पर्यावरण अध्ययन अपने आप में अलग से कोई विषय नहीं है। इसके अंतर्गत विभिन्न विषयों विज्ञान, सामाजिक अध्ययन, पर्यावरण शिक्षा की अवधारणाओं का उपयोग करते हुए प्राथमिक कक्षाओं में इसकी आधार भूमि तैयार की जाती है।
प्रत्येक विषय के शिक्षण का अपना उद्देश्य है अपना महत्व है और इससे विषय की सीखने सिखाने की प्रक्रिया जुड़ी है।
पर्यावरण अध्ययन का महत्व
संपूर्ण शिक्षा का उद्देश्य बच्चों की मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक,,शारीरिक सृजनात्मक क्षमताओं का विकास करना है यह सिर्फ कक्षाओं में रट्टा मार कर पढ़ने से नहीं होता बल्कि पर्यावरण के साथ जुड़ाव तथा अनुभव से होता है।
पर्यावरण अध्ययन के मुख्य केंद्र बिंदुओं में से एक है बच्चों को वास्तविक संसार जिसमें वह रहते हैं से परिचित करवाना पर्यावरण अध्ययन की परिस्थितियों तथा अनुभव उन्हें अपने प्राकृतिक एवं मानव निर्मित प्रति द्वेष की छानबीन करने तथा उससे जुड़ने में सहायता करते हैं।
पर्यावरण अध्ययन बच्चों को पर्यावरण में होने वाली अनेक घटनाओं एवं क्रियाकलापों के बारे में अपनी समाज का विकास करने में सहायता करता है इसके द्वारा उन्हें सीखने के लिए प्रत्यक्ष अनुभव प्रदान किए जाते हैं।
हम अपने अस्तित्व एवं जीवन की निरंतरता के लिए अपने पर्यावरण पर निर्भर हैं इस संदर्भ में प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक कर्तव्य है कि हम अपने पर्यावरण की रक्षा एवं संरक्षण करें ऐसा करने के लिए इस बात की समझ अत्यावश्यक है कि हमारे पर्यावरण की संरचना क्या है और इसका महत्व क्या है पर्यावरण अध्ययन इसमें सहायक है।
पर्यावरण अध्ययन बच्चों को यह समझ प्रदान करता है कि हम किस प्रकार से अपने भौतिक, जैविक,सामाजिक तथा सांस्कृतिक पर्यावरण के साथ परस्पर क्रियाकलाप करते हैं तथा उनके द्वारा प्रभावित होते हैं।
पर्यावरण अध्ययन का मुख्य लक्ष्य है बच्चों को इस योग्य बनाना ताकि वह पर्यावरण से संबंधित सभी मुद्दों को जाने समझे और संबंधित समस्याओं को हल करने में सक्षम हो सकें।
पर्यावरण अध्ययन शिक्षण अधिगम प्रक्रिया को सरल और सुविधाजनक बनाने में सहायक है क्योंकि यह करके सीखने पर बल देता है।
यह बच्चों को कक्षा में सकारात्मक माहौल प्रदान करता है तथा सीखने के लिए प्रेरित करता है।
पर्यावरण अध्ययन पाठ्यक्रम में हाथों से काम करने के महत्व और विरासत में प्राप्त शिल्प परंपराओं को प्रोत्साहित करने की जरूरत पर बल दिया गया।
पर्यावरण अध्ययन ncf-2005 की चिंताओं में से एक को कम करने में भी मदद करता है पाठ्यक्रम के बोझ को घटाना।
इसके अध्ययन से बच्चे गहनता से सूचना सीखते हैं तथा अनुभव का विश्लेषण करते हैं।
इस प्रकार के अनुभव बच्चों में सामूहिक कौशल का विकास करने में सहायता करते हैं यह उन्हें दल के साथ घुलने मिलने के लिए कुछ प्राथमिक कौशलों का विकास करने में सहायता करते हैं जैसे-: दल के साथ काम करना, उनकी बात सुनना तथा उनसे बात करना सीखना।
इसी के साथ बच्चों में दूसरों के दृष्टिकोण एवं विश्वासों के प्रति भावनाओं का विकास होता है वह विचारों, अनुभव लोगो, भोजन भाषा, पर्यावरण तथा सबसे अधिक सामाजिक सांस्कृतिक रिवाजों एवं आस्थाओं की कदर करना सीखते हैं।
अपनी शुरुआती वर्षों में बच्चों के ऐसे अनुभव उन्हें बड़े होकर लोकतांत्रिक देश के अच्छे नागरिक बनाने में सहायता करता है।
अधिगम इर्द-गिर्द के पर्यावरण, प्राकृति,वस्तु एवं लोगों के साथ क्रिया एवं भाषाओं के द्वारा संपर्क बनाने से होता है खोजना तथा खुद काम करना प्रश्न करना सुनना तथा सक्रिय करना मुख्य क्रियाएं हैं जिसके माध्यम से अधिगम होता है पर्यावरण अध्ययन में सहायक है।