सचिव के स्थानांतरण संबंधी मुद्दा
- केंद्र सरकार द्वारा पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है, क्योंकि वह पूर्व-आदेशानुसार नई दिल्ली में कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) को रिपोर्ट करने में विफल रहे हैं।
- कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (कैडर) नियम, 1954 के नियम 6(1) के प्रावधानों के अनुसार मुख्य सचिव की सेवाओं की नियुक्ति (Placement of Services) को मंज़ूरी दे दी है।
- ACC का नेतृत्व प्रधानमंत्री द्वारा किया जाता है और गृह मंत्री इसका सदस्य होता है।
राज्य का मुख्य सचिव
- मुख्य सचिव की नियुक्ति मुख्यमंत्री की कार्यकारी आदेश से होती है, इसलिये इसे राज्य के राज्यपाल द्वारा नामित किया जाता है।
- मुख्य सचिव भारतीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की सिविल सेवाओं का वरिष्ठतम पद है।
- यह पद भारतीय प्रशासनिक सेवा की संवर्ग या कॉडर (Cadre ) पद है।
- मुख्य सचिव राज्य प्रशासन (मंत्रिमंडल) से जुड़े सभी मामलों में मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार के रूप में कार्य करता है ।
कार्यकाल:
● इस पद के लिये कोई निश्चित कार्यकाल निर्धारित नहीं है।
नियंत्रण प्राधिकरण
- कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय(DoPT)IAS के लिये संवर्ग नियंत्रण प्राधिकरण है।
- भारतीय पुलिस सेवा(IPS) के अधिकारियों के लिये केंद्रीय गृह मंत्रालय कैडर नियंत्रक प्राधिकरण (Controller Authority) है।
- तीनों अखिल सेवाओं में भर्ती प्रक्रिया संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित की जाती है।
- इन अधिकारियों की भर्ती केंद्र सरकार द्वारा की जाती है और प्रशिक्षण के पश्चात् उन्हें राज्य संवर्ग आवंटित किया जाता है।
- अखिल भारतीय सेवा अधिनियम, 1951 के प्रभावी होने के पश्चात् वर्ष 1954 में IAS संवर्ग (Cadre) के लिये नियम बनाया गया।
- संवर्ग अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति: आईएएस संवर्ग नियमों के अनुसार एक अधिकारी को “संबंधित राज्य सरकार और केंद्र सरकार की सहमति से ही केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य सरकार के अधीन सेवा के लिये प्रतिनियुक्त किया जा सकता है।
- असहमति का प्रावधान: किसी भी असहमति के मामले में प्रकरण पर केंद्र सरकार द्वारा निर्णय लिया जाएगा और राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के निर्णय को लागू किया जाएगा।
- केंद्र को अधिक विवेकाधीन अधिकार देने वाले प्रतिनियुक्ति के मामले में उक्त नियम मई 1969 में जोड़ा गया था।
सेवा का विस्तार
● मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ (DCRB) के नियम 16(1) में कहा गया है कि “सेवा का एक सदस्य जो बजट संबंधित कार्य करता है या एक समिति के पूर्णकालिक सदस्य के रूप में काम करता है, जिसे एक छोटी अवधि के भीतर समाप्त किया जाना है। केंद्र सरकार के पूर्वानुमोदन से जनहित में तीन महीने से अनधिक अवधि के लिये सेवा विस्तार दिया जाए।”
● किसी राज्य के मुख्य सचिव के पद पर नियुक्त अधिकारी के लिये यह विस्तार छह महीने की अवधि तक हो सकता है।
प्रतिनियुक्ति में वरीयता:
सहमति आवश्यक: AIS के किसी अधिकारी को केंद्र में प्रतिनियुक्ति के लिये बुलाए जाने से पूर्व उसकी सहमति आवश्यक है।
प्रक्रिया: DoPT में स्थापित अधिकारी राज्य सरकारों से नामांकन आमंत्रित करता है।
● एक बार नामांकन प्राप्त होने के पश्चात् एक पैनल द्वारा उनकी पात्रता की जाँच की जाती है और फिर एक प्रस्ताव सूची तैयार की जाती है, जो परंपरागत रूप से राज्य सरकार के साथ साझा की जाती है।
● केंद्रीय मंत्रालय और कार्यालय प्रस्तावित अधिकारियों की सूची में से उसे चुन सकते हैं।
आदेश अस्वीकार करने पर कार्रवाई का प्रावधान:
● अखिल भारतीय सेवा (अनुशासन और अपील) नियम, 1969 ऐसे मामलों के संदर्भ में सज़ा या दंड के प्रावधान स्पष्ट नहीं हैं।
दंड प्राधिकरण: नियम 7 में यह प्रावधान है कि कार्यवाही शुरू करने और जुर्माना लगाने का अधिकार राज्य सरकार को होगा जबकि वह “राज्य के मामलों के संबंध में सेवा कर रहा था।”
बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम ( सीडीपी )
चर्चा में क्यों
केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा बागवानी क्लस्टर विकास कार्यक्रम ( सीडीपी ) की शुरुआत वर्चुअली की गई है ।
तथ्य
- कार्यक्रम के लिए कुल 53 समूहों का चयन किया गया है ।
- पायलट चरण में , कार्यक्रम को 12 बागवानी समूहों में लागू किया जाएगा ।
- पायलट चरण के समूह
- सेब के लिए शोपियां ( जम्मू – कश्मीर ) और किन्नौर ( हि.प्र . )
- आम के लिए लखनऊ ( यूपी ) , कच्छ ( गुजरात ) और महबूबनगर ( तेलंगाना )
- केले के लिए अनंतपुर ( आंध्र प्रदेश ) और थेनी ( तमिलनाडु )
- अंगूर के लिए नासिक ( महाराष्ट्र )
- अनानास के लिए सिपाहीजला ( त्रिपुरा )
- अनार के लिए सोलापुर ( महाराष्ट्र ) और चित्रदुर्ग ( कर्नाटक )
- हल्दी के लिए पश्चिम जयंतिया हिल्स ( मेघालय )
उद्देश्य
- पहचान किए गए बागवानी समूहों को विकसित करना है
- विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके ।
- बागवानी सीडीपी से करीब 10 लाख किसानों को फायदा होगा ।
- सभी 53 समूहों में लागू होने पर यह 10,000 करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करेगा ।
राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ( एनएचबी )
- यह 1984 में सरकार द्वारा स्थापित किया गया था ।
- इसका मुख्यालय गुरुग्राम में है ।
- यह डॉ एम एस स्वामीनाथन की अध्यक्षता में ” खराब होने वाली कृषि वस्तुओं पर समूह ” की सिफारिशों के आधार पर स्थापित किया गया था ।
टू चाइल्ड पॉलिसी खत्म
चर्चा में क्यों
- चीन ने सभी विवाहित जोड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी ।
प्रमुख बिंदु
- चीन ने 2016 में “ वन चाइल्ड पॉलिसी ” में ढील दी थी और लोगों को दूसरा बच्चा पैदा करने की अनुमति दी थी ।
- ‘ टू चाइल्ड पॉलिसी ‘ जन्म दर को बढ़ावा देने में विफल रही ।
- कम जन्मदर से वृद्धों की बड़ी आबादी होगी और यह चीन के आर्थिक विकास को प्रभावित करेगा ।
- इससे पेंशन और स्वास्थ्य देखभाल पर भी खर्च बढ़ेगा ।
- चीन में जन्म दर लगातार चार वर्षों से गिर रही है ।
- 2020 में जन्म लेने वाले बच्चों की संख्या 1961 के बाद सबसे कम थी ।
- चीन की वार्षिक जन्म दर 2020 में 12 मिलियन के रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई है ।
- इसकी प्रजनन दर 1.3 है जो जनसंख्या को स्थिर बनाए रखने के लिए प्रजनन दर से कम है ।
- माता – पिता पर वित्तीय दबाव के कारण ‘ टू चाइल्ड पॉलिसी ‘ अपनाने के बावर जन्म दर में वृद्धि नहीं हुई ।
- हालांकि सरकार सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने पर भी विचार कर रही है ।
विदेश मंत्री की U.S. यात्रा
प्रमुख चर्चाएं
- क्षेत्रीय ( इंडो – पैसिफिक ) या वैश्विक मुद्दे, अफगानिस्तान और भारत-अमेरिका के रणनीतिक और रक्षा साझेदारी को और विकसित करना।
- वैक्सीन सहयोग, समकालीन सुरक्षा चुनौतियां कुशल और मजबूत आपूर्ति श्रृंखला के लिए समर्थन आदि।
- यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल (USIBC) की बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि निजी क्षेत्र, 40 कंपनियों के एक संघ के माध्यम से कार्यरत है।
- जिसे महामारी प्रक्रिया के लिए, ग्लोबल टास्क फोर्स कहा जाता है जो भारत के स्वास्थ्य अवसंरचना और राहत कार्यों को जारी रखने के लिए अन्य तरीकों का समर्थन कर सकता है।
- वर्ष 1975 में (USIBC ) का गठन किया गया था।
- इसकी स्थापना भारत और अमेरिका दोनों के निजी क्षेत्रों में निवेश प्रवाह बढ़ाने और प्रोत्साहित करने के लिए एक व्यवसायिक कलाकार संगठन के रूप में की गई थी।
भारत का रुख
- कोविड – 19 की विनाशकारी लहर से मुकाबला करने हेतु भारत की सहायता के लिए अमेरिका समर्थित प्रयासों में अमेरिका सेना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- रणनीतिक साझेदारी की अवसंरचना में व्यापार।
- प्रौद्योगिकी और व्यापार सहयोग मुख्य रूप से शामिल है, जिन्हें कोविड-19 आर्थिक सुधारों के लिए और बढ़ाया जाना चाहिए।
- भारत ने बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) के मुद्दे, कुशल और मजबूत आपूर्ति श्रृंखला संबंधी समर्थन पर अमेरिका के सकारात्मक रुख का स्वागत किया।
आपसी सहयोग
- दोनों देश एक साथ कोविड-19 का सामना करने हेतु, जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने, वार्ड और संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से विश्व की कई चुनौतियों से निपटने हेतु प्रत्यक्ष साझेदारी के लिए तैयार है।
- अमेरिका भारत को राहत सामग्री के रूप में 500 मिलियन के रूप में 500 मिलियन अमेरिकी डालर से अधिक सहायता प्रदान की गई है।
- वर्तमान अमेरिकी प्रशासन में भारतीय मूल के अनेक लोग मजबूत नेतृत्व पदों पर नियुक्त हैं।
- अमेरिकी सरकार ने पिछली सरकार द्वारा लाए गए सभी प्रतिबंधों को समाप्त करने की अनुमति दी है।
- भारत में महत्वपूर्ण चिकित्सा आपूर्ति की और देश की मदद के लिए निर्यात प्रतिबंधों को ढिलाई दी है।
केंद्र द्वारा नागरिकता आवेदन से संबंधित शक्तियों का विस्तार
चर्चा में क्यों
हाल ही में केंद्र सरकार ने नागरिकता अधिनियम 1955 तथा नागरिकता नियम 2009 के तहत पांच राज्यों के अधिकारियों को आवेदन संबंधी शक्तियां प्रदान करते हुए अधिसूचना जारी की।
अधिसूचना
- नागरिकता अधिनियम 1955 के धारा 16 के तहत पंजीकरण या देसीकरण प्रमाण पत्र देने संबंधी अधिकार जिला अधिकारी के पास भी है।
- हालांकि धारा -10 ( पंजीकरण का प्रमाण पत्र पंजीकृत व्यक्ति को दिया जाना ) तथा धारा 18 ( देसीकरण प्रमाण पत्र का रूप) का प्रयोग केवल केंद्र सरकार कर सकती है।
- इसमें पाकिस्तान, अफगानिस्तान तथा बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को शामिल किया गया है।
- शामिल किए जाने वाले समुदाय – हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन ,पारसी और इसाई।
नागरिकता (संसोधन) अधिनियम 2019 के प्रमुख प्रावधान
- धर्म के आधार पर नागिरकता।
- गैर-मुस्लिम समुदाय को बाहर रखा गया।
अपवाद
• इनर लाइन द्वारा संरक्षित राज्य जो 6वें अनुसुची में शामिल था।
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।