कर प्रबंधन सूचकांक में गिरावट
- आईएचएस मार्केट इंडिया द्वारा जारी मासिक सर्वेक्षण के अनुसार, जुलाई 2020 में विनिर्माण क्षेत्र के क्रय प्रबंधन सूचकांक में गिरावट दर्ज की गई।
प्रमुख बिंदु
- ध्यातव्य है कि मई 2020 में क्रय प्रबंधन सूचकांक 30.8 अंक पर था और आगे जून में वृद्धि कर 47.2 पर पहुंच गया।
- और जुलाई में 47.2 से गिरकर के 46.2 पर पहुंच गया, जिसका प्रमुख कारण कोविड -19 को माना जा रहा है।
- इस सूचकांक में 50 से अधिक अंक विस्तार का संकेत देते हैं जबकि 50 से कम संकुचन का।
- यह लगातार चौथी बार है जब भारत विनिर्माण में भारी गिरावट देखने को मिला है।
कारण
- कोविड-19
- निर्यात में कमी
- बेरोजगारी में वृद्धि
- मांग में कमी
- ऋण में वृद्धि
राम मंदिर में टाइम कैप्सूल
- अयोध्या में राम मंदिर निर्माण स्थल पर जमीन के नीचे एक “टाइम कैप्सुल” या कॉल पत्र रखे जाने की खबरों को लेकर विभिन्न प्रकार के दावे पेश किए जा रहे हैं।
प्रमुख बिंदु
- यह किसी भी आकार का एक कंटेनर होता है, जिसमें वर्तमान समय के दस्तावेज, फोटो और स्थल आकृतियों को रखा जाता है तथा आने वाली पीढ़ियों की खोज के लिए इन्हें भूमिगत दफन किया जाता है।
- कैप्सूल के निर्माण के लिए एलुमिनियम, स्टेनलेस स्टील जैसी सामग्री तथा अम्लता रहित पेपरों का प्रयोग किया जाता है।
- टाइम कैप्सुल का प्रारंभ 1777 से जबकि नियोजित टाइम कैप्सूल का प्रारंभ 1876 से माना जाता है। जब न्यूयॉर्क पत्रिका के प्रकाशक द्वारा फिलाडेल्फिया में “सेंचुरी सेफ”नाम से टाइम कैप्सूल को दफन किया गया।
भारत में अब तक
- लाल किला, आईआईटी कानपुर, गांधीनगर के महात्मा मंदिर, जालंधर में लवली यूनिवर्सिटी आदि।
- यद्यपि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा टाइम कैप्सूल रखे जाने की बात का खंडन किया गया है परंतु ट्रस्ट के कुछ सदस्यों द्वारा इसकी पुष्टि की गई है।
लोकमान्य तिलक की 100 वीं पुण्यतिथि
- भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) ने तिलक की 100वीं पुण्यतिथि पर वेबीनार का आयोजन किया।
- उनका जन्म 23 जुलाई 18 56 में तथा मृत्यु 5 अगस्त 1920 को हुआ था।
इनसे संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, मैं उसे लेकर रहूंगा।
- लाल, बाल,पाल (गरम पंथी गुट)
- स्वदेशी आंदोलन (1905)
- अखिल भारतीय होम रूल लीग(1916)
- केसरी (मराठी भाषा में) तथा मराठा (अंग्रेजी भाषा में)नामक पत्रिका
- गीता रहस्य और आर्कटिक होम इनकी पुस्तके हैं।
- बेलन्टाइन शिरोल ने अपनी पुस्तक “INDIA UNREST”में इन्हे भारतीय अशांति का जन्मदाता कहा।
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 1890 के सम्मेलन में शामिल हुए।
- डक्कन एजुकेशन सोसाइटी के संस्थापक (1884)
- गणेश चतुर्थी को लोकप्रिय बनाया तथा छत्रपति शिवाजी की जयंती पर शिवजयंती मनाने का प्रस्ताव रखा
- अत्याचार से लड़ने के लिए हिंदू धर्म के पर बल दिया।
- स्वदेशी उत्पाद पर जोर
- भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) की स्थापना 1950 में की गई। इसे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को आयोजित करने की जिम्मेदारी दी गई।
चतुष्पक्षीय संवाद
चर्चा में क्यों?
- चीन द्वारा अफगानिस्तान नेपाल तथा पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के साथ चतुष्पक्षीय संवाद का आयोजन किया गया।
चार सुत्री योजना BRI(Belt and Road Initiative)
- बुनियादी ढांचे के निर्माण को फिर से शुरू करने के लिए चार सूत्री योजना का प्रस्ताव रखा गया।
- कोविड-19 हेतु साझा संघर्ष बनाने का संकल्प
- ग्रीन चैनल खोलने पर विचार। इसके माध्यम से यात्री हवाई अड्डों पर कोई आपत्तिजनक सामान न होने का दावा करते हैं।
- Transhimalayan multidimisional connectivity network पर भी बात की गई।
- अफगानिस्तान में शांति और सुलह प्रक्रिया आदि का समर्थन किया गया।
- भारत को इसे एक संदेश के रूप में देखने की आवश्यकता है।
अरावली क्षेत्र में वृक्षों को बांधी गई राखियां
•अरावली क्षेत्र का महत्व
- अरावली के जंगल गुरुग्राम तथा NCR में स्वच्छ हवा तथा पानी के लिए जीवन रेखा के समान है।
- Great green wall of Aravali को शिवालिक पर्वत श्रेणी से जोड़ा जाएगा।
सामाजिक सुरक्षा संहिता – 2019
- हाल ही में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के समक्ष श्रम संबंधी स्थायी समिति द्वारा सामाजिक सुरक्षा संहिता – 2019 पर अपनी रिपोर्ट पेश की गई है। ध्यातव्य है कि लोकसभा द्वारा इस संहिता का गठन वरिष्ठ सांसद भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता में 2019 में किया गया था।
समिति की मुख्य सिफ़ारिशें
1- नियोजन की समाप्ति के पश्चात कर्मचारी को ग्रेच्युटी भुगतान की समय सीमा वर्तमान 5 साल की निरंतर सेवा से घटाकर 1 साल की जानी चाहिए।
2- ग्रेच्युटी संबंधी प्रावधान सभी तरह के कर्मचारियों , ठेका मजदूर, आवधिक, नियतकालिक, दैनिक,मासिक कर्मचारियों के संदर्भ में भी लागू किया जाना चाहिए।
3- अंतर राज्य प्रवासी श्रमिकों को संहिता में एक अलग श्रेणी के रूप में उल्लिखित किया जाना चाहिए।
4- प्रवासी श्रमिकों के लिए एक कोष गठित किया जाना चाहिए और इसका उपयोग विशेष रूप से उन श्रमिकों/कर्मचारियों के लिए किया जाना चाहिए जो किसी अन्य कल्याणकारी सहायता के अंतर्गत रक्षित नहीं है।
5- पंजीकृत प्रतिष्ठानों,प्रवासी श्रमिकों एवं अन्य विनिर्माण श्रमिकों के डेटाबेस के लिए एक केंद्रीय ऑनलाइन पोर्टल बनाया जाना चाहिए।
6- सभी प्रकार के कृषि, गैर कृषि, स्वरोजगार सहित अन्य प्रतिष्ठानों के श्रमिकों का पंजीकरण अवश्य कराया जाना चाहिए और यह संगठन आधारित न होकर निकाय आधारित होना चाहिए।
7- संहिता में राज्यों के मध्य भवन एवं विनिर्माण श्रमिक कल्याण कोष की पोर्टेबिलिटी के लिए एक सक्षम प्रणाली को सम्मिलित किया जाना चाहिए, जिसके अंतर्गत लाभार्थियों को किसी भी राज्य में धनराशि का भुगतान किया जा सके।
यह संहिता सामाजिक सुरक्षा से संबंधित वर्तमान में नौ कानूनों को प्रतिस्थापित करेगी और इसका उद्देश्य कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा एवं संबंधित मुद्दों से संबंधित कानूनों में संशोधन तथा उनका समेकन करना है।वर्तमान में भवन एवं विनिर्माण श्रमिक कल्याण कोष में योगदान हेतु किसी भी निर्माण कार्य पर कुल लागत का 1% उपकर लगाया जाता है।
कृषि तथा किसानों संबंधी अध्यादेशो को वापस लेने की मांग
संदर्भ – अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ( AIKSCC) द्वारा कृषि तथा किसानों से संबंधित मुद्दों पर केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में लागू किए गए अध्यादेशो के खिलाफ 9 अगस्त को देश भर में कारपोरेट्स खेती छोड़ो आंदोलन की घोषणा की गई है।
चर्चा का विषय
- जून 2020 में केंद्र सरकार द्वारा कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधार करने हेतु तीन अध्यादेश जारी किए थे
- आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश 2020
- कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य ( संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश
- मूल्य आश्वासन पर किसान समझौता ( अधिकार प्रदान करना और सुरक्षा) और कृषि सेवा अध्यादेश 2020
- किसानों का कहना है कि यह सुधार किसानों की समस्याओं में वृद्धि करेगा।
संबंधित चिंताएं
- इन आध्यादेशों से किसानों की फसलों की कीमतें घटेगी तथा बीच सुरक्षा समाप्त हो जाएंगी।
- सरकार के हस्तक्षेप समाप्त होने से खाद्य सुरक्षा भी खत्म हो जाएगी।
- भारतीय खाद्य और कृषि प्रणालियों पर कारपोरेट नियंत्रण को बढ़ावा देते हैं।
- यह किसानों के शोषण तथा जमाखोरी और कालाबाजारी को भी बढ़ावा देंगे।
आवश्यक वस्तु ( संशोधन ) अध्यादेश 2020
मुख्य प्रावधान – इस संशोधन के अंतर्गत अकाल, युद्ध आदि जैसे असामान्य परिस्थितियों के कारण कीमतों में अधिक वृद्धि तथा प्राकृतिक आपदा जैसी परिस्थितियों में कुछ निर्दिष्ट कृषि उपजो की आपूर्ति, भंडार तथा कीमतों को नियंत्रित करने का प्रावधान है।
संबंधित चिंताएं
- अध्यादेश में कृषि उपजाऊ की मूल्य सीमा में उतार-चढ़ाव काफी विषम है। (बागवानी उपयोग की खुदरा कीमतों में 100% की वृद्धि तथा शीघ्र ना खराब होने वाले कृषि खाद्य पदार्थों की खुदरा कीमतों में 50% की वृद्धि)
- किसी कृषि उपज के मूल्य श्रृंखला प्रतिभागी की स्थापित क्षमता स्टाक सीमा लगाए जाने से मुक्त रहेगी।
- निर्यातक, वस्तुओं की मांग दिखाने पर स्टाक सीमा लगाए जाने से मुक्त रहेंगे।
कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020
मुख्य प्रावधान – इसके तहत कृषि उपज बाजार समिति ( APMC) बाजारों की उपेक्षा करते हुए निजी स्थल पर अथवा APMC द्वारा निर्धारित बाजार स्थलों के बाहर व्यापार करने की स्वतंत्रता प्रदान की गई है।
संबंधित चिंताएं
- किसानों को स्थानीय बाजार में अपनी उपज को MSP पर बेचने से कोई खरीददार नहीं मिलेगा।
- अधिकांश किसान छोटे तथा सीमांत कृषि भूमि के श्रमिक हैं तो उपज को दूर बाजारों में बेचने हेतु परिवहन साधन नहीं है।
- अतः इन किसानों को स्थानीय बाजार में ही MSP से कम कीमतों पर बेचना पड़ता है।
मूल्य आश्वासन पर किसान समझौता ( अधिकार प्रदान करना और सुरक्षा) और कृषि सेवा अध्यादेश 2020
मुख्य प्रावधान – इसके अंतर्गत भारत में अनुबंध कृषि ( contract farming) के लिए एक कानूनी ढांचा तैयार किए जाने का प्रावधान किया गया है।
संबंधी चिंताएं
- किसान अपनी पैदावार के लिए उचित मूल्य तय करने में कारपोरेट अथवा बड़े व्यवसाई प्रायोजकों के साथ समझौता करने में पर्याप्त रूप से सक्षम नहीं है।
- गुणवत्ता मानकों को समझौते में दोनों पक्षों पर पारंपरिक रूप से तय किया जा सकता है। लेकिन कॉरपोरेट्स के द्वारा उपज की गुणवत्ता के संदर्भ में एकरूपता मामलों को शामिल करने पर गुणवत्ता पहलू काफी मजबूत हो जाएगा, क्योंकि देशों में कृषि पारिस्थितिकी विविधता में असमानता होने के कारण गुणवत्ता में एकरूपता संभव नहीं होगी।
स्पेस एक्स क्रू ड्रैगन (space x crew dragon)
संदर्भ – 2 अगस्त 2020 को स्पेसएक्स क्रु ड्रैगन अंतरिक्ष यान, अंतरिक्ष यात्रियों डग हर्ले ( Doug Hurley) और बाब बेहेनकेन ( Bob behenken) के साथ मेक्सिको की खाड़ी में सफलतापूर्वक उतर गया।
Space x crew dragon. क्या है।
- निर्माण एलन मस्क के स्पेसएक्स द्वारा
- NASA द्वारा निजी कंपनियों को अंतरिक्ष स्टेशन की उड़ाने सौंपने की योजना का हिस्सा है।
- स्पेसएक्स को नासा के “व्यवसायिक क्रू कार्यक्रम के माध्यम से वित्त पोषित किया गया था। इस कार्यक्रम को वर्ष 2010 में अंतरिक्ष अन्वेषण हेतु PPP को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया था।
नोट – मई 2020 में क्रू ड्रैगन नौ साल में अमेरिकी धरती से मनुष्यो को लांच करने वाला पहला अंतरिक्ष यान बन गया। क्रू ड्रैगन, ड्रैगन-1 को उन्नत करके बनाया गया है। ड्रैगन-1 को 20 बार लांच किया जा चुका है।
मिशन का महत्व –
- यह अंतरिक्ष यात्राओं के इतिहास में पहली बार था कि अंतरिक्ष यात्रियों ने किसी निजी कंपनी द्वारा निर्मित और लांच किए गए अंतरिक्ष यान का उपयोग किया था।
- अंतरिक्ष अन्वेषण क्षेत्र में नए युग की शुरुआत है।
नोट– इस अंतरिक्ष यान को फाल्कन-9 राकेट द्वारा भेजा गया था इसका भी निर्माण स्पेसएक्स द्वारा किया गया है।
कोविशील्ड : नैदानिक परीक्षण के चरण
- हाल ही में ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया (DCGI) द्वारा भारत में कोविशील्ड के द्वितीय व तृतीय चरण के नैदानिक परीक्षण करने के लिए सिरम इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (SII) , पुणे को मंजूरी दे दी गई है।
नोट –
- SII विश्व में वैक्सीन का सबसे बड़ा निर्माता है।
- कोविशील्ड ऑक्सफोर्ड-एक्स्ट्राजैने का कोविड-19 वैक्सीन के निर्माता को दिया गया नाम है जिसे तकनीकी रूप से “AZD1222” या “CHAdox1nCov-19” कहा जाता है।
ग्रैंड चैलेंज इंडिया प्रोग्राम
- यह भारत में जैव प्रौद्योगिकी विभाग के जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) तथा विल एंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन के मध्य एक भागीदारी तंत्र है।
उद्देश्य – भारत में नवीन स्वास्थ्य एवं विकास अनुसंधान को प्रेरित करने के उद्देश्य से संयुक्त पहल शुरू करना।
नोट- BIRAC एक सार्वजनिक क्षेत्र का उद्योग है जिसेेे जैैव होयप्रौद्योगिकी विभाग (DBT) द्वारा स्थापित किया गया है।
राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन
- यह देश में बायो फार्मास्यूटिकल्स विकास में तेजी लाने के लिए एक उद्योग-अकादमिक सहयोगी मिशन है।
- वर्ष 2017 में कुल 1500 करोड़ की लागत के साथ शुरू किया गया था जो कुल 50% की सह- लागत के साथ विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित है।
- इस मिशन को BIRAC द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं
- हाल ही में जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय द्वारा अगस्त 2019 से दिसंबर 2019 के बीच दायर लगभग 160 बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाओं के निपटान के कारण चर्चा में रहा और कम से कम 270 बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका यहां लंबित हैं।
बंदी प्रत्यक्षीकरण
- सर्वोच्च न्यायालय के पास संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत रिट जारी करने का अधिकार होता है।
- अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय रिट जारी कर सकता है।
- बंदी प्रत्यक्षीकरण की रिट सार्वजनिक प्राधिकरणो या व्यक्तिगत दोनों के विरुद्ध जारी किया जा सकता है।
बंदी प्रत्यक्षीकरण का महत्व
- किसी व्यक्ति को गैरकानूनी तरीके से उसके निजी अधिकारों से वंचित करने के सभी स्थितियों में एक उपाय के रूप में उपलब्ध।
- यह गैरकानूनी या अनुचित नजरबंदी से तत्काल रिहाई के प्रभावी साधनों की पुष्टि करता है।
बंदी प्रत्यक्षीकरण कब जारी नहीं हो सकता
- यदि किसी व्यक्ति को कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत हिरासत में लिया गया हो।
- यदि कार्रवाई किसी विधानमंडल या न्यायालय की अवमानना के तहत हुई हो।
- न्यायालय के आदेश द्वारा हिरासत में लिया गया हो।
Note –
- संविधान के अनुच्छेद 22 (3) के तहत यदि किसी व्यक्ति को निवारक विरोध के तहत गिरफ्तार किया गया है या हिरासत में लिया गया हो तो उसे अनुच्छेद 22 (4) और 22 (3) के तहत प्राप्त गिरफ्तारी और हिरासत के खिलाफ संरक्षण का अधिकार प्राप्त नहीं होगा।
न्यायालय की अवमानना संबंधी मुद्दे
- हाल हीमें प्रतिष्ठित अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने उनके द्वारा किए गए ट्वीट के आधार पर शुरू की गई स्व-प्रेरित( Suo-motu) अवमानना कार्रवाई में उच्चतम न्यायालय में अपना उत्तर दिया।
प्रशांत भूषण का तर्क
- अपने विचारों अथवा वास्तविक वेदना की अभिव्यक्ति, मुखर, अप्रिय, अरुचिकर हो सकती है परंतु न्यायालय की अवमानना नहीं।
- मुख्य न्यायधीश, न्यायालय नहीं है। अतः छुट्टियों के दौरान cJI द्वारा किए गए आचरण पर व्यक्त की गई चिंता न्यायालय का अपमान नहीं है।
न्यायालय द्वारा अवमानना शक्ति का प्रयोग
- अनुच्छेद 19 के तहत सर्वोच्च न्यायालय वाक एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का मुख्य संरक्षक है। इस लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा अवमानना शक्तियों का प्रयोग आवश्यक रूप से ‘ तर्कसंगत प्रतिबंधों ‘ से परे नहीं जाना चाहिए।
- अनुच्छेद 129 के तहत अवमानना की शक्ति का उपयोग न्याय प्रशासन में सहायता के लिए किया जाना चाहिए।
- न्यायालय की कार्य प्रणाली तथा अन्य संबंधित विषयों की जानकारी रखने वाले प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा की गई आलोचनात्मक टिप्पणियों को दबाने के लिए अवमानना कानून का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
रक्षा उत्पादन एवं निर्यात संवर्धन नीति-2020 मसौदा
संदर्भ
- हाल ही में रक्षा मंत्रालय द्वारा रक्षा उत्पादन और निर्यात प्रोत्साहन नीति 2020 का प्रारूप तैयार किया है। DPEPP-2020 को रक्षा उत्पादन क्षमताआओ में वृद्धि तथा आत्म निर्भर बनने और देश की रक्षा उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने हेतु रक्षा मंत्रालय का अति महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में परिकल्पित किया गया है।
लक्ष्य एवं उद्देश्य
- वर्ष 2025 तक एयरोस्पेस और रक्षा वस्तुओं और सेवाओं में ₹35000करोड़ रुपए के निर्यात सहित175000 करोड़ रुपए का कारोबार हासिल होने का लक्ष्य।
- गुणवत्ता पूर्ण उत्पाद सहित गतिशील, मजबूत और प्रतिस्पर्धी रक्षा उद्योग विकसित करना।
- आयात पर निर्भरता कम करते हुए “मेक इन इंडिया”पहल को बढ़ावा देना।
- रक्षा उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देना और वैश्विक रक्षा मूल्य श्रृंखलाओं का हिस्सा बनना।
- कुल रक्षा खरीद में घरेलू खरिद का हिस्सा लगभग 60%है। वर्ष 2025 तक वर्तमान खरीद को 70 हजार करोड़ से बढ़ाकर दोगुना करना।
DPEPP-2020के अंतर्गत विशेष
ध्यान दिए जाने वाले क्षेत्र
- खरीद सुधार
- MSMEs/स्टार्टअप का स्वदेशीकरण तथा सहायता
- अनुकूलतम संसाधन आवंटन
- निवेश संवर्धन,FDI तथा व्यापार करने में आसानी
- नवाचार तथा अनुसन्धान एवं विकास
- DPSU और OFB
- गुणवत्ता आश्वासन और परीक्षण अवसंरचना
- निर्यात सवंर्धन
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar
- Sujit Kumar Prajapti