विश्व खाद्य कार्यक्रम
चर्चा में क्यों?
विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा जारी किए गए नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि मध्य अमेरिका के चार देशों में लगभग 8 मिलियन लोग इस वर्ष भूख का सामना कर रहे हैं।
तथ्य
- सल्वाडोर, ग्वाटेमाला, होंडुरास और निकारागुआ में भूखे मरने वालों की संख्या पिछले दो वर्षों में लगभग चार गुना हो गई।
- जनवरी 2021 में संगठन द्वारा किए गए सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 15% लोग प्रवास की ठोस योजना बना रहे थे, यह संख्या 2018 की तुलना में लगभग दोगुना है।
विश्व खाद्य कार्यक्रम के बारे मेें
- संयुक्त राष्ट्र का विश्व खाद्य कार्यक्रम युद्ध, प्राकृतिक आपदा और अकाल जैसी आपात स्थितियों में खाद्य सहायता मुहैया कराता है।
- इसकी शुरुआत 1961 में अमेरिकी राष्ट्रपति ‘ड्वाइट डेविड आइजनहावर’ के सुझाव से हुई थी ।
- विश्व खाद्य कार्यक्रम का मुख्यालय इटली के रोम में है। दुनिया के 88 से ज्यादा देशों में इसके कार्यालय हैं।
- विश्व खाद्य कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र की दो अन्य एजेंसी खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) और अंतरराष्ट्रीय कृषि विकास कोष (आईएफएडी) के साथ मिलकर काम करती है।
- दुनिया में भूख के खिलाफ जंग लड़ने वाली संयुक्त राष्ट्र संघ की एजेंसी ‘विश्व खाद्य कार्यक्रम’ को 2020 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया है।
कैडमियम डोप्ड सिल्वर एंटिमनी टेल्यूराइड
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय वैज्ञानिकों ने एक नए सीसा (लेड) मुक्त मैटेरियल [Lead (Pb) free material] का पता लगाया है जो कचरे की ऊर्जा को कुशलतापूर्वक विद्युत में परिवर्तित करके छोटे घरेलू उपकरणों और वाहनों को विद्युत शक्ति प्रदान कर सकता है।
तथ्य
- इस नए सीसा (लेड) मुक्त मैटेरियल का नाम कैडमियम डोप्ड सिल्वर एंटिमनी टेल्यूराइड है।
- भारतीय वैज्ञानिकों ने जर्नल साइंस में इस बड़ी सफलता की जानकारी दी है।
(AgSbTe2) के बारे में
- कैडमियम डोप्ड सिल्वर एंटिमनी टेल्यूराइड का एक सिरा दूसरे सिरे को ठंडा रखते हुए गर्म किया जाता है ।
- थर्मोइलेक्ट्रिक ऊर्जा के रूपांतरण से विद्युत वोल्टेज उत्पन्न होती है।
- इस मैटेरियल में तीन विभिन्न गुणों
1- धातुओं की उच्च विद्युत चालकता,
2- अर्धचालक की उच्च थर्मोइलेक्ट्रिक संवेदनशीलता
3- शीशे की कम तापीय चालकता का समावेश है।
- सीसा(लेड) एक शक्तिशाली न्यूरोटॉक्सिन है यानि दिमाग की नसों पर असर करने वाला जहर है।
- उत्पादनन का 85 फीसदी हिस्से का इस्तेमाल लेड एसिड बैटरी बनाने में होता है,
- सीसा विषाक्तता का प्रमुख कारण लेड एसिड बैटरी का असुरक्षित तरीके से री-साइक्लिंग करना है।
विश्व का सबसे पुराना डीएनए
चर्चा में क्यों?
हाल ही में वैज्ञानिकों ने अब तक पाए गए विश्व के सबसे पुराने डीएनए को खोजा है।
प्रमुख बिन्दु
- यह डीएनए वैज्ञानिकों ने लगभग 1.2 मिलियन वर्ष पूर्व पूर्वोत्तर साइबेरिया में पाये जाने वाले मैमथ(Mammoth) के दांतों से पाया है।
- शोधकर्ताओं ने तीन अलग-अलग मैमथों के अवशेषों से डीएनए को पाया और उन्हें अनुक्रमित किया गया है।
- सबसे पुराना क्रेस्तोवका नदी के पास से पाया गया है। लगभग 1.2 मिलियन वर्ष पुराना ।
मैमथ के बारे मेें
- लाखों वर्ष पूर्व पूर्वोत्तर साइबेरिया में पाये जाने वाले मैमथ हैं।
- हाथियों की तरह प्रतीत होते थे। हाथियों से आकार में कई गुना बड़े होते थे। ये हथियों से गुणों में भी भिन्न थे।
- वैज्ञानिक नाम मैमुथस प्राइमिजीनियस (Mammuthus primigenius) है।
डीएनए के बारे में
- डीएनए या डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड ( DNA) कोशिका के गुणसूत्रों में पाए जाने वाला पतला व घुमावदार सीढ़ी जैसी संरचना वाला पदार्थ है।
- ये जेनेटिक इंस्ट्रक्शंस होते हैं, अर्थात ये जीवों की क्रियाओं और आनुवंशिकी को निर्धारित करते हैं।
- DNA में अडेनिन , थाएमिन , साइटोसिन ,और ग्वानिन नामक चार क्षार विशिष्ट क्रम में पाये जाते हैं।
कार्बन वॉच मोबाइल एप्लिकेशन
चर्चा में क्यों?
हाल ही में चंडीगढ़ ने ‘कार्बन वॉच’ (Carbon Watch) नामक मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च किया।
प्रमुख बिन्दु
- व्यक्तिगत कार्बन फुटप्रिंट्स (Carbon Footprints) का आकलन करने हेतु एक मोबाइल एप्लिकेशन ‘कार्बन वॉच(Carbon Watch)’ लॉन्च किया गया है।
- इस तरह का मोबाइल एप्लिकेशन लॉन्च करने वाला चंडीगढ़ भारत का पहला राज्य/ केंद्र-शासित प्रदेश बन गया है।
- यह प्रत्येक व्यक्ति द्वारा उत्सर्जित किए गए कार्बन की मात्र को आकलित करेगा।
कार्बन फुटप्रिंट्स क्या है?
- कार्बन फुटप्रिंट्स का तात्पर्य किसी(व्यक्ति, संस्था आदि) के द्वारा उत्सर्जित किए जाने वाले कुल कार्बन की मात्रा से है।
- वर्तमान में कार्बन फुटप्रिंट्स का अभिप्राय किसी(व्यक्ति, संस्था आदि) के द्वारा कार्बन डाइऑक्साइडकार्बन या ग्रीनहाउस गैसों के कुल उत्सर्जन से भी लगाया जा रहा है।
- कार्बन फुटप्रिंट्स का सिद्धान्त इकोलाजिकल फुटप्रिंट से निकला है, अर्थात यह इकोलाजिकल फुटप्रिंट का ही एक अंश है।
- यूएनएफ़सीसीसी के सम्मेलन, पेरिस जलवायु समझौता आदि।
राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन
चर्चा में क्यों
राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन और अन्य पहलों को केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी और इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा 23 फरवरी को लॉन्च किया गया है ।
राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन ( NUDM )
- राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन का मुख्य उद्देश्य देश के शहरों के लिए एक डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करना है ।
- यह पीपुल्स , प्रोसेस और प्लेटफॉर्म के तीन स्तंभों पर काम करके डिजिटल बुनियादी ढांचे को विकसित करने में शहरों और नगरों की मदद करेगा ।
- इसका उद्देश्य 2022 तक 2022 शहरों में नागरिक केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करना है और यह 2024 तक भारत के सभी शहरों को कवर करेगा ।
- यह आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय की विभिन्न पहलों के लिए एक साझा डिजिटल बुनियादी ढांचा तैयार करेगा , जो शहरों की स्थानीय चुनौतियों को हल करने में मदद करेगा ।
- यह नेशनल अर्बन इनोवेशन स्टैक ( एनयूआईएस ) के प्रौद्योगिकी डिजाइन सिद्धांतों पर आधारित है ।
डिजिटल बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए अन्य पहल :
- इंडिया अर्बन डाटा एक्सचेंज ( आईयूडीएक्स )
- यह भारतीय विज्ञान संस्थान , बेंगलुरु और स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है ।
- यह विभिन्न डेटा प्लेटफार्मों के बीच डेटा के आदान
- प्रदान के लिए एक ओपन सोर्स सॉफ़्टवेयर प्लेटफॉर्म है ।
- यह डेटा प्रदाता के लिए अपना डेटा साझा करने का एक सुरक्षित और विश्वसनीय माध्यम है ।
स्मार्टकोड प्लेटफार्म : .
- यह एक ऐसा मंच है जो शहरी शासन के विभिन्न समाधानों और एप्लिकेशंस के लिए ओपन
- सोर्स कोड के भंडार के रूप में काम करेगा ।
- यह डिजिटल एप्लिकेशंस के विकास में शहरी स्थानीय निकायों की मदद करेगा ।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस
24 फरवरी , 1944 को केंद्रीय उत्पाद शुल्क और नमक अधिनियम को लागू किए जाने के उपलक्ष्य में हर साल 24 फरवरी को केंद्रीय उत्पाद शुल्क दिवस मनाया जाता है ।
तथ्य
- यह दिन उत्पाद शुल्क विभाग के कर्मचारियों द्वारा की गई कड़ी मेहनत को सम्मानित करने के लिए भी मनाया जाता है ।
- यह उत्पाद शुल्क विभाग के कर्मचारियों को अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करता है ।
- केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड भारत में इस दिन को मनाता है ।
- इसकी स्थापना 26 जनवरी 1944 को हुई थी ।
- इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है ।
- इसका नेतृत्व मुत्तोली अजीत कुमार ( एम अजीत कुमार ) कर रहे हैं ।
- यह वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग का एक हिस्सा है ।
- यह केंद्रीय जीएसटी , केंद्रीय उत्पाद शुल्क और कस्टम / आयात शुल्क के लिए नीतियां बनाता है और लागू करता है ।
दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट स्टेडियम
- अहमदाबाद के मोटेरा में दुनिया के सबसे बड़े सरदार वल्लभभाई पटेल क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा किया जाएगा ।
- यह 63 एकड़ में फैला है , जिसमें 1.10 लाख लोगों की बैठने की क्षमता है ।
- यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा खेल मैदान है । यह भारत और इंग्लैंड के बीच दिन – रात्रि गुलाबी गेंद टेस्ट मैच की मेजबानी करेगा ।
- मोटेरा क्रिकेट स्टेडियम में क्रिकेट के लिए सभी आधुनिक सुविधाएं हैं ।
- इसमें छत पर एलईडी लाइट्स हैं ।
- उत्तर कोरिया का रनग्राडो 1 मई स्टेडियम ( पुराना नाम रनग्राडो मई डे स्टेडियम ) दुनिया का सबसे बड़ा स्टेडियम है ।
- मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम है ।
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा (प्रतियोगी)
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।