अंतर्देशीय जलमार्ग के लिए नए मार्गों की खोज की गयी
सन्दर्भ
हाल ही में बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने अंतर्देशीय जलमार्गों के लिए नए मार्गों की पहचान की है।
मुख्य बिंदु
- चिन्हित किए गये स्थान इस प्रकार हैं : ओखा, दिऊ, हजीरा, दाहेज, सोमनाथ मंदिर, जामनगर, मांडवी, कोच्चि, मुं
- छह अंतर्राष्ट्रीय गंतव्य मार्ग हैं : सेशेल्स (पूर्वी अफ्रीका), चटोग्राम (बांग्लादेश), जाफना (श्रीलंका) और मेडागास्कर (पूर्वी अफ्रीका)।
उद्देश्य
- अंतर्देशीय परिवहन को बल देना है, क्योंकि जलमार्गों के माध्यम से परिवहन अपेक्षाकृत सस्ता है और यह अधिक कुशल भी है।
- इसके लिए बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय ने घरेलू स्थानों के साथ-साथ 6 अंतर्राष्ट्रीय मार्गों की पहचान की है।
प्रोजेक्ट सागरमाला
- सागरमाला का लक्ष्य भारत के तटों के आसपास बंदरगाहों की एक श्रृंखला विकसित करना है।
- इस पहल का मुख्य उद्देश्य देश की 7,500 किलोमीटर लंबी तटरेखा में बंदरगाह के नेतृत्व में विकास को बढ़ावा देना है।
6वां भारत-जापान संवाद सम्मेलन
सन्दर्भ
21 दिसम्बर, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली 6वें भारत-जापान संवाद सम्मेलन को संबोधित किया। भारत-जापान संवाद सम्मेलन की शुरुआत वर्ष 2015 में की गयी थी, इसका उद्देश्य मानवतावाद, लोकतंत्र, स्वतंत्रता, अहिंसा के साझा मूल्यों पर विचार-विमर्श करना है।
मुख्य बिंदु
- इस सम्मेलन के दौरान बौद्ध विरासत चर्चा का केंद्र रही।
- इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को बढ़ावा देने में इस के प्रयासों की सराहना की।
- इसके साथ ही पीएम मोदी ने पारंपरिक बौद्ध साहित्य और शास्त्रों के एक पुस्तकालय का प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया।
- भारत इस तरह के पुस्तकालय का निर्माण करेगा और इसके लिए संसाधन उपलब्ध कराएगा।
- यह पुस्तकालय बौद्ध साहित्य पर विभिन्न देशों से साहित्य और धर्मग्रंथों की डिजिटल प्रतियां एकत्र करेगा और उनका अनुवाद करेगा।
- बाद में यह प्रतियाँ बौद्ध भिक्षुओं और विद्वानों को प्रदान की जाएँगी।
भारत-जापान सम्बन्ध
- भारत और जापान ने सितंबर 2020 में दोनों देशों के बीच आपूर्ति और सेवाओं के आदान-प्रदान की अनुमति के लिए एक “Acquisition and Cross-Servicing Agreement” पर हस्ताक्षर किए हैं।
- भारत और जापान QUAD समूह के सदस्य हैं, इस समूह के अन्य सदस्य ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका हैं। हाल ही में, QUAD देशों ने ‘मालाबार’ नामक एक संयुक्त नौसैनिक अभ्यास का आयोजन किया गया। इस नौसैनिक अभ्यास का आयोजन अरब सागर में किया गया।
जम्मू-कश्मीर में पहले जिला विकास परिषद (DDC) चुनाव संपन्न हुए
सन्दर्भ
हाल ही में जम्मू-कश्मीर में पहले जिला विकास परिषद् चुनाव संपन्न हुए। गौरतलब है कि यह जम्मू-कश्मीर राज्य के विभाजन के बाद होने वाले पहले चुनाव हैं। इस चुनावों के लिए वोटों की गिनती 22 दिसम्बर, 2020 को की जाएगी।
मुख्य बिंदु
- जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव का आरम्भ 28 नवंबर को शुरू हुआ था। इ
- न चुनावों का आयोजन 8 चरणों में किया गया।
- इसके पहले चरण में 51.76% मतदान दर्ज किया गया था।
- डीडीसी चुनावों के पहले चरण में, जम्मू में 64.2% मतदान हुआ।
जम्मू और कश्मीर का विभाजन
- 2020 में, केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।
- जम्मू और कश्मीर में एक विधायिका है जबकि लद्दाख कोई विधायिका नहीं है।
हिमाचल प्रदेश में ‘जबरन धर्मांतरण’ के खिलाफ कानून लागू
सन्दर्भ
हिमाचल प्रदेश में जबरन या बहला-फुसलाकर धर्मांतरण या धर्मांतरण के ‘एकमात्र उद्देश्य’ से शादी करने के खिलाफ एक कठोर कानून लागू हो गया है. इसमें उल्लंघनकर्ताओं के लिए सात साल तक की सजा का प्रावधान है. इसे एक साल से अधिक समय पहले राज्य विधानसभा द्वारा पारित किया गया था.
कारण
हिमाचल के चंबा, सिरमौर, मंडी, कुल्लू और शिमला के कुछेक दुर्गम इलाकों में धर्मपरिवर्तन की घटनाएं सामने आ रही थी. इसमें ईसाई मिशनरियां पर धर्मपरिवर्तन करवाने के आरोप लगते रहे हैं. यह कानून इसी वजह से लाया गया था
सजा का प्रावधान यह है?
- हिमाचल में बने धर्मांतरण कानून के तहत जबरन धर्मांतरण, प्रलोभन या झांसा देकर करवाया गया धर्मांतरण संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
- इसके अतिरिक्त, धर्मपरिवर्तन के उद्देश्य से किया गया विवाह भी मान्य नहीं होगा और ऐसे विवाह को चुनौती दी जा सकेगी. ऐसे मामले फैमिली कोर्ट में सुने जाते हैं.
- इस कानून में सामान्य श्रेणी के व्यक्ति का धर्मपरिवर्तन करते हुए पकड़ा जाता है, तो पांच साल तक की सजा का प्रावधान है.
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भी कानून लागू
- जब उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पिछले महीने जबरन या धोखेबाजी से धर्मांतरण के खिलाफ एक अध्यादेश को अधिसूचित किया गया था.
- इसमें विभिन्न श्रेणियों के तहत 10 साल तक की कैद और अधिकतम 50,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है.
हाइपरसोनिक पवन सुरंग
सन्दर्भ
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 19 दिसंबर, 2020 को भारत की पहली उन्नत हाइपरसोनिक विंड टनल (पवन सुरंग) सुविधा का उद्घाटन किया. रूस और अमेरिका के बाद, अब भारत दुनिया का ऐसा तीसरा देश बन गया है जिसके पास ऐसी सुविधा है।
तथ्य
- रूस और अमेरिका के बाद, भारत दुनिया का ऐसा तीसरा देश बन गया है जिसके पास परिचालन क्षमता और आकार के मामले में इतनी बड़ी सुविधा है.
हाइपरसोनिक विंड टनल सुविधा के बारे में
- रक्षा विज्ञप्ति ने यह बताया गया है कि, अत्याधुनिक हाइपरसोनिक विंड टनल सुविधा एक प्रेशर वैक्सीम चालित संलग्न मुक्त जेट सुविधा है
- जिसमें 1 मीटर का नोजल एग्जिट व्यास है. यह Mach No 5 से 12 तक अनुकरण करेगा.
DRDO सुविधा का दौरा
- हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी ड़ेमोंस्ट्रेशन व्हीकल
- क्विक रिएक्शन सरफेस टू एयर मिसाइल
- एंटी-रेडिएशन मिसाइल
- क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन टेक्नोलॉजी
- सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज़ टॉरपीडो
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