स्टार्ट अप ग्राम उद्यमिता कार्यक्रम ( SVEP)
चर्चा में क्यों?
हाल ही में “सामुदायिक संसाधन व्यक्ति-उद्यम संवर्धन (CRP-EP) के लगभग 2000 प्रशिक्षित कैडर की सहायता से SVEP में प्रभावशाली प्रगति की है, जो 23 राज्यों के 153 ब्लाकों में व्यवसाय सहायता सेवाओं और पूंजी प्रेरित करने के बारे में सहायता प्रदान की है।
SVEP क्या है?
- दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ( DAY-NRLM) , ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा 2016 से एक उप-योजना लागू की है।
- उद्देश्य – ग्रामीणों को गरीबी से बाहर निकालना, उनकी उद्यम स्थापना में मदद करना, उद्यमों के स्थिर होने तक सहायता उपलब्ध कराना।
- भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (EDII) अहमदाबाद SVEP की तकनीकी सहयोगी है।
- SVEP “ व्यक्तिगत और समूह उद्यमों” दोनों को बढ़ावा देता है, यह मुख्य रूप से विनिर्माण, व्यवसाय और सेवा क्षेत्र में उद्यमों की स्थापना को प्रोत्साहन देता है।
नोट – CRP-EPs प्रमाणित होते हैं और उद्यमियों को व्यवसायिक सहायता सेवाएं उपलब्ध कराते हैं।
- SVEP का उद्देश्य CRP-EP को विकसित करना,जो स्थानीय है और ग्रामीण उद्यमों की स्थापना करने में ग्रामीण उद्यमियों की मदद करता है।
राष्ट्रीय bio-pharma मिशन (NBM)
चर्चा में क्यों?
हाल ही में, वायरल टीकों की नैदानिक इम्यूनोजेनिसिटी का मूल्यांकन करने के लिए “national immunogenicity and biology evaluation centre ( NIBEC)” का उद्घाटन किया गया है।
नोट – NIBEC को “ भारतीय विद्यापीठ विश्वविद्यालय” द्वारा अपने घटक इकाई “interactive research school for health Affairs”और “BIRAC-DBT” भारत सरकार द्वारा NBM मिशन के माध्यम से संयुक्त रूप से स्थापित किया गया है।
NBM क्या है?
- भारत की जनसंख्या के स्वास्थ्य मानकों में सुधार के उद्देश्य से देश में किफायती उत्पादों को वितरित करने के लिए समर्पित है।
- भारत में बायोफार्मा सिटिकल विकास में तेजी लाने के लिए एक उद्योग शैक्षणिक सहयोग मिशन है।
- 2017 में 1500 करोड़ रुपए की लागत से आरंभ ( विश्व बैंक के ऋण द्वारा 50% सह-वित्तपोषित है)
- कार्यान्वयन BIRAC द्वारा
- इस मिशन के तहत सरकार ने जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में उद्यमिता और स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए एक सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बनाने हेतु “इन्नोवेट इन इंडिया ( i3) कार्यक्रम शुरू किया है।
नोट –
- जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ( DBT) द्वारा स्थापित एक “गैर-लाभकारी सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है।
- BIRAC राष्ट्रीय स्तर पर प्रसांगिक उत्पाद विकास आवश्यकताओं को पूरा करते हुए रणनीतिक अनुसंधान और नवाचार को संचालित करने के लिए उभरते हुए बायोटेक्नोलॉजी एंटरप्राइज को सशक्त बनाने हेतु एक इंटरफ़ेस उद्यम है।
विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (FCRA)
चर्चा का कारण
हाल ही में सरकार द्वारा विभिन्न कारणों से 4 ईसाई समूहों के लिए FCRA अनुमति को निलंबित कर दी है।
नोट –
- किसी भी संगठन को विदेशी अनुदान प्राप्त करने के लिए गृह मंत्रालय से FCRA अनुमति लेना अनिवार्य होता है।
- भारत में स्वयंसेवी संगठनों के लिए विदेशी अनुदान को FCRA के तहत विनियमित तथा गृह मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित किया जाता है।
FCRA, 2010 प्रावधान
- इन संगठनों को प्रत्येक 5 वर्ष में FCRA से पुनः पंजीकृत कराना आवश्यक है ( FCRA- 2010 के तहत दिया गया प्रमाण पत्र 5 साल के लिए वैध होता है)
- संशोधित FCRA के तहत पंजीकृत अथवा अनुमति प्राप्त सभी NGOs को अपनी वेबसाइट पर अथवा FCRA वेबसाइट पर प्रति 3 महीने में प्राप्त होने वाले तथा उपयोग किए गए विदेशी अनुदान का विवरण अपलोड करना होगा।
- NGOg को हार्ड कॉपी संस्करण के साथ-साथ अपने वार्षिक रिटर्न ऑनलाइन दाखिल करना आवश्यक होगा।
विदेशी अनुदान ग्रहण करने हेतु कौन पात्र नहीं
- चुनावी उम्मीदवार
- सांसद और विधायक
- राजनीतिक दल या पदाधिकारी
- राजनीतिक प्रकृति का संगठन
- पंजीकृत समाचार पत्र के संवाददाता,स्तंभकार, कार्टूनिस्ट, संपादक,मालिक, प्रिंटर या प्रकाशक।
- न्यायाधिश, सरकारी कर्मचारी, सरकार के स्वामित्व वाले किसी भी निगम अथवा किसी अन्य निकाय के कर्मचारी
- किसी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ऑडियो न्यूज़, ऑडियो विजुअल न्यूज़ या करंट अफेयर्स प्रोग्राम के उत्पादन या प्रसारण में संलग्न एसोसिएशन अथवा कंपनी केंद्र सरकार द्वारा विशेष रूप से निषिद्ध कोई अन्य व्यक्ति या संगठन।
अनुदान प्राप्त करने हेतु पंजीकरण के लिए पात्रता मानदंड
- संगठन को “सोसायटी पंजीकरण अधिनियम- 1860” के अंतर्गत अथवा “भारतीय ट्रस्ट अधिनियम -1882” या “कंपनी अधिनियम 2013 की धारा 8” के तहत पंजीकृत होना चाहिए।
- संस्था कम से कम 3 साल से कार्यरत हो
- संस्था द्वारा समाज की भलाई हेतु अपने क्षेत्र में उल्लेखनीय गतिविधिया की हो तथा समाजसेवी गतिविधियों पर पिछले 3 वर्षों में कम से कम ₹10 लाख की राशि खर्च की गई हो।
मोपला विद्रोह स्वतंत्रता सेनानी नहीं : रिपोर्ट
- केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद के संयोग से वर्ष 2019 में प्रकाशित ‘शहीदों की डिक्शनरी’ जिसमें मोपला नरसंहार के मुख्य नेता वरियाम कुननाथ कुंजामहम्द हाजी और अली मुसलियार को शहीद का दर्जा दिया गया था।
प्रमुख बिंदु
- हालांकि भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (ICHR) द्वारा गठित एक समिति की रिपोर्ट में 387 मोपला विद्रोहियों के नाम (मुख्य नेता भी) शहीदों की सूची से हटाने की मांग की गई।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि कुजामहम्मद हाजी ने 1921 में हुए मोपला विद्रोह में असंख्य व्यक्तियों को कत्लेआम कर शवों को एक कुएं में फेंक दिया जिसे स्थानीय भाषा में ‘थोवूर किनार’ कहा गया।
- मोपला विद्रोह सांप्रदायिक विद्रोह था।
- मोपला विद्रोह केरल के मालाबार में अंग्रेजों व हिंदू जमींदारों के विरुद्ध मोपलाओ (मालाबार के मुसलमान) द्वारा किया गया विद्रोह था।
- 2021 में मोपला विद्रोह के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे।
SCO
- वर्तमान में शंघाई सहयोग संगठन के रक्षा मंत्रियों तथा विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की जा रही है।
SCO के विषय में
- स्थापना- 2001
- स्थाई अंतर सरकारी संगठन
- आधिकारिक भाषा रूसी व चीनी
- SCO का चार्टर पीट्सवर्ग (2002) में बना। लागू- 2003 में।
- भारत, पाकिस्तान, चीन, रूस, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, किर्गिस्तान।
- सचिवालय- बीजिंग
- क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी संरचना (RATS) का कार्यालय- ताशकंद
G-20
- सऊदी अरब (2020) लीडर्स समिट की मेजबानी करेगा।
- G-20 शिखर सम्मेलन को औपचारिक रूप में वित्तीय बाजार एवं वैश्विक अर्थव्यवस्था शिखर सम्मेलन के रूप में जाना जाता है।
- विश्व की 85% GDP पर नियंत्रण
- 2/3 जनसंख्या निवास करती है।
- 1999 में पहली बैठक (बर्लिन) में
- कोई स्टाफ नहीं, कोई कार्यालय नहीं।
- 1999 में G-20 के वित्त मंत्रियों तथा केंद्रीय बैंक के गवर्नर की एक बैठक के रूप में इसकी कल्पना।
- 2008 से राष्ट्राध्यक्ष भी शामिल।
- सदस्य- चीन, भारत, रूस, दक्षिणी कोरिया, तुर्की, जापान, सऊदी अरब, इंडोनेशिया, अमेरिका, कनाडा, मेक्सिको, ब्राजील, अर्जेंटीना, उत्तरी अफ्रीका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, एवं यूरोपीय संघ।
- G-20 + विकासशील देशों का एक समूह।
- स्थापना- 2003 (WTO के लिए आयोजित सम्मेलन के द्वारा- काकुन)
राज्यों की व्यापार सुविधा कार्य योजना (BRAP) रैंकिंग
- उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा BRAP रैंकिंग का चौथा संस्करण जारी।
- 2015 से आरंभ
- 180 मुख्य मानकों के आधार पर।
BRAP के तहत रैंकिंग- 2019
1- आंध्र प्रदेश
2- उत्तर प्रदेश- 2018 में 12वीं रैंकिंग
3- तेलंगाना
4- मध्य प्रदेश
5- झारखंड
रूस-जर्मनी के बीच तनाव
- हाल ही में रूसी विपक्षी नेता ‘अलेक्सी नवलनी’ को जहर देने को लेकर दोनों देशों के मध्य तनाव गहरा गया है।
- जर्मनी ने दावा किया है कि ‘अलेक्सी नवलनी’ को जहर देने के लिए सोवियत युग के नोविचोक नामक एक नर्व एजेंट (विषाक्त जहर) का प्रयोग किया था।
- जर्मनी जो वर्तमान में ‘यूरोपीय संघ’ (EU) का अध्यक्ष है, ने कहा है कि यदि रूस अलेक्सी नवलनी मामले में स्पष्टीकरण देने में विफल रहता है तो वह यूरोपीय संघ की बैठक में रूस के खिलाफ संभावित प्रतिबंधों पर चर्चा करेगा।
- अनुमान लगाया जा रहा है कि यूरोपीय संघ ‘नार्ड स्ट्रीम2’ पर प्रतिबंधों को लेकर चर्चा कर सकता है।
- नॉर्ड स्ट्रीम 2 (Nord Stream2)
- इस ऊर्जा निर्यात परियोजना के तहत ‘बाल्टिक सागर’ के माध्यम से रूस से जर्मनी तक लगभग 1200 किलोमीटर की पाइप लाइन का निर्माण कर रहा है।
पुराने तापीय विद्युत संयंत्रों को बंद करने का सुझाव
- हाल में ‘क्लाइमेट रिसर्च होराइजन’ नामक शोध संस्थान द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश के 11 राज्यों में 20 वर्ष पुराने तापीय विद्युत संयंत्रों को बंद करने से सरकार को अगले 5 वर्षो में 53000 करोड रुपए की बचत हो सकती है।
रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु
- कोविड-19 महामारी के कारण विद्युत मांग में गिरावट और राजस्व उगाही से जुड़ी समस्याओं के कारण विद्युत वितरण कंपनियों का बकाया बढ़कर 1,14,733 करोड़ रुपए हो गया है।
- उदय योजना (Ujwal Discom Assurance Yojana- UDAY) जैसे प्रयासों के बाद भी उनकी स्थिति और बिगड़ती गई है।
- भारत में कुल उत्पादित विद्युत लगभग 53% कोयला आधारित संयंत्रों से ही आता है।
- इस विश्लेषण में 11 राज्यों (आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल) को शामिल किया गया था।
- पूरे देश में विद्युत वितरण कंपनियों या डिस्कॉम द्वारा कुल बकाया राशि का लगभग आधा इन्हीं राज्यों से है।
- पुराने संयंत्रों को बंद करने से सरकार को 2 तरीके से लाभ होगा-
1– पुराने तापीय विद्युत संयंत्रों से उत्सर्जन कम करने के लिए मरम्मत और अतिरिक्त उपकरण के खर्च से मुक्ति
2- नवीकरणीय ऊर्जा विकल्पों की कम लागत से होने वाली बचत।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Anand Yadav
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar
- Sujit Kumar Prajapti