7&8 August 2021 Current affairs

पूर्वव्यापी करों पर विराम लगाने हेतु विधेयक

प्रस्तावना
हाल ही में, केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में कराधान कानून (संशोधन) विधेयक, 2021 (Taxation Laws (Amendment) Bill, 2021) प्रस्तुत किया गया है।

पूर्वव्यापी कराधान’ से तात्पर्य?

‘पूर्वव्यापी कराधान’ (Retrospective Taxation) के तहत, किसी देश को, कानून पारित होने की तारीख से पहले से, कुछ उत्पादों, वस्तुओं या सेवाओं और सौदों पर, पूर्वव्यापी कर लगाने तथा कंपनियों पर पूर्वव्यापी दंड लगाने की अनुमति होती है।

विभिन्न देशों द्वारा अपनी कराधान नीतियों में उन विसंगतियों को ठीक करने के लिए इस मार्ग का उपयोग किया जाया हैं, जिनके तहत अतीत में ‘कंपनियों’ को ऐसी खामियों का लाभ उठाने का अवसर मिल गया था।
‘पूर्वव्यापी कराधान’ से उन कंपनियों को नुकसान पहुँचाता है जिनके द्वारा जानबूझकर या अनजाने में देश के कर नियमों की अलग-अलग व्याख्या की गई थी।

विधेयक का उद्देश्य:

आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, 2012 में संशोधन करना।
आयकर विभाग को ‘पूर्वव्यापी कर’ (Retrospective Tax) मांगों में वृद्धि करने से रोकना।

विधेयक के निहितार्थ:

  • अब, उक्त पूर्वव्यापी कराधान संशोधन के आधार पर, भारतीय संपत्ति के, 28 मई, 2012 से पहले होने वाले किसी भी अप्रत्यक्ष हस्तांतरण पर किसी भी कर की मांग नहीं की जाएगी। 28 मई, 2012 को ‘वित्त अधिनियम, 2012’ के लिए राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई थी।
  • भारतीय संपत्ति के, 28 मई, 2012 से पहले होने वाले अप्रत्यक्ष हस्तांतरण पर ‘करों की मांग’ के लिए निर्दिष्ट शर्तों को पूरा करने पर रद्द कर दिया जाएगा।
  • विधेयक में, इन मामलों में भुगतान की गई राशि को बिना किसी ब्याज के वापस करने का भी प्रस्ताव किया गया है।

पात्रता:

  • इस क़ानून के अंतर्गत लाभ पाने हेतु, संबंधित करदाताओं को सरकार के खिलाफ लंबित सभी मामलों को वापस लेना होगा और इसके लिए भविष्य में कोई हर्जाना या लागत की कोई मांग नहीं करने का वादा करना होगा।

इस कदम का महत्व:

  1. सरकार का यह निर्णय, ‘वोडाफोन पीएलसी’ जैसी विदेशी फर्मों के साथ काफी समय से लंबित विवादों को समाप्त करने का प्रयास करता है।
  2. यह फैसला, निवेशकों के अनुकूल भी है, और विशेष रूप से केयर्न एनर्जी के साथ, अप्रिय मुकदमेबाजी और मध्यस्थता संबंधी मामलों को समाप्त करेगा।
  3. विदित हो कि, केयर्न एनर्जी ने भारत सरकार के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता अधिकरण में मुकद्दमा जीतने के बाद भारत की विदेशों में स्थित परिसंपत्तियों पर दावा किया गया था।

संबंधित प्रकरण एवं पूर्वव्यापी कर:

  1. वोडाफोन द्वारा आयकर विभाग के ₹ 11,000 करोड़ की कर-बकाया मांग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक मामला जीतने के बाद ‘पूर्वव्यापी कर कानून’ (Retrospective Tax Law) को ‘वित्त अधिनियम, 2012’ के माध्यम से लागू किया गया था।
  2. वर्ष 2012 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए एक फैसले के अनुसार, भारतीय संपत्ति के अप्रत्यक्ष हस्तांतरण से प्राप्त होने वाला लाभ, मौजूदा कानूनों के तहत कर योग्य नहीं हैं। इस फैसले के बाद यह क़ानून अधिनियमित किया गया था।
  3. ‘पूर्वव्यापी कर कानून’ के प्रावधान, जनवरी 2014 में केयर्न एनर्जी पर पर भी लागू किए गए थे। केयर्न एनर्जी द्वारा केयर्न इंडिया लिमिटेड से बाहर निकलने के दौरान, आयकर विभाग ने ₹ 10,570 करोड़ की प्रारंभिक मांग की थी।

सुरक्षा पर भारत, श्रीलंका और मालदीव का सहयोग

चर्चा में क्यों
हाल ही में श्रीलंका, भारत द्वारा आयोजित एक उप राष्ट्रीय , राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार स्तरीय बैठक में श्रीलंका और मालदीव सुरक्षा के चार स्तंभ पर काम करने की सहमति बनी।

चार स्तंभ

  • समुद्री सुरक्षा
  • मानव तस्करी
  • आतंकवाद मुकाबला
  • साइबर सुरक्षा

प्रमुख बिंदु

  • नवंबर 2020 में कोलंबो सुरक्षा सम्मेलन का गठन तथा कोलंबो में इसका एक सचिवालय बनाया गया।

उद्देश्य

  • हिंद महासागर में समुद्री और सुरक्षा मामलों पर घनिष्ठ सहयोग।

महत्व

  • असहयोग के विषय गत क्षेत्रों का विस्तार और बांग्लादेश तथा सेशेल्स के रूप में सदस्यता का विस्तार, परिणामत: मजबूत सामरिक समृद्धि।
  • हिंद महासागर से जुड़े ये शांति और आर्थिक वृद्घि की मार्ग खुलेगा।
  • यह एक वैश्विक मंच भी प्रदान करेगा।

चिंताएं

  • मालदीव और भारत के बिगड़ते संबंध।
  • चीन का हिंद महासागर में मजबूत उपस्थिति।
  • भारत का क्षेत्रीय देशों में कम निवेश।

अनुसूचित जनजाति सूची में संशोधन

चर्चा में क्यों

  • हाल ही में संविधान ( अनुसूचित जनजाति) आदेश (संशोधन) विधेयक 2021 राज्यसभा में पारित हो गई।
  • इस विधेयक के द्वारा संविधान ( अनुसूचित जनजाति) आदेश 1950 में संशोधन किया गया।

विधेयक के प्रमुख बिंदु

  • इसके तहत, अरुणाचल प्रदेश के अबोर जन जाति को अनुसूचित जनजातियों की सूची से हटाने का प्रावधान किया गया।
  • इसके तहत, मोहित सूची में कुछ जनजाति को अन्य जनजातियों को सामिल किया गया है।
  • इस सूची में ताई खाम्ती, मिश्मी कामन, दुदु (मिश्मी), और तारोंन ( दिगारू मिश्मी) जनजाति को शामिल किया गया है।

नोट

  1. भारतीय संविधान में, राष्ट्रपति को राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों में अनुसूचित जनजातियों को निर्दिष्ट करने की शक्ति प्रदान की गई है।
  2. इसके अलावा संविधान में सांसद को अधिसूचित अनुसूचित जनजातियों की सूची को संशोधित करने की अनुमति दी गई है।

समग्र शिक्षा योजना -2.0

चर्चा में क्यों
NEP-2020 की सिफारिश के अनुरूप नई स्कीमों को शामिल कर योजनाओं को नए रूप में (समग्र शिक्षा योजना -2.0) 31 मार्च 2026 जारी करने का प्रस्ताव।

समग्र शिक्षा

  • per school से 12th तब समावेशी व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए।
  • सर्व शिक्षा अभियान राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान तथा शिक्षा का यह समेकित रूप है।
  • यह योजना बुनियादी शिक्षा से लेकर 12वीं तक निरंतर रूप में विद्यालय की कल्पना करती है।
  • इसका उद्देश्य विद्यालय शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करना है।
  • केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में 60:40 के अनुपात में वित्त पोषण।
  • रिसर्च और टेक्नोलॉजी का एकीकरण कर विद्यालय शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना।
  • शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की क्रियान्वयन में राज्यों की सहायता करना।

राष्ट्रीय शिक्षा योजना 2.0

  • DBT (direct benefit department) के माध्यम से बच्चों के खाते में पैसे का स्थानांतरण।
  • डिजिटल पहल के रूप में स्मार्ट क्लासरूम का प्रावधान।
  • स्कूलों के कम से कम 2 छात्रों को खेलो इंडिया स्कूल कार्यक्रम में पदक जीतने पर स्कूल को ₹25000 तक अतिरिक्त खेल अनुदान देने का प्रावधान।
  • निपुण भारत मौलिक साक्षरता और संख्यात्मकता पर एक राष्ट्रीय मिशन है इस पहल के तहत शिक्षण सामग्री के लिए प्रदीप बच्चे प्रतिवर्ष₹500 नियमावली और संसाधनों के लिए ₹150 प्रति शिक्षक, मूल्यांकन के लिए 10 से 20 लाख रुपए प्रति जिला निर्धारित किया गया है।
  • 16 से 19 वर्ष के SC/ST व दिव्यांग बच्चों का स्कूली शिक्षा पूरी करने के लिए प्रती कक्षा ₹200 राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थापकों के माध्यम से सहायता।

 टीम रूद्रा

मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs ) 

अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता) 

डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या 

अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर) 

योगराज पटेल (VDO)- 

अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )

प्रशांत यादव – प्रतियोगी – 

कृष्ण कुमार (kvs -t ) 

अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)

 मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)

अश्वनी सिंह – प्रतियोगी 

सुरजीत गुप्ता – प्रतियोगी

प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।

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