ज़ीरोइंग इन ऑन मलेरिया एलिमिनेशन
हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization- WHO) द्वारा विश्व मलेरिया दिवस 2021 से पूर्व ‘ज़ीरोइंग इन ऑन मलेरिया एलिमिनेशन’ (Zeroing in on malaria elimination) शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की गई थी।
प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 2021 के लिये विश्व मलेरिया दिवस की थीम ‘रीचिंग द ज़ीरो मलेरिया टारगेट’ (Reaching the Zero Malaria target) है।
WHO द्वारा अपनी ‘ई-2025 पहल’ (E-2025 Initiative) के तहत ऐसे 25 देशों की पहचान की गई है जिन्हें वर्ष 2025 तक मलेरिया मुक्त देश बनाना है।
मलेरिया:
- मलेरिया एक मच्छर जनित रक्त रोग (Mosquito Borne Blood Disease) है जो प्लास्मोडियम परजीवी (Plasmodium Parasites) के कारण होता है। यह मुख्य रूप से अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
- इस परजीवी का प्रसार संक्रमित मादा एनाफिलीज़ मच्छरों (Female Anopheles Mosquitoes) के काटने से होता है।
- मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद, परजीवी शुरू में यकृत कोशिकाओं के भीतर वृद्धि करते हैं उसके बाद लाल रक्त कोशिकाओं ( Red Blood Cells- RBCs) को नष्ट हैं जिसके परिणामस्वरूप RBC की क्षति होती है।
- ऐसी 5 परजीवी प्रजातियांँ हैं जो मनुष्यों में मलेरिया संक्रमण का कारण होती हैं, इनमें से 2 प्रजातियाँ – प्लाज़्मोडियम फाल्सीपेरम (Plasmodium falciparum) और प्लास्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax) है जिनसे मलेरिया संक्रमण का सर्वाधिक खतरा विद्यमान होता है।
- मलेरिया के लक्षणों में बुखार और फ्लू जैसे लक्षण शामिल होते हैं, जिसमें ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान महसूस होती है।
- इस रोग की रोकथाम एवं इलाज़ दोनों ही संभव है।
मलेरिया का टीका:
- RTS,S/AS01 जिसे मॉसक्यूरिक्स (Mosquirix) के नाम से भी जाना जाता है जो एक इंजेक्शन वैक्सीन है। इस टीके को एक लंबे वैज्ञानिक परीक्षण के बाद प्राप्त किया गया है जोकि सुरक्षित है। इस टीके के प्रयोग से मलेरिया का खतरा 40 प्रतिशत तक कम हो जाता है तथा इसके परिणाम अब तक के टीकों में सबसे अच्छे देखे गए हैं।
- इसे ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GlaxoSmithKline- GSK) कंपनी द्वारा विकसित किया गया था तथा वर्ष 2015 में यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (European Medicines Agency) द्वारा अनुमोदित किया गया।
- RTS,S वैक्सीन मलेरिया परजीवी, प्लाज़्मोडियम पी. फाल्सीपेरम (Plasmodium (P.) falciparum) जोकि मलेरिया परजीवी की सबसे घातक प्रजाति है के विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित करती है।
ई -2025 पहल:
वर्ष 2017 में WHO द्वारा ई-2025 पहल की शुरुआत की गई। इस पहल का उद्देश्य वर्ष 2020 तक ऐसे देशों के समूह का समर्थन करना है जो अपने यहाँ मलेरिया के मामलों को जीरो स्तर तक लाने हेतु प्रतिबद्ध है।
इस पहल के द्वारा पांँच क्षेत्रों में से कुल 21 देशों की पहचान की गई जहाँ मलेरिया को खत्म करने की संभावनाएँ विद्यमान थी।
‘ज़ीरोइंग इन ऑन मलेरिया एलिमिनेशन’ रिपोर्ट, ई -2025 पहल के तहत हुई अब तक मलेरिया उन्मूलन प्रगति को दर्शाती है।
लीडर्स समिट ऑन क्लाइमेट
उद्देश्य
स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा- 2030 निवेश को जुटाने , स्वच्छ प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने तथा भारत में हरित सहयोग को बढ़ाने के साथ अन्य विकासशील देशों हेतु सतत विकास का खाका तैयार करने में सहायक होगा।
• अमेरिका द्वारा वर्ष 2030 तक ग्रीनहाउस गैस के उत्सर्जन को आधा करने हेतु आव्हान किया। विकासशील देशों हेतु अपने सार्वजनिक वित्त पोषण को दोगुना करना तथा 2024 तक विकासशील देशों के लिए सार्वजनिक वित्त पोषण को तीन गुना बढ़ाना।
• राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित अंशदान के अनुसार,GHG उत्सर्जन को वर्ष 2005 के अस्तर से 50 – 52% कम करना है।
• भारत अमेरिका के साथ मिलकर 450 GW अक्षय ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करना शामिल है।
• भारत उन गिने चुने देशों में शामिल है जिनका NDCs 2 डिग्री सेंटीग्रेड के संगत स्तर पर बना हुआ है।
राष्ट्रीय पंचायत दिवस
- 24 अप्रैल 2021 को मनाया गया।
- 12 वा राष्ट्रीय पंचायत दिवस
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने स्वामित्व योजना के अंतर्गत ई- कार्ड का वितरण किया।
- इस अवसर पर पंचायतों के उत्कृष्ट प्रदर्शन पर उन्हें पुरस्कृत किया जाता है।
- अनुच्छेद 40 में पंचायतों का उल्लेख है तथा अनुच्छेद 246 राज्य विधानमंडल को स्थानीय स्वशासन से संबंधित किसी भी विषय के संबंध में कानून बनाने का अधिकार देता है।
- भारत में पंचायती राज व्यवस्था 73वें संविधान संशोधन 1992 द्वारा जोड़ा गया।
- ई गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए ई – ग्राम स्वराज पोर्टल लांच किया गया।
CSF और शीप पाॅक्स वैक्सीन
सन्दर्भ
ICAR – इंडियन वेटरिनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने क्लासिकल स्वाइन फीवर और शीप पॉक्स वैक्सीन के लिए एक पशु स्वास्थ्य सेवा कंपनी ” हेस्टर बॉयोसांइसेज” को प्रौद्योगिकी हस्तांतरित की है।
क्लासिकल स्वाइन फीवर ( CSF )
यह सुुुुअरों से संबंधित महत्वपूर्ण बीमारी है जिसे हाग हैजा के नाम से भी जाना जाता है यह दुनिया में सूअरों से संबंधित आर्थिक रूप से सर्वाधिक हानिकारक महामारी संक्रामक रोगों में से एक है।
भारत में इस बीमारी का नियंत्रित करने के लिए खरगोशों को मारकर तैयार किए गए लैपिनाइज्ड CSF वैक्सीन द्वारा नियंत्रित किया जा रहा है।
शीप पाॅक्स
यह भेेेेड़ों से संबंधित गंभीर वायरल बीमारी है इसका वायरस बकरी से निकटता से संबंधित है यह रोग प्राय: गंभीर एवं घातक होता है जिसमें त्वचा में विस्फोट होता है।
भेेेेड़ों की आबादी में निवारक टीकाकरण के लिए ICAR-IVRI द्वारा स्वदेशी इसट्रेन का उपयोग करते हुए एक दुर्बल वायरस का प्रयोग करके सिर्फ पाॅक्स वैक्सीन विकसित किया गया।
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।