अर्थव्यवस्था ( कृषि खंड )
सरकार की प्राथमिकता सूची में मोटा अनाज-
- मोटा अनाज केंद्र सरकार के साथ-साथ प्रांतीय सरकारों के पोषण अभियान में अधिक महत्व प्राप्त कर रहा है।
पृष्ठभूमि –तेजी से बढ़ता मृदा प्रदूषण, रसायन व उर्वरकों की कृषि में बढ़ता प्रयोग, गिरता भूजल स्तर, मौसमी प्रतिकूलता, कृषि की बढ़ती लागत तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में सरकार के बढ़ते निवेश के चलते मोटा अनाज एक बेहतर समाधान का विकल्प उपलब्ध कर रहा है। यही कारण है कि केंद्र व प्रांतीय सरकार ने इसे अपनी प्राथमिकता सूची में शामिल कर रही हैं। (मोटे अनाज – रागी, ज्वार, बाजरा। )
हाल में चर्चा का कारण-
- उड़ीसा सरकार द्वारा स्थानीय रूप से उत्पादित रागी को एकीकृत बाल विकास कार्यक्रम ( ICDS – integrated child development scheme ) तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में शामिल किया गया है। (मोटे अनाज रागी का वितरण का लक्ष्य है।)
- उल्लेखनीय है कि पोषण पर ध्यान देते हुए उड़ीसा सरकार द्वारा वर्ष 2017 में ही मिलेट मिशन शुरू किया गया जिसका लक्ष्य मोटा अनाज उत्पादन बढ़ाना था। वर्तमान पहल उसी योजना का अनुवर्ती रूप है।
प्रस्तावित योजना-क्रियान्वयन-PDS,ICDS, व राज्य सरकार द्वारा संचालित आवासीय स्कूल / छात्रावासों में खाद्य प्रणाली की हिस्से के रूप में ।
- रागी उत्पादन में वृद्धि हेतु सरकार द्वारा 1 किसानों को 3 वर्षीय अनुदान दिया जाएगा ।
- प्रथम वर्ष – 5000 रुपये/हेक्टेयर
- द्वितीय वर्ष – 3000रुपये/ हेक्टेयर
- तृतीय वर्ष – 1500 रूपये/ हेक्टेयर
मोटे अनाज का महत्व-
- कीट प्रतिरोधकता अधिक (अतः जलवायु परिवर्तन में लड़ने में अधिक सक्षम)
- रासायनिक खादों पर निर्भरता नहीं।
- अल्पावधि में तैयार होने वाली फसलें।
- अजैव प्रतिबलो – सूखा, बाढ़, चक्रवात, बेमौसम वर्षा से लड़ने या प्रतिरोध करने की क्षमता।
- लागत, श्रम व समय साध्य फसलें।
- पोषण प्रचुरता सक्षम फसलें (उल्लेखनीय है कि देश में करीब 10 लाख लोग सालाना कुपोषण से मरते हैं (उड़ीसा में 45 %बच्चे, 40% औरतें)
अन्य महत्त्व –
- परिस्थिति अनुकूल फसलें।
- रसायनों उर्वरकों /कीटनाशकों पर निर्भरता।
- सिंचाई समस्या / मशीनीकरण / यंत्रीकरण / छोटी जोत का विकल्प
पर्यावरण खंड
नमामि गंगे
पृष्ठभूमि – गंगा एक्शन प्लान-1985 , केंद्रीय गंगा नदी बेसिन अधिकरण के बाद गंगा सफाई से जुड़ी तीसरी बड़ी योजना नमामि गंगे है।
शुभारंभ – 2014
- क्रियान्वयन करने वाली एजेंसी केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प मंत्रालय।
उद्देश्य – गंगा प्रदूषण में कमी लाना / पुनर्जीवन प्रदान करना।
हाल में चर्चा का कारण –
- विश्व बैंक द्वारा ₹45 अरब के फंड जारी किया गया है।
- आवंटित धनराशि संबंधित मुख्य तथ्य
- नमामि गंगे का पहला चरण जो 2021 तक है-इसे विश्व बैंक द्वारा पहले ही 4535 करोड रुपए की राशि आवंटित की जा चुकी है।
- अब विश्व बैंक द्वारा पुनः 45 अरब रुपए 5 वर्ष की अवधि वाले अगले चरण हेतु मंजूर की है।
- आवंटित धनराशि का उपयोग प्रदूषण समाप्त करने में, प्रदूषण निरोध में तथा सफाई संबंधी अवसंरचनामक परियोजना को आगे बढ़ाने में।
- बक्सर, बेगूसराय, मुंगेर में चल रही BOT ( डिजाइन, बिल्ट, ऑपरेट, ट्रांसफर) परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में।
- आगरा, मेरठ, सहारनपुर में गंगा की सहायक नदियों पर तीन हाइब्रिड एन्युटी प्रोजेक्ट बनाने हेतु – (11 अरब रुपए)
My Gov करोना हेल्थडेस्क को CogX- 2020 पुरस्कार]
- हाल ही में My Gov करोना हेल्थडेस्क को दो श्रेणियों मे Cog X 2020 पुरस्कार दिया गया है।
- प्रथम covid-19 के लिए सर्वश्रेष्ठ नवाचार की श्रेणी में
- द्वितीय पीपुल्स च्वाइस (Poplies choice) की श्रेणी में
Cog X क्या है ?
- यह Artificail Intelligence (कृत्रिम बुद्धिमता) पर आयोजित एक सम्मेलन/आयोजन है।
- इसका आयोजन प्रतिवर्ष लंदन में किया जाता है जिसमें व्यापार सड़क उद्योग और अनुसंधान क्षेत्र से जुड़े लोग हिस्सा लेते हैं।
- यह पुरस्कार कृत्रिम बुद्धिमता में सर्वश्रेष्ठ नवाचारों तथा उभरती तकनीक के क्षेत्र में दिया जाता है।
My Gov
- यह भारत सरकार द्वारा संचालित दुनिया का सबसे बड़ा नागरिक संवाददाता मंच है
- यह सरकार व नागरिकों के बीच दोनों तरफ संचार की सुविधा देता है।
नागालैंड तथा अफस्पा –हाल में सरकार द्वारा सशस्त्र बल अधिनियम 1958
के तहत नागालैंड को 6 महीने के लिए अशांत क्षेत्र घोषित किया है। एक्सीलेरेट विज्ञान परियोजना
•इस योजना की शुरुवात विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (Dst) व विज्ञान इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) द्वारा किया है।
• इसका उद्देश्य देश में मानव संसाधन का निर्माण व वैज्ञानिक शोध कि गौरव को तीव्र करने हेतु।
• इस योजना के तीन व्यापक लक्ष्य हैं-
1-वैज्ञानिक कार्यक्रमों का एकत्रीकरण
2-संसाधनों से दूर अनुसंधान प्रशिक्षुओं के लिए स्तरीय कार्यशाला की शुरुआत।
3- अवसरों का सृजन करना
राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस
•प्रख्यात भारतीय डॉक्टर विद्यान चंद्र के जन्म दिवस (01 July 1882) को प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के रूप में मनाया जाता है (1991 से शुरुआत)।
•इस दिवस के आयोजन का मुख्य उद्देश्य समाज के प्रति चिकित्सकों के योगदान व उनकी प्रतिबद्धता के लिए उनका आभार व्यक्त करना है।
•इनकी मृत्यु भी 1 जुलाई को 1962 में हुई थीनेशनल चार्टर्ड अकाउंटेंट्स दिवस
- प्रतिवर्ष 1 जुलाई को मनाया जाता है।
- आयोजन का मुख्य उद्देश्य एक पारदर्शी अर्थव्यवस्था सुनिश्चित करने में (CA) chartered accountants की भी भूमिका को रेखांकित करना है।
- Institute of chartered accountants of India I C A I के द्वारा प्रतिवर्ष इस का आयोजन किया जाता है इसकी स्थापना 1994 में की गई थी।
- ध्यातव्य है कि ICAI भारत में एक वित्तीय ऑडिट और लेखा पेशे के लिए एकमात्र लाइसेंसिंग और नियामक निकाय है।
- ब्रिटिश सरकार में 1913 में सर्वप्रथम कंपनी अधिनियम पारित किया था।
प्रोफेशर रतनलाल और डॉक्टर उमा (कृषि विशेषज्ञ) UNO द्वारा
- हाल ही में संयुक्त राष्ट्र द्वारा टिकाऊ खाद्य प्रणालियों के लिए सर्वश्रेष्ठ वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध कराने वाले समूह में शामिल किया है।
Varified व Pause पहल
- UNO सोशल मीडिया पर फेक न्यूज़ रोकने के लिए।
समाज
आदिवासी कल्याण/ST-स्कीम
- मध्यप्रदेश में साहूकारी अधिनियम में बदलाव की तैयारी-उल्लेखनीय है कि आदिवासी बहुल क्षेत्रों में ब्याज पर पैसा देकर आदिवासियों का बड़े पैमाने पर साहूकारों द्वारा शोषण किया जाता रहा है।
- मध्य प्रदेश सरकार की पहल-साहूकारी अधिनियम में बदलाव होगा-आदिवासी क्षेत्रों में ब्याज पर ऋण पूर्णता प्रतिबंधित।
- ब्याज पर धन अर्थात सूदखोरी के लिए दंडात्मक प्रावधान किया जा रहा है।
- पहली बार में उल्लंघन पर 2-हजार जुर्माना दूसरी बार में 5- हजार जुर्माना व 2 साल की कैद।
- साहूकारों के लिए पंजीयन पंचायतों द्वारा।
- ब्याज दर पर फैसला सरकार करेगी।
- साहूकारी पंचायतों की इच्छा पर निर्भर होगा।
आदिवासियों से संबंधित पूर्व की अन्य योजनाएं/अधिनियम-
- ट्राइफेड-1987 (TRIFED-भारतीय जनजाति सहकारी विपणन निकाय परिसंघ)
- Sc/St अत्याचार उन्मूलन अधिनियम 1989 (2018- संशोधन)
- 338-क-ST-आयोग
- पेसा अधिनियम (पंचायती राज्य संबंधी)-1996
- जल-जंगल, जमीन-संबंधी -2006 का कानून ST और अन्य पारंपरिक वन निवासी अधिनियम-2006
- एकलव्य आवासीय विद्यालय-2018
PMGKY-प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना-
- कोविड-19 के प्रति प्रभाव से गरीबों को बचाने हेतु भारत सरकार द्वारा, इस योजना की घोषणा 25 मार्च 2020 को की गई थी।
योजना संबंधी अन्य तथ्य-
शुभारंभ-25 मार्च 2020
अवधि- पहले चरण में 3 महीने के लिए (अप्रैल- जून तक)। दूसरे चरण में विस्तार (जुलाई-नवंबर तक)
आवंटित राशि-1.70 लाख करोड़ (प्रथम चरण हेतु)
- 5 किलो मुफ्त अनाज 1 किलो चना नवंबर माह तक
लक्षित समूह-महिलाएं, बुजुर्ग, किसान (वंचित समूह) कुल 80 करोड आवंटित
अन्य-प्रवासी मजदूर
सहायता पद्धति-
- लक्षित समूह के अकाउंट में सीधे धनराशि डाली जाएगी (सीमित पैमाने पर राशन वितरण भी होगा)
- अब तक के 3 महीने में 20 करोड़ जनधन खाते में 31 हजार करोड रुपए जमा किए जा चुके हैं।
चुनौतियां-राज्यो द्वारा असहयोग/लेटलतीफी (खाद्य आपूर्ति मंत्रालय द्वारा इस आशय की चिंता जाहिर की गई है।)
- आवंटित धनराशि का पूर्ण उपयोग ना हो पाना (रामविलास पासवान -प्रवासी मजदूरों के लिए आवंटित 3400 करोड़ में से 40% राशि खर्च नहीं हो सकी।)
- पात्र चयन की समस्या
- लीकेज/ भ्रष्टाचार/प्रभावी क्रियान्वयन का अभाव।
साइबर सुरक्षा-
- आईआईटी कानपुर द्वारा उच्च स्तरीय कक्षाओं के पाठ्यक्रम में शामिल करेगा।
- छात्र साइबर क्राइम में एम टेक व शोध कर सकेंगे।
- साइबर अपराध पर होने वाले शोध, अनुभव धन तथा इस दिशा में प्रयासरत अन्य तकनीकी (IIT दिल्ली, खड़कपुर,IT प्रयागराज) को आर्थिक सहायता व समन्वय प्रदान करेगा।
- ऑनलाइन शैक्षिक कार्यक्रम चलाए जाएगें।
- विदेशी छात्र भी प्रशिक्षण ले सकेंगे।
- 100 से अधिक स्टार्टअप शुरू किया जाएगा।
जी-4 वायरस-
- चीन में वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया नया वायरस।
- 2009 के ‘स्वाइन फ्लू’ से मिलता जुलता है।
- जी-4 वायरस ‘H1N1 वायरस’ का रूप है।
Important fact-
- जी-4 वायरस का पूरा नाम ‘जी-4 EA H1N1’ (जी-4 ईए एच1 एन1)
- इस वायरस में मनुष्यों में महामारी फैलाने की क्षमता है।
- चीन में ‘सूअरों’के लिए निगरानी कार्यक्रम के दौरान इस वायरस का पता चला।
- निगरानी कार्यक्रम वर्ष 2011-18 के बीच चीन के 10 प्रांतों में सूअरों के 30,000 से अधिक स्वाब (swab) नमूनों को एकत्र करके शुरू किया गया था।
NOTE-यह वायरस “जूनोटिक संक्रमण” (पशु से मानव में) उत्पन्न कर सकता है। लेकिन व्यक्ति से व्यक्ति में संचरण के कोई सबूत नहीं है।
जीलैंडिया (Zealandia)
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में न्यूजीलैंड में GNS साइंस के शोधकर्ताओं ने “जीलैंडिया महाद्वीप” के आकार और विस्तार का मानचित्रण कर लिया है।
NOTE- यह मानचित्र वर्ष 2030 तक पृथ्वी के संपूर्ण महासागरीय तल का मानचित्रण करने हेतु एक वैश्विक पहल है।
परिचय-वर्ष 2017 में वैज्ञानिकों ने न्यूजीलैंड तथा इसके निकट महासागरीय सतह के नीचे 8वे महाद्वीप ‘जीलैंडिया’ के अस्तित्व की पुष्टि की।
- जीलैंडिया के कुल क्षेत्रफल का “2 मिलियन वर्ग मील” का 94% भाग महासागरीय सतह के नीचे है। 6% भाग समुद्र के ऊपर है।
NOTE- 2 मिलियन वर्ग मील (5 लाख वर्ग किलोमीटर)
- जीलैंडिया के 6% भाग (ऊपरी सतह) न्यूजीलैंड के उत्तरी और दक्षिणी द्वीपो तथा न्यूकैलिेडोनिया दीप के साथ स्थित है।
जीलैंडिया का उद्भव-
पैंजिया महाद्वीप (पृथ्वी के निर्माण के दौरान)-
गोंडवाना लैंड (द० भाग)
अफ्रीका, अंटार्कटिका, दक्षिण अमेरिका तथा आस्ट्रेलिया का निर्माण।
लारेशिया (उ० भाग)
यूरोप, एशिया, से उत्तरी अमेरिका का निर्माण
NOTE-
इसके अतिरिक्त, भूगर्भिक बलों द्वारा इन स्थलीय पिंडों को पुनर्व्यवस्थित करना जारी रहा तथा गोंडवाना से पृथक होने के 30 मिलियन से 50 मिलियन वर्ष पश्चात सबसे बड़ी टेक्नोनिक प्लेट-प्रशांत प्लेट के भाग के रूप में “जीलैंडिया” महासागरीय सतह के नीचे क्षेपित होता रहा है
• चीन भारत •
गलवान के बाद भारत की तैयारिया-
सीमा पर-
- अवसंरचनात्मक विकास को बल।
- सैन्य बलों की संख्या में वृद्धि व सीमा पर तैनाती।
- लड़ाकू विमानों की सीमावर्ती क्षेत्रों में बढ़ोतरी।
- कमांडर स्तर की वार्ता जारी।
आर्थिक स्तर पर-
- नए प्रोजेक्ट के लिए जारी होने निविदा नीति से चीन को बाहर करना।
- मौजूदा प्रोजेक्ट की समीक्षा।
- MSME मे भी चीनी निवेश को ढील।
- घरेलू कंपनियों को प्रोत्साहन हेतु नीतियों में उदारता।
- PPP निवेश भी प्रतिबंधित।
मुख्य वहिष्करण –
- टेलिकॉम सेक्टर(BSNLने 4G टेंडर रद्द किया)/चीनी ऐप (59 ऐप)
- सड़क/रेल परियोजनाओं पर नियम
अन्य स्तरो पर –
- रणनीतिक बदलाव के तहत हांगकांग पर चीन की घेराबंदी तिब्बत, ताइवान,शिजियांग पॉलिसी की समीक्षा।
- अन्य देशों से रणनीतिक आर्थिक व द्विपक्षीय/बहुपक्षीय संबंधों में प्रगाढ़ता का प्रयास।
- यूएसए में चीनी 5G पर प्रतिबंध, यूरोप में सुगबुगाहट
प्रतिभा पलायन (व्रेन ड्रेन)
सामान्य परिचय-
- विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार हर साल देश की करीब 7 लाख बच्चे विदेशो में पढ़ने के लिए जाते हैं। वहां पर वह करीब एक लाख करोड रुपए खर्च करते हैं। तथा पढ़ाई पूरी होने पर उनमें से अधिकांश जाब के चलते वहीं बस जाते हैं, ऐसी स्थिति दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
जिससे देश को उनकी प्रतिभा का पूरा फायदा नहीं मिल पाता है। तथा देश को प्रतिभा व पैसा दोनों का ही नुकसान उठाना पड़ता है।
हाल में चर्चा का कारण-
- कोविड-19 के चलते प्रतिभा पलायन में ठहराव आ गया है सरकार इसे शुभ मान रही है तथा इस अल्पकालिक विराम को स्थिरता देने के लिए नई नीतियां और योजनाएं क्रियान्वित करने की इच्छुक है।
प्रतिभा पलायन रोकने हेतु सरकार का संभावित प्रयास-
- JEE मेंस व नीट की आवेदन संबंधित समय सीमा में वृद्धि ( करीब डेढ़ लाख नए आवेदन हुए )
- नए पैकेज की घोषणा।
- नए कोर्स /बेहतर पाठ्यक्रम की तैयारी।
- बेहतर जॉब/ आकर्षक पैकेज की संभावनाए।
Team rudra
Shri Abhishek Kumar Verma
Shri Amarpal Verma
Shri Krishna
Shri Yograj Patel
Shri anil Kumar Verma
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar