मानव स्वतंत्रता सूचकांक
सन्दर्भ
- हाल ही में मानव स्वतंत्रता सूचकांक 2020 (Human Freedom Index) को जारी किया गया।
- इस सूचकांक को कनाडा के फ्रेजर इंस्टिट्यूट और काटो इंस्टिट्यूट ने जारी किया है।
- मानव स्वतंत्रता सूचकांक 2020 नागरिक, आर्थिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की एक वैश्विक रैंकिंग है।
- इस सूचकांक में व्यक्तिगत, नागरिक और आर्थिक स्वतंत्रता के 76 संकेतकों के आधार पर 162 देशों को रैंकिंग प्रदान की गयी है।
भारत का प्रदर्शन
- इस वर्ष भारत को 111वां स्थान प्राप्त हुआ है। गौरतलब है
- इस साल के मुकाबले भारत 17 स्थान नीचे फिसला है।
- इस सूचकांक में भारत ने 6.43 का स्कोर प्राप्त किया है।
- भारत का यह स्कोर औसत मानव स्वतंत्रता रेटिंग 6.93 की तुलना में कम है।
मानव स्वतंत्रता सूचकांक (Human Freedom Index)
- इस सूचकांक को व्यक्तिगत और आर्थिक स्वतंत्रता के 76 संकेतकों का उपयोग करके तैयार किया गया है। इन संकेतकों में कानून, सुरक्षा, कानूनी व्यवस्था, धर्म, संपत्ति के अधिकार जैसे क्षेत्र शामिल हैं।
कोयला आधारित विद्युत क्षेत्र के उत्सर्जन में कमी करना
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में थिंक-टैंक सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरनमेंट (Centre for Science and Environment- CSE) द्वारा आयोजित एक वेबिनार में विशेषज्ञों ने भारत के कोयला आधारित विद्युत् क्षेत्र के कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) फुट प्रिंट्स को कम करने के उपायों पर चर्चा की।
भारत में विद्युत् उत्पादन:
- भारत मुख्य रूप से तीन प्रकार के थर्मल पावर प्लांटों का उपयोग करता है- कोयला, गैस और तरल-ईंधन आधारित।
- इन संयंत्रों द्वारा उत्पादित बिजली देश के कुल विद्युत् उत्पादन में 62.2% तक का योगदान देती है।
कोयला आधारित विद्युत क्षेत्र में उत्सर्जन:
- भारत का कोयला आधारित थर्मल पावर क्षेत्र देश में CO2 के सबसे बड़े उत्सर्जकों में से एक है।
- यह प्रत्येक वर्ष 1.1 गीगा-टन CO2 का उत्सर्जन करता है; यह वैश्विक ग्रीनहाउस गैस (GHG) उत्सर्जन का 2.5% है, जो कि भारत के GHG उत्सर्जन का एक-तिहाई है और भारत में ईंधन से संबंधित CO2 उत्सर्जन का लगभग 50% है।
उत्सर्जन को कम करने के लिये आवश्यक नीतियाँ:
- फ्लीट (Fleet) प्रौद्योगिकी और दक्षता में सुधार, नवीकरण और आधुनिकीकरण:
- बायोमास को-फायरिंग (Co-firing) को बढ़ाना:
- कार्बन कैप्चर और स्टोरेज (CCS) में निवेश करना :
- कोयला परिष्करण/कोल बेनिफिकेशन
आगे की राह:
- जलवायु परिवर्तन से सार्थक रूप से निपटने के लिये केवल अक्षय ऊर्जा में वृद्धि करना पर्याप्त नहीं है, कोयला क्षेत्र में GHG उत्सर्जन को कम करने के लिये महत्त्वाकांक्षी योजनाओं को अपनाना भी आवश्यक है।
बेंगलुरु मिशन 2022 क्या है?
चर्चा में क्यों
हाल ही में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने “बेंगलुरु मिशन 2022” लॉन्च किया।
उद्देश्य
- बेंगलुरु के लोगों को उनकी दिन-प्रतिदिन की समस्याओं और चुनौतियों का समाधान करने के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचा और बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध कराना है।
- शहर के बुनियादी ढांचे का कायाकल्प करना है।
- आजादी के 75वें वर्ष के अवसर पर बेंगलुरु को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ शहरों में से एक बनाना
- सरकार ने “बेंगलुरु मिशन 2022 – रिवाइटलाइजिंग बेंगलुरु” नामक एक पुस्तिका भी साझा की।
- कर्नाटक सरकार “नन्ना कसा नान जवाबदारी” थीम के तहत शहर के कूड़े कचरे को संस्थागत बनाया जायेगा।
भारत में योगासन को प्रतिस्पर्धी खेल
सन्दर्भ
हाल ही में खेल मंत्रालय ने योगासन को एक औपचारिक खेल के रूप में मान्यता दी है। यह योग और इसके लाभों के बारे में जागरूकता फैलाने और लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए किया गया है।
मुख्य बिंदु
- एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में अपनी पहचान के बाद, योगासन को कई स्पर्धाओं में शामिल किया जा सकता है।
- योग गुरु बाबा रामदेव के नेतृत्व में एक अंतर्राष्ट्रीय योगासन खेल महासंघ का गठन किया गया था।
- इसके अलावा, राष्ट्रीय योगासन खेल महासंघ की स्थापना की गई जो एक प्रतिस्पर्धी खेल के रूप में योग का संरक्षण और विकास करेगा।
- खेल मंत्रालय ने नवंबर 2020 में इस संघ को राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में मान्यता दी थी।
- योगासन को खेलो इंडिया गेम्स प्रोग्राम के साथ शामिल किया जायेगा।
खेलो इंडिया में योगासन
- इसमें रिदमिक योगासन, पारंपरिक योगासन, व्यक्तिगत चैम्पियनशिप, टीम चैम्पियनशिप, कलात्मक योगासन शामिल हैं।
योजना
- योगासन को एक खेल के रूप में पेश करने के बाद, खेल मंत्रालय द्वारा निम्नलिखित कदम उठाये जायेंगे :
- योगासन खेल की प्रतियोगिताओं, कार्यक्रमों के वार्षिक कैलेंडर को लांच किया जायेगा।
- योगासन चैम्पियनशिप के लिए स्वचालित स्कोरिंग प्रणाली का विकास।
- रेफरी, कोच, निर्देशक और प्रतियोगिताओं के निर्णायकों के लिए कोर्स।
- योगासन खिलाड़ियों के लिए कोचिंग कैंप।
- योगासन की एक लीग भी शुरू की जाएगी।यह योगासन एथलीटों के लिए एक कैरियर सुनिश्चित करेगा।
पश्चिमी सहारा संघर्ष क्या है?
- हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पश्चिमी सहारा पर मोरक्को के दावे का समर्थन किया है।
- इसके बदले में मोरक्को इजरायल के साथ राजनयिक संबंधों को शुरू करेगा।
- गौरतलब है कि हालिया समय में मोरक्को यूएई, बहरीन और सूडान के बाद इजरायल के साथ शांतिपूर्ण संबंध बनाने वाला चौथा इस्लामिक देश है।
पश्चिमी सहारा संघर्ष क्या है?
- पश्चिमी सहारा संघर्ष पोलीसारियो फ्रंट और मोरक्को साम्राज्य के बीच का संघर्ष है।
- पोलिसारियो फ्रंट एक सहरावी विद्रोही राष्ट्रीय मुक्ति आंदोलन है जिसका उद्देश्य पश्चिमी सहारा में मोरक्को की उपस्थिति को समाप्त करना है।
- 1975-76 में स्पेन के उपनिवेश की समाप्ति के बाद, वहां तीन क्षेत्र अस्तित्व में थे
- मॉरिटानिया, मोरक्को और पोलिसारियो फ्रंट। 1976 में पोलारियो फ्रंट ने सहरावी अरब डेमोक्रेटिक रिपब्लिक (SADR) की घोषणा की।
- गौरतलब है कि पश्चिमी सहारा में SADR को अफ्रीकी संघ, अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) और यूरोपीय संघ से मान्यता प्राप्त है।
- ट्रम्प प्रशासन ने इजरायल – मोरक्को सौदे के एक हिस्से के रूप में विवादित पश्चिमी सहारा क्षेत्र पर मोरक्को की संप्रभुता को मान्यता देने पर सहमति व्यक्त की है।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Anand Yadav
Geography team mppg college ratanpura mau
Surjit Gupta
Saty Prakash Gupta
Shubham Singh
Akhilesh Kumar