जूट निर्मित सामग्री में पैकिंग की अनिवार्यता
- हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा जूट निर्मित सामग्री में पैकिंग की अनिवार्यता संबंधी नियमों के विस्तार को मंजूरी दी है।
- अब शत-प्रतिशत खाद्यान्नों और 20% चीनी को अनिवार्य रूप से विविध प्रकार के जूट बोरो में पैक किया जाएगा।
लाभ
- जूट क्षेत्र में लगभग 3.7 लाख श्रमिक और कई लाख किसान परिवारों की आजीविका निर्भर है।
- इससे देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर खासकर पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा, असम, आंध्र प्रदेश, मेघालय और त्रिपुरा के किसानों तथा श्रमिकों को मिलेगा।
- यह निर्णय जूट उद्योग के विविधीकरण को प्रोत्साहन एवं गति प्रदान करेगा।
बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (DRIP)
- हाल ही में मंत्रिमंडल द्वारा बाहरी वित्तीय सहायता प्राप्त बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना चरण-II और III को मंजूरी दी गई है।
- इस परियोजना के लिए विश्व बैंक और एशियन इन्फ्राट्रक्चर इन्वेस्टमेंट बैंक द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है।
- परियोजना लागू करने की अवधि 10 वर्ष है प्रत्येक चरण 6 वर्षों का होगा तथा इसमें अप्रैल 2021 से मार्च 2031 तक 2 वर्षों की पुनरावृत्ति अवधि शामिल है।
परियोजना की आवश्यकता
- भारत में बड़े बांधों की संख्या 5334 है और यह विश्व में चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर हैं वर्तमान में 411 बांध निर्माणाधीन हैं।
- बांध भारतीय कृषि में सिंचाई के लिए महत्वपूर्ण।
- ये बांध परिसंपत्ति प्रबंधन और सुरक्षा की दृष्टि से एक बड़ी जिम्मेदारी प्रस्तुत करते हैं।
बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना के बारे में
- इसे वर्ष 2012 में विश्व बैंक की सहायता से केंद्रीय जल आयोग द्वारा शुरू किया गया।
केंद्रीय सतर्कता आयोग ( Central Vigilance Commission)
चर्चा में क्यों
- हाल ही में केंद्रीय सतर्कता आयोग द्वारा 1 नवंबर से अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारियों की नियुक्ति मनोनयन पदोन्नति और अन्य संबंधित मुद्दों के लिए बोर्ड स्तर पर सभी सतर्कता अनापत्ति मंजूरी प्रस्तावों को ईमेल के माध्यम से प्राप्त करने का निर्णय लिया गया है तथा दस्तावेजों की कोई हार्ड कॉपी स्वीकार नहीं की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- के संथानम समिति की सिफारिश पर 1964 में सरकार द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग का गठन किया गया।
- 2003 में CVC को संवैधानिक दर्जा दिया गया ।
- CVC एक स्वतंत्र निकाय है जो अपनी रिपोर्ट भारत के राष्ट्रपति को प्रस्तुत करता है।
- CVC में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के साथ दो अन्य सदस्य होते हैं।
- यह एक भ्रष्टाचार निरोधी निकाय है जिसका कार्यकाल 4 वर्ष या 65 वर्ष की आयु तक है।
- केवल राष्ट्रपति के आदेश द्वारा ही CVC को हटाया जा सकता है।
भारतीय नौसेना में महिलाओं के लिए स्थायी कमीशन
- उच्चतम न्यायालय ने निर्णय 17 महिलाएं एसएससी अधिकारियों द्वारा एक मामले पर सुनवाई करते हुए दिया था। इन महिला अधिकारियों को शार्ट सर्विस कमीशन अधिकारी के रूप में 14 साल की सेवा पूरी करने के बावजूद स्थायी कमीशन ( PC) दिए जाने से वंचित कर दिया गया था।
उच्चतम न्यायालय द्वारा की गई टिप्पणी
- महिला नौसेना अधिकारियों को शारीरिक मातृत्व विशेषताओं जैसे विशिष्ट आधारों पर संविधान के तहत समान अवसर और गरिमा के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।
निर्णय के निहितार्थ
- महिला नौसेना अधिकारी अब स्थायी कमीशन हेतु आवेदन करने के पात्र होगी।
- कार्यकारी इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल, शिक्षा, कानून और लॉजिस्टिक्स सहित कम से कम 7 विंगो (wingo) में सभी सेवारत महिला शॉर्ट सर्विस कमिशन ( SSC) अधिकारी स्थायी कमीशन के लिए आवेदन कर सकती हैं।
स्थायी कमीशन
- स्थिर टेंडर में रिक्तियों की उपलब्धता
- उम्मीदवार की उपायुक्तता
- नौसेना स्टाफ के प्रमुख द्वारा सिफारिश पर प्रदान की जाएगी।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र ( NCR) और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन हेतु आयोग अध्यादेश 2020
संरचना
- अध्यक्षता भारत सरकार के सचिव अथवा राज्य सरकार के मुख्य सचिव के रैंक के अधिकारी द्वारा।
- स्थायी निकाय होगा।
- 20 से अधिक सदस्य होंगे।
सदस्य
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सचिव का एक प्रतिनिधि, पांच सचिव स्तरीय अधिकारी जो पदेन सदस्य होंगे।
- दो संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी जो पूर्णकालिक सदस्य होंगे।
- CPCB,ISRO, वायु प्रदूषण विशेषज्ञों के प्रतिनिधि और NGO के तीन सदस्य।
- कृषि, पेट्रोलियम, विद्युत,सड़क परिवहन और राजमार्ग आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग सहित अन्य मंत्रालयों के प्रतिनिधि सहयोगी सदस्य होंगे।
नोट- आयोग एक वैधानिक निकाय होगा। यह CPCB और दिल्ली, पंजाब ,हरियाणा, यूपी और राजस्थान के क्षेत्रों सहित एनसीआर पर विशेष अधिकार क्षेत्र होगा।
- आयोग के निर्देशों का उल्लंघन करने पर ₹1 करोड़ का जुर्माना और 5 साल कारावास की सजा।
- पर्यावरण प्रदूषण ( रोकथाम एवं निवारण ) प्राधिकरण (EPCA) एवं वैधानिक निकाय नहीं थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से वैधता प्राप्त थी।
EPCA
- वैधानिक नहीं थी।
- अन्य राज्य सरकारों को दिशा निर्देश और जुर्माना लगाने का अधिकार प्राप्त था।
- किसी राज्य के प्रतिनिधि सम्मिलित नहीं थे, इसमें सिर्फ 2 स्थायी सदस्य थे।
आलोचना
- कानूनों और संस्थाओं की बहुलता एक तरफ भ्रम पैदा करेगी तो दूसरी तरफ टकराव।
- उदाहरण के लिए, हमारे पास पहले से ही EPCA,NGT,CPCB,PCB है, लेकिन किसी को भी स्पष्ट नहीं है क्या करना है?
- भारत में कानून की कमी नहीं है, केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव है।
आगे की राह
विभिन्न कानूनों और संस्थाओं की प्रभावकारिता और उपयोगिता परखने हेतु गहन समीक्षा की जाए।
सभी संबंधित हितधारकों, किसानों के समूह और लघु उद्योग से जुड़े लोगों तथा जनता के साथ विस्तृत परामर्श किया जाय।
‘धरणी’ पोर्टल
- तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने भूमि और संपत्ति पंजीकरण के लिए ‘धरणी’ वेब पोर्टल लॉन्च किया है। राज्य सरकार अब इस वेब पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण और म्यूटेशन सहित सभी संपत्ति लेनदेन का ब्यौरा करेगी।
- धरणी भूमि और संपत्ति से संबंधित लेनदेन सहित सभी प्रलेखन के लिए एक वन-स्टॉप पोर्टल है।
- पोर्टल पंजीकरण प्रक्रिया में किसी भी खामी को दूर रखतेहुए सभी भूमि और संपत्ति से संबंधित जानकारी को ऑनलाइन स्टोर किया जाएगा।
- यह कृषि भूमि के पंजीकरण, उत्तराधिकार और यहां तक कि विभाजन को सरल बनाएगा, जो सुनिश्चित करेगा कि पूरी प्रक्रिया कुछ ही मिनटों में पूरी हो जाए और भू-स्वामियों को तुरंत ई-पेटीदार पासबुक प्रदान की जा सके।
राष्ट्रीय एकता दिवस: 31 अक्टूबर
- भारत में वर्ष 2014 से हर साल 31 अक्टूबर को भारत के लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया जाता है।
- इस वर्ष दिग्गज नेता की 145 वीं वर्षगांठ है, जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया और बाद में देश के एकीकरण के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
वर्ल्ड सिटीज डे: 31 अक्टूबर
- संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 31 अक्टूबर को विश्व सिटीज दिवस के रूप में घोषित किया गया है।
- यह दिन वैश्विक शहरीकरण में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की रुचि को बढ़ावा देने, बैठक में देशों के बीच सहयोग को आगे बढ़ाने और शहरीकरण की चुनौतियों का सामना करने और दुनिया भर में सतत शहरी विकास में योगदान करने के लिए मनाया जाता है।
- साल 2020 की थीम: Valuing Our Communities and Cities
आनंदीबेन पटेल ने विश्व की पहली वैज्ञानिक बुक “Bye Bye Corona” का किया विमोचन
- उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा विश्व की पहली वैज्ञानिक पुस्तक “Bye Bye Corona” का विमोचन किया गया।
- इस पुस्तक को CSIR-सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट, लखनऊ के पूर्व वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डॉ. प्रदीप श्रीवास्तव द्वारा लिखा गया है।
- इसे किताब को आगे 3D संस्करण में बनाने की भी योजना है। इस पुस्तक का प्रकाशन विज्ञान प्रसार द्वारा किया गया है।
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