विश्व कुष्ठ रोग दिवस 2021
सन्दर्भ
- दुनिया भर में हर साल जनवरी के अंतिम रविवार को विश्व कुष्ठ रोग दिवस के रूप में मनाया जाता है।
- इस वर्ष विश्व कुष्ठ रोग दिवस 31 जनवरी को आयोजित किया गया।
- इस रोग के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने और इसकी रोकथाम, इलाज और उपचार किया जा सकता है।
विषय – “Beat Leprosy, End Stigma and advocate for Mental Wellbeing ” है.
इस दिन का इतिहास
- शुरुआत 1954 में फ्रांस के समाजसेवी और लेखक राउल फोलेरो (Raoul Follereau) ने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि के रूप में की थी, जिन्हें कुष्ठ रोग से पीड़ित लोगों की सहायता की थी।
क्या है leprosy?
- यह बेसिलस, माइकोबैक्टीरियम लेप्राई (M. laprae) के कारण होता है।
- इस रोग के लक्षण आम तौर पर औसतन 5 साल में संक्रमण होने की लंबी अवधि के बाद होते हैं, क्योंकि एम लेप्राइ बहुत धीरे-धीरे बढ़ता है।
- त्वचा, परिधीय नसों, ऊपरी श्वसन पथ के श्लेष्म और आंखों को प्रभावित करता है।
एंटी-डोपिंग रेफरेंस मैटेरियल
चर्चा में क्यों
- केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्री, किरेन रिजिजू ने एंटी-डोपिंग के क्षेत्र में रासायनिक परीक्षण में उपयोग के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ सामग्री लॉन्च की है.
- एक संदर्भ सामग्री राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (NDTL) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (NIPER), गुवाहाटी द्वारा संयुक्त रूप से संश्लेषित की गई है.
- NDTL और NIPER गुवाहाटी के बीच समझौता ज्ञापन (MoU) पर अगस्त 2020 में हस्ताक्षर किए गए थे, जो 3 वर्षों की अवधि के दौरान 20 शायद ही उपलब्ध संदर्भ सामग्री (RM) को संश्लेषित करने का प्रस्ताव रखता है.
संदर्भ सामग्री क्या है?
- यह संदर्भ सामग्री (RM), NDTL द्वारा विश्व स्तर पर शायद ही उपलब्ध RM में से एक के रूप में पहचानी गई है और इसका उपयोग सभी विश्व एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) में मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में डोपिंग रोधी उपायों को मजबूत करने के लिए किया जाएगा.
महत्वपूर्ण तथ्य:
- वाडा के अध्यक्ष: सर क्रैग रीडी
- मुख्यालय: मॉन्ट्रियल, कनाडा.
- स्थापना: 10 नवंबर 1999.
‘फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव फोरम’
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से ‘फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव फोरम’ के चौथे संस्करण को संबोधित किया।
- फ्यूचर इन्वेस्टमेंट इनिशिएटिव (FII) को व्यापक रूप से ‘डेज़र्ट इन दावोस’ (Davos in the Desert) के रूप में वर्णित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
वैश्विक व्यापार को प्रभावित करने वाले पाँच बड़े रुझानों को रेखांकित किया:
- प्रौद्योगिकी एवं नवाचार का प्रभाव
- वैश्विक वृद्धि के लिये बुनियादी ढाँचे का महत्त्व
- मानव संसाधन में हो रहे बदलाव और कार्य का भविष्य
- पर्यावरण के लिये सहानुभूति
- संपूर्ण समाज और सरकार के दृष्टिकोण पर केंद्रित व्यापार अनुकूल प्रशासन।
भारत द्वारा रेखांकित पहलें
- स्वदेशी नवाचार के लिये
- बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने के लिये
- मानव संसाधन के लिये।
- व्यापार-अनुकूल गवर्नेंस के लिये।
- स्वास्थ्य देखभाल पर ज़ोर।
- दो वैक्सीन (कोविशील्ड और कोवैक्सीन) के साथ विश्व के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान की शुरुआत की है।
- सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया जल्द ही सऊदी अरब को कोविशील्ड वैक्सीन की डिलीवरी करेगा।
BCCI के नये सचिव
सन्दर्भ
- BCCI के पदस्थ सचिव जय शाह को एशियाई क्रिकेट परिषद (ACC) के नए अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है.
- सबसे कम आयु के व्यक्ति होंगे।
- वह बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (BCB) के अध्यक्ष नजमुल हुसैन की जगह लेंगे।
प्रमुख बिंदु
- ACC एशिया का क्षेत्रीय प्रशासनिक निकाय है।
- इसमें वर्तमान में 24 सदस्य संघ हैं.
- एशिया कप टूर्नामेंट के आयोजन के लिए ACC उत्तरदायी है.
- COVID-19 महामारी के कारण एशिया कप के 2020 संस्करण को इस साल जून में स्थगित कर दिया गया था.
महत्वपूर्ण तथ्य:
- एशियन क्रिकेट काउंसिल मुख्यालय: कोलंबो, श्रीलंका.
- एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष: अमिताभ चौधरी.
- एशियाई क्रिकेट परिषद की स्थापना: 19 सितंबर 1983.
भारत में कछुआ संरक्षण
सन्दर्भ
हाल ही में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री द्वारा नई दिल्ली में समुद्री मेगा जीव श्रृ्ंखला के दिशा-निर्देश और राष्ट्रीय समुद्री कछुआ कार्ययोजना का दस्तावेज जारी किया गया है।
तथ्य
- भारत में 7500 से अधिक विशाल तटरेखा के साथ एक समृद्ध समुद्री जैव विविधता पायी जाती है ।
- मानवीय गतिविधियों के फलस्वरूप कई समुद्री जन्तुओ का अस्तित्व खतरे में आ गया है जिसमें समुद्री कछुआ एक प्रमुख संकटग्रस्त प्रजाति है।
आवश्यकता
- समुद्री स्तनधारी जीवों के संकट में फंसे होने, क्षतिग्रस्त होने , मृत्यु को प्राप्त होने और समुद्री कछुओं के संरक्षण के सम्बन्ध में कार्यवाही करने के लिए सरकार, समाज और सभी संबंधित हितधारकों के बीच समन्वय का सुझाव देता है।
- सम्पूर्ण विश्व में नौवहन, मत्स्यन ,व्यापार के लिए संचालनों से समुद्री कछुओं और उनके अंडे विनष्ट होने के कारण यह अपने कई प्राकृतिक निवासों से लुप्त हो गए हैं अथवा विलुप्त होने की स्थिति में हैं।
- IUCN ने इस प्रजाति को वर्तमान में लुप्त प्राय प्रजातियों की सूची में शामिल किया ।
कारण
- नारियल के पेड़ कोकस न्यूसीफेरा के बागान और कासुआराना वृक्ष, जो समुद्री तटो पर लगाए जाते हैं , प्रजनन के दौरान समुद्री कछुओं की मृत्यु का कारण बनते है।
- समुद्री कछुओं के अंडों और वयस्कों का शिकार और तटीय क्षेत्रों में विकासपरक गतिविधियों के कारण भी समुद्री कछुओं की संख्या में गिरावट देखी गई है।
- मछली पकड़ने की जाल में फँसे और घायल कछुओं स्थानीय लोगों के द्वारा मार दिया जाता है तथा उनके मांस का उपयोग किया जाता है ।
- कई बार तट पर कम हुई रेत को आपदा नियंत्रित करने के उद्देश्य से बढ़ाया जाता है, इससे समुद्री कछुओं के घोसलों के प्राकृतिक आवास नष्ट हो जाते है।ह
- गीदड़ों (कनीस एइरइस), लकड़बग्घे और जंगली कुत्ते भी व्यस्क कछुओं, अंडों और शिशु कछुओं के का शिकार करते हैं।
- समुद्री तथा तटीय पर्यटन में वृद्धि समुद्री कछुओं को उनके प्राकृतिक क्षेत्रों में घोसलें बनाने में बाधा उत्पन्न कर रही है
- इसके साथ ही वैश्विक तापन के प्रभाव से समुद्री जल स्तर तथा ताप में बढ़ोत्तरी समुद्री कछुओं के प्राकृतिक आवास तथा दैनिक दिनचर्या को नष्ट कर रही है।
- प्रदूषण (विशेष रूप प्लास्टिक प्रदूषण का बढ़ना ) इन कछुओं के लिए संकट उत्पन्न कर रहा है।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
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anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
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