क्षतिपूर्ण मुआवजे का नया विकल्प
- वित्त मंत्रालय की हालिया घोषणा के अनुसार केंद्र सरकार राज्यों की GST क्षतिपूर्ति मुआवजे का भुगतान करने के लिए स्वयं बाजार से 1.1 लाख करोड़ रुपए का उधार लेगी जिसे मुआवजे के तौर पर राज्यों के बीच वितरित किया जाएगा।
- केंद्र सरकार द्वारा राज्यों के लिये जा रहा यह ऋण भारत सरकार की राजकोषीय घाटे पर कोई प्रभाव नहीं डालेगा, बल्कि इसे राज्य सरकारों की पूजीगत प्राप्तियों के रूप में दर्शाया जाएगा।
- इस तरह राज्यों द्वारा छोटे-छोटे ऋण लेने के बजाय केंद्र सरकार द्वारा बड़ी मात्रा में ऋण लिया जाएगा, जिससे राज्यों के लिए ऋण संबंधी प्रक्रिया काफी आसान हो जाएगी।
- केंद्र सरकार के इस निर्णय से जीएसटी क्षतिपूर्ति को लेकर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के बीच चल रहे गतिरोध को समाप्त किया जा सकेगा।
सामाजिक- आर्थिक मोर्चे पर भारत और बांग्लादेश
- विश्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी किया गया वर्ल्ड इकोनामिक आउटलुक बताता है कि इस वर्ष भारतीय अर्थव्यवस्था में तकरीबन 10.3% की कमी आ सकती है।
- ध्यातव्य है कि RBI ने भी वित्तीय वर्ष 2020 – 21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9.5% के संकुचन का अनुमान लगाया था।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वर्ष भारत की प्रति व्यक्ति GDP 1876.53 डालर रह सकती है, जो कि बांग्लादेश की प्रति व्यक्ति जीडीपी (1887.97 डालर) से कम है। वहीं वर्ष 2020 में चीन की प्रति व्यक्ति जीडीपी 10839.43 डालर रहने का अनुमान है।
- हालांकि आईएमएफ अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के ही आंकड़े बताते हैं कि बीते 5 वर्षों के दौरान भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी बांग्लादेश की तुलना में औसतन 24% अधिक रही है।
कारण
1- बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था वर्ष 2004 के बाद से ही काफी तेज गति से विकास कर रही है।2017 से भारत की जीडीपी में गिरावट आई जबकि बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि जारी रही।
2- बीते 15 वर्षों में जहां एक और भारत की आबादी 12% की दर से बढ़ती है वहीं बांग्लादेश की आबादी 18% की दर से वृद्धि हुई है। किसी देश की प्रति व्यक्ति जीडीपी में उस देश की आबादी अधिक प्रभावित करती हैं।
3- तीसरा कारण कोरोनावायरस से दोनों देशों की अर्थव्यवस्था पर उसके सापेक्ष प्रभाव को माना जा सकता है। महामारी के प्रभाव के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.3% का संकुचन होगा। वहीं बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में 3.8% की दर से बढ़ोतरी होगी।
थैलेसीमिया बाल सेवा योजना
- थैलेसीमिया एक जीर्णरक्त विकार है। यह एक अनुवांशिक विकार है, जिसके कारण मरीज में लाल रक्त कणिकाएं ( red blood cells-RBCs) मे पाए जाने वाले हीमोग्लोबिन पर्याप्त मात्रा में निर्मित नहीं हो पाते हैं।
- इससे रोगी में रक्त की कमी ( एनीमिया) हो जाती है और रोगी को जीवित रहने के लिए प्रति 2 से 3 सप्ताह में रक्ताधान ( blood transfusion) की आवश्यकता होती है।
- भारत में थैलेसीमिया से पीड़ित लोगों की संख्या लगभग 40 मिलियन है।
- थैलेसीमिया बाल सेवा योजना 2017 में शुरू की गई।
- यह कोल इंडिया की कारपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी ( CSR) वित्त पोषित हेमाटोपीएटिक स्टेम सेल ट्रांसप्लांटेशन कार्यक्रम है।
न्यू शेफर्ड राकेट प्रणाली
- यह पर्यटकों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में ले जाने की एक राकेट प्रणाली है।
- यह प्रणाली अमेजॉन के संस्थापक जेफ बेजोस की अंतरिक्ष कंपनी ब्लू ओरिजिन द्वारा निर्मित की गई है।
- अंतरिक्ष में जाने वाले पहले अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री एलन शेफर्ड के नाम पर इसका नाम न्यू शेफर्ड रखा गया है।
- पृथ्वी से 100 किलोमीटर तक ऊपर जाने वाला यह राकेट सिस्टम अंतरिक्ष में एक तरह से पूरी लैब ले जा सकने की क्षमता भी रखता है।
- हालांकि यह,स्पेस में तय अंतरराष्ट्रीय सीमा कैरमान लाइन के दायरे में अंतरिक्ष में रिसर्च भी करेगा।
एनवायरमेंटल इंफॉर्मेशन फ्यूजन सर्विस ( ENFUSER)
- यह दिल्ली के लिए हाल ही में, लांच किया गया एक बहुत ही उच्च रिजाल्यूशन वाला सिटी स्केल मॉडल है।
- हाल ही में IMD द्वारा वायु प्रदूषण हॉटस्पॉट और सड़क स्तर तक के प्रदूषण की पहचान करने के लिए इसे लागू किया गया है।
- इसे फिनलैंड मौसम विज्ञान संस्थान के साथ तकनीकी सहयोग से विकसित किया गया है।
- ENFUSER की विशेषता में मापन डाटा का अत्यधिक रिजोल्युशन वाला होना शामिल है, जैसे कि हवाई गुणवत्ता का अवलोकन सड़क नेटवर्क, भवन, भूमि उपयोग सूचना, अत्यधिक रिजोल्युशन वाली अंतरिक्ष से ली गई तस्वीरें, जमीन की ऊंचाई और आबादी के आंकड़ों का विस्तृत विवरण आदि।
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में पाकिस्तान का पुनः निर्वाचन
- हाल ही में, पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ( UNHRC) ने फिर से चुना गया है।
- UNHRC में 4 सीटों के लिए एशिया प्रशांत क्षेत्र के 5 उम्मीदवारों में से, पाकिस्तान ने सबसे अधिक मत हासिल किए।
- वर्तमान में पाकिस्तान 1 जनवरी 2018 से UNHRC में अपनी सेवाएं दे रहा है।
- अपने पुनः निर्वाचन के बाद,पाकिस्तान 1 जनवरी 2021 को शुरू होने वाले 3 साल के कार्यकाल के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में 1 सदस्य के रूप में बना रहेगा।
नीलगिरी हाथी कारीडोर
- यह कारीडोर नीलगिरी जिले के मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान के पास मसीनागुड़ी क्षेत्र में अवस्थित है।
उद्देश्य
- मानव वन्यजीव संघर्ष कम करने के लिए
- हाथियों के लिए सुलभ मार्ग उपलब्ध कराने के लिए
- यह हाथियों के ‘Right of Passage’ के अधिकारों के संरक्षण के लिए।
Project Elephant
- एक केंद्र प्रायोजित योजना।
- प्रारंभ- 1992 में
- हाथियों के आवास तथा गलियारों की सुरक्षा के लिए।
- मानव वन्यजीव संघर्ष कम करने के उद्देश्य से।
- इस परियोजना के लिए वित्तीय एवं तकनीकी सहायता केंद्रीय पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय प्रदान करती है।
मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान
- स्थिति- कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु।
- इसे Tiger Reseve भी घोषित किया गया है।
- यह नीलगिरी बायोस्फीयर का एक हिस्सा है।
- मुदुमलाई राष्ट्रीय उद्यान के पश्चिम में वायनाड वन्यजीव अभ्यारण (केरल)
- उत्तर में बांदीपुर (कर्नाटक)
- दक्षिण में मुकुर्थी राष्ट्रीय उद्यान एवं साइलेंट वैली अवस्थित है।
संसद की घटती भूमिका
- भारतीय संसद में केवल नए-नए विधान तथा कानून बनाने के लिए जानी जाती है बल्कि यह वह संस्था है जहां भारत की जनता के भावनाओं को वास्तविक रूप में लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। परंतु हाल के सरकार द्वारा कुछ ऐसे कदम उठाए जा रहे हैं जो संसद की भूमिका को कम कर रही है जैसे-
- प्रधानमंत्री द्वारा संसद सत्र में कम बोलना- 6 वर्ष में 22 बार
- प्रधानमंत्री द्वारा सोशल मीडिया पर ‘एक तरफा’ संवाद।
- अध्यादेश की पद्धति।
- संसदीय समितियों की अप्रभावशाली भूमिका।
- धन विधेयक का सहारा।
- विधायकों पर होने वाली चर्चा में कमी।
- संसद के बाहर लोक लुभावने संवाद शैली का प्रयोग कर सीधा संवाद।
- परिभाषा के अनुसार ‘संसद’ विचार विमर्श, आलोचना तथा सर्वसम्मति बनाने के लिए अनिवार्य होती है।
- संसद प्रतिनिधि लोकतंत्र का प्रतीक है और इसमें विरोधियों को शत्रु नहीं बल्कि विपक्षी के तौर पर देखना चाहिए।
जेनेवा कन्वेंशन
- जून 2020 में लद्दाख में गलवान (भारत-चीन) संघर्ष के बाद रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति द्वारा भारत एवं चीन दोनों देशों की सरकारों से आग्रह किया गया है कि वे जिनेवा कन्वेंशन की शर्तों का पालन करें जिनके दोनों देश हस्ताक्षरकर्ता है।
प्रमुख बिंदु
- जेनेवा कन्वेंशन (1949) तथा इसके अन्य प्रोटोकॉल वे संधियां है जिसमें युद्ध की बर्बरता को सीमित करने वाले सबसे जरूरी नियमों को शामिल किया गया है।
- यह प्रोटोकॉल उन लोगों को सुरक्षा प्रदान करते हैं जो युद्ध में भाग नहीं लेते हैं। जैसे- नागरिक, मेडिक्स, सहायता, कार्यकर्ता तथा जो युद्ध की स्थिति में नहीं होते जैसे- घायल, बीमार और जहाज पर सवार सैनिक व युद्ध बंदी।
पहला जेनेवा कन्वेंशन- युद्ध के दौरान घायल व बीमार सैनिकों को सुरक्षा प्रदान करता है।
दूसरा जेनेवा कन्वेंशन- युद्ध के दौरान समुद्र में घायल, बीमार बा जहाज पर मौजूद सैन्य कर्मियों की सुरक्षा प्रदान करता है।
तीसरा जेनेवा कन्वेंशन- युद्ध के दौरान बंदी बनाए गए लोगों पर लागू होता है।
चौथा जेनेवा कन्वेंशन- युद्ध के दौरान बंदी बनाए गए लोगों पर लागू होता है।
- जेनेवा कन्वेंशन का अनुच्छेद -3 सामान्य है जो गैर अंतरराष्ट्रीय सशस्त्र संघर्षों की स्थिति को शामिल करता है।
नवीन वाहन कबाड़ नीति
- हाल ही में विज्ञान व पर्यावरण केंद्र द्वारा पुराने वाहनों के संदर्भ में प्रभावी नीति और बुनियादी ढांचे के निर्माण पर एक रिपोर्ट जारी की गई।
प्रमुख बिंदु
- Centre for science and environment (CSE) विज्ञान व पर्यावरण केंद्र नई दिल्ली स्थित एक सार्वजनिक हित में अनुसंधान व समर्थन करने वाला गैर-लाभकारी संगठन है।
नीति की आवश्यकता
- वर्ष 2025 तक भारत में लगभग दो करोड़ अनुपयोगी पुराने वाहन होंगे जो भारी पर्यावरण क्षति का कारण बनेंगे।
- भारत को हरित अर्थव्यवस्था की दिशा में आगे ले जाने के लिए कबाड़ नीति को एक साधन के रूप में प्रयोग करने का सुअवसर है।
- BS-VI (Bharat Stage VI) उत्सर्जन मानकों व इलेक्ट्रिक वाहन प्रोत्साहन नीतियों को लागू किया जा रहा है जिसमें पुराने वाहनों के उचित प्रबंधन की आवश्यकता है।
- प्रदूषित नगरों में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के अंतर्गत पुराने वाहनों को स्वच्छ वायु कार्यवाही के हिस्से के रूप में बाहर किया जाना है।
महत्व
- ऑटोमोबाइल उद्योग के लिए कच्चा माल सस्ते दामों पर उपलब्ध होगा क्योंकि नवीन वाहनों के उत्पादन में इन पुराने वाहनों से निकले प्लास्टिक, रबर, एलुमिनियम, तांबा जैसे धातु का प्रयोग किया जाएगा।
- इस नीति के लागू होने से नवीन वाहनों के उत्पादन में वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे भारतीय ऑटोमोबाइल उद्योग का आकार बढ़ाने में मदद मिलेगी
परख (PARAKH) [Performance Assessment Review and Analysis of Knowledge for Holistic Development]
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार यह राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अध्ययन परिणामों की निगरानी हेतु मानकीकृत परीक्षण के लिए दिशा निर्देश देगा।
खाद्य एवं कृषि संगठन (FAO) की 75 वीं वर्षगांठ
- 16 अक्टूबर 2020 को FAO की 75 वीं वर्षगांठ मनाई गई। भारत ने इस अवसर पर ₹75 मूल्य के स्मारक सिक्का जारी किया है।
FAO के बारे में
- यह संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भूख समाप्त करने हेतु किए जाने वाले प्रयासों का नेतृत्व करती है।
- मुख्यालय- रोम, इटली
- स्थापना- 16 अक्टूबर 1945
थाईलैंड में विरोध प्रदर्शन
- पहले थाईलैंड की सेना के प्रमुख रहे ‘प्रयुत्त चान-ओ-चा’ 2014 में तख्तापलट कर देश की सत्ता हथिया ली थी। उनके ही नेतृत्व में 2016 में थाईलैंड का नया संविधान तैयार हुआ था।
- थाईलैंड में 2019 में चुनाव भी हुए थे जिसमें ‘प्रयुत्त’ की पार्टी को जीत मिली थी हालांकि लोगों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने अपनी ताकत के बल पर चुनाव जीता है तभी से उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं।
प्रदर्शनकारियों की प्रमुख मांगे
- वर्तमान प्रधानमंत्री को पद से हटाया जाए।
- एक नया संविधान।
- कार्यकर्ता के उत्पीड़न का अंत।
- राजतंत्र में सुधार की मांग।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Anand Yadav
Geography team mppg college ratanpura mau
Surjit Gupta
Saty Prakash Gupta
Shubham Singh
Akhilesh Kumar
Sujit Kumar Prajapti