फिट इंडिया साइक्लोथॉन के दूसरे संस्करण
सन्दर्भ
- खेल मंत्री किरेन रिजिजू ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से फिट इंडिया साइक्लोथॉन के दूसरे संस्करण का शुभारंभ किया। यह मेगा साइकलिंग इवेंट 25 दिनों तक चलेगा, जो 7 दिसंबर से शुरू होकर 31 दिसंबर 2020 तक चलेगा। इसका आयोजन देश भर के प्रत्येक जिले में आयोजित किया जाएगा। नागरिक फिट इंडिया की वेबसाइट पर पंजीकरण करके इसमें भाग ले सकते हैं।
तथ्य
- इसमें प्रतिभागी स्वयं द्वारा तय की दूरी तक प्रतिदिन साइकिल चला सकते हैं,
- अपनी साइकिलिंग की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा कर सकते हैं।
- साथ ही वे @FitIndiaOff को टैग कर सकते हैं और हैशटैग- FitIndiaCyclothon और #NewIndiaFitIndia का भी उपयोग कर सकते हैं ।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- भारतीय खेल प्राधिकरण संस्थापक: युवा कार्य और खेल मंत्रालय
- भारतीय खेल प्राधिकरण की स्थापना: 1982
- भारतीय खेल प्राधिकरण मुख्यालय: दिल्ली
- भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक: संदीप प्रधान.
WHO फाउंडेशन का पहला CEO
सन्दर्भ
भारतीय मूल अमेरिकी स्वास्थ्य विशेषज्ञ अनिल सोनी को “The World Health Organization (WHO) Foundation” का पहला मुख्य कार्यकारी अधिकारी (Chief Executive Officer) नियुक्त किया गया है। इससे पहले, वह अमेरिका में ग्लोबल हेल्थकेयर कंपनी वियाट्रिस में कार्यत थे, जहां उन्होंने हेड ऑफ ग्लोबल इंफेक्शियस डिजीज के रूप में काम किया। वह 1 जनवरी 2021 से CEO के रूप में पदभार ग्रहण करेंगे।
WHO फाउंडेशन के बारे में:
डब्ल्यूएचओ और वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय के साथ मिलकर काम करने के लिए डब्ल्यूएचओ फाउंडेशन को मई 2020 में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में स्थित एक स्वतंत्र अनुदान-निर्माण एजेंसी के रूप में वैश्विक स्वास्थ्य से जुड़ी अहम चुनौतियों का सामना करने के लिए लॉन्च किया गया था।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- डब्ल्यूएचओ का मुख्यालय: जिनेवा, स्विट्जरलैंड
- डब्लूएचओ के महानिदेशक: टेड्रोस एडहानॉम
क्लाइमेट चेंज परफॉर्मेंस इंडेक्स 2021
सन्दर्भ
- भारत को 7 दिसंबर 2020 को जारी किए गए जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (Climate Change Performance Index) 2021 में 10 वें स्थान पर रखा गया है।
- इसमें भारत का कुल स्कोर 63.98 रहा। यह लगातार दूसरा मौका है जब भारत 58 अर्थव्यवस्थाओं में बेहतर जलवायु प्रदर्शन करने वाले शीर्ष 10 देशों के रूप में उभरा है।
- इस सूचकांक में पिछले साल भारत 9 वें स्थान पर रहा था।
तथ्य
- CCPI 2020 की तरह, वर्ष 2021 रैंकिंग में भी पहले तीन स्थान रिक्त रहे हैं, क्योंकि कोई भी देश पेरिस जलवायु लक्ष्यों ग्लोबल वार्मिंग को 2 या 1.5 डिग्री सेल्सियस से कम रखने की रणनीति को पूर्ण रूप लागू करने के मार्ग पर नहीं रहा है।
- सूचकांक में स्वीडन (4 वें) यूनाइटेड किंगडम (5 वें), डेनमार्क (6 वें), मोरक्को (7 वें), नॉर्वे (8 वें), चिली (9 वें) शामिल शीर्ष देश है।
- साथ ही इसमें यह भी ध्यान देने कि बात है कि G20 देशों में से पूरे यूरोपीय संघ सहित यूके और भारत को ही केवल उच्च प्रदर्शन करने वाले देशों में स्थान दिया गया है।
माउंट एवरेस्ट की उचाई 86 सेमी ज्यादा होने का किया दावा
सन्दर्भ
- नेपाल और चीन द्वारा संयुक्त रूप से किए गए सर्वेक्षण में दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी ‘माउंट एवरेस्ट’ की उचाई 86 सेमी अधिक होने का दावा किया गया है।
- नेपाल और चीन की सरकार ने संयुक्त रूप से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी को मापने के लिए एक प्रयास किया था।
- माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई की गणना 8,848.86 मीटर की गई है, जो कि 1954 में भारत द्वारा किए गए पिछले माप से 0.86m अधिक है।
- यह नई ऊंचाई 29,031 फीट अथवा नेपाल के पिछले दावे से लगभग 3 फीट अधिक है।
- तिब्बती भाषा में, माउंट एवरेस्ट को Mount Qomolangma के रूप में जाना जाता है जबकि नेपाली भाषा में इसे सागर-मथा के नाम से जाना जाता है।
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी:
- इस संयुक्त घोषणा अर्थ है कि दोनों देशों चीन द्वारा दावा किए गए 29,017 फीट (8,844 मीटर) और नेपाल द्वारा दावा किए गए 29,028 फीट (8,848 मीटर) ने इस पर्वत की ऊंचाई के बारे में लंबे समय से चले आ रहे अपने मतभेद पर विराम लगा दिया है।
- वर्ष 1955 में, सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर (29,028 फीट) मापी गई थी।
- यह तीसरा अनुमान भी है, इससे भी अधिक, 1999 में, एक अमेरिकी टीम ने इसकी ऊंचाई 29,035 फीट (लगभग 8,850 मीटर) मापी थी। यह सर्वेक्षण नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी, यूएस द्वारा प्रायोजित किया गया था। यह सोसायटी इस माप को सटीक मानती है, जबकि चीन को छोड़कर शेष विश्व अब तक माउंट एवरेस्ट की सटीक उचाई 8,848 मी मानता है।
भारत के नए संसद भवन
सन्दर्भ
10 दिसम्बर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन परिसर का शिलान्यास किया। नया संसद भवन केंद्र सरकार के आत्मनिर्भर भारत विज़न का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस परियोजना को टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा पूरा किया जाएगा। टाटा समूह ने इस भवन के निर्माण के लिए 861.90 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी।
मुख्य बिंदु
- एक नए संसद भवन के निर्माण की घोषणा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने की थी।
- स्पीकर ने कहा कि नए भवन का निर्माण अगले 100 वर्षों को ध्यान में रखकर किया जाएगा।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को मैदान के भूमि पूजन में शामिल हुए।
- संसद भवन राष्ट्र की समृद्ध संस्कृति और विविधता को प्रतिबिंबित करेगा और आधुनिकता, सुरक्षा और वास्तुकला के संबंध में सर्वश्रेष्ठ संसद भवन होगा।
रोचक तथ्य
- नया संसद भवन पुराने संसद भवन से 17000 वर्गमीटर बड़ा है।
- इस भवन में ज्यादा समिति कक्ष और राजनीतिक पार्टी कार्यालय भी शामिल हैं।
- इसका निर्माण 971 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।
- यह निर्माण 2022 तक या उससे पहले पूरा हो जायेगा।
- नए संसद भवन में 2022 में राज्य सभा और लोकसभा की बैठकें आयोजित की जाएंगी, जब देश वर्ष अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा।
- निचले सदन 888 सीटें है और ऊपरी सदन 384 सीटें होंगी।
- नई लोकसभा चैंबर संसद के संयुक्त सत्र के दौरान 1224 सदस्यों को समायोजित करेगी।
- इसके विपरीत मौजूदा भवन की तरह नए संसद भवन में कोई सेंट्रल हॉल नहीं होगा।
- नई इमारत भूकंप-रोधी होगी और यह सबसे आधुनिक डिजिटल तकनीक के अनुकूल होगी।
- इसमें देश के विभिन्न हिस्सों से स्वदेशी वास्तुकला को भी शामिल किया जायेगा।
फ्रांस ने इस्लामिक कट्टरवाद का मुकाबला
सन्दर्भ
9 दिसंबर, 2020 को फ्रांस की सरकार एक मसौदा कानून प्रस्तुत किया है। यह मसौदा कानून इस्लामिक कट्टरवाद का मुकाबला करने के लिए पेश किया गया है। फ्रांसीसी सरकार इसे “स्वतंत्रता का कानून” कह रही है जो फ्रांसीसी समाज में शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व के लिए आवश्यक है। यह कानून “अलगाववादियों” को जड़ से उखाड़ने की कोशिश करता है जो राष्ट्र को कमजोर कर रहे हैं।
मुख्य बिंदु
फ्रांस ने कई आतंकवादी हमलों का सामना किया है। हाल ही में एक शिक्षक (अक्टूबर 2020 में) की वीभत्स हत्या की गयी थी, इसके बाद नीस के सबसे बड़े चर्च के अंदर एक हमला हुआ था जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई थी।
बिल के प्रावधान
• यह प्रस्तावित बिल फ्रांसीसी मूल्यों के विपरीत चलने वाली अपनी विचारधारा को बढ़ावा देने वाले घरेलू स्कूलों, मस्जिदों या संघों को लक्षित करता है।
• अधिकारियों द्वारा इस विपरीत विचारधारा को “इस्लामवादी हाइड्रा” कहा गया है क्योंकि इससे हिंसा की आशंका है।
• इस बिल ने चर्च और सरकार को अलग करने वाले फ्रांस के 1905 के कानून में भी बदलाव किया है।
• इस ड्राफ्ट बिल में उस डॉक्टर के लिए भी प्रावधान है जो युवती को उसके कौमार्य का प्रमाण पत्र प्रदान करता है। इस बिल द्वारा इस प्रकार की गतिविधियों को आपराधिक घोषित किया गया है और इसके लिए जुर्माने और एक साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है। मुस्लिम विवाह समारोहों के दौरान कभी-कभी ऐसे प्रमाणपत्रों की मांग की जाती है।
• ज़बरन विवाह को रोकने के लिए, यदि अधिकारी को विवाह की सहमती पर आशंका है तो वह अलग से उस जोड़े से बात कर सकता है।
आलोचना
इस बिल की तुर्की और अन्य मुस्लिम देशों ने काफी आलोचना की है। अमेरिका ने भी इस बिल की आलोचना की है और कहा है कि यह अंतर्राष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के खिलाफ है।
क्रिकेटर पार्थिव पटेल ने संन्यास की घोषणा की
सन्दर्भ
हाल ही में भारतीय क्रिकेटर पार्थिव पटेल ने क्रिकेट से सन्यास की घोषणा की। गौरतलब है कि उन्होंने वर्ष 2002 में अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट करियर की शुरुआत की थी। वे टीम में विकेटकीपर-बैट्समैन की भूमिका में खेलते थे। गौरतलब है कि वे पिछले कुछ समय से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से दूर थे।
तथ्य
- उन्होंने अपने एकदिवसीय करियर की शुरुआत 2 जनवरी, 2002 को न्यूजीलैंड के विरुद्ध की थी।
- उन्होंने अपना अंतिम एकदिवसीय मैच 21 फरवरी, 2012 को श्रीलंका के खिलाफ खेला था।
- उन्होंने अपने करियर में कुल 38 एकदिवसीय मैच खेले, इन मैचों में उन्होंने 4 अर्धशतकों के साथ 736 रन बनाये।
- इसके अलावा उन्होंने अपने करियर में 2 अंतर्राष्ट्रीय टी-20 मैच खेले, इन मैचों में उन्होंने 36 रन बनाये।
- वे काफी समय तक आईपीएल से भी जुड़े रहे।
- उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स, कोच्ची टस्कर्स केरल, डेक्कन चार्जर्स, सनराइजर्स हैदराबाद, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और मुंबई इंडियन्स की तरफ से आईपीएल में हिस्सा लिया।
मवेशी वध की रोकथाम और संरक्षण विधेयक पारित किया
सन्दर्भ
हाल ही में कर्नाटक विधानसभा ने मवेशी वध की रोकथाम और मवेशी संरक्षण विधेयक, 2020 को पारित किया, गौरतलब है कि विपक्ष ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया। यह बिल अब अनुमोदन के लिए विधान परिषद में जाएगा।
मुख्य बिंदु
- बिल पारित होने के बाद मवेशियों का वध, तस्करी, अवैध परिवहन और गायों पर अत्याचार एक संज्ञेय अपराध होगा और इसके लिए तीन से सात साल की कैद हो सकती है ।
- इसके लिए 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- यदि कोई व्यक्ति पुनः इस विधेयक के तहत दोषी पाया जाता है तो उस पर एक लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। और उसे सात साल कैद की सज़ा हो सकती है।
मवेशी वध की रोकथाम और संरक्षण विधेयक पारित किया
सन्दर्भ
हाल ही में कर्नाटक विधानसभा ने मवेशी वध की रोकथाम और मवेशी संरक्षण विधेयक, 2020 को पारित किया, गौरतलब है कि विपक्ष ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया। यह बिल अब अनुमोदन के लिए विधान परिषद में जाएगा।
मुख्य बिंदु
- बिल पारित होने के बाद मवेशियों का वध, तस्करी, अवैध परिवहन और गायों पर अत्याचार एक संज्ञेय अपराध होगा और इसके लिए तीन से सात साल की कैद हो सकती है ।
- इसके लिए 50,000 रुपये से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- यदि कोई व्यक्ति पुनः इस विधेयक के तहत दोषी पाया जाता है तो उस पर एक लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। और उसे सात साल कैद की सज़ा हो सकती है।
भारत में मवेशी वध कानून
- 2005 में, भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने भारत के विभिन्न राज्यों में गौहत्या विरोधी कानूनों की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा। भारत में लगभग 20 राज्यों में वर्तमान में गोहत्या को विनियमित करने के लिए कानून हैं (इसमें पशु वध भी शामिल है)
Team rudra
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Amarpal Verma
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Rajeev Kumar Pandey
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Dr.Sant lal
Sujata Singh
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