मध्यान्ह भोजन योजना (M.D.M scheme)
चर्चा में क्यों
हाल ही में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा खाद्य और पोषण का अधिकार सुनिश्चित करने हेतु एक राष्ट्रीय स्तर की बैठक का आयोजन किया गया जिसके निम्न सुझाव थे।
- M.D.M को 12वीं तक बढ़ाना।
- शहरी रोजगार गारंटी योजना का प्रारंभ।
- एक सार्वजनिक वितरण प्रणाली का प्रारंभ, जो आधार से लिंक ना हो।
M.D.M.
- 15 अगस्त 1985 से प्रारंभ केंद्र प्रायोजित योजना।
- क्रियान्वयन- मानव संसाधन विकास मंत्रालय
- इसके अंतर्गत 1 से 8 तक के छात्रों को वर्ष में कम से कम 200 दिन पका हुआ पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाए।
- इसे प्राथमिक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पौषणिक सहायता कार्यक्रम के रूप में प्रारंभ किया गया था।
उद्देश्य
- भूख और कुपोषण दूर करना।
- स्कूलों में नामांकन और उपस्थिति बढ़ाना।
- विभिन्न जातियों के मध्य सामाजिकरण में सुधार।
- महिलाओं को रोजगार।
विशेष आर्थिक क्षेत्र ( SEZ)
चर्चा में क्यों
सरकार ने SEZ के भीतर की खाली पड़ी जमीन को ( अनुमानित लागत – तीन लाख करोड़) अन्य आर्थिक गतिविधियों के लिए छोड़ने का प्रस्ताव किया है।
SEZ – भौगोलिक रूप से चिन्हित ऐसे क्षेत्र जिनमें वाणिज्यिक गतिविधियों से संबंधित नियम बाकी देश के अन्य क्षेत्र से अलग होते हैं। इन क्षेत्रों में स्थित इकाइयों को विशेष सुविधाएं प्राप्त होती हैं।
सेज अधिनियम के मुख्य उद्देश्य
- अतिरिक्त आर्थिक क्रियाकलापों का सृजन।
- वस्तुओं एवं सेवाओं के निर्यात का संवर्धन।
- घरेलू एवं विदेशी स्रोतों से निवेश का संवर्धन।
- रोजगार अवसरों का सृजन।
- अवसंरचना सुविधाओं का सृजन।
सेज में सुविधाएं एवं प्रोत्साहन
- न्यूनतम वैकल्पिक कर (MAT) से छूट।
- केंद्र व राज्य स्तर पर मंजूरी के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस।
- निर्यात से होने वाली काम पर आयकर छूट।
- आयातित वस्तुओं पर शुल्क से छूट।
राजनीति का अपराधीकरण
चर्चा में क्यों
हाल ही में उच्चतम न्यायालय द्वारा राजनीति के अपराधीकरण पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कुछ आम टिप्पणियां की गई हैं।
- संसद को राजनीति में अपराधियों के आगमन के बारे में आगाह।
- बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा अपने उम्मीदवारों के अपराधिक अतीत को गोपनीय बनाने के कारण जुर्माना।
मामला क्या है?
फरवरी 2020 उच्चतम न्यायालय द्वारा सभी राजनीतिक दलों को उम्मीदवार चयन के 42 घंटे के भीतर वेबसाइट के होम पेज पर अपराधिक इतिहास वाले उम्मीदवार शीर्षक के तहत आपराधिक इतिहास यदि कोई को प्रकाशित करने निर्देश था।
- कुछ अन्य पहलू :- R.I.T.का अधिक प्रभावी बनाना।
- उम्मीदवारों का अपराधिक इतिहास बताने वाला मोबाइल एप्प लांच किया गया।
- उक्त अपराधिक निर्णय की समीक्षा हेतु निर्वाचन आयोग द्वारा अलग प्रकोष्ठ बनाना।
अन्य प्रावधान
- जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 RPA के तहत प्रावधान
- अपराधिक मामलों में सजा युक्त होने के पश्चात चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।
- RPA 1951 धारा 8 के तहत अपराधिक मामलों में 2 वर्ष का सजायुक्त व्यक्ति को चुनाव से प्रतिबंध ।
- विचाराधीन मामलों में व्यक्ति चुनाव में भागीदारी कर सकते हैं।
राजनीति में अपराधीकरण के मुख्य कारण
- भ्रष्टाचार
- वोट बैंक
- शासन में कमियां
कर्नाटक में बल्क ड्रग पार्क की मांग
संदर्भ
हाल ही में कर्नाटक द्वारा केंद्र सरकार की ‘बल्क ड्रग पार्क’ योजना ( bulk drugs park scheme ) के तहत यादगीर जिले में बल्क ड्रग पार्क स्थापित करने हेतु केंद्र से अनुमति मांगी गई है।
बल्क ड्रग्स क्या है?
- इसे सक्रिय दवा सामग्री भी कहा जाता है।
- यह किसी औषधि अथवा ड्रग के प्रमुख संघटक होते हैं। जो औषधि को वांछित चिकित्सीय प्रभाव देने में सक्षम बनाते हैं।
- उदाहरण – पेरासिटामोल इसका
भारत में बल्क ड्रग पार्क को प्रोत्साहन दिए जाने संबंधी कारक
- भारतीय फार्मास्युटिकल उद्योग का विश्व में तीसरा स्थान है।
- अन्य देशों पर निर्भरता से भारत का दवा उद्योग प्रभावित हो सकता है।
- कोविड-19 के कारण आयात संबंधी प्रतिबंध।
इस पार्क की प्रमुख विशेषताएं
- सामूहिक अवसंरचना सुविधाओं के निर्णय हेतु एकमुश्त अनुदान प्रदान किया जाएगा।
- तुला राशि का 70% मैदानी क्षेत्रों को तथा 90% पहाड़ी क्षेत्रों को अनुदान प्रदान किया जाएगा।
- केंद्र सरकार द्वारा प्रति पार्क 1000 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी।
- प्रत्येक राज्य एक पार्क स्थल का प्रस्ताव पर सकता है।
महाराष्ट्र द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में राजीव गांधी पुरस्कार
चर्चा में क्यों
• हाल ही में महाराष्ट्र सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उत्कृष्टता हेतु राजीव गांधी पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की।
• यह पुरस्कार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती, 20 अगस्त के अवसर पर संस्थानों और कंपनियों को दिया जाएगा।
पृष्ठभूमि
- राजीव गांधी ने देश में सूचना प्रौद्योगिकी युग की शुरुआत की जिसने भारत के सेवा क्षेत्र को बदलने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
- राजीव गांधी जी को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार क्रांति का जनक कहा जाता है।
- कार्यकाल -1984 -89 , 6वें प्रधानमंत्री
अल्पसंख्यक स्कूलों को RTI के दायरे में लाने की सिफारिश
चर्चा में क्यों
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग NCPCR द्वारा अल्पसंख्यक स्कूलों का आकलन करते हुए एक रिपोर्ट जारी की है रिपोर्ट में 15(5) की तहत अल्पसंख्यकों संस्थानों को दी जाने वाली छूट के प्रभाव का विश्लेषण किया गया है।
अनुच्छेद 15(5) क्या है
- सभी प्रकार के शिक्षण संस्थानों ( निजी+ सरकारी+ सरकारी सहायता प्राप्त + सरकारी सहायता न पाने वाले) में प्रवेश के संबंध में आरक्षण पाने का प्रावधान।
- अपवाद स्वरूप अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान 15(5) के दायरे से बाहर।
अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों को अन्य छूट
- शिक्षा का अधिकार नीति 86वें संविधान संशोधन 2001 द्वारा 6 से 14 वर्ष तक निशुल्क शिक्षा का प्रावधान।
- सर्व शिक्षा अभियान
NCPCR की सिफारिश
• संविधान में शिक्षा के संबंध में दो अलग-अलग नियम है।
- अनुच्छेद – 21 क RTI ( शिक्षा का मूल अधिकार)
- अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यकों को अपने नियमों के तहत संस्थान बनाने की छूट।
• फलत: मूल अधिकारों अल्पसंख्यक समुदाय के बीच विरोधाभास की स्थिति।
अल्पसंख्यक स्कूलों को RTI के दायरे में जाने की आवश्यकता क्यों
- इन संस्थानों में पंजीकृत बच्चे अन्य बच्चों को मिलने वाले अधिकारों की लाभ लेने में सक्षम नहीं।
- यह स्कूल केवल वर्ग विशेष को प्रवेश देते हैं जिससे वंचित वर्ग के बच्चे सिस्टम से बाहर हो जाते हैं इसलिए NCPCR द्वारा स्कूलों को कुलीन वर्ग से भय कोकून कहां है।
- धार्मिक शिक्षा की प्रबलता (ज्ञान विज्ञान की अपेक्षा) फलत: है छात्रों में अज्ञानता, रूढ़िवादिता, अलगाव व पिछड़ापन का भाव बोध।
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
सुरजीत गुप्ता – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।