5 April 2021 Current affairs

राजनीति का अपराधीकरण

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नेशनल इलेक्शन वॉच (National Election Watch) और एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association of Democratic Reforms- ADR) के अनुसार असम, केरल, पुद्दुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनावों में 6,318 उम्मीदवारों में से कम-से-कम 1,157 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

भारत में लोकतंत्र, शासन और चुनावी सुधार के लिये वर्ष 2002 से एक न्यू (NEW) नामक राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है, जिसमें 1200 से अधिक गैर-सरकारी संगठन (NGO) और ऐसे ही अन्य नागरिक संगठन शामिल हैं।
ADR एक गैर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1999 में नई दिल्ली में की गई थी।

राजनीति का अपराधीकरण के बारे में:

इसका अर्थ राजनीति में अपराधियों की बढ़ती भागीदारी से है, यानी अपराधी चुनाव लड़कर संसद या राज्य विधानमंडलों में सदस्यों के रूप में निर्वाचित हो सकते हैं। यह मुख्य रूप से नेताओं और अपराधियों के बीच साँठ-गाँठ के कारण होता है।

आपराधिक उम्मीदवारों की अयोग्यता का कानूनी पहलू

  • भारतीय संविधान में संसद या विधानसभाओं के लिये चुनाव लड़ने वाले किसी व्यक्ति की अयोग्यता के विषय में उपबंध नहीं किया गया है।
  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में विधायिका का चुनाव लड़ने के लिये किसी व्यक्ति को अयोग्य घोषित करने के मानदंडों का उल्लेख है।
  • इस अधिनियम की धारा 8 ऐसे दोषी राजनेताओं को चुनाव लड़ने से नहीं रोकती है जिन पर केवल मुकदमा चल रहा है और दोष अभी सिद्ध नहीं हुआ है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन पर लगा आरोप कितना गंभीर है।
  • इस अधिनियम की धारा 8(1) और 8(2) के अंतर्गत प्रावधान है कि यदि कोई विधायिका सदस्य (सांसद अथवा विधायक) हत्या, बलात्कार, आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने जैसे अपराधों में लिप्त है, तो उसे इस धारा के अंतर्गत अयोग्य माना जाएगा एवं 6 वर्ष की अवधि के लिये अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा।

अपराधीकरण का कारण:

राजनीतिक इच्छाशक्ति का अभाव:

  • लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन के बावजूद राजनीतिक दलों के बीच एक सामान्य सहमति बन गई है जो संसद को राजनीति के अपराधीकरण को रोकने के लिये मज़बूत कानून बनाने से रोकती है।

कार्यान्वयन का अभाव:

  • राजनीति में अपराधीकरण को रोकने के लिये बने कानूनों और निर्णयों के कार्यान्वयन की कमी के कारण इसमें बहुत मदद नहीं मिली है।

संकीर्ण स्वार्थ:

  • राजनीतिक दलों द्वारा चुने गए उम्मीदवारों के संपूर्ण आपराधिक इतिहास का प्रकाशन बहुत प्रभावी नहीं हो सकता है, क्योंकि मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा जाति या धर्म जैसे सामुदायिक हितों से प्रभावित होकर मतदान करता है।

बाहुबल और धन का उपयोग:

  • गंभीर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के पास अक्सर धन और संपदा काफी अधिक मात्रा में होती है, इसलिये वे दल के चुनावी अभियान में अधिक-से-अधिक पैसा खर्च करते हैं और उनकी राजनीति में प्रवेश करने तथा जीतने की संभावना बढ़ जाती है।
  • इसके अतिरिक्त कभी-कभी तो मतदाताओं के पास कोई विकल्प नहीं होता है, क्योंकि सभी प्रतियोगी उम्मीदवार आपराधिक प्रवृत्ति के होते हैं।

प्रभाव :

1.स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के सिद्धांत के विरुद्ध।
2.सुशासन पर प्रभाव।
3.लोक सेवकों के कार्य पर प्रभाव
4.सामाजिक भेदभाव को बढ़ावा

राजनीति के अपराधीकरण पर अंकुश लगाने के लिये सर्वोच्च न्यायालय के हालिया कदम:

सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने फरवरी, 2020 में राजनीतिक दलों को विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिये अपने उम्मीदवारों के संपूर्ण आपराधिक इतिहास को प्रकाशित करने का आदेश दिया, साथ ही उन कारणों को भी जिनसे उन्हें अपराधिक कृत्य करने के लिये मजबूर होना पड़ा था।

स्टार प्रचारक एवं आदर्श आचार संहिता

● एक स्टार प्रचारक (राजनीतिक या फिल्म स्टार भी) किसी पार्टी के लिए चुनाव में एक सेलिब्रिटी के तौर पर वोट मांग सकता है।
● ECI द्वारा किसी मान्यता प्राप्त ‘राष्ट्रीय राज्य स्तरीय दल’ के अधिकतम 40 स्टार प्रचारक नामित किए जा सकते हैं।
● स्टार प्रचारक पर किए गए व्यय को एक उम्मीदवार के चुनाव व्यय में नहीं जोड़ा जाता है।
● MCC दिशा निर्देशों के अनुसार जब प्रधानमंत्री या पूर्व प्रधानमंत्री स्टार प्रचारक होता है तो इसका खर्च सरकार द्वारा खर्च किया जाता है।
● हालांकि यदि कोई अन्य प्रचारक प्रधानमंत्री के साथ ही यात्रा करता है तो सुरक्षा व्यवस्था पर किए गए खर्च का 50% उम्मीदवार को वहन करना होगा।

आदर्श आचार संहिता

● Model Code ऑफ Conduct-MCC वैधानिक नहीं है, लेकिन राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों & मतदान एजेंटों से अपेक्षा की जाती है कि वे चुनाव घोषणा पत्र भाषणों & जुलूस की सामग्री से लेकर सामान्य आचरण आदि तक के मानदंडों का पालन करें।

नामावली हेतु सामंजस्य प्रणाली संकेत (HSN कोड)

● बीते वित्तीय वर्ष में ₹5 करोड़ से अधिक का कारोबार करने वाले जीएसटी करदाताओं के लिए 6 अंकों वाला HSN कोड प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया गया है।
● यह प्रावधान 1 अप्रैल से लागू है।

HSN कोड का अर्थ क्या है?

● यह 6 अंकों का पहचान कोड होता है। 6 अंकों के HS कोड में, पहले 2 अंक HS खंड, अगले 2 अंक HS शीर्षक तथा बाकी दो अंक HS उपशीर्षक को प्रदर्शित करते हैं।
● इसे विश्व सीमा शुल्क संगठन (WCO) द्वारा विकसित किया गया है।
● इसे वस्तुओं के लिए ‘सार्वभौमिक आर्थिक भाषा’ में व्यक्त करता है।
● वर्तमान में इस प्रणाली में लगभग 5000 कमोडिटी समूह शामिल है।

आवश्यकता और महत्व

● इस प्रणाली का उपयोग 200 से अधिक देशों द्वारा किया जाता है।
● यह प्रणाली सीमा शुल्क और व्यापार प्रक्रियाओं के सामंजस्य में मदद करती है तथा अंतरराष्ट्रीय व्यापार लागत को कम करती है।

अंतर्राष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस 

  चर्चा में क्यों

 4 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय खदान जागरुकता और खनन कार्य सहायता दिवस दिवस मनाया जाता 

तथ्य

  • यह खदान द्वारा उत्पन्न खतरे के बारे में जागरूकता बढ़ाने और सरकार द्वारा खदान 
  •  कार्रवाई कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए मनाया जाता है ।
  •  8 दिसंबर 2005 को , महासभा ने घोषणा की थी कि प्रत्येक वर्ष के 4 अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय ‘ खदान जागरूकता और खदान कार्य सहायता दिवस मनाया जाएगा ।
  •  इसे पहली बार 4 अप्रैल 2006 को मनाया गया था ।
  •  संयुक्त राष्ट्र की माइन एक्शन सर्विस ( यूएनएमएस ) जीवन बचाने , मानवीय सहायता प्रदान करने और विस्थापितों और शरणार्थियों का समर्थन करने के लिए लगातार काम कर रही है । 
  • 164 देशों ने 1997 में एंटी – पर्सनेल माइन बैन कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए थे । 
  • डैनियल क्रेग खदान और विस्फोटक खतरों के उन्मूलन के लिए पहले यूएन ऐडवोकेट थे ।

         राष्ट्रीय समुद्री दिवस 

  ‌    सन्दर्भ

       5 अप्रैल अंतरमहाद्वीपीय वाणिज्य और विश्वव्यापी अर्थव्यवस्था के समर्थन के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए राष्ट्रीय समुद्री दिवस मनाया जाता है ।

    तथ्य

  •  यह दिन 1964 से मनाया जा रहा है ।
  •  सिंधिया भाप नेविगेशन कंपनी द्वारा शुरू किये गए पहले जहाज एसएस लॉयल्टी ने 1919 में मुंबई से यूनाइटेड किंगडम की यात्रा की । 
  • भारतीय समुद्री क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले लोगों को पहचानने के लिए इस दिन वरुण पुरस्कार प्रदान किया जाता है । 
  •  सितंबर में अंतिम सप्ताह के गुरुवार को हर साल विश्व समुद्री दिवस मनाया जाता है ।

वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट

● विश्व आर्थिक मंच के द्वारा
● 156 देशों में भारत का स्थान 140 वां है।
● आइसलैंड को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ।
● वर्ष 2006 में पहली बार यह रिपोर्ट प्रकाशित की गयी। रिपोर्ट में 156 देशों द्वारा चार आयामों के मद्देनजर लैंगिक समानता की दिशा में मूल्यांकन किया जाता है।
(1) आर्थिक भागीदारी
(2) शैक्षणिक उपलब्धि
(3) स्वास्थ्य एवं जीवन रक्षा
(4) राजनीतिक सशक्तिकरण

Leave a Reply