मलाला यूसुफजई छात्रवृत्ति अधिनियम पारित किया
सन्दर्भ
संयुक्त राज्य अमेरिका ने हाल ही में पाकिस्तानी महिलाओं के लिए मलाला यूसुफजई अधिनियम पारित किया है।
अधिनियम की मुख्य विशेषताएं
- 2020 और 2022 के बीच यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID) द्वारा पाकिस्तानी महिलाओं को कम से कम 50% छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी।
- यह पाकिस्तान में शिक्षा कार्यक्रमों तक पहुंच में सुधार और विस्तार करने के लिए किया जा रहा है।
- छात्रवृत्ति की संख्या के बारे में अमेरिकी कांग्रेस को जानकारी देना अनिवार्य बनाता है।
USAID की भूमिका
- USAID ने 2010 से अब तक पाकिस्तान की युवा महिलाओं को 6000 से अधिक छात्रवृत्ति प्रदान की है।
मलाला यूसुफजई कौन हैं?
- शिक्षा के लिए एक पाकिस्तानी कार्यकर्ता हैं।
- सबसे कम उम्र की नोबेल पुरस्कार विजेता भी है।
- उन्होंने महिला शिक्षा के लिए तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ी।
- तालिबान ने लड़कियों को स्कूल जाने से रोक दिया था।
- अक्टूबर 2012 में, यूसुफजई पर तालिबान द्वारा हमला किया गया था।
USAID क्या है?
- यह संयुक्त राज्य की एक अन्योन्याश्रित एजेंसी है जो विदेशी सहायता के लिए जिम्मेदार है। यह 27 बिलियन अमरीकी डालर के बजट के साथ दुनिया की सबसे बड़ी सहायता एजेंसियों में से एक है।
नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव 2021
सन्दर्भ
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 4 जनवरी 2021 को नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव का उद्घाटन वर्चुअली किया। इस वर्चुअल इवेंट में केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन भी मौजूद रहे।
मुख्य बिंदु
- नेशनल मेट्रोलॉजी कॉन्क्लेव 2021 का आयोजन वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (सीएसआईआर-एनपीएल) द्वारा किया जा रहा है।
- CSIR-NPL अपनी स्थापना के 75वें वर्ष का जश्न मना रहा है।
- इसकी स्थापना 4 जनवरी, 1947 हुई थी।
- CSIR-NPL भारत में SI यूनिट मानकों को बनाए रखता है।
विषय ‘- राष्ट्र के समावेशी विकास के लिए मेट्रोलॉजी’ है।
CSIR
- यह एक अनुसंधान व विकास संगठन है।
- यह समुद्र विज्ञान, संरचनात्मक और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग, धातु विज्ञान आदि क्षेत्रों में अनुसंधान कार्य करता है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1942 में की गयी थी।
भारत ने दो COVID-19 टीकों को मंजूरी दी
सन्दर्भ
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने हाल ही में भारत में सीमित आपातकालीन उपयोग के लिए दो COVID-19 टीकों को मंज़ूरी दी है। यह दो टीकें COVAXIN और COVISHIELD हैं।
COVAXIN क्या है?
COVAXIN भारत बायोटेक और ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च) द्वारा विकसित COVID-19 वैक्सीन है। यह देश में विकसित होने वाला पहला स्वदेशी COVID-19 वैक्सीन है।
COVISHIELD क्या है?
COVISHIELD वैक्सीन ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी और दवा कंपनी एस्ट्रा ज़ेनेका द्वारा विकसित की गई थी।
भारत में COVID-19 टीके
COVAXIN और COVSHIELD के अलावा भारत में अन्य COVID-19 टीके हैं:
ZyCoV-डी
स्पुतनिक वी
NVX-Cov 2373
Biological E Limited Vaccine
HGCO19
स्पुतनिक वी – स्पुतनिक वी एक रूसी टीका है।
NVX-Cov 2373 – NVX-Cov 2373 एक अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ।
HGC019 – यह पुणे बेस्ड जेनोवा बायोफार्मास्यूटिकल्स द्वारा विकसित एक mRNA वैक्सीन कैंडिडेट है।
केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच 7वें दौर की बातचीत
सन्दर्भ
आज नई दिल्ली में किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 7वें दौर की वार्ता आयोजित की जाएगी। इससे पहले, सरकार और किसान संगठनोंके बीच 6वें दौर की बातचीत 30 दिसम्बर को हुई थी।
मुख्य बिंदु
- श्री तोमर ने कहा कि पहला मुद्दा पर्यावरण से संबंधित अध्यादेश था और दूसरा विद्युत अधिनियम पर था। नरेन्द्र तोमर ने किसान संगठनों को यह भी आश्वासन दिया था कि एमएसपी और मंडी प्रणाली पहले की तरह जारी रहेगी।
किसान विरोध क्यों कर रहे हैं?
- भारत सरकार द्वारा पारित किये तीन कृषि सुधार विधेयकों के खिलाफ किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
- इन कानूनों को सितंबर 2020 में लागू किया गया था। इस कानूनों ने कृषि उत्पादों की बिक्री, मूल्य निर्धारण और भंडारण के नियमों में थोड़ी ढील दी है।
किसानों की चिंता
- किसानों को भय है कि नए कृषि बिल उनकी आजीविका के लिए खतरा हैं।
विश्व ब्रेल दिवस
सन्दर्भ
- 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह पहला ब्रेल दिवस है।
- मनाने का कारण यह है कि इस दिन ब्रेल लिपि के आविष्कारक लुइस ब्रेल का जन्म दिवस है।
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व भर में लगभग 39 मिलियन लोग देख नहीं सकते जबकि 253 मिलियन लोगों में कोई न कोई दृष्टि विकार है।
उद्देश्य
- दृष्टि-बाधित लोगों के अधिकार उन्हें प्रदान करना तथा ब्रेल लिपि को बढ़ावा देना है।
लुइस ब्रेल
- लुइस ब्रेल का जन्म 4 जनवरी, 1809 को फ्रांस के कूपवरे में हुआ था
- उन्हें दृष्टिबाधित लोगों के लिए ब्रेल लिपि का आविष्कार करने के लिए जाना जाता है।
- बचपन में एक दुर्घटना के कारण लुइस ब्रेल ने अपनी दोनों आँखों की रौशनी खो दी थी।
- 1821 में ब्रेल को फ़्रांसिसी सेना के चार्ल्स बार्बिएर के सैन्य संचार के प्रणाली के बारे में ज्ञात हुआ,
- इस प्रणाली में भी डॉट्स का उपयोग किया जाता था।
- परन्तु चार्ल्स बार्बिएर का यह कोड काफी जटिल था।
- इसके बाद ने अपनी लिपि पर कार्य शुरू किया, 1824 तक लुइस ब्रेल ने अपनी लिपि को लगभग तैयार कर लिया था, उस समय वे 15 वर्ष के थे। लुइस ब्रेल की लिपि काफी सरल थी।
Team rudra
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