18 September 2021 Current affairs

पर्याप्त अर्थव्यवस्था दर्शन : थाईलैंड

यह थाईलैंड के विकास के लिए एक अभिनव दृष्टिकोण है।
इससे थाईलैंड विभिन्न प्रकार की समस्याओं और स्थितियों से निपटने के साथ सतत विकास लक्ष्य को भी प्राप्त कर सकता है।
यह थाईलैंड की मौलिक प्रशासन नीति का भी हिस्सा है।

स्तर

  1. व्यक्तिगत एवं परिवार स्तर – एक सामान्य जीवन व्यतीत करना।
  2. सामुदायिक स्तर – निर्णयन में भाग लेने के लिए एक साथ शामिल होना।
  3. राष्ट्रीय स्तर – दुनिया भर की दोस्तों से तालमेल बिठाना तथा निवेश को हेजिंग और आयात को कम करना तथा अन्य देशों पर निर्भरता को कम करना शामिल है।

स्तंभ

  1. ज्ञान
  2. नैतिकता और मूल्य

सिद्धांत

  • संयम / संतुलन – क्षमता के अंतर्गत उत्पादन और उपभोग करना तथा अतिभोग से बचाना।
  • तर्कसंगतता – कारणों और परिणामों की जांच करना।
  • सावधानी / बुद्धिमता – जोखिम प्रबंधन।

यूनाइटेड इन साइंस 2021 – WMO

  • हाल ही में विश्व मौसम विज्ञान संगठन ( WMO) ने यूनाइटेड इन साइंस 2021 शीर्षक नामक एक रिपोर्ट जारी की।
  • जलवायु विज्ञान की नवीनतम जानकारी का एक बहू स्तरीय संगठित संकलन है।
  • यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ( UNEP) विश्व स्वास्थ्य संगठन, जलवायु परिवर्तन पर अंतर सरकारी , पैनल वैश्विक कार्बन परियोजना, विश्व जलवायु अनुसंधान कार्यक्रम और मौसम कार्यालय के सहयोग से WMO द्वारा समन्वित की गई है।

जलवायु परिवर्तन

  • वैश्विक कोविड-19 महामारी से जलवायु परिवर्तन की गति धीमी नहीं हुई है। यह वर्ष 2020 में कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में केवल एक अस्थाई गिरावट का कारण बना है।
  • निम्न अक्षांश वाले क्षेत्रों और अफ्रीका के साहेल ( SAHEL) क्षेत्र में हाल के दिनों की तुलना में 2021 – 25 अधिक आद्र रहने की संभावना।
  • कटौती के लक्ष्य पूरा न होने के कारण ऐसी संभावना बढ़ रही है दुनिया पूर्व औद्योगिक स्तरों से ग्लोबल वार्मिंग को 1 से 5 डिग्री सेंटीग्रेड तक कम करने के पेरिस समझौते के लक्ष्य से पीछे रह जाएगी।

तापमान

  • पिछले 5 वर्षों में रिकॉर्ड सबसे अधिक औसत वैश्विक तापमान विश्व भर में विनाशकारी प्रभाव चरम मौसम को बढ़ावा दे रहे हैं।
  • हीट वेव्स वनाग्नि और खराब वायु गुणवत्ता से मानव स्वास्थ्य को खतरा है।

ग्रीन हाउस गैसें

  • 2020 तथा 2021 की पहली छमाही में प्रमुख ग्रीन हाउस गैसों की सांद्रता में वृद्धि जारी।
  • जीवाश्म ईंधन उत्सर्जन – कोयला, गैस, सीमेंट के कारण 2019 के स्तर पर आ गया। 2021 में इससे भी अधिक रहा।
  • समुद्री स्तर – वैश्विक औषध समुद्र स्तर में वर्ष उन्नीस सौ से 2018 तक 20 सेंटीमीटर की वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2100 तक 0.3- 0.6 मीटर और वर्ष 2300 तक 0.3 – 3.1% मीटर वृद्धि तक की संभावना है।
  • काम के घंटों में कमी – वर्ष 2000 की तुलना में वर्ष 2019 में संभावित 103 बिलियन से अधिक काम के घंटों में कमी।

सुझाव

  • वर्ष 2015 के पेरिस समझौते के अनुरूप दीर्घकालिक
  • रणनीतिया विकसित करनी चाहिए।
  • शुद्ध शुन्य ( net zero ) प्रतिबद्धताओं को मजबूत छोटी अवधि की नीतियां और कार्रवाई द्वारा पूरा किए जाने की आवश्यकता है।
  • विशेष रूप से नीचले तटीय क्षेत्र, छोटे द्बीपों, डेल्टा व तटीय शहरों में अनुकूलन राणनीतियों को अपनाने की आवश्यकता।
  • कोविड-19 से उबरने के प्रयासों राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन और वायु गुणवत्ता रणनीतियों के साथ जोड़ा जाना चाहिए।

समाधान

  • इस समय दुनिया भर के लोगों और उनकी आजीविका की रक्षा करना काफी महत्वपूर्ण है। इसके लिए कम से कम 50% सार्वजनिक सुनवाई योग्य लचीलापन का निर्माण और लोगों को अनुकूलित करने हेतु प्रतिबद्धता व्यक्त की जाए।
  • विभिन्न देशों के बीच एकजुटता।
  • विकासशील देशों को कार्यवाही में मदद हेतु विकसित देशों द्वारा जलवायु वित्त प्रतिज्ञा को पूरा करना भी शामिल है।

15वीं ‘पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन ऊर्जा मंत्रियों की बैठक’

संदर्भ: हाल ही में केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री ने 15वीं ‘पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन ऊर्जा मंत्रियों की बैठक’ में हिस्सा लिया।

इस बैठक का विषय था- ‘वी केयर, वी प्रिपेयर, वी प्रॉस्पर’ (We Care, We Prepare, We Prosper)।

प्रमुख बिंदु

  • बैठक का उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा ट्रांज़िशन के लक्ष्य को आगे बढ़ाने हेतु दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) देशों के प्रयासों का समन्वय करना था, जिससे क्षेत्र के लोगों को अधिकतम लाभ प्रदान किया सके।
  • भारत ने पुष्टि की कि आसियान बहुत ही महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है और आसियान के साथ जुड़ाव भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति का एक अनिवार्य तत्त्व है।

भारत की कुछ पहलों में राष्ट्रीय सौर मिशन (NSM),

  • प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY), उन्नत ज्योति बाय अफोर्डेबल LEDs फॉर ऑल (UJALA), स्मार्ट सिटी मिशन (SCM) आदि शामिल हैं।

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन:

  • वर्ष 2005 में स्थापित, यह भारत-प्रशांत क्षेत्र के समक्ष उत्पन्न होने वाली प्रमुख राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों पर रणनीतिक बातचीत एवं सहयोग हेतु 18 क्षेत्रीय नेताओं (देशों) का एक मंच है।
  • वर्ष 1991 में पहली बार पूर्वी एशिया समूह की अवधारणा को तत्कालीन मलेशियाई प्रधानमंत्री, महाथिर बिन मोहम्मद द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
  • EAS के ढांँचे में क्षेत्रीय सहयोग के छह प्राथमिकता वाले क्षेत्र शामिल हैं जो इस प्रकार हैं – पर्यावरण और ऊर्जा, शिक्षा, वित्त, वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दे और महामारी रोग, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन तथा आसियान कनेक्टिविटी।
  • वर्ष 2021 के लिये इसकी अध्यक्षता ब्रुनेई दारुस्सलाम (Brunei Darussalam) के पास है।
  • भारत पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के संस्थापक सदस्यों में से एक है।
  • भारत ने नवंबर 2019 में बैंकॉक में आयोजित पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत की इंडो-पैसिफिक ओशन इनिशिएटिव (IPOI) का अनावरण किया था, जिसका उद्देश्य एक सुरक्षित और स्थिर समुद्री डोमेन या अधिकार क्षेत्र बनाने के लिये भागीदार बनाना है।

क्राइम इन इंडिया 2020: NCRB

  • सांप्रदायिक दंगे में पिछले वर्ष की तुलना में 2020 में 96% की वृद्धि दर्ज की गई है।
  • जातिगत दंगों में करीब 50 %कृषि से जुड़े दंगों में 38% और आंदोलन के दौरान दंगों में 33% की वृद्धि देखी गई है।
  • महिलाओं,बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध चोरी सेंधमारी डकैती सहित अन्य दर्ज मामलों की संख्या में लगभग दो लाख की गिरावट आई है।
  • दिल्ली महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर है।
  • वर्ष 2020 में देश में पर्यावरण से संबंधित अपराधों की श्रेणी के मामलों में 78.1% की वृद्धि हुई है।
    -साइबर अपराध की दर भी 2020 में बढ़कर 3.7% हो गई है जो कि वर्ष 2019 में 3.3% थी।
  • वर्ष 2019 में राज्य के खिलाफ अपराधों में 27% की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है।

 टीम रूद्रा

मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs ) 

डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या 

अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर) 

योगराज पटेल (VDO)- 

अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )

प्रशांत यादव – प्रतियोगी – 

कृष्ण कुमार (kvs -t ) 

अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)

 मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)

अश्वनी सिंह – प्रतियोगी 

सुरजीत गुप्ता – प्रतियोगी

प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।

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