मार्थोमैन जैकोबाइट सीरियन कैथेड्रल चर्च
चर्चा का कारण
हाल ही में केरल सरकार द्वारा एर्नाकुलम जिले के मूलथुरुथी में स्थित मार्थोमैन जैकोबाइट सीरियन कैथेड्रल चर्च को अपने नियंत्रण में लिया जिसका कारण एक प्रमुख गैर कैथोलिक ईसाई समुदाय मलंकरा चर्च के जैैैकोबाइट एवं रूढ़िवादी गुटों के बीच विवाद था।
प्रमुख बिंदु
- मलंकरा चर्च 1912 में पहली बार जैकोबाइट एवं रूढ़िवादी समूह में विभाजित हुआ किंतु 1959 में पुनः एक हुए तथा 1972 – 73 में पुनः अलग हुए। तभी से दोनों समूहों में आपसी विवाद चल रहा है तथा चर्च का प्रबंधन जैकोबाइट गुट के पास था किंतु 2017 में सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय से चर्च का स्वामित्व रूढ़िवादी गुट के पास चला गया किंतु अभी तक रूढ़िवादी गुट को स्वामित्व संभालने नहीं दिया गया था। इसलिए केरल उच्च न्यायालय के निर्देश पर सरकार ने स्वामित्व अपने हाथ में लिया।
- ज्ञातव्य है कि केरल के कुल ईसाई आबादी का 61% हिस्सा कैथोलिकों का है तथा मलंकरा चर्च के अंतर्गत कुल ईसाई आबादी का 15.9% लोग आते हैं।
- मार्थोमैन जैकोबाइट सीरियल कैथेड्रल/ मूलथुरूथी चर्च की स्थापना 1200 ई. में गोथिक वास्तुकला के आधार पर की गई है।
निषिद्ध घोषित क्षेत्र में कोयला खनन
चर्चा का विषय
- हाल ही में पर्यावरण मंत्रालय द्वारा घने वन क्षेत्रों में कोयला खनन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है जबकि इन क्षेत्रों में कोयला के बड़े भंडार हैं। इस प्रतिबंध से कोयला आधारित बिजली परियोजनाओं के संचालन में बाधा की आशंका जताई जा रही है।
मुख्य बातें
- वर्ष 2009 में पर्यावरण तथा कोयला मंत्रालय ने देश के वन क्षेत्रों को दो भागों में विभाजित किया तथा निषिद्ध क्षेत्रों में कोयला खनन को प्रतिबंधित कर दिया। वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत वन क्षेत्रों को प्राथमिकता देना इस प्रक्रिया का प्रमुख उद्देश्य है।
- इस नीति की आलोचना के तहत कहा जा रहा है कि इस अवधारणा का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है क्योंकि इसे वन संरक्षण अधिनियम 2003 या पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के किसी भी परिपत्र के तहत अनिवार्य नहीं किया गया है।
स्वच्छ सर्वेक्षण-2020
- यह देश के वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण का पांचवां संस्करण है।
- इस कार्यक्रम का आयोजन भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है।
- इसकी शुरुआत स्वच्छता मिशन में लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने तथा भारत को सबसे स्वच्छ शहर बनने की दिशा में शहरों के बीच एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा भावना पैदा करने के उद्देश्य से की गई।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2016 में 73 शहरों की रेटिंग की गई।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2017 में 434 शहरों का सर्वेक्षण किया गया।
- स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में 4203 शहरों की रेटिंग की गई।
- स्वच्छता सर्वेक्षण 2019 में 4237 शहरों को शामिल किया गया तथा यह पहला डिजिटल सर्वेक्षण भी था।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 में 4242 शहरों का सर्वेक्षण किया गया।
- स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 मात्र 28 दिनों में संपन्न हुआ।
- 1.7 करोड़ लोगों ने स्वच्छता एप पर पंजीकरण कराया।
- स्वच्छ भारत मिशन शहरी के लिए आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के साथ यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट ( USAID) बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाऊंडेशन तथा गूगल ने सहयोग किया।
- पहले संस्करण ( 2016) में मैसूर (कर्नाटक) सबसे स्वच्छ शहर रहा जबकि इंदौर (MP) लगातार तीन वर्षों ( 2017, 2018,2019) में शीर्ष पर रहा।
स्वच्छ सर्वेक्षण लीग – शहरों के जमीनी प्रदर्शन के निरंतर मूल्यांकन एवं स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए शुरुआत।
इसमें तीन तिमाहियों में शहरों एवं कस्बों का एक त्रैमासिक स्वच्छता मूल्यांकन किया गया।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अधिवक्ताओं की नियुक्ति
- हाल ही में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा 6 अधिकारियों को दिल्ली उच्च न्यायालय में न्यायाधीश बनाया गया।
अनुच्छेद- 217 का प्रावधान
- इसके अंतर्गत उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप मे नियुक्ति के लिए व्यक्ति कम से कम 10 वर्षों के लिए भारत के राज्य क्षेत्र में न्यायिक पद पर काम किया हो।
- अथवा कम से कम 10 वर्षों तक किसी उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रहा हो।
PM-Cares का आडिट नही : उच्चतम न्यायालय
संदर्भ
- हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रधानमंत्री केयर फंड पर फैसला सुनाया गया है।
NOTE
- सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन(CPIL) नामक NGO द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर एक याचिका में केंद्र सरकार को पीएम फंड में प्राप्त राशि के लिए NDRF में हस्तांतरित करने हेतु निर्देश देने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के प्रमुख बिंदु
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा पीएम केयर्स फंड और NDRF दोनों कोष पूरी तरह से अलग-अलग उद्देश्यो के लिए हैं।
- पीएम केयर्स फंड एक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट है, अतः भारत के CAG द्वारा इसके लेखा परीक्षण की कोई आवश्यकता नहीं है।
- न्यायालय ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम- 2005 के तहत एक नई राष्ट्रीय योजना के निर्णय को भी खारिज कर दिया।
NOTE
- न्यायालय ने कहा है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम- 2005 की धारा 46 (1)(b) के अनुसार किसी व्यक्ति अथवा संस्था द्वारा NDRF में स्वैच्छिक अंशदान अनुदान करने पर कोई वैधानिक प्रतिबंध नहीं है।
- न्यायालय ने आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा -12 के तहत सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों तथा न्यूनतम राहत मानकों में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।
पीएम केयर्स फंड के बारे में
- स्थापना 28 मार्च 2020 को पंजीकरण अधिनियम 1908 के तहत एक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में।
- इस ट्रस्ट के लिए कोई बजटीय अनुदान अथवा कोई सरकारी सहायता प्राप्त नहीं होती है।
- गठन कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए।
NOTE
- प्रधानमंत्री पीएम केयर्स फंड के पदेन अध्यक्ष और रक्षा मंत्री, गृह मंत्री तथा वित्त मंत्री भारत सरकार निधि के पदेन न्यासी होते हैं
धनवंतरि रथ : आयुर्वेद संबंधी स्वास्थ्य सेवाएं
संदर्भ – दिल्ली पुलिस के आवासीय कॉलोनियों में संरक्षणकारी एवं संवर्धन कारी स्वास्थ्य सेवाओं को आयुर्वेदिक पद्धति पहुंचाने के लिए दिल्ली पुलिस और अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) ने एक MOU पर हस्ताक्षर किए हैं। ये सेवाएं “धनवंतरी रथ” नामक एक चलती फिरती इकाई तथा पुलिस कल्याण केंद्रों के माध्यम से प्रदान की जाएगी ।
Imp Facts
- इनका लक्ष्य आयुर्वेदिक निवारक स्वास्थ देखभाल सेवाओं के माध्यम से दिल्ली पुलिस के परिवारों को लाभान्वित करना है।
महत्त्व –
- विभिन्न रोगों के प्रसार और अस्पतालों में रेफरल की संख्या को कम करने में सहायता मिलेगी जिससे रोगियों की संख्या के साथ साथ स्वास्थ्य प्रणालियों की लागत में भी कमी आएगी।
Note – इससे पहले दिल्ली पुलिस और AIIA के एक संयुक्त कार्यक्रम के रूप में “आयु रक्षा (AYU RAKSHA)” की शुरुआत की गई थी। आयुर्वेदिक प्रतिरक्षा बढ़ाने के उपायों के माध्यम से दिल्ली पुलिस के कर्मियों जैसे फ्रंटलाइन कोविड योद्धाओं के स्वास्थ्य को सही बनाए रखने के लिए इसका शुरूआत किया गया था।
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA)-नई दिल्ली
- आयुष मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन है।
- आयुर्वेद के लिए शिर्ष संस्थान है।
- लक्ष्य – आयुर्वेद के पारंपरिक ज्ञान और आधुनिक उपकरणों एवं प्रौद्योगिकी के बीच एक तालमेल स्थापित करना।
- यह संस्थान आयुर्वेद के विभिन्न विषयों में स्नातकोत्तर और डाक्टरेट पाठ्यक्रम प्रदान करने के साथ-साथ आयुर्वेद औषधि विकास मानकीकरण , गुणवत्ता नियंत्रण, सुरक्षा मूल्यांकन और आयुर्वेद चिकित्सा के वैज्ञानिक सत्यापन के मौलिक अनुसंधान पर केंद्रित है।
आयुर्वेद –
- आयुर्वेद ‘आयु’ और ‘वेद’ नामक दो शब्दों से बना है जिसका अर्थ “जीवन विज्ञान”
- इसके अनुसार व्यक्ति के शरीर में वात पित्त और कफ जैसे तीनों मूल तत्व के संतुलन से कोई भी बीमारी नहीं हो सकती आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने पर बल दिया जाता है
Note – अथर्ववेद – आयुर्वेदिक जानकारी से संबंधित आयुर्वेद अथर्ववेद की उपशाखा है।
Note – आयुष ( आयुर्वेद योग और प्राकृतिक चिकित्सा यूनानीसिद्ध और होम्योपैथी ) मंत्रालय का गठन 2014 में स्वास्थ्य देखभाल के आयुष प्रणालियों के विकास और प्रसार सुनिश्चित करने के लिए।
जन्म स्थान के आधार पर आरक्षण
संदर्भ – हाल ही में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि सरकारी नौकरियां राज्य के बच्चों के लिए आरक्षित होगी और इसके लिए कानूनी प्रावधान तैयार किए जाएंगे।
विपक्ष में तर्क –
- भारत के संविधान में अनुच्छेद 16 , अनुच्छेद 16 ( 1 ) अनुच्छेद 16 (2) सरकारी नौकरियों में अवसर की समानता को संदर्भित करता है।
- अधिवास और निवास के आधार पर आरक्षण का अर्थ भेदभाव होगा क्योंकि मात्र न्यूनतम प्रस्थान भी एक मेधावी उम्मीदवार को उसके मौलिक अधिकारों से वंचित करता है।
- इस तरह के संकीर्णता क्षेत्रीयता को प्रोत्साहित करते हैं और राष्ट्र की एकता के लिए खतरा है।
पक्ष में तर्क –
- अनु० 16(3) , निवास (न कि जन्मस्थान) के आधार पर सरकारी नियुक्तियों में प्रावधान करने की अनुमति देता है।
- प्राय: कुछ राज्य जैसे महाराष्ट्र ,जम्मू-कश्मीर ,पश्चिम बंगाल, कर्नाटक आदि स्थानीय लोगों के लिए सरकारी नौकरियों को आरक्षित करने के लिए कानून में मौजूद खामियों का उपयोग करते रहते हैं। इसके लिए वे भाषा या एक निश्चित अवधि के लिए राज्य में निवास या अध्ययन का प्रमाण पत्र जैसे मानदंडों का इस्तेमाल करते हैं।
- इस संदर्भ में अक्सर यह तर्क दिया जाता है कि राज्य के निवासियों को अधिमान्य उपचार देने से राज्य के संसाधनों के सही आवंटन में मदद मिलेगी और लोगों को अपने राज्य की सीमाओं के भीतर काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।
- इससे पिछड़े राज्यों के महानगरों में लोगों के प्रवास को रोकने के तरीकों के रूप में देखा जाता है जिससे ऐसे शहरों पर बोझ कम हो जाता है।
Note – अधिवास स्थिति और जन्मस्थान के बीच अंतर
- डी पी जोशी बनाम भारत के मामले 1955 ने SC के निर्णय अनुसार आदिवासी या निवास स्थान एक प्रवासी अवधारणा है अर्थात जन्म स्थान के विपरीत यह समय समय पर बदल सकती है परंतु जन्म स्थान निश्चित होता है।
- अधिवास का अर्थ किसी व्यक्ति का स्थाई निवास जन्म स्थान उन आधारों में से एक है जिस आधार पर आधिवास का दर्जा दिया जाता है।
SC का निर्णय – वर्ष 2019 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने UPSSSC द्वारा जारी एक भर्ती अधिसूचना पर रोक लगा दी थी जिससे उन महिलाओं के लिए वरीयता निर्धारित की गई थी जो राज्य की मूल निवासी थी।
- पूर्व में दिए गए निर्णय- कैलाश चंद्र शर्मा बनाम राजस्थान राज्य के मामले 2002 ,डी पी जोशी बनाम भारत सरकार मामले 1955
आगे की राह
- राज्य में जन्म लेने वाले उम्मीदवारों को आरक्षण देने का कदम संवैधानिक समानता और बंधुत्व की भावना के विरुद्ध है।
- सरकार गारंटी के रूप में रोजगार प्रदान करने वाली कोई एजेंसी नहीं है बल्कि एक प्राधिकरण है जो अपनी नीतियों के माध्यम से एक ऐसा वातावरण तैयार करती है जो आय स्थिति सुविधाओं और अवसरों में असमानताओ को कम करता है ।
- इस प्रकार के निर्णय लेते समय सरकार को संविधान की मूल भावना को ध्यान में रखना चाहिए।
स्वदेशी माइक्रोप्रोसेसर चैलेंज
- आत्मभारत भारत के लिए एक प्रकार का नवाचार
- इसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप, नवाचार तथा अनुसंधान के लिए मजबूत पारितंत्र को गति प्रदान करना है।
- IIT मद्रास तथा C-DAC ने ओपन सोर्स आर्किटेक्चर का उपयोग करते हुए शक्ति व वेगा नामक दो माइक्रोप्रोसेसर विकसित किए हैं।
- उल्लेखनीय है कि माइक्रोप्रोसेसर एक VLSI (Very long scale integration) डिवाइस है तथा VLSI एक सिंगल चिप में हजारों ट्रांजिस्टर लगा कर एक एकीकृत सर्किट बनाने की क्रिया है। VLSI का निर्माण 1970 के दशक से आरंभ हुआ है।
थैलीेसीमिया स्क्रीनिंग एवं परामर्श केंद्र
- विश्व के लगभग 270 मिलियन लोग थैलीसीमिया से पीड़ित हैं।
- भारत में प्रत्येक वर्ष थैलीसीमिया मेजर से ग्रसित लगभग 10000-15000 बच्चों का जन्म होता है।
- बीटा ग्लोबिन जीन के विलुप्त होने से थैलीेसीमिया मेजर नामक गंभीर रोग विकसित होता है। ऐसे लक्षण आमतौर पर बच्चे के दूसरे जन्मदिन से पहले दिखाई पड़ते हैं। इस स्थिति से संबंधित गंभीर एनीमिया जानलेवा साबित हो सकता है।
- थैलीसीमिया इंटरमीडिया एक गंभीर आनुवंशिक रक्त विकार है जिसे क्यूलेस भी कहा जाता है। यह शरीर की एडल्ट हीमोग्लोबिन के उत्पादन करने की क्षमता को कम कर देता है और एनीमिया का कारण बनता है।
- बोनमैरो ट्रांसप्लांटेशन इसका एक मात्र इलाज है जो कि काफी महंगा है।
निंजा यूएवी (NINJA UAVs)
- हाल ही में भारतीय रेलवे ने रेलवे की सुरक्षा के लिए ड्रोन आधारित निगरानी प्रणाली ‘निंजा यूएवी’ (मानवरहित हवाई वाहन) का शुभारंभ किया।
विशेषताएं
- ये ड्रोन रियल टाइम ट्रैकिंग, वीडियो स्ट्रीमिंग में सक्षम है।
- इसे ऑटोमेटिक फेल सेफ मोड पर संचालित किया जाता है।
- यह सीमित जनशक्ति के उपयोग में सुधार ला सकता है।
भारत और कैंसर
- ICMR व राष्ट्रीय लोक सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्तमान प्रवृत्तियों के लिहाज से वर्ष 2025 तक भारत में कैंसर के मामलों की संख्या बढ़कर 15.6 लाख होने की संभावना है जो कि लगभग 12% अधिक होगा वर्तमान परिदृश्य के हिसाब से।
प्रमुख बिंदु
- रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 के अंत तक देश में कैंसर के कुल मामले 13.9 लाख पहुंच जाएंगे जिसमें सबसे अधिक मामले तंबाकू जनित होंगे।
- पुरुषों में फेफड़े, मुंह, ग्रास नली के कैंसर आम हैं जबकि महिलाओं में स्तन कैंसर, तथा गर्भाशय कैंसर आम हैं।
- भारत में प्रति लाख पुरुषों पर कैंसर की सबसे अधिक दर (269.4) मिजोरम के आइजोल में पाई गई जबकि सबसे कम दर 39.5 महाराष्ट्र के उस्मानाबाद व वीड में दर्ज की गई।
- इसी तरह महिलाओं पर कैंसर की दर सर्वाधिक (219.8) अरुणाचल प्रदेश व सबसे कम 49.4 महाराष्ट्र के वीड में ही दर्ज की गई है।
कैंसर के प्रमुख कारक
- भौतिक कारक : पराबैगनी व आयनकारी विकिरण के संपर्क में आने से कैंसर का खतरा रहता है।
- इसके अलावा एस्बेस्टस, तंबाकू के धुंए व आर्सैनिक युक्त जल का उपयोग भी कैंसर के कारकों में प्रमुख हैं।
वर्तमान परिदृश्य
- विश्व भर में 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत में इसी आक्रामकता को देखते हुए लोगों को जागरूक करने हेतु 2014 में एक अभियान चलाया गया जिसके तहत 7 नवंबर को देश में राष्ट्रीय जागरूकता कैंसर दिवस मनाने की घोषणा हुई।
डिजिटल क्वालिटी आफ लाइफ इंडेक्स-2020
- हाल ही में ऑनलाइन प्राइवेसी सॉल्यूशन प्रोवाइडर, सर्फशर्क ने digital quality of life index 2020 जारी किया है। इसके अनुसार भारत इंटरनेट गुणवत्ता के मामले में सबसे निचले पायदान वाले देशों में से एक है।
प्रमुख बिंदु
- यह विश्व के 50 देशों की डिजिटल सेवाओ की गुणवत्ता पर किया गया वैश्विक शोध है। इसमें 5 बुनियादी आधारों को प्रमुखता दी गई है।
- इंटरनेट की वहनीयता
- इंटरनेट की गुणवत्ता
- इलेक्ट्रॉनिक इंफ्रास्ट्रक्चर
- इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा
- e- गवर्नमेंट
ग्लोबल रैंकिंग
- उच्चतम DQL वाले 10 देशों में से 7 यूरोप में है।
- डेनमार्क 85 देशों में शीर्ष पर है।
- भारत 85 देशों में से 57 वें स्थान पर है। इसके अलावा भारत
- इंटरनेट वहनीयता में- 9वां स्थान
- इंटरनेट गुणवत्ता में- 78 वां स्थान
- इलेक्ट्रॉनिक सुरक्षा में – 57 वां स्थान
- ई गवर्नमेंट में- 15 वां स्थान रखता है।
इंटरनेट संबंधी सरकारी पहल
- डिजीलॉकर : दस्तावेजों के संग्रहण हेतु
- भारत नेट कार्यक्रम : सभी ग्राम पंचायतों में एक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क स्थापित करना है।
BHIM App
- डिजिटल भुगतान को सक्षम बनाना
- प्रधानमंत्री ग्रामीण डिजिटल अभियान : नागरिकों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाना।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar
- Sujit Kumar Prajapti