वाहन स्क्रेपिंग नीति लांच
संदर्भ
हाल ही में प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गुजरात में निवेशक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए वाहन स्क्रेपिंग नीति /राष्ट्रीय ऑटोमोबाइल स्क्रेपेज राजनीति का शुभारंभ किया।
प्रमुख प्रावधान
- फिटनेस परीक्षण – सरकारी वाहन 15 वर्ष निजी वाहन 20 वर्ष से अधिक पुराने पर लाइसेंस को रद्द किया जाना )
- सड़क कर छूट – ( निजी वाहनों के लिए 25% तथा वाणिज्यिक वाहनों के लिए 15% तक की रोड टैक्स का छुट दिया जाना )
- वाहन छुट – स्क्रेपिंग प्रमाण पत्र का उपयोगकर्ता (5% तक) नए वाहन खरीद के पंजीकरण पर।
- हतोत्साहन – प्रारंभिक पंजीकरण तिथि से 15 वर्ष या उससे अधिक होने पर बढ़ा हुआ पुनः पंजीकरण शुल्क लिया जाना।
महत्त्व
- स्क्रैप यार्ड का निर्माण ।
- रोजगार ( संभावित रोजगार 35000)
- बेहतर राजस्व प्राप्ति ( लगभग 40,000 करोड़)
- कीमतों में कमी।
- प्रदूषण में कमी
संक्षेप में
- सरकार द्वारा मार्च 2021 में इस नीति की घोषणा की गई। इस नीति के तहत 51 लाख हल्के मोटर वाहन (LMV) शामिल होने का अनुमान है जो 20 वर्ष से अधिक पुराने हैं तथा 34 लाख LMV जो 15 वर्ष से अधिक पुराने हैं।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध
चर्चा में क्यों
हाल ही में पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन संशोधन नियम 2021 को अधिसूचित किया।
प्रमुख बिंदु
- 1 जुलाई 2022 से पहचाने गए सिंगल यूज प्लास्टिक का निर्माण, आयात, स्टॉकिंग, वितरण, विक्री और उपयोग पर प्रतिबंध।
- कंपोस्टेबल प्लास्टिक से बनी वस्तुओं पर प्रतिबंध लागू नहीं होगा।
- प्लास्टिक बैग की अनुमत मोटाई जोकि वर्तमान में 50 माइक्रोन है 30 सितंबर 2021 से 75 माइक्रोन और 31 दिसंबर 2022 से 120 माइक्रोन तक बढ़ाई जाएगी।
सिंगल यूज प्लास्टिक और प्रतिबंध का कारण
- सिंगल यूज प्लास्टिक डिस्पोजेबल प्लास्टिक को फेंकने या पुनर्नवीकारण से पूर्व केवल एक बार उपयोग किया जाता है।
- यह प्लास्टिक इतना सस्ता और सुविधाजनक है कि इसने पैकेजिंग उद्योग की अन्य सभी सामग्रियों को प्रतिस्थापित कर दिया है। परंतु इसे भी घटित होने में सैकड़ों वर्ष लग जाता है।
- इससे उत्पन्न होने वाला प्रदूषण सभी देशों के लिए चिंता का विषय बन गया है।
रामसर स्थल
चर्चा में क्यों
हाल ही भारत के चार नए स्थलों रामसर स्थल के रूप में पंजीकृत हुए हैं।
- चार भारतीय नया स्थल दो हरियाणा ( भिंडरावाल वन्य जीव अभ्यारण ,सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान ) दो गुजरात ( थोल झील वन्य जीव अभ्यारण, वाहावसा आर्द्रभूमि ।
- इसके साथ भारत में रामसर हौसलों की कुल संख्या 46 हो गई है।
- इंटरनेशनल वेटलैंड रिपोर्ट के अनुसार पिछले 3 दशकों में भारत में 30% आर्द्रभूमि क्षेत्रफल में गिरावट आई है।
आद्रभूमि के लिए प्रमुख खतरे
- राष्ट्रीयकरण
- मानवीय गतिविधियां
- कृषि गतिविधियां ( कृषि भूमि विस्तार )
- वनोन्मूलन
- लावणीकरण
- प्रदूषण
- मत्स्यन
- नई प्रजातियां ( जलकुंभी)
- जलवायु परिवर्तन (अपराधों में वृद्धि/ताप वृद्धि)
पहल / मुद्दे
- केंद्रीय आर्द्रभूमि विनियामक समिति व सलाहकारी शक्तियों तक सीमित।
- शासन तंत्र व निगरानी तंत्र में स्थानीय भागीदारी का अभाव।
- जल संकट व जल प्रबंधन के अभाव।
- आद्रभूमि / पारिस्थितिकी तंत्र संबंधी जागरूकता का आभाव।
आद्र भूमि संरक्षण संबंधित पहले – अंतरराष्ट्रीय
- रामसर कन्वेंशन
- मॉन्टेक्स रिकॉर्ड
- विश्व आर्द्रभूमि दिवस
- सिटीज 4 फारेस्ट वैश्विक अभियान।
भारत की तरफ से पहले
- NPCA ( जलीय पारिस्थितिकी तंत्र के संरक्षण संबंधी योजना)
- आद्र भूमि ( संरक्षण और प्रबंधन ) नियम- 2017
- इसरो का योगदान ( आर्द्रभूमि मानचित्र)
आगे की राह
- मेघा सारी योजनाओं के साथ साथ तालमेल ( विकास पर्यावरण पूरक)
- स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत जैसे मेगा सिटी प्रोजेक्ट को आंध्रभूमि से जोड़ना।
- जन सहभागिता बढ़ाना
- S.D.G. ( सतत विकास लक्ष्य के विभिन्न घटकों का अंतर्संबंध विकास करना)
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
सुरजीत गुप्ता – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।