्तार के लिये 50% और नई परियोजनाओं के लिये 75% का प्रावधान है।
- आकांक्षी ज़िलों के लिये नई परियोजनाओं और विस्तार दोनों के लिये 75% का गारंटी कवर उपलब्ध होगा।
- योजना के तहत स्वीकार्य अधिकतम ऋण 100 करोड़ रुपए और गारंटी अवधि 3 वर्ष तक की होगी।
आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना:
- मई 2020 में आत्मनिर्भर भारत पैकेज के हिस्से के रूप में शुरू की गई आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) का 1.5 लाख करोड़ रुपए तक का विस्तार किया गया है।
- सूक्ष्म वित्त संस्थानों हेतु ऋण गारंटी योजना
- यह एक नई योजना है, जिसका उद्देश्य सूक्ष्म वित्त संस्थानों (MFIs) के नेटवर्क की सेवा प्राप्त करने वाले छोटे-से-छोटे उधारकर्त्ताओं को लाभ पहुँचाना है।
- इसके तहत लगभग 25 लाख छोटे उधारकर्त्ताओं को 1.25 लाख रुपए तक के ऋण उपलब्ध कराए जाने पर नए या मौजूदा गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी या सूक्ष्म वित्त संस्थानों को ऋण देने के लिये अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को गारंटी प्रदान की जाएगी।
आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना का विस्तार
‘आत्मनिर्भर भारत रोज़गार योजना’ कर्मचारियों के भविष्य निधि संगठन (EPFO) के माध्यम से नए रोज़गार के सृजन और रोज़गार के नुकसान की भरपाई के लिये नियोक्ताओं को प्रोत्साहित करती है।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA), 2013 के तहत लाभार्थियों को मई-नवंबर 2021 के दौरान प्रतिमाह 5 किलो खाद्यान्न मुफ्त प्रदान किया जाएगा।
बच्चों और बाल चिकित्सा देखभाल हेतु नई योजना:
- तकरीबन 23,220 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य बुनियादी अवसंरचना और मानव संसाधन को मज़बूती प्रदान करने के लिये एक नई योजना की भी घोषणा की गई है।
- यह बच्चों और बाल चिकित्सा देखभाल पर विशेष ज़ोर देने के साथ अल्पकालिक आपातकालीन तैयारियों पर ध्यान केंद्रित करेगी।
वृद्धि एवं रोज़गार
- 5 लाख पर्यटकों को एक महीने का मुफ्त पर्यटक वीज़ा।
- डीएपी सहित पीएंडके उर्वरकों के लिये अतिरिक्त सब्सिडी।
- क्लाइमेट रेसिलिएंट स्पेशल कैरेक्टरिस्टिक वेरायटीज़
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने प्रोटीन, आयरन, जिंक, विटामिन-A जैसे उच्च पोषक तत्त्वों वाली बायोफोर्टिफाइड फसल किस्मों को विकसित किया है।
- ये किस्में रोगों, कीटों, सूखा, लवणता और बाढ़ के प्रति सहिष्णु हैं तथा जल्दी ही परिपक्व होती हैं एवं यांत्रिक कटाई के लिये उपयुक्त हैं।
- चावल, मटर, बाजरा, मक्का, सोयाबीन, क्विनोआ, बकव्हीट, विंग्ड बीन, अरहर और ज्वार की 21 ऐसी किस्में राष्ट्र को समर्पित की जाएंगी।
उत्तर-पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम का पुनरुद्धार:
- उत्तर-पूर्वी क्षेत्रीय कृषि विपणन निगम (North Eastern Regional Agricultural Marketing Corporation- NERAMAC) को 77.45 करोड़ रुपए का पुनरुद्धार पैकेज प्रदान किया जाएगा।
- NERAMAC ने उत्तर-पूर्व की 13 फसलों को भौगोलिक संकेतक (Geographical Indication- GI) के पंजीकरण की सुविधा प्रदान की है।
- इसने बिचौलियों/एजेंटों को दरकिनार कर किसानों को 10-15 फीसदी अधिक कीमत देने की योजना तैयार की है।
- इसमें उद्यमियों को इक्विटी वित्त की सुविधा प्रदान करने हेतु जैविक खेती के लिये उत्तर-पूर्वी केंद्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव है।
परियोजना निर्यात को बढ़ावा
- 5 वर्षों में राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाते (National Export Insurance Account- NEIA) में एक अतिरिक्त कोष प्रदान करने का निर्णय लिया गया है। परियोजना के निर्यात हेतु इस कोष में 33,000 करोड़ रुपए की राशि के लिये हस्ताक्षर किये गए हैं।
- NEIA ट्रस्ट जोखिम को कम करने के उद्देश्य से मध्यम और दीर्घकालिक (Medium and Long Term- MLT) परियोजना निर्यात को बढ़ावा देता है।
- यह एक्ज़िम (निर्यात-आयात) बैंक द्वारा कम क्रेडिट-योग्य उधारकर्त्ताओं और सहायक परियोजना निर्यातकों को दिये गए खरीदार के क्रेडिट को कवर प्रदान करता है।
- यह कम ऋण लेने वाले उधारकर्त्ताओं को एक्ज़िम बैंक (निर्यात-आयात) के द्वारा दिये गए क्रेडिट को कवर करता है।
निर्यात बीमा कवर को बढ़ावा
- 5 वर्षों के निर्यात ऋण गारंटी निगम (Export Credit Guarantee Corporation- ECGC) में इक्विटी डालने का फैसला किया गया है ताकि एक्सपोर्ट इंश्योरेंस कवर को 88,000 करोड़ रुपए से अधिक किया जा सके।
डिज़िटल इंडिया:
- व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (Viability Gap Funding) के आधार पर 16 राज्यों में भारत नेट (Bharat Net) में पीपीपी मॉडल मेको लागू करने हेतु 19,041 करोड़ रुपए अतिरिक्त प्रदान किए जाएंगे।
- यह सभी ग्राम पंचायतों और गांँवों को कवर करते हुए भारत नेट के विस्तार और उन्नयन को अधिक सक्षम बनाएगा।
- PLI योजना का विस्तार:
- बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण हेतु उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (Production-Linked Incentive- PLI) योजना का कार्यकाल एक वर्ष और अर्थात् वर्ष 2025-26 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है।
पैकेज का महत्त्व:
- यह मौद्रिक तरलता को बढ़ाएगा और पर्यटन जैसे रोज़गार-गहन क्षेत्रों को पुनर्जीवित करने में मदद करेगा।
- यह आजीविका को बचाने में मदद करेगा और लॉकडाउन के प्रभाव को कम करेगा तथा रोज़गार के नए अवसर भी पैदा करेगा।
- यह भविष्य में ऐसी किसी भी स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों के लिये प्रयासों को बढ़ावा देगा।
- यह कोरोना प्रभावित क्षेत्रों को उन चुनौतियों से उबरने में सक्षम बनाएगा, जिनका वे पिछले डेढ़ वर्ष से सामना कर रहे हैं।
- छोटे व्यवसायों के लिये प्रदत्त तरलता, अप्रत्यक्ष रूप से उन बड़े उद्योगों को पुनर्जीवित कर सकती है जिनसे वे स्रोत या कच्चा माल प्राप्त करते हैं और बाधित आपूर्ति शृंखलाओं की मरम्मत में मदद करते हैं।
बैहेतान बांध – दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा जल विद्युत बांध
चर्चा में क्यों
हाल ही में चीन में दुनिया के दूसरे सबसे बड़े जलविद्युत बांध बैहेतान बांध का संचालन शुरू कर दिया है।
प्रमुख बिंदु
- यह जिन्शा सा नदी पर है जो कि यांगताजी नदी की एक सहायक नदी 16000 मेगा वाट की कुल स्थापित क्षमता के साथ बनाया गया है।
- यह अधिक जल विद्युत क्षमता का निर्माण करके जीवाश्म ईंधन की बढ़ती मांग को कम करने संबंधित चीन के प्रयासों का हिस्सा है।
- चीन ने वर्ष 2020 में वर्ष 2007 तक कार्बन तटस्थता के लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रतिज्ञा की थी, जिसने इस बांध के निर्माण के निर्णय को लेकर चीन की तत्कालिकता को और बढ़ा दिया था।
भारत के लिए चिंता
- भारत पूर्वोत्तर राज्य आसाम में मानसून के दौरान पानी छोड़ने से चिंतित है।
- हिमालय क्षेत्र में पारिस्थितिकी तंत्र में गिरावट की संभावना विद्यमान है।
- भारत एवं चीन के वर्ष 2017 में डोकलाम विवाद गतिरोध के दौरान चीन ने अपने बांधों से जल स्तर को रोक दिया था।
- इस प्रकार की परियोजनाओं से हजारों लोग विस्थापित होते हैं जिससे पड़ोसी देश चिंतित है।
बरनाडी वन्यजीव अभ्यारण – असम
चर्चा में क्यों
हाल ही में वर्ल्ड वाइड फंड फॉर नेचर – इंडिया इस अभ्यारण में कुछ बाघों को पाया है।
प्रमुख बिंदु
- इस अभ्यारण के पश्चिम में बरनाडी तथा पूर्व में नलपारा नदी है।
- इस अभ्यारण की स्थापना मुख्य रूप से पिग्मी हॉग और हिस्पिड हेयर के संरक्षण के लिए की गई थी।
- यह एशियाई हाथी, बाघ/टाइगर और गौर जैसी संकटग्रस्त प्रजातियों के लिए महत्वपूर्ण है।
- यहां पाए जाने वाले वन मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय नम पर्णपाती प्रकार के हैं। तथा इसका 60% भाग चारागाह के रूप में दर्ज किया गया है।
असम में कुछ अन्य संरक्षित क्षेत्र भी हैं।
- डिब्रू – सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान
- मानस राष्ट्रीय उद्यान
- नमेरी राष्ट्रीय उद्यान
- राजीव गांधी ओरंग राष्ट्रीय उद्यान
- काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान
लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें
• भारत सरकार जुलाई सितंबर तिमाही के लिए छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में कटौती कर सकती है।
• दिसंबर 2020 में छोटी बचत प्रपढो पर 0. 5 तथा 1.4% की कमी की गई जिससे सार्वजनिक भविष्य निधि की दर 7.9% से सदस्यों 9.5% हो गई।
लघु बचत योजनाएं / प्रपत्र
• यह भारत में घरेलू बचत के प्रमुख स्रोत हैं जिनमें 12 उपकरण/प्रपत्र शामिल है।
• जमाकर्ताओं को उनके जमा पर सुनिश्चित ब्याज मिलता है।
• लघु जमापुुुजी पत्रों की संग्रहित राशि को राष्ट्रीय लघु बचत कोष ( NSSF) में जमा किया जाता।
वर्गीकरण – तीन श्रेणियां।
- डाक जमा
- बचत प्रमाण पत्र
- समाजिक सुरक्षा योजनाएं
लाभ
• घाटे के वित्तपोषण की लागत में कमी।
• अधिक व्यय को बढ़ाना ताकि अर्थव्यवस्था को गति प्रदान की जा सके।
हानि
• निवेशकों, वरिष्ठ नागरिकों तथा मध्यम वर्ग को नुकसान
• बैंक रिटर्न में कमी की संभावना
अग्नि – पी (प्राइम)
चर्चा में क्यों
DRDO द्वारा एक नई पीढ़ी की परमाणु सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि पी ( प्राइम) का उड़ीसा के बालासोर तट पर डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
प्रमुख बिंदु
- अग्नि-पी की मारक क्षमता 1000 से 2000 किलोमीटर तक।
- कनस्तर – आधारित प्रणाली की मिसाइल है, जो लांच करने के लिए आवश्यक समय को कम करती है तथा इसके भंडार और गतिशीलता में सुधार करती है।
- अग्नि श्रेणी की मिसाइलों की तुलना में अग्नि – पी की सटीकता में सुधार किया गया है।
अग्नि मिसाइलो की श्रेणी
अग्नि – I :- 700 से 800 किलोमीटर मारक क्षमता
अग्नि – II:- 2000 किलोमीटर मारक क्षमता।
अग्नि – III :- 2500 किलोमीटर मारक क्षमता।
अग्नि – IV :- 3500 किलोमीटर मारक क्षमता।
अग्नि – V :- 5000 किलोमीटर से अधिक मारक क्षमता और अग्नि श्रृंखला की सबसे लंबी अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) है।
फुकुओका ग्रैंड पुरस्कार
(Fukuoka Grand Prize)
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में, प्रसिद्ध पत्रकार पी. साईनाथ को फुकुओका पुरस्कार 2021 (Fukuoka Prize) के तीन प्राप्तकर्ताओं में से एक के रूप में चुना गया है।
- साईनाथ को फुकुओका पुरस्कार का ‘ग्रांड प्राइज’ प्रदान किया जाएगा, जबकि जापान के प्रो. किशिमोतो मियो (Kishimoto Mio) को ‘अकादमिक पुरस्कार’ और थाईलैंड की फिल्म निर्माता प्रबदा यून (Prabda Yoon) को ‘कला और संस्कृति’ पुरस्कार दिया जाएगा।
बारे में:-
- फुकुओका पुरस्कार, एशियाई संस्कृतियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और एशियाई लोगों के बीच आदान-प्रदान तथा आपसी समझ को विकसित करने हेतु एक व्यापक ढांचा तैयार करने के लिए प्रतिष्ठित लोगों को प्रतिवर्ष पुरस्कार दिए जाते हैं।
इतिहास
- अब तक, ग्यारह भारतीयों को फुकुओका पुरस्कार दिया जा चुका है।
- यह पुरस्कार वर्ष 1990 में स्थापित किया गया था।
टीम रूद्रा
– मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।