विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकेतक ( STI), 2018
- STI, 2018 भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थिति का एक आवधिक संकलन है।
- इसे विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग,राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रबंधन सूचना प्रणाली के एक विभाग द्वारा तैयार किया जाता है।
प्रमुख निष्कर्ष
- भारत में सरकारी वित्त पोषित प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों की अपेक्षा निजी क्षेत्र की शोध कंपनियों द्वारा मुख्य अनुसंधान और विकास गतिविधियों में अधिक महिलाओं को नौकरी दी जाती है।
- भारत के विज्ञान क्षेत्र में पुरुषों की बहुलता संबंधी तथ्य ऐतिहासिक प्रवृत्ति ( पितृसत्तात्मक रवैया) को दोहराते हैं।
भारत में सीरो सर्वे परिणामों के निहितार्थ
- इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि कोविड-19 का संक्रमण, वायरस परीक्षण में दिखाए गए परिणामों से कहीं ज्यादा व्यापक है।
- पिछले दो महीनों के दौरान दिल्ली, बैंगलोर, मुंबई और पुणे सहित देश के विभिन्न शहरों में सीरोलॉजिकल सर्वेक्षण किए गए हैं।
मुख्य निष्कर्ष
- पुणे में सर्वेक्षण के दौरान जिन लोगों का परीक्षण किया गया उनमें से 51% से अधिक व्यक्तियों में कोरोनावायरस का प्रतिरोध करने वाली विशिष्ट एंटीबॉडी पाई गई।
- दिल्ली की कुल आबादी के 29% में कोविड-19 का प्रतिरोध करने वाले विशिष्ट एंटीबॉडी उपस्थित है।
- मुंबई में, सर्वेक्षण हेतु लिए गए सैंपल समूह में से लगभग 40% व्यक्ति संक्रमित पाए गए।
सीरो सर्वे क्या है ?
- यह व्यक्तियों में वायरस का प्रतिरोध करने वाले विशिष्ट एंटीबॉडीज की मौजूदगी का पता लगाकर आबादी में बीमारी की व्यापकता का आकलन किया जाता है।
- यह सर्वे निम्नलिखित तथ्यों का पता लगाने के लिए रक्त के नमूने एकत्र किए जाते हैं।
(I) क्या कोई व्यक्ति कोरोनावायरस से संक्रमित है।
(II) क्या व्यक्ति अतीत में कोरोनावायरस से संक्रमित था।
(III) कोविड-19 से मुकाबला करने हेतु एंटीबॉडी की पहचान करना।
भारतीय रासायनिक उद्योग की कमियां : TIFAC
संदर्भ
- हाल ही में “प्रौद्योगिकी सूचना पूर्वानुमान और मूल्यांकन परिषद (TIFAC)” की रिपोर्ट ने भारतीय रासायनिक उद्योग की कमियों को उजागर किया है जो कि चीन के साथ प्रतिस्पर्धा में बाधा साबित हो रही है।
कमियां
- भारत के पास लागत प्रभावी और कम प्रदूषणकारी तकनीक, संयंत्र और बुनियादी ढांचा का अभाव है।
- भारत ने कई प्रमुख “सक्रिय दवा सामग्री (API)” का निर्माण बंद कर दिया है जैसे- एस्काॅर्बिक एसिड, एस्पार्टेम (Aspartame) और एंटीबायोटिक्स जैसे- रिफैम्पिसिन, डीआक्सीसाइक्लिन, टैजोबैक्टम एसिड, क्लोरोक्विन, गैबापेंटिन, सेफ्लोस्पोरीन, इम्यूनोसप्रेसेन्ट और यहां तक स्टेराॅयड के लिए भी API का निर्माण बंद कर दिया है।
- भारत 67 % रासायनिक इंटरमीडिएट और API के आयात के लिए चीन पर निर्भर है, अमेरिका और इटली पर भी निर्भर है।
- रासायनिक उपयोग क्लोरोक्वीन और हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) की आपूर्ति के लिए पूरी तरह चीन पर निर्भर है।
NOTE
- HCQ, मलेरियारोधी दवा है। यह क्लोरोक्वीन का एक यौगिक/डेरीवेटिव है, जिसे क्लोरोक्वीन से कम विषाक्त माना जाता है। रूमेटाइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis) और लूपस (Lupas) जैसी बीमारियों में भी उपयोग किया जाता है।
- निर्माता को उचित कीमत नहीं मिल पा रहा है जिस पर चीन द्वारा रसायनों का उत्पादन किया जाता है।
- भारत में विलायक और रसायन निर्माण लागत चीन की तुलना में 15% अधिक है।
- कुल दवा निर्यात मिश्रण में भारतीय थोक दवा और API की हिस्सेदारी वर्ष 2008 के 42% से घटकर 2018 में 20% हो गई।
NOTE
- API (Active Pharmaceutical Ingredients) दवा निर्माण में महत्वपूर्ण तत्व है, इन्हें “ बल्क ड्रग्स” (Bulk drugs) भी कहा जाता है।
- चीन का हुबेई प्रांत API विनिर्माण उद्योग का केंद्र है।
फार्मास्युटिकल इंटरमीडिएट (Pharmaceutical Intermediate)
- यह ऐसे रासायनिक यौगिक है जो API के बिल्डिंग ब्लॉक का निर्माण करते हैं और API के उत्पादन के दौरान उप-उत्पाद के रूप में उत्पादित होते हैं।
NOTE
- TIFAC विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) का स्वायत्त संगठन और थिंकटैंक है।
सुझाव
- API अणुओं के निर्बाध संश्लेषण के लिए निर्धारित लक्ष्य के साथ मिशन मोड केमिकल इंजीनियरिंग की आवश्यकता है।
- बुनियादी ढांचे के साथ “मेगा ड्रग मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर” का निर्माण करना चाहिए।
- रासायनिक क्षेत्र में काम करने वाली भारतीय कंपनियों को सरकारी प्रोत्साहन प्रदान करना।
- बड़ी क्षमता वाले किण्वन क्षेत्र में निवेश करने और लागत अनुकूल के लिए जैव उत्प्रेरक (Biocatalysis) हेतु एक प्रौद्योगिकी मंच का विकास करना।
अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में महिलाएं
संदर्भ
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संकेतक (STI)- 2018 के अनुसार, भारत की निजी क्षेत्र की शोध कंपनियां सरकार द्वारा वित्त पोषित प्रमुख वैज्ञानिक एजेंसियों की तुलना में मुख्य अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में अधिक संख्या में महिलाओं को नियोजित करती हैं।
विज्ञान-प्रौद्योगिकी संकेतक?
- यह भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थिति का एक आवधिक संकलन है।
- इसे राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रबंधन सूचना प्रणाली विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग के एक विभाग द्वारा तैयार किया गया है।
R and D में महिलाओं की कम भागीदारी के कारण
- सामाजिक एवं पारिवारिक दबाव
- पितृसत्तात्मक दृष्टिकोण का झुकाव
- कैरियर की जगह परिवार को महत्त्व देने की महत्वाकांक्षा
राष्ट्रीय संदर्भ में
STEM में महिलाएं- विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं के नामांकन में वर्ष 2010-11 से वृद्धि हुई है।
पेशे के रूप में अनुसंधान- केवल 13.9% महिलाएं
तकनीकी पेशों में उपस्थिति- वैज्ञानिकों और प्रशासनिक कर्मचारियों के बीच महिलाओं की उपस्थिति 20.5%, PHD विद्वानों के बीच 33.5%।
विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं को बढ़ावा देने की पहल
- विज्ञान ज्योति योजना
- GATI योजना
- किरण योजना
- बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
आगे की राह
- विज्ञान के क्षेत्र में लैंगिक भागीदारी में असमानताओं को कम करने के लिए व्यवहार में परिवर्तन लाना।
- राजनीति के क्षेत्र में बढ़ता प्रतिनिधित्व रूढ़िवादिता को तोड़ेगा।
विमानों में ब्लैक बॉक्स
- हाल ही में कोझीकोड (केरल) में दुर्घटनाग्रस्त हुई बोईंग 737-800 विमान के ब्लैक बॉक्स मिले हैं। यह बॉक्स दुर्घटना की जानकारी देने में अति सहायक होंगे।
प्रमुख बिंदु
- ब्लैक बॉक्स को तकनीकी रूप से एक इलेक्ट्रॉनिक फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर के नाम से भी जाना जाता है।
- यह नारंगी रंग का भारी रिकॉर्डिंग उपकरण होता है।
- उड़ान के दौरान सभी तरह की गतिविधियों को रिकॉर्ड करता है।
- इन्हें विमान के पिछले हिस्से में रखा जाता है।
- ब्लैक बॉक्स दो अलग-अलग उपकरणों से बना होता है
(1) फ्लाइट डाटा रिकॉर्डिंग (FDR)
(2) कॉकपिट वायस रिकॉर्डिंग (CVR)
- FDR, CVR का आविष्कार आस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक डेविड वारेन ने किया था। (1958 में)
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar
- Sujit Kumar Prajapti