चीन के साथ व्यापार घाटे में कमी
चर्चा में – चीन के साथ व्यापार घाटा घटकर 48.66 बिलियन डालर पहुंच गया है। 2019-20 में चीन से भारत ने आयात 65.26 बिलियन डॉलर का किया था जबकि निर्यात 16.6 बिलियन डालर का किया।
चीन से आयातित प्रमुख वस्तुएं – खिलौने, खेल संबंधी उपकरण, विद्युत उपकरण, रसायन ,लौह इस्पात।
व्यापार घाटे में कमी हेतु सरकार के प्रयास –
- सेनेटरी तथा साइटों सेनेटरी (SPS) उपाय
- Anti dumping duty
- तकनीकी उपाय – quality control orders तथा ऐसे ही अन्य तकनीकी नियमों को लागू किया जाना।
- चीन से FDI मे भी कमी।
FDI से संबंधित नियमों में सरकार की सख्ती – संशोधित FDI नियम के अनुसार भारत से भूमि साझा करने वाले देश की कंपनी अथवा व्यक्तियों को भारत में निवेश करने से पहले सरकार से अनुमोदन लेना होगा।
नोट्स – हालिया रिपोर्ट के ( 2020) के अनुसार अलीबाबा, टेशेंट आदि कंपनियों का भारतीय स्टार्टअप में निवेश काफी बढ़ गया है( 92 भारतीय स्टार्टअप) इस तरह का निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर नहीं है।
रेलवे में निजी ट्रेनों का संचालन –
चर्चा में – रेल मंत्रालय ने यात्री ट्रेन सेवाओं के संचालन के लिए निजी क्षेत्र हेतु अहर्ता के लिए अनुरोध (request for qualification – RFQ) को आमंत्रित कर रेलवे परिचालन के निजी करण की दिशा में पहला कदम उठाया।
चिंता के विषय –
- रेल की यात्रा कीमतों में वृद्धि
- नौकरियों में आरक्षित वर्ग के हितों के प्रभावित होने की संभावना।
निजी ट्रेन के पक्ष में तर्क –
- मांग तथा आपूर्ति के गैप को भरने में सहायक।
- प्रतिस्पर्धा के कारण किराए में वृद्धि की बात उचित नहीं।
- रेलवे द्वारा वर्तमान में उपलब्ध ट्रेनों के अलावा निजी ट्रेन चलाई जाएंगी।
- रेलवे को वर्ष 2030 तक अनुमानित 13 बिलियन यात्रियों के लिए और अधिक ट्रेनों के संचालन की आवश्यकता होगी । इसलिए नौकरी खोने का तर्क आधारहीन है।
- रेलवे को राजस्व की प्राप्ति
- ट्रेन की गति में वृद्धि
- मेक इन इंडिया के अनुकूल
गोल्ड नैनोपार्टिकल्स
चर्चा में क्यों –
हाल ही में राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (NCPOR) तथा गोवा यूनिवर्सिटी द्वारा पर्यावरण अनुकूल तरीके से साइक्रोटालरेंट अंटार्कटिक बैक्टीरिया का प्रयोग करते हुए गैर -विषैले तथा कम लागत वाले गोल्ड नैनो पार्टिकल्स (सोने के नैनो कण) को सफलतापूर्वक संश्लेषित किया।
महत्वपूर्ण तथ्य
- शोध के दौरान सल्फेट रिड्यूसिंग बैक्टीरिया (SRB) और गोल्ड ननोपार्टिकल्स के जेनेटिक्स प्रभाव को देखा गया।
नोट – जिनोटाक्सीसिटी द्वारा ऐसे रसायनिक एजेंट को वर्णित किया जाता है जो डीएनए द्वारा प्राप्त अनुवांशिक जानकारी को नष्ट करने में सक्षम है।
- SRB का उपयोग गोल्डन नैनो पार्टिकल्स में सोने के आयन को कम करने के लिए पर्यावरणीय रूप से स्वीकार्य हरित रसायन प्रक्रियाओं का उपयोग किया गया।
Difference between nanotechnology and nanoparticles
- जिसके माध्यम से 1nm से 100nm तक के आकार की सीमा पर बदलाव के माध्यम से नई सामग्री विकसित की जा सकती है।
Nano particle
- 100 nm से कम आकार के होते हैं।
- एक कण से दूसरे कण की सतह के वॉल्यूम में उच्च अनुपात पाया जाता है।
- उच्च ताप पर फैलाव के लिए तीव्र चालन बल प्रदान कर सकते हैं।
Nano particle का महत्व
- गोल्ड नैनोपार्टिकल्स को थोक सोने ( bulk gold) की तुलना ( 1064०C ) में बहुत कम तापमान (300० C ) पर पिघलाया जाता है।
- GNP में थोक सोने की तुलना में अधिक सौर विकिरण अवशोषित करने की क्षमता है।
- GNP में विशेष प्रकाशीय गुण विद्यमान है।
- चिकित्सीय इमेजिंग के निर्माण में उपयोग
- अद्वितीय भौतिक रासायनिक गुण में भी पाये जाते है।
- ये कम पेप्टाइड्स, प्रोटीन, plasmid DNA, कीमोथेरिप्यूटिक एजेंटो से बनी दवाओं को स्थानांतरित करने में सक्षम है।
- कैंसर रोधी, विषाणु रोधी, मधुमेह रोधी, में उपयोग।
- इलेक्ट्रॉन उद्योग में उपयोग जैसे – “नामफेट” नामक ट्रांजिस्टर का निर्माण किया गया है।
नोट – “नामफेट “ न्यूरान से न्यूरॉन की ओर जाने वाले सिग्नल की गति एवं शक्ति की भिन्नता/plasticity के रूप में पहचाने जाने वाले मानव सूत्र युग्मन की नकल करने में सक्षम है।
Programming and data science में विश्व का पहला BSc ऑनलाइन डिग्री प्रोग्राम
- “IIT मद्रास” द्वारा शुरू किया गया है।
- अध्यापकों द्वारा तैयार किए गए वीडियो व्याख्यान, weekly assignment तथा किसी भी अन्य नियमित पाठ्यक्रम की तरह परीक्षा आयोजित की जाएगी।
पात्रता
- जो 12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर चुका है एवं दसवीं में उसके पास अंग्रेजी, गणित विषय थे तथा जो केंपस वाले किसी स्नातक पाठ्यक्रम में दाखिला करा चुका हो।
एक्सीलरेट विज्ञान योजना
- S&T विभाग के सांविधिक निकाय विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) द्वारा शुरू की गई है।
उद्देश्य – देश में वैज्ञानिक प्रगति की गति को तेज करने और विज्ञान के क्षेत्र में कार्य करने वाले मानव संसाधन को तैयार करना।
योजना के घटक
1 – अभ्यास ( ABHYAS)। i – कार्यशाला। ii – रिसर्च इंटर्नशिप
- जो पीजी& P.H.D. के छात्रों को उनके संबंधित विषयों में कौशल विकास को प्रोत्साहित करता है बल्कि वे शोध एवं विकास को बढ़ावा देने में सक्षम हो सके।
मिशन समूहन – एक्सीलरेट विज्ञान की शुरुआत
उद्देश्य – देश में एक ही छत के नीचे सभी वैज्ञानिक वार्ताओं को प्रोत्साहित करना, एकत्र करना और समेकित करना है।
उप विभाजन
- संयोजिका – देश में सभी सरकारी फंडिंग एजेंसिओं द्वारा समर्थित S&T में क्षमता निर्माण गतिविधियों को सूचीबद्ध करने के लिए शुरू किया गया कार्यक्रम।
- संगोष्ठी – SERB द्वारा संचालित एक अन्य कार्यक्रम।
पर्यावरण
शिवालिक वन को टाइगर रिजर्व घोषित करने से संबंधित प्रस्ताव
सामान्य परिचय
- हिमालय के दक्षिणी पर्वत श्रृंखला शिवालिक है इसमें पाए जाने वाले वन क्षेत्र को शिवालिक वन भी कहा जाता है इसका विस्तार चार राज्यों हिमाचल प्रदेश, हरियाणा ,उत्तराखंड तथा उत्तर प्रदेश (सहारनपुर मंडल में) पाया जाता है इसका कुल क्षेत्र करीब 33000 हेक्टेयर
चर्चा में क्यों
- सहारनपुर मंडलायुक्त द्वारा सहारनपुर मंडल में आने वाले शिवालिक वन को टाइगर रिजर्व घोषित करने संबंधी प्रस्ताव उत्तर प्रदेश सरकार को दिया है।
- प्रस्ताव स्वीकृत होने पर यह प्रदेश का चौथा टाइगर रिजर्व होगा (पीलीभीत, अमनगढ़ दुधवा अन्य तीन टाइगर रिजर्व है।
घोषणा के कारण
- बाघों की संख्यात्मक वृद्धि।
- बाघों के आवासीय क्षेत्र में कमी।
- बढ़ता मानव पशु संघर्ष।
- बाघो के सुरक्षित आवास व आवागमन हेतु।
लाभ
- मानव-पशु संघर्ष में कमी।
- जय विविधता का विस्तार तथा इस पर आधारित इको टूरिज्म की संभावनाए ।
- बाघो के आवास व आवागमन में सुधार।
बाघ संरक्षण की चुनौतिया
- बाघ के अंगों की अंतरराष्ट्रीय बाजार में बढ़ती मांग।
- अवैध शिकार।
- प्राकृतिक आवास में कमी (वैश्विक स्तर पर 93 % कमी)।
- प्राकृतिक आवास तथा शिकार के सीमित विकल्प के चलते बढ़ता मानव-पशु संघर्ष।
- संरक्षण संबंधी नीतियों को व्यावहारिकता का अभाव।
भारत में बाघों की स्थिति
- अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट-2018 के अनुसार।
- 2018 तक देश में बाघों की कुल संख्या 2967।
- बांघो की संख्या को दोगुनी करने का लक्ष्य 4 वर्ष पूर्व हासिल किया गया।
- सर्वाधिक बाघ महाराष्ट्र , कर्नाटक।
भारत का पहला प्लाज्मा बैंक-
चर्चा में क्यों-
- “यकृत एवं वित्त विज्ञान संस्थान”(ILBS) नई दिल्ली में भारत का प्रथम प्लाज्मा बैंक की शुरुआत की गई।
Important facts-
- कोविड-19 संक्रमण के बाद ठीक होने वाले मरीज 14 दिनों के बाद अपना प्लाज्मा इस प्लाज्मा बैंक में दान कर सकते हैं।
- दानकर्ता 1031 या व्हाट्सएप नंबर 8800007722 पर कॉल करेंगे।
प्लाज्मा दानकर्ता-
- 18 से 60 वर्ष तक के आयु के ऐसे लोग जिनका वजन 50 किग्रा से कम ना हो, कोविड-19 मरीजों को दान कर सकते हैं।
- प्लाज्मा दानकर्ता के कोरोना संक्रमण के ठीक होने के 14 दिन बाद ही प्लाज्मा दान कर सकते हैं।
कौन नहीं दे सकता प्लाज्मा-
- मधुमेह, उच्च रक्तचाप, कैंसर से ठीक हुए लोग, क्रॉनिक हार्ट डिजीज, लीवर, फेफड़ों तथा किडनी की बीमारी से पीड़ित लोग।
- इसके अलावा वे महिलाएं जो अपने संपूर्ण जीवन काल में कभी भी गर्भवती हुई हो।
प्लाज्मा बैंक का महत्त्व-
- प्लाज्मा थेरेपी से कोविड-19 संक्रमण के कारण मरने वालों की संख्या में कमी आ सकती है।
- जब विश्व में कोई दवा मौजूद नहीं है तो प्लाजमा थेरेपी का प्रयोग किया जा सकता है। प्लाज्मा बैंक अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
अकार्बनिक- कार्बनिक यौगिक का संश्लेषण
चर्चा में क्यों-
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के अधीन मोहाली स्थित स्वायत्त संस्थान “नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान”के वैज्ञानिकों द्वारा अकार्बनिक-कार्बनिक संकर यौगिक का संश्लेषण किया है जो स्टन , फेफड़े व यकृत में कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक है।
Important facts-
- फोस्फोमोलीबिक एसिड का यह अकार्बनिक लवण “फोस्फोमोलीबिक कलस्टर” पर आधारित ठोस यौगिक पोलीओक्सोमेटलेट परिवार से संबंधित है।
- इस अकार्बनिक लवण में एंटीट्यूमर गुण की पहचान की गई हैं।इन यौगिको की सहायता से कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जा सकता है।
- “पोलीओक्सोमेटलेट”अकार्बनिक धातु ऑक्साइड का एक विकसित वर्ग है। जो कई प्रकार की जैविक गतिविधियों को संपन्न करता है तथा उनकी रचनाओं और गुणों में भिन्नता लाता है।
- शोध कार्य में “हाइड्रोथर्मल” विधि का प्रयोग किया गया।
- हाइड्रोथर्मल विधि जलीय माध्यम में एक निश्चित ताप और दाब पर अकार्बनिक पदार्थों के संश्लेषण की एक प्रक्रिया है।
महत्त्व-
- कैंसर चिकित्सा के क्षेत्र में
- कोमोथेरेप्युरिक एजेंट, मैथोट्रेक्सेट के समान महत्वपूर्ण हैं जो एंटीट्यूमर का इस्तेमाल करते हैं।
ड्रीम केरल प्रोजेक्ट-
- “ड्रीम केरल प्रोजेक्ट” केरल के मुख्यमंत्री श्री पीनराइ विजयन ने कोविड-19 महामारी के कारण अपना रोजगार खो देने के कारण अन्य राज्यों व विदेशों से लौटते लोगों की क्षमता व अनुभव का लाभ प्राप्त करने तथा उनके पुनर्वास की व्यवस्था करने के लिए यह प्रोजेक्ट शुरू किया है।
श्रीकांत माधव वैद्य-
- हाल ही में इन्हें देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन आयल कारपोरेशन (IOC) का चेयरमैन बनाया गया है।
ग्रेट इमीग्रेंट्स सम्मान
- कोविड-19 के दौरान स्वास्थ्य संकट को कम करने के प्रयासों में योगदान देने हेतु पुलित्जर पुरस्कार विजेता सिद्धार्थ मुखर्जी और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राज चेट्टी समेत कुल 38 प्रवासी अमेरिकी नागरिकों को कार्नेगी कारपोरेशन ऑफ़ न्यूयार्क (Carnegie, corporation of newyork) द्वारा वर्ष 2020 के लिए ग्रेट इमीग्रेंट के रूप में सम्मानित किया गया है।
शेषनाग
- हाल ही में भारतीय रेलवे द्वारा देश की सबसे लंबी ट्रेन “शेषनाग” चलाई गई।
- इसकी लंबाई 2.8 किलोमीटर है।
सलामी स्लाइसिंग अभियान
- हाल ही में भारत व चीन के बीच तनाव के संदर्भ में सुर्खियों में रहा।
- इसका उद्देश्य छोटे-छोटे सैन्य ऑपरेशन से धीरे-धीरे किसी बड़े इलाके पर अपना कब्जा जमाना है।
ज्यां कैस्टेक्स
- फ्रांस के अगले प्रधानमंत्री होंगे।
सेंट्रल जू अथॉरिटी (CZA)-(स्थापना- 1992)
- इसका पुनर्गठन करते हुए इसमें स्कूल आफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के एक विशेषज्ञ (P.S.N.Roa) और एक आणविक (कार्तिकेय वासुदेवन) जीव विज्ञानी को शामिल किया गया।
- CZA ने 1 जून से चिड़िया घरों को खोलने की अनुमति दी थी।
- CZA एक सांविधिक(Statutory Body) निकाय है।
- इसकी स्थापना के लिए वन्य जीव संरक्षण अधिनियम में संशोधन हुआ था। (1991 में संशोधन)
मुख्य उद्देश्य-भारत में जानवरों के रख-रखाव और स्वास्थ्य देखभाल के लिए न्यूनतम मानकों तथा मानदंडों को लागू करना।
- भारतीय और विदेशी चिड़ियाघरो के बीच जानवरों के आदान-प्रदान हेतु CZA के अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
CZA की संरचना-
- एक अध्यक्ष+10 अतिरिक्त सदस्य+1 सचिव
- इनमें से कुछ पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में कार्यरत अधिकारी तथा शेष वन्यजीव संरक्षणवादी या सेवानिवृत्त वन अधिकारी होते हैं।
अध्यक्षता-पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री द्वारा।
अरुणाचल की नई तितली प्रजातियां-
- लेपिडोप्टिरिस्टस ने अरुणाचल प्रदेश में दो नई प्रजातियां खोजी गई
i-स्ट्राइप्ड हेयरस्ट्रेक-भारत-म्यांमार सीमा पर स्थित विजयनगर में खोजी गयी।(पहली बार हैनान (चीन) में दिखा था)
ii-इलूसिव प्रिंस- नमदफा नेशनल पार्क की परिधि में मियाव में खोजा गया।(मूलत: वियतनाम की है)
नेवेली तथा विजाग आपदा: सुरक्षा में शिथिलता
- तमिलनाडु के नेवेली संयंत्र मे दो महीने में दूसरा घातक बॉयलर विस्फोट हुआ।
- यह दुर्घटना NLC इंडिया लिमिटेड एक बिजली संयंत्र में हुई।
- यह घटना फिर से सुरक्षा प्रोटोकॉल, विशेष रुप से”भारतीय बायलर अधिनियम” के महत्व को रेखांकित करती है।
भारतीय बायलर (अधिनियम 1923)
- इस अधिनियम को मुख्य रूप से स्टीम बॉयलरो के विस्फोटों के खतरे से लोगों की जीवन और संपत्ति की सुरक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अधिनियमित किया गया था। इसका उद्देश्य, भारत में बायलरो के पंजीकरण तथा संचालन और रखरखाव के निरीक्षण में एकरूपता सुनिश्चित करना भी है।
Team rudra
Shri Abhishek Kumar Verma
Shri Amarpal Verma
Shri Krishna
Shri Yograj Patel
Shri anil Kumar Verma
Vivek Pandey
Prashant Yadav
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar