एशिया सहयोग वार्ता
चर्चा में क्यो
हाल ही में एशिया सहयोग वार्ता की 17 वीं मंत्रिस्तरीय बैठक सम्पन्न हुई है।
प्रमुख बिन्दु
- विषय – ‘द न्यू नॉर्मल एंड सेफ एंड हेल्दी टूरिज्म’
- भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्रालय की सचिव रीवा गांगुली दास ने किया।
- वैश्विक आर्थिक सुधार के लिए मजबूत बहुपक्षीय सहयोग महत्वपूर्ण है।
- पुराने व्यवसायों का पुनरुद्धार महत्वपूर्ण है,
- नवाचार और पूरकताओं पर भी ध्यान देना चाहिए और नए व्यापार मॉडल तलाशने चाहिए।
- आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है,
एशिया सहयोग वार्ता
- एशिया सहयोग वार्ता एक अंतर-सरकारी संगठन(intergovernmental organization) है।
- इसकी स्थापना 18 जून, 2002 को की गई थी।
- इसका सचिवालय कुवैत में है।
- वर्तमान में इस संगठन के 34 सदस्य देश हैं और भारत इसका संस्थापक सदस्य है ।
- इसे महाद्वीपीय स्तर पर एशियाई सहयोग को बढ़ावा देने और आसियान(ASEAN), खाड़ी सहयोग परिषद(Gulf Cooperation Council), यूरेशियन आर्थिक संघ(Eurasian Economic Union), शंघाई सहयोग संगठन(Shanghai Cooperation Organisation) और सार्क(SAARC) जैसे विभिन्न क्षेत्रीय संगठनों को एकीकृत करने में मदद करने के लिए बनाया गया है।
- यह पूरे एशिया को कवर करने वाला पहला अंतर्राष्ट्रीय संगठन है।
लौह अयस्क नीति 2021
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रेल मंत्रालय ने लौह अयस्क से जुड़ी नई नीति लागू की है, यह नीति बोगियों के आवंटन और लौह अयस्क की ढुलाई का नियमन करती है। यह नई लौह अयस्क नीति दस फरवरी 2021 से प्रभावी हो जाएगी।
मुख्य बिंदु
- बोगियों के आवंटन और माल ढुलाई के संदर्भ में नए और पुराने संयंत्रों को एक समान महत्व दिया जाएगा।
- घरेलू विनिर्माण गतिविधि के लिए लौह-अयस्क के आवागमन के लिए उच्च प्राथमिकता दी जाएगी।
- माल ढुलाई के ठेकों के अंतर्गत ग्राहक अपनी आवश्यकतानुसार मांग पत्र जारी करने के लिए स्वतंत्र होंगे।
- ग्राहक द्वारा की गई किसी गलती का हर्जाना रेलवे को देना होगा।
उद्देश्य
- इसका लक्ष्य इस्पात उद्योग को घरेलू और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की चुनौतियों का सामना करने योग्य बनाना है।
- अयस्क ग्राहकों की माल ढुलाई से जुड़ी आवश्यकताओं को पूरा करना।
- लोडिंग-अनलोडिंग समेत सभी बुनियादी ढांचागत सुविधाओं का इस्तेमाल।
महत्व
- इस्पात उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।
- अर्थव्यवस्था के प्रमुख क्षेत्रों को मजबूती मिलेगी।
- 2019-20 में रेलवे द्वारा की गई कुल 1210 मिलियन टन की माल ढुलाई की थी।
रतले पनबिजली परियोजना
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ ज़िले में चिनाब नदी पर स्थित 850 मेगावाट की रतले पनबिजली परियोजना (Ratle Hydropower Project) हेतु 5281.94 करोड़ रुपए के निवेश की मंज़ूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- इसमें 133 मीटर लंबा बाँध और एक-दूसरे से सटे दो बिजली स्टेशन शामिल हैं।
- दोनों पावर स्टेशनों की स्थापित क्षमता 850 मेगावाट होगी।
- PM ने जून 2013 में इस बाँध की आधारशिला रखी थी।
- पाकिस्तान अक्सर आरोप लगाता रहता है कि यह परियोजना सिंधु जल संधि 1960 का उल्लंघन करती है।
- 5282 करोड़ रुपए के निवेश की परिकल्पना की गई हैं।
- 60 महीने के भीतर चालू किया जाएगा।
- भारत को बाँध बनाने की अनुमति विश्व बैंक (World Bank) ने अगस्त 2017 में दे दी थी।
लाभ
- भारत सरकार सिंधु जल संधि के तहत अपने हिस्से के पानी का पूरी तरह से उपयोग करना चाहती है।
- लगभग 4000 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलेगा
- केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को 5289 करोड़ रुपए की मुफ्त बिजली मिलेगी।
- जम्मू-कश्मीर को रतले पनबिजली परियोजना (40 वर्ष जीवन चक्र) से 9581 करोड़ रुपए का लाभ होगा।।
चिनाब बेसिन पर अन्य परियोजनाएँ:
- कीरू पनबिजली परियोजना।
- पकल डल पनबिजली परियोजना
- दुलहस्ती पावर स्टेशन।
- सलाल पावर स्टेशन
खेलो इंडिया यूथ गेम्स
चर्चा में क्यों
ल ही में, खेल मंत्रालय द्वारा मार्शल आर्ट के चार स्वदेशी स्वरूपों- केरल का कलारीपयट्टू, मध्य भारत का मल्लखंब, पंजाब का गदका तथा मणिपुर का थांग-ता– के लिए खेलो इंडिया यूथ गेम्स में शामिल किया गया है ।
प्रमुख बिंदु
- शुरुआत वर्ष 2018 में 17 वर्ष तथा 21 वर्ष से कम आयु वर्ग के युवाओं के लिए ।
- वार्षिक रूप से आयोजित।
- सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को अंतरराष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं की तैयारी के लिए आठ वर्षों तक 5 लाख की वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाती है।
मल्लखम्ब
- यह लकड़ी के खंभे , एक बेंत अथवा रस्सी के साथ प्रदर्शित किया जाता है।
- मध्य प्रदेश द्वारा वर्ष 2013 में मल्लखंभ को राज्य-खेल घोषित कर दिया गया।
गदका
- यह, 15वीं शताब्दी के दौरान पंजाब में विकसित हुई,
- लकड़ी की लाठियों से लड़ी जानी वाली युद्धकला की एक शैली है।
- अनुष्ठानिक प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकर्ता ‘बाना और चोला’ धारण करते है,
- खिलाड़ी सामान्यतः पाजामा और टी-शर्ट पहनते हैं।
थांग ता
- यह एक मणिपुरी कला का स्वरूप है।
- इसमें अनुष्ठान, प्रदर्शन और युद्ध कला का संयोजन होता है।
- इसमें नृत्य और योद्धिक अभ्यास शामिल होते हैं।
कलारिपयट्टू
- यह एक मार्शल आर्ट है जिसकी उत्पत्ति केरल में तीसरी शताब्दी ईसा
केरल विधानसभा में अध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव खारिज
संदर्भ:
हाल ही में, केरल विधानसभा ने पी. श्रीरामकृष्णन को अध्यक्ष पद से हटाने के लिए विपक्षी पार्टियों द्वारा लाया गया प्रस्ताव खारिज कर दिया।
- विपक्षी दलों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष पर सोने की तस्करी मामले के उनकी भूमिका तथा विधानमंडल सचिवालय द्वारा विभिन्न गतिविधियों में अपव्यय को लेकर आरोप लगाए गए थे।
अनुच्छेद 179(c) – विधानसभा अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष का पद धारित करने वाले किसी सदस्य को विधानसभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों के बहुमत से पारित संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकता है।
- न्यूनतम चौदह दिन पूर्व सूचना देना अनिवार्य होता है।
अनुच्छेद 181 के प्रावधानों के अधीन, विधानसभा अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष को पद से हटाने संबंधी प्रस्ताव पर विचार करने हेतु अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष या अनुच्छेद 180 के उपखंड(2) में निर्दिष्ट किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा अध्यक्षता की जाती है।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
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Prashant Yadav
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