3 January 2021 Current affairs

3 January 2021 Current affairs

RoDTEP योजना क्या है?

  चर्चा में क्यों

        भारत सरकार ने हाल ही में घोषणा की कि RoDTEP (निर्यात उत्पादों पर शुल्क और कर की छूट) के लाभ को सभी वस्तुओं के लिए बढ़ाया जायेगा।

    RoDTEP योजना क्या है?

  •   RoDTEP योजना 2020 में अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भारत के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए लांच की गई थी। 
  • इस योजना के तहत केंद्रीय, राज्य और स्थानीय स्तर पर कर, शुल्क की प्रतिपूर्ति के लिए एक तंत्र बनाया जाएगा। 
  • इस योजना से पहले, किसी भी तंत्र के तहत प्रतिपूर्ति नहीं की जाती थी।

  तथ्य

  •  Merchandise Exports from India Scheme (MEIS) के स्थान पर RoDTEP योजना को लाया गया है।
  •  MEIS को भारत में उत्पादित वस्तुओं के निर्यात में शामिल बुनियादी सुविधाओं और संबंधित लागतों की भरपाई के लिए पेश किया गया था।
  •  MEIS योजना डब्ल्यूटीओ-अनुपालन के अनुकूल नही थी, इसलिए इसकी जगह RoDTEP योजना को लाया गया।

   RoDTEP योजना के क्या लाभ हैं?

  • RoDTEP योजना के तहत, भारत के निर्यातक निर्यात के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करेंगे। 
  • यह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय उत्पादों के मूल्य को बढ़ावा देगा।
  •  यह प्रमाणन और सस्ते परीक्षण के माध्यम से किया जा रहा है 

असम ने पारित किया ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (संशोधन) विधेयक, 2020

   सन्दर्भ

      असम विधानसभा ने हाल ही में Assam Ease of Doing Business (Amendment) Bill, 2020 पारित किया है। यह बिल Assam Ease of Doing Business Bill, 2016 में संशोधन करता है। इस संशोधन से अ

बिल की मुख्य विशेषताएं

  • नया बिल प्रक्रियाओं को सरल बनाएगा और प्रणाली में पारदर्शिता और दक्षता लाएगा।
  • इस नए संशोधन विधेयक के तहत, सरकार ने असम में एक निवेशक के अनुकूल माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
  • असम सरकार को सभी प्रकार के प्रमाण पत्र नवीनीकरण, अनुमति और लाइसेंस इत्यादि को ख़त्म/कम कर देगी है।

 यह बिल व्यापार करने में आसानी कैसे करेगा?

  • एक आवेदन प्राप्त होने के बाद, सिस्टम स्वचालित रूप से इसे सक्षम प्राधिकारी को भेज देगा। यह सिस्टम फिर सक्षम अधिकारी को आवेदन की प्रतियाँ सौंप देगा। उस अधिकारी तय समय सीमा के भीतर कार्य करना होगा। इसके अलावा, यह सिस्टम प्राप्त आवेदनों की स्थिति, लंबित, निपटान और मासिक आधार पर लंबित कारणों के बारे में ब्यूरो को एक रिपोर्ट देगा।

परमाणु ठिकानों की सूची का आदान-प्रदान 

      सन्दर्भ

        भारत और पाकिस्तान ने 1 जनवरी, 2021 को अपने-अपने परमाणु ठिकानों की सूची का आदान प्रदान किया।

 तथ्य

  • यह आदान-प्रदान भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु ठिकानों पर हमले के विरुद्ध समझौते (Agreement on Prohibition of Attacks against Nuclear Installations and Facilities) के तहत किया गया। 
  •  भारत और पाकिस्तान हर साल 1 जनवरी को अपने परमाणु ठिकानों की सूची एक-दूसरे के साथ साझा करते हैं।
  •  इसका उद्देश्य उन्हें एक-दूसरे के परमाणु संस्थानों पर हमले करने से रोकना है।

   हमले के विरुद्ध समझौता

  •  इस समझौते पर भारत और पाकिस्तान ने 31 दिसम्बर, 1988 को हस्ताक्षर किये थे, यह 27 जनवरी, 1991 को लागु हुआ था।
  • भारत और पाकिस्तान इस प्रकार की प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे जिससे दूसरे देश के परमाणु ठिकाने को किसी भी प्रकार का नुकसान हो।
  • दोनों देशों ने सौहार्दपूर्ण द्विपक्षीय रिश्ते कायम करने के लिए इस समझौते पर हस्ताक्षर किये थे।

IOSCA में शामिल हुआ IFSCA

  सन्दर्भ

     हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) IOSCO (International Organization of Securities Commissions) में शामिल हो गया है। अब IFSCA IOSCO का सहयोगी सदस्य बन गया है।

IOSCO (International Organization of Securities Commissions)

  • IOSCO की स्थापना 1983 में की गयी थी,
  •  इसका मुख्यालय स्पेन के मेड्रिड में है।
  •  वर्तमान में इसके 224 सदस्य हैं। 
  • यह संगठन प्रतिभूति बाजारों को मजबूत करने के उद्देश्य से मानकों को स्थापित करने के लिए वित्तीय स्थिरता बोर्ड और G20 के साथ मिलकर काम करता है।

  वित्तीय स्थिरता बोर्ड

  • यह वैश्विक वित्तीय प्रणाली की निगरानी करता है, 
  • इसकी स्थापना वर्ष 2009 में में की गयी थी।
  •  इसका मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड  के बेसल में है।
  •  इसमें G20 समूह की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं।

  अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA)

  • इस प्राधिकरण में 9 सदस्य हैं जिन्हें भारत सरकार द्वारा नियुक्त किया जाता है। 
  • इन सदस्यों का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है। 
  • इसके सदस्यों में अध्यक्ष, वित्त मंत्रालय के दो सदस्य, RBI, SEBI, IRDAI और PFRDA के एक-एक सदस्य और खोज समिति की सिफारिश के आधार पर दो सदस्य शामिल होते हैं।

   DRDO का 63 वां स्थापना दिवस

 सन्दर्भ

    रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने 01 जनवरी, 2021 को अपना 63 वां स्थापना दिवस मनाया। साल 1958 में DRDO की स्थापना रक्षा क्षेत्र में शोध कार्य को बढ़ाने के लिए केवल 10 प्रयोगशालाओं के साथ की गई थी। उस समय, इसे भारतीय सशस्त्र बलों के लिए अत्याधुनिक रक्षा प्रौद्योगिकियों को डिजाइन करने और विकसित करने का काम सौंपा गया था।

तथ्य

  • DRDO अब तक, कई अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में काम कर रहा है, 
  • वैमानिकी, आयुध, लड़ाकू वाहन, इलेक्ट्रॉनिक्स, इंस्ट्रूमेंटेशन, इंजीनियरिंग सिस्टम, मिसाइल, सामग्री, नौसेना प्रणाली, उन्नत कंप्यूटिंग, सिमुलेशन, साइबर, लाइफ साइंसेज और अन्य रक्षा प्रौद्योगिकियां शामिल हैं। 

 महत्वपूर्ण तथ्य-

  • रक्षा अनुसंधान और विकास (DRDO) विभाग के सचिव और अध्यक्ष: डॉ. जी सतीश रेड्डी.
  • DRDO मुख्यालय: नई दिल्ली.
  • DRDO स्थापना: 1958.

नये उप चुनाव आयुक्त

  सन्दर्भ

    उमेश सिन्हा को भारतीय निर्वाचन आयोग में उप चुनाव आयुक्त नियुक्त किया गया है। 1986 बैच के आईएएस अधिकारी (सेवानिवृत्त) सिन्हा वर्तमान में चुनाव आयोग में महासचिव के पद पर कार्यरत हैं।

तथ्य

  • मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 31 दिसंबर, 2020 से छह महीने की अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर उप चुनाव आयुक्त के रूप में सिन्हा की पुनः नियुक्ति की अवधि में विस्तार को मंजूरी दे दी।
  •  उनका कार्यकाल 30 जून, 2021 को समाप्त होगा। 
  • साथ ही सिन्हा चुनाव आयोग द्वारा चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवारों के चुनाव खर्च को संशोधित करने के मुद्दे पर गठित एक समिति का हिस्सा भी होंगे।

  महत्वपूर्ण तथ्य-

  • भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त: सुनील अरोड़ा
  • मुख्य चुनाव आयुक्त का गठन: 25 जनवरी 1950
  • मुख्य चुनाव आयुक्त मुख्यालय: नई दिल्ली

    Team rudra

   Abhishek Kumar Verma

           Amarpal Verma

           Krishna

           Yograj Patel 

            anil Kumar Verma

           Rajeev Kumar Pandey

            Prashant Yadav

            Dr.Sant lal 

           Sujata Singh

           Anand Yadav

  Geography team mppg college  ratanpura mau

      Surjit Gupta

Saty Prakash Gupta 

Shubham Singh 

Akhilesh Kumar

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