SC कॉलेजियम
- उच्चतम न्यायालय में न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रक्रिया कॉलेज व्यवस्था की जाती है।
- इसी व्यवस्था के तहत हाल ही में 9 न्यायाधीशों की नियुक्ति की गई है।
- इस प्रक्रिया के अंतर्गत कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश बी.बी नागरत्ना की नियुक्ति भी सुप्रीम कोर्ट में की गई है।
- उल्लेखनीय है कि नागरत्न आगे चलकर भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश ने होगी।
अन्य तथ्य
- पहली बार 3 महिला न्यायाधीशों की सुप्रीम कोर्ट में सिफारिश।
- महिला प्रतिनिधित्व का मजबूत संकेत।
- सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति अनुच्छेद 124 (2) के तहत राष्ट्रपति द्वारा।
- न्यायाधीशों के नामों की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा।
सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीशों की अहर्ता ( अनुच्छेद 129 में)
- भारत का नागरिक हो।
- आयु 65 वर्ष से अधिक ना हो।
- उच्च न्यायालय में 5 वर्ष तक न्यायाधीश पद पर या 10 वर्ष तक अधिवक्ता रहा हो।
• कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिश सेवा अधिकारी होती हैं।
कालेजियम की आलोचना
- अपारदर्शिता
- भाई भतीजावाद
- सार्वजनिक विवादों में फसना
- अनिवार्य सुधार (नियुक्ति प्रक्रिया एक स्वतंत्र निकाय द्वारा पारदर्शी हो)
- न्यायाधीशों का चयन करते समय स्वतंत्रता की सुनिश्चितता अभिनेता का प्रविष्ट, प्रेशश्वर क्षमता और सत्यनिष्ठा की पारदर्शिता।
- राष्ट्रपति को नियुक्ति हेतु संभावित नामों का विकल्प देना चाहिए।
आपराधिक कानून सुधार
चर्चा में क्यों
राष्ट्रीय मानवाधिकार द्वारा त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए न्याय प्रणाली के सुधार की धीमी गति पर चिंता व्यक्त की है।
चिंताएं
- विचाराधीन कैदियों और दोषियों के मानवाधिकारों का उल्लंघन।
- पुलिस सुधार पर्याप्त नहीं।।
- न्यायालय का आदेश लागू करने में लंबा समय।
सुझाए गए सुधार
- फास्ट ट्रैक कोर्ट, तथा कुछ विशेष कानून।
- दस्तावेजों का डिजिटलीकरण।
- अपराधों के वर्गीकरण का नवीकरण।
सुधारों को आवश्यकता
- औपनिवेशिक युग के कानून।
- प्रभावहीनता
- अनिर्णीत मामलों की भार संख्या।
- बिहार अभियोग धीन मामले।
- हाल ही में अपराधिक कानून में सुधार हेतु गृह मंत्रालय रणबीर सिंह के नेतृत्व में एक समिति का गठन किया गया है।
इससे पहले भी दो समितियां बन चुकी है।
- माधव मेनन समिति।
- मलिमथ कमिटी की रिपोर्ट।
संयुक्त राष्ट्र शांति सुरक्षा अभियानों का वित्तपोषण
तथ्य
• सामूहिक जिम्मेदारी
• UN चार्टर के अनुच्छेद 17 के अनुसार सदस्य राष्ट्र शांति अभियानों के लिए योगदान हेतु बाध्य।
सिर्फ पांच योगदान प्रदाता
- यूएसए ( 27. 89%)
- चीन (15.21%)
- जापान (8.56%)
- जर्मनी (6.05%)
- ब्रिटेन ( 5.79%)
अन्य तथ्य
- संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान department of operation and department of operational support का संयुक्त प्रयास है इस तरह के अभियानों को UNSC द्वारा मंजूरी प्रदान की जाती है।
- संयुक्त राष्ट्र के शांति रक्षकों में सैनिक पुलिस अधिकारी और नागरिक कर्मी शामिल हो सकते हैं।
- सदस्य देशों द्वारा स्वैच्छिक आधार पर शांति सैनिक को योगदान दिया जाता है।
- संयुक्त राष्ट्र शांति अभियान के तीन बुनियादी सिद्धांत।
- पत्रकारों की सहमति।
- निष्पक्षता
- अधिदेश की सुरक्षा तथा आत्मरक्षा के अलावा बल का प्रयोग नहीं।
संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिक
चर्चा में क्यों
भारत के विदेश मंत्री ने UNSC ने हाल ही में आयोजित प्रौद्योगिकी और शांति संस्थान विषय पर आयोजित सेमिनार में IN-UNITE Awore नामक तकनीकी प्लेटफार्म की घोषणा की।
विदेश मंत्री द्वारा शांति सैनिक की सुरक्षा हेतु 4 सूत्रीय रूपरेखा।
- अपने निर्णय में पर्यावरण अनुकूलन, उपयोगिता साबित कर चुकी तथा क्षेत्र सेवा योग्य प्रौद्योगिकी को तैनात किए जाने की आवश्यकता।
- शांति सैनिक के लिए अच्छी सूचना और खुफिया जानकारी की जरूरत।
- सटीक स्थिति और भूमि के ऊपर से दृश्य चित्रण की आवश्यकता है।
- प्रौद्योगिकी के संदर्भ में क्षमता निर्णय और शांति रक्षकों के प्रशिक्षण में निवेश।
गुजरात धर्मांतरण रोधी कानून
चर्चा में क्यों
गुजरात सरकार ने अपने नए धर्मांतरण विरोधी कानून का बचाव करते हुए उच्च न्यायालय में कहा कि विवाह जबरदस्ती धर्मांतरण के लिए उपकरण नहीं हो सकते हैं।
गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) अधिनियम- 2021
- शादी के माध्यम से जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर 3 से 10 साल की सजा का प्रावधान।
- गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 2003 में संशोधन
- अनुच्छेद 20 एवं 25 का उल्लंघन होने की प्रबल संभावना।
- अभी इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सलामत अंसारी बनाम प्रियंका खरवार मामले में कहा कि अपनी मनपसंद साथी चुनने का अधिकार अनुच्छेद -21 का भाग है।
- उपरोक्त मामले में सर्वोच्च न्यायालय का भी यही रवैया रहा है।
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
सुरजीत गुप्ता – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।