26 March 2021 Current affairs

कौशल प्रमाणन

  • हाल ही में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय ने सभी सरकारी विभागों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि सरकारी अनुबंधों के तहत संलग्न श्रमिकों के पास उनके कौशल का आधिकारिक प्रमाणपत्र होना चाहिये।
  • प्रारंभ में वर्ष 2021-22 में कुल श्रमबल के 10 प्रतिशत हिस्से को प्रमाणित किया जा सकता है। वर्ष 2026-27 तक इसे उत्तरोत्तर 100 प्रतिशत तक बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।

इस कदम की आवश्यकता

  • प्रशिक्षित कर्मचारियों का निम्न स्तर: आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (2018-19) की मानें तो भारत के समग्र कार्यबल का केवल 2.4 प्रतिशत हिस्सा ही औपचारिक रूप से प्रशिक्षित है।
  • भारत के कौशल नियामक, नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग ने 4,000 भूमिकाओं के लिये कौशल प्रमाणन प्रणाली को मानकीकृत किया है, ताकि श्रम बाज़ार की संरचना को व्यापक पैमाने पर अकुशल से कुशल कार्यबल में बदला जा सके।
  • अनौपचारिक और कम वेतन: प्रायः सरकारी अनुबंधकर्त्ता अपनी श्रम आवश्यकताओं के लिये कम वेतन वाले अनौपचारिक श्रमिकों पर निर्भर रहना पसंद करते हैं।
  • विरोधाभासी स्थिति: इसे एक विरोधाभासी स्थिति ही माना जाएगा, जिसमें सरकार अपने स्वयं की परियोजनाओं के लिये कुशल मानव शक्ति के उपयोग पर ज़ोर दिये बिना कार्यबल में कौशल को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही थी।
  • लाभ
  • कौशल मांग में वृद्धि: इस प्रकार के नियमन से स्वयं उद्योग और श्रम बल में कौशल को लेकर मांग बढ़ जाएगी, जहाँ कौशल के लिये भुगतान करना पसंद किया जाएगा, इससे फंडिंग के माध्यम से कौशल में बढ़ोतरी करने की सरकार की वर्तमान प्रणाली को समाप्त किया जा सकेगा।
  • वेतन में सुधार: इसके परिणामस्वरूप नियुक्त किये जाने वाले कुशल श्रम बल के वेतन में भी सुधार होगा।
  • प्रमाणित कौशल की संस्कृति का विकास: सरकार और सरकारी अनुबंध के तहत संलग्न श्रमबल की संख्या को देखते हुए यह नियम देश के युवाओं को कौशल आकांक्षी बनाएगा और प्रमाणित कौशल की संस्कृति के विस्तार में मदद करेगा।
  • उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार: इससे सरकारी अनुबंध कार्यों की उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार होगा।

चुनौतियाँ

  • अपर्याप्त प्रशिक्षण क्षमता: रोज़गार-संबद्ध प्रशिक्षितों की कमी भारत में बेरोज़गारी दर में बढ़ोतरी करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
  • उद्योगों की सीमित भूमिका: अधिकांश प्रशिक्षण संस्थानों में उद्योग क्षेत्र की भूमिका सीमित होने के कारण प्रशिक्षण की गुणवत्ता तथा प्रशिक्षण के उपरांत रोज़गार एवं वेतन का स्तर निम्न बना हुआ है।
  • विद्यार्थियों में कम आकर्षण: औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (ITI) और पॉलिटेक्निक जैसे कौशल संस्थानों में नामांकन, उनकी क्षमता की तुलना में काफी कम है। इसका मुख्य कारण कौशल विकास कार्यक्रमों को लेकर युवाओं में कम जागरूकता को माना जाता है।
  • नियोक्ताओं का रवैया: भारत में बेरोज़गारी का विषय केवल कौशल संबंधी समस्या नहीं है, बल्कि यह इनकी नियुक्ति के प्रति उद्योगपतियों और छोटे तथा मध्यम उद्यमों की अनिच्छा का भी प्रतिनिधित्व करता है।
  • बैंकों की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (NPAs) के परिणामस्वरूप ऋण तक सीमित पहुँच के कारण निवेश की दर में गिरावट आई है और इस तरह रोज़गार सृजन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

कौशल विकास से संबंधित कुछ योजनाएँ

  • प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY): वर्ष 2015 में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य भारत के युवाओं को मुफ्त कौशल प्रशिक्षण मार्ग प्रदान करना है।
  • कौशल प्रबंधन और प्रशिक्षण केंद्र प्रत्‍यायन (SMART): यह देश के कौशल पारिस्थितिकी तंत्र में प्रशिक्षण केंद्रों के प्रत्यायन, ग्रेडिंग, संबद्धता और निरंतर निगरानी पर केंद्रित एक एकल विंडो आईटी एप्लीकेशन प्रदान करता है।
  • स्कीम फॉर हायर एजुकेशन यूथ इन अप्रेंटिसशिप एंड स्किल्स’ अथवा ‘श्रेयस’: इस योजना की शुरुआत राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (NAPS) के माध्यम से वर्ष 2019 सत्र के सामान्य स्नातकों को उद्योग शिक्षुता अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी।
  • आत्मनिर्भर कुशल कर्मचारी-नियोक्ता मानचित्रण यानी ‘असीम’ (ASEEM) पोर्टल: वर्ष 2020 में शुरू किया गया यह पोर्टल कुशल लोगों को स्थायी आजीविका के अवसर खोजने में मदद करता है।

एक सींग वाला गैंडा

● असम वन विभाग के अनुसार, पिछले 3 वर्षों में अवैध शिकार में 86% की कमी आई है।

● यह गैडा की पांच विभिन्न प्रजातियों में से एक हैं।अन्य प्रजातियां इस प्रकार हैं-
० ब्लैक राइनो
० व्हाइट राइनो
० जावा राइनो
० सुमात्रन राइनो

● भारत में केवल एक सींग वाला गैंडा पाया जाता है। यह मुख्य रूप से घास, पत्तियों, झाड़ियों और पेड़ों शाखाओं, फल तथा जलीय पौधों की चराई करते हैं।
● यह उत्तर प्रदेश प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, इंडो नेपाल के तराई क्षेत्र में पाए जाते हैं।

IUCN- सुभेज
CITES- परिशिष्ट I
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम- सूची 1

◆ खतरा- अवैध शिकार, पर्यावास की हानि, जनसंख्या घनत्व, घटती जेनेटिक विविधता

● भारत द्वारा प्रयास :-

० New Delhi Declaration on Asian Rhinos 2019
० राष्ट्रीय राइनो संरक्षण नीति 2019
० भारतीय राइनो विजन 2020

अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा


चर्चा में क्यों
हाल ही में जारी अंतर्राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा सूचकांक 2021 में भारत को 40 वें स्थान पर रखा गया है । भारत ने 100 में से 38.4 अंक प्राप्त किए है ।
तथ्य
• यह यूएस चैंबर ऑफ कॉमर्स ग्लोबल इनोवेशन पॉलिसी सेंटर द्वारा प्रतिवर्ष जारी किया जाता है ।
• यह 53 वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में बौद्धिक संपदा अधिकारों का मूल्यांकन करता है ।
• यह पेटेंट और कॉपीराइट नीतियों , आईपी परिसंपत्तियों के यावसायीकरण और किसी देश की अंतर्राष्ट्रीय संधियों के अनुसमर्थन का मूल्यांकन करता है ।
• 2020 में बौद्धिक संपदा की समग्र स्थिति में सुधार हुआ है । 53 में से 32 अर्थव्यवस्थाओं ने सूचकांक में सुधार दिखाया है ।
• हाल के वर्षों में भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ है और ब्रिक्स देशों के बीच भारत ने पिछले नौ वर्षों में दूसरी सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है ।
• यूएस , यूके , जर्मनी , फ्रांस और जापान 2021 बौद्धिक संपदा सूचकांक में शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाएं हैं ।
• इस सूचकांक में संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे ऊपर है , इसके बाद यूनाइटेड किंगडम और जर्मनी हैं ।
• बौद्धिक संपदा अधिकार व्यक्तियों को उनके मन की कृतियों पर दिए गए अधिकार हैं ।

बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक , 2021


चर्चा में क्यों
बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक , 2021 को विधानसभा में पारित किया गया है और अब इसे विधान परिषद में पेश किया जाएगा ।
तथ्य
• बिहार सरकार द्वारा लोक व्यवस्था ( सार्वजनिक व्यवस्था ) बनाए रखने , अतिवाद का मुकाबला करने और विशिष्ट प्रतिष्ठानों की बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विधेयक का प्रस्ताव लाया गया है ।
बिल की विशेषताएं :
• इसमें एक विशेष सशस्त्र पुलिस बल स्थापित करने का प्रस्ताव है ।
• यह बिहार मिलिट्री पुलिस ( बीएमपी ) का नाम बदल देगा । विशेष सशस्त्र पुलिस बल को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल ( सीआईएसएफ ) के समकक्ष शक्तियां प्रदान की जाएंगी ।
• यह अदालत या मजिस्ट्रेट से वारंट मांगे बिना किसी भी व्यक्ति को खोज ( सच ) और गिरफ्तार कर सकता है ।

  • विशेष सशस्त्र पुलिस अधिकारी संदेह या गड़बड़ी के किसी भी जोखिम के आधार पर लोगों को गिरफ्तार कर सकते हैं ।
    • यह विशेष सशस्त्र पुलिस के अधिकारियों को अदालत से प्रतिरक्षा प्रदान करता है सिवाय इसके कि जब सरकार ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई को मंजूरी दे दी है ।
    बिहार
    • यह भारत के पूर्वी भाग में स्थित है ।
    • इसमें 40 लोकसभा सीटें , 16 राज्य सीटें और 243 विधान सभा सीटें हैं ।
    • फागू चौहान बिहार के राज्यपाल हैं और नीतीश कुमार राज्य के मुख्यमंत्री हैं ।
    • बिहार विधान सभा एक द्विसदनीय विधायिका है ।

मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशन

● स्टॉक एक्सचेंज, डिपॉजिटरी & समाशोधन निगम को सामूहिक रूप से मार्केट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर इंस्टिट्यूशन प्रतिभूति के रूप में संदर्भित किया जाता है।
● बिमल जालान समिति, 2010 के अनुसार, ये संस्थान देश के वित्तीय विकास के लिए महत्वपूर्ण है, जो प्रतिभूति बाजार हेतु आवश्यक बुनियादी ढांचे के रूप में काम करते हैं।
● डिपॉजिटरी संगठन, बैंक या संस्थाएं हो सकती है संस्थाएं हो सकती है जो प्रतिभूतियां रखती हैं और इसके व्यापार में सहायता करती हैं ।
● समाशोधन निगम एक स्टॉक एक्सचेंज से संबद्ध एक संबद्ध एक एक संगठन/इकाई है जिसका प्राथमिक उद्देश्य लेनदेन की पुष्टि, निपटान एवं वितरण की देखरेख करना है।

क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म कॉइनबेस

• क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म कॉइनबेस ने घोषणा की है कि वह भारत में इंजीनियरों को काम पर रखना शुरू करेगा । • कॉइनबेस ने कहा है कि वह पहली बार भारत में एक कार्यालय स्थापित करेगा ।

• अमेरिका स्थित कंपनी ने घोषणा की है कि भर्ती आईटी सेवाओं के लिए होगी और कार्यालय हैदराबाद में स्थापित किया जाएगा ।
• कॉइनबेस एक कंपनी है जो बिटकॉइन और एथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी का आदान – प्रदान करती है ।

 टीम रूद्रा

मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs ) 

अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता) 

डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या 

अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर) 

योगराज पटेल (VDO)- 

अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )

प्रशांत यादव – प्रतियोगी

कृष्ण कुमार (kvs -t ) 

अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)

 मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)

अश्वनी सिंह – प्रतियोगी

प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।

Leave a Reply