20 May 2021 Current Affairs

स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज

  • भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India- SEBI) द्वारा स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज (Spot Gold Exchange) स्थापित करने हेतु एक रूपरेखा का प्रस्ताव रखा गया है।
  • स्पॉट एक्सचेंज वह स्थान है जहांँ तत्काल वितरण हेतु वित्तीय साधनों जैसे- वस्तुओं, मुद्राओं और प्रतिभूतियों का कारोबार होता है।
  • अप्रैल 1992 में सेबी की स्थापना भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 के प्रावधानों के तहत की गई थी जो कि एक एक वैधानिक निकाय है।

गोल्ड एक्सचेंज की रूपरेखा:

  • पहले चरण में एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर स्थानीय रूप से निर्मित या आयातित सोने की डिलीवरी की इच्छुक इकाई को सेबी के विनियमित वॉल्ट मैनेजर से संपर्क करना होगा और उसे फिज़िकल गोल्ड (Physical Gold ) को जमा कराना होगा जो गुणात्मक (Quality) और मात्रात्मक (Quantity) दोनों पैरामीटर्स पर खरा उतरे।
  • दूसरे चरण में एक्सचेंज पर ट्रेड करने हेतु वाल्ट मैनेजर इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट (Electronic Gold Receipt- EGR) जारी करेगा ।
  • लाभ प्राप्तकर्त्ता मालिक (Beneficial Owner) इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट को वॉल्ट मैनेजर को सौंप देगा और तीसरे चरण में सोने की डिलीवरी लेगा।
  • तीनों चरण में जो भी कारोबार होगा, उसे आसान बनाने हेतु वाल्ट मैनेजर्स, डिपॉज़िटरीज़, क्लियरिंग कॉर्पोरेशन और स्टॉक एक्सचेंज के मध्य एक कॉमन इंटरफेस (Common Interface) को विकसित किया जाएगा।
  • इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट्स के तहत सोने के विभिन्न प्रस्तावित मूल्य जैसे 1 किलोग्राम, 100 ग्राम, 50 ग्राम का होगा तथा कुछ शर्तों के साथ इन्हें 5 और 10 ग्राम में भी रखा जा सकेगा।
  • इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट की खरीद के समय प्रतिभूति लेन-देन कर (Security Transaction Tax- STT) और एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (Integrated Goods and Services Tax-IGST) लगाया जाएगा।

गोल्ड के लिये अलग एक्सचेंज बनाने का कारण:

  • भारत में एक जीवंत स्वर्ण पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करना (Vibrant Gold Ecosystem) जो वैश्विक स्तर पर स्वर्ण खपत के बड़े हिस्से के अनुरूप कार्य करता हो।
  • भारत (चीन के बाद) विश्व स्तर पर सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है, जिसकी वार्षिक सोने की मांग लगभग 800-900 टन है, जो वैश्विक बाज़ारों में एक महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है।
  • गोल्ड एक्सचेंज स्थापित करने के पीछे भारत का उद्देश्य मूल्य चुकाने वाले के बजाय एक मूल्य निर्धारणकर्त्ता बनना है और लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (London Bullion Market Association- LBMA) के समान भारत में अच्छे वितरण मानक स्थापित करना है ।
  • नया स्टॉक स्पॉट गोल्ड एक्सचेंज स्थापित करने से सिंगल रेफरेंस प्राइस (Single Reference Price), लिक्विडिटी (Liquidity), बेहतर डिलीवरी स्टैंडर्ड (Good Delivery Standard) जैसे फायदे हैं।

पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा ‘विधान परिषद’ का गठन

विधान परिषद की स्थापना के लिए विधानसभा में एक विधेयक पेश करना होता है , और फिर इसके लिए राज्य का अनुमोदन आवश्यक होता है।
• पश्चिम बंगाल में विधान परिषद की स्थापना 1952 में की गई थी जो 1969 तक अस्तित्व में रही।

विधान परिषदें और इनका महत्व
• द्विसदनीय शासन पद्धति।
• विधान परिषदें राज्य स्तर पर उच्च सदन होती है।

निर्माण प्रक्रिया

• अनुच्छेद 169 के तहत राज्य के द्वारा विशेष बहुमत से पारित प्रस्ताव, संसद विधि द्वारा राज्य में विधान परिषद का सृजन अथवा उत्साहन कर सकती हैं।
• इसके सदस्यों की संख्या ( अनुच्छेद-171(1) ) विधानसभा की कुल सदस्य संख्या के 1/3 से अधिक नहीं हो सकती, तथा किसी भी दशा में 40 से कम भी नहीं होनी चाहिए।

विधान परिषद के सदस्यों का निर्वाचन
1. 1/3 सदस्य – विधानसभा के निर्वाचित सदस्यों द्वारा

  1. 1/3 सदस्य – राज्य की नगर पालिकाओं, जिला बोर्डो व अन्य स्थानीय संस्थाओं द्वारा।
  2. 1/12 सदस्य – अध्यापकों से बना निर्वाचक मंडल द्वारा।
  3. 1/12 सदस्य – पंजीकृत स्नातकों द्वारा बने निर्वाचक मंडल द्वारा
  4. 1/6 सदस्य – राज्यपाल द्वारा विशिष्ट क्षेत्रों में प्रतिष्ठित व्यक्तियों के मनोनीत द्वारा।

विश्व मेट्रोलॉजी दिवस 

  •  20 मई को विश्व मेट्रोलॉजी दिवस मनाया जाता है । 
  •  20 मई 1875 को सत्रह देशों के प्रतिनिधियों ने मेट्री कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए थे ।
  •  मेट्री कन्वेंशन ने माप के विज्ञान में वैश्विक सहयोग के लिए रूपरेखा निर्धारित की है । 
  •  विश्व मेट्रोलॉजी दिवस को अंतर्राष्ट्रीय भार और माप ब्यूरो ( बीआईपीएम ) और अंतर्राष्ट्रीय कानूनी माप विज्ञान संगठन ( ओआईएमएल ) द्वारा संयुक्त रूप से मनाया जाता है ।
  •  विश्व माप विज्ञान दिवस 2021 का विषय ‘ स्वास्थ्य के लिए मापन ‘ है । 
  • विषय को स्वास्थ्य में माप की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करने के लिए चुना गया है । मेट्रोलॉजी माप से संबंधित विज्ञान की शाखा है।

उपग्रह हैयांग -2 डी 

चर्चा में क्यों

चीन ने एक नया समुद्र अवलोकन उपग्रह हैयांग -2 डी का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया है । इसे गतिशील समुद्री पर्यावरण की निगरानी और समुद्री आपदाओं के लिए प्रारंभिक चेतावनी प्रदान करने के लिए लॉन्च किया गया है ।

तथ्य

  •  इसे जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से लॉन्ग मार्च -4 बी रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया है । 
  • हैयांग -2 डी उपग्रह समुद्र के पर्यावरण के बारे में जानकारी प्रदान करने के लिए एचवाई -2 बी और एचवाई -2 सी उपग्रहों के साथ एक नक्षत्र – मंडल बनाएगा । 
  • यह महासागर संसाधनों के सतत उपयोग , महासागर अनुसंधान और वैश्विक जलवायु परिवर्तन की प्रतिक्रिया में भी मदद करेगा । 
  • हैयांग -2 डी उपग्रह को चाइना एकेडमी ऑफ स्पेस टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है , और कैरियर रॉकेट को शंघाई एकेडमी ऑफ स्पेसफ्लाइट टेक्नोलॉजी द्वारा विकसित किया गया है । 
  • हाल ही में चीन अमेरिका के बाद मंगल ग्रह पर रोवर उतारने वाला दूसरा देश बन गया है ।
  • चीन का रोवर ” जुरोंग ” मंगल ग्रह पर यूटोपिया प्लैनिटिया पर सफलतापूर्वक उतरा था ।

कोविड-19 से अनाथ हो रहे बच्चों पर तस्करी का संकट

• अलग-अलग सोशल मीडिया पोस्ट उन बच्चों का विवरण दे रहे हैं जिन्होंने इस महामारी में अपने माता पिता को खो दिया है और उन्हें गोद लेने की गुहार लगा रहे हैं। गोद लेने की आड़ में बाल तस्करी की आशंका भी बढ़ गई।
• किशोर न्यया अधिनियम, 2015 की धारा 80 और 81 के तहत ऐसे पोस्ट साझा करना अवैध है, साथ ही इस अधिनियम के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रियाओं के बाहर बच्चों को देने या प्राप्त करने पर रोक लगाता है।
• इस तरह के कृत्यों में 3 से 5 वर्ष की जेल या ₹100000 का जुर्माना हो सकता है।
• कोविड-19 के कारण लगाए गए लॉकडाउन में बाल विवाह के मामले भी बढ़े हैं।
• यदि किसी को ऐसे बच्चे के विषय में जानकारी है जिसे देखभाल की आवश्यकता है तो उसे चार एजेंसी यथाचाइल्ड लाइन 1098 , जिला बाल कल्याण समिति (CWC) , जिला बाल संरक्षण अधिकारी ( DCPO) और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की हेल्पलाइन में से किसी एक पर संपर्क करना चाहिए।
• इसके बाद CWC इसे एक विशेष दंतक ग्रहण एजेंसी की देखभाल में रखेगी।
• इस प्रकार ऐसे सभी बच्चे जिनकी आयु 18 वर्ष या उससे कम है उनकी देखभाल और संरक्षण राज्य करेगी।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2018
• तस्करी में 51% बच्चे , जिनमें 80% से अधिक लड़कियां थी।
• वर्तमान में पश्चिम बंगाल सबसे अधिक प्रभावित राज्य है जिसके बाद झारखंड और असम हैं।
• इन्हें बंधुआ मजदूरी, घरेलू काम तथा यौन शोषण हेतु तस्करी की जाती है।

मोनोक्लोनल एंटीबॉडी फोकस में रहने का कारण तथा इसकी कार्यविधि

• ये कृत्रिम रूप से निर्मित एंटीबॉडी होती है, जिनका उद्देश्य शरीर की प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रणाली की सहायता करना होता है।
• प्रयोगशाला में, श्वेत रक्त कोशिकाओं को एक विशेष एंटीजन के संपर्क में लाने पर मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज का निर्माण होता है।
• कोविड-19 के मामले में, मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज तैयार करने के लिए SARS-COV-2 वायरस के स्पाइक प्रोटीन का उपयोग करते हैं। यह ‘स्पाइक प्रोटीन’ मेजबान कोशिका में वायरस को प्रविष्ट कराने में सहायक होता है।
• यह एंटीबॉडी हमारे रक्त में वाई- आकार ( (Y-Shape ) के सुक्ष्म में प्रोटीन होते हैं, जो सूक्ष्मजीव रोगाणुओं की पहचान करके उन्हें जकड़ लेते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली को इन रोगाणुओं पर हमला करने का संकेेत करते हैं।
• मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज अब अपेक्षाकृत आम हो चुकी है। इनका उपयोग इबोला, एचआईवी, त्वचा रोग आदि के इलाज में किया जाता है।

 टीम रूद्रा

मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs ) 

अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता) 

डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या 

अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर) 

योगराज पटेल (VDO)- 

अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )

प्रशांत यादव – प्रतियोगी – 

कृष्ण कुमार (kvs -t ) 

अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)

 मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)

अश्वनी सिंह – प्रतियोगी

प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।

Leave a Reply