बी.सी.जी टीकाकरण
चर्चा में क्यों
18 जुलाई 2021 को टी.वी. से निपटने हेतु बी.सी.जी वैक्सीन के निर्माण को 100 साल पूरे हो गए।
बी.सी.जी वैक्सीन क्या है?
- वैसिलस कैमलेट गुएरिन टीका टी.वी. के खिलाफ इस्तेमाल किया जाने वाला टिका है।
- वर्ष 1921 में पहली बार इसका प्रयोग मनुष्यों पर किया गया था।
- वर्तमान में यह टीवी के रोकथाम हेतु एकमात्र लाइसेंस प्राप्त टीका है। यह विश्व में सर्वाधिक प्रयोग होने वाला टीका भी है।
- भारत में इसे पहली बार 1948 में सीमित पैमाने पर शुरू किया गया था तथा 1962 में यह राष्ट्रीय टीवी नियंत्रण कार्यक्रम का हिस्सा बन गया।
वैक्सीन की प्रभाविकता
- बी.सी.जी वैक्सीन कुछ भौगोलिक स्थानों पर अच्छा काम करती है आमतौर पर यह भूमध्य रेखा से दूरी बढ़ने के साथ-साथ अधिक प्रभावी होती जाती है।
टी.वी. ( तपेदिक) क्या है?
- माइकोबैक्टेरियम ट्यूबरक्लोसिस नामक जीवाणु के कारण होने वाला संक्रामक रोग है। यह फेफड़ों को प्रभावित करता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में खांसी या अन्य माध्यम से फैलता है।
- WHO की रिपोर्ट 2019 के अनुसार विश्व में 10 मिलियन लोग टीवी से ग्रसित हैं तथा भारत में कुल वैश्विक मामलों की 27% रोगी हैं।
- भारत 2025 तक टीवी को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
एशिया प्रशांत क्षेत्र में सेंड और डस्ट तूफान का जोखिम
- संयुक्त राष्ट्र की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 500 मिलियन से अधिक लोग तुर्कमेनिस्तान, पाकिस्तान ,उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान तथा ईरान की आबादी का लगभग 80% से अधिक हिस्सा सेंड व डस्ट तूफानों के कारण मध्यम , उच्च स्तर की खराब वायु गुणवत्ता के संपर्क में हैं।
- पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, दक्षिणी पूर्वी तुर्की, ईरान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में अत्यधिक सूखे की स्थिति के कारण 2030 के दशक में रेत और धूल भरी आंधी के तूफान का प्रभाव काफी अधिक बढ़ सकता है।
- शुष्क व अर्ध शुष्क क्षेत्रों में धूल भरी आंधियां मौसम संबंधी महत्वपूर्ण खतरे हैं।
- उत्तरी अफ्रीका, चीन, अरब प्रायद्वीप व मध्य एशिया धूल कणों के मुख्य स्रोत हैं।
नकारात्मक प्रभाव
- बिजली ट्रांसमिशन लाइनों पर प्रतिकूल प्रभाव
- पीने योग्य जल प्रदूषित
- बर्फ पिघलने की दर में वृद्धि
- मरुस्थलीकरण
- कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव
- एसडीजी – 11 पर प्रतिकूल प्रभाव
सकारात्मक
- निक्षेप के क्षेत्रों में पोषक तत्व में वृद्धि।
- जल निकायों पर जमा धूल उनकी रासायनिक विशेषताओं को बदल देती है।
- धूल कणों में मौजूद आयरन ,समुद्री खाद्य जल को अनुकूल रूप में प्रभावित करते हैं।
भारत द्वारा फिलिस्तीन शांति प्रक्रिया का समर्थन
चर्चा में क्यों
- UNSC की बैठक में भारत ने फिर इजराइल- फिलीस्तीन के मध्य शान्ति प्रक्रिया को फिर शुरू करने का समर्थन किया है।
- अंग्रेजी वर्णानुक्रम के अनुसार 1 माह के लिए UNSC की अध्यक्षता भारत के पास थी।
- इजरायल के साथ संप्रभु, स्वतंत्र और स्वयं समर्थ फिलिस्तीन राष्ट्र की स्थापना के प्रति भारत की प्रतिबद्धता।
- विदेशी नागरिकों की ( अफगानिस्तान में) सुरक्षा तथा उन्हें बाहर सुरक्षित निकालने हेतु एक मसौदा प्रस्ताव पारित।
इजराइल- फिलिस्तीन संघर्ष ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- 1882 से 1948 के बीच दुनिया भर से इजराइल फिलिस्तीन क्षेत्र में यहूदियों के एकत्र होने की घटना को अलियाह कहते हैं।
- 1917 में तुर्क साम्राज्य का पतन तथा इस क्षेत्र पर ब्रिटेन का नियंत्रण।
- वालफोर घोषणा पत्र के माध्यम से क्षेत्र में यहूदियों को बसाने का वादा।
- 1948 में इजराइल राज्य की स्थापना।
- 1947 में यूएन में इस संदर्भ एक प्रस्ताव पारित तथा यरूशलम को अंतरराष्ट्रीय शहर का दर्जा।
- विभाजन की यह प्रक्रिया यहूदियों को स्वीकार किंतु अरब देशों ने अस्वीकार कर दिया।
- 1948 में हुए अरब इजरायल संघर्ष में इजराइल का फिलिस्तीनी के अधिकांश क्षेत्र में कब्जा। युद्ध के समय फिलिस्तीन यों के पलायन की घटना को ऑल नकबा कहा जाता है।
- 1967 के युद्ध में इजरायल ने इजराइल के पूर्वी यरुशलम, गोलन हाइट्स, सिनाई प्रायद्वीप, गाजा क्षेत्र पर कब्जा कर लिया।
वर्तमान परिदृश्य
- इजराइल का बेस्ट बैंक पर कब्जा, हालांकि गाजा पर अपना अधिकार छोड़ दिया।
- इजराइल पूरे यरूशलेम पर अपना दावा करता है कि पूर्वी यरुशलम को फिलिस्तीनी अपने राजधानी होने का दावा करते हैं।
वंदे भारत
चर्चा में क्यों
मार्च 2024 तक 102 बंदे भारत ट्रेनों के संचालन की योजना।
अन्य तथ्य
- पूर्व नाम – ट्रेन -18
- मेक इन इंडिया पहल के तहत इट्रीगल कोच फैक्ट्री चेन्नई द्वारा।
- 160 किलोमीटर प्रति घंटा स्पीड
- पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन
- अभी तक दो ट्रेनों का संचालन हो रहा है।
- वाराणसी से दिल्ली
- दिल्ली से कटरा
अन्य विशेषताएं
- यूरोपीय शैली की सीटें
- जीपीएस
- बायो टॉयलेट
- धूल मुक्त वातावरण
- दिव्यांग सुविधाएं
टॉय ट्रेन मुद्रीकरण योजना पर विवाद
चर्चा में क्यों
केंद्र सरकार के दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (( DHR) मुद्रीकरण करने संबंधी प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त की जा रही है।
विरोध का कारण
- DHR का मुद्रीकरण होने के बाद निजी कंपनियों का ध्यान लाभ अर्जित करने पर होगा, और लोगों की स्थानीय आकांक्षाओं की अनदेखी की जाएगी।
- सरकार द्वारा हित धारकों से परामर्श किए बिना एकतरफा तरीके से यह निर्णय लिए जाने पर भी चिंता जताई गई।
दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे
- निर्माण 1889-81 के मध्य ब्रिटिश काल में
- वर्ष 1999 में विश्व धरोहर स्थल घोषित।
- भारत के पर्वतीय क्षेत्रों और पहाड़ी इलाकों में चार रेलवे नेटवर्क कार्यात्मक है।
- दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे – पश्चिम बंगाल
- नीलगिरि पर्वतीय रेलवे – तमिलनाडु
- कालका शिमला रेलवे – हिमाचल प्रदेश
- माथेरान रेलवे – महाराष्ट्र
विश्व धरोहर स्थल क्या होते हैं
- अंतरराष्ट्रीय महत्त्व तथा विशेष सुरक्षा की आवश्यकता वाले प्राकृतिक या मानव निर्मित क्षेत्र अथवा संरचना।
- इन स्थलों को संयुक्त राष्ट्र तथा संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन द्वारा मान्यता प्राप्त है।
- यह स्थल मानवता के लिए महत्वपूर्ण तथा सांस्कृतिक एवं भौतिक महत्व के रूप में देखे जाते हैं।
सारहीन आधार पर सर्वत्र संचरण के अधिकार को प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता : उच्चतम न्यायालय
- सुप्रीम कोर्ट एक मामले की सुनवाई के दौरान जारी एक जिलाबदर करने संबंधी आदेश पर अहम टिप्पणी करते हुए कहा है कि किसी व्यक्ति को देश में कहीं भी रहने या स्वतंत्र रूप से भ्रमण करने की उसके मौलिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता है।
- जिलाबदर आदेश ( externment order) – जिलाबदर आदेश के तहत, एक निश्चित छेत्र में किसी व्यक्ति को आवाजाही पर रोक लगाई जाती है।
- सुप्रीम कोर्ट द्वारा जिलाबदर को बरकरार रखने के उदाहरण–
- उत्तर प्रदेश बनाम कौशल्या मामले में वेश्याओं को एक निर्दिष्ट क्षेत्र के भीतर व्यापार करने और विशेष क्षेत्रों में रहने या आवाजाही के लिए मुक्त संस्करण पर प्रतिबंध को वैध माना गया।
- पी.अरुमुद्यम बनाम मद्रास न्यायालय मामले में अदालत अपराधियों के निवास पर लगाए गए प्रतिबंध को न्यायालयों द्वारा उचित माना गया है।
पुनर्निर्मित जलियांवाला बाग परिसर
- 13 अप्रैल, 1919 की घटनाओं को दोहराने वाला 28 मिनट का साउंड एंड लाइट शो हर शाम को दिखाया जाएगा।
- शहीदों की नई मूर्तियां स्थापित की गई है।
- पुननिर्मित परिसर में गुरु नानक देव, सिख योद्धा बंदा सिंह बहादुर महाराजा रणजीत सिंह की एक मूर्ति भी स्थापित की गई है।
- बाग में कई चीजें बदली गई लेकिन नानकशाही ईटो से बनाया संकरण प्रवेश द्वार जिससे होकर डायर के सैनिक घुसे थे। उस दिन की भयावह याद दिलाता है।
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
सुरजीत गुप्ता – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।