Faceless tax scheme ( फेसलेस टैक्स स्कीम )
चर्चा में क्यों
अगस्त 2020 में शुरू होने के बाद से, सरकार की फेसलेस टैक्स एसेसमेंट/ चेहरा रहित कर निर्धारण योजना अब तक लगभग 24000 अंतिम आर्डर पूरे करने में सफल रही है।
फेसलेस टैक्स स्कीम के बारे में
- वित्त मंत्री द्वारा केंद्रीय बजट 2019 में फैसले स्पीकर निर्धारण योजना का आरंभ करने संबंधी प्रस्ताव पेश किया गया था।
- फेसलेस का अर्थ है – करदाता को कर अधिकारी से मिलने व आयकर कार्यालय जाने की कोई जरूरत नहीं।
- इसके अंतर्गत करदाताओं के लिए कर अधिकारियों की मनमर्जी और इनके द्वारा संभावित उत्पीड़न को समाप्त करने का प्रयास किया गया है।
- इस योजना में सुनवाई की आवश्यकता वाले मामलों पर यथोचित प्रोटोकाल का पालन करने के बाद शीघ्र सुनवाई की जाती है।
- इसका प्रमुख उद्देश्य, कर संबंधी मामलों में कर अधिकारियों से यथासंभव प्रत्यक्ष संपर्क को कम करना है।
फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन
- संयंत्रों से उत्सर्जित गैसों को सल्फर डाइऑक्साइड से करने ‘फ्लू गैस डिसल्फराइजेशन अथवा दहन गैस विर्गन्धिकरण कहा जाता हैं।
- ब्लू गैस डिसल्फराइजेशन के द्वारा तापीय प्रसंस्करण और दहन के कारण भाटियों, बॉयलरो ,और अन्य औद्योगिक क्रियाओं द्वारा उत्सर्जित गैसों से सल्फर डाइऑक्साइड गैसीय प्रदूषकों को हटाने का प्रयास किया जाता है।
- हाल ही में, विद्युत मंत्रालय द्वारा कोयला चलित विद्युत संयंत्रों द्वारा नए उत्सर्जन मानदंडों को अपनाने के लिए समय सीमा को आगे बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है।
बर्ड फ्लू
चर्चा में क्यों
केरल की 2 जिलों में बत्तखों में ‘इनफ्लुएंजा ए’ के उप प्रकार विषाणु का संक्रमण पाया गया है।
बर्ड फ्लू – एवियन इनफ्लुएंजा ( AI) , पक्षियों, मनुष्यों और अन्य जानवरों को संक्रमित करने में सक्षम एक हो वायरल संक्रमण।
- खाद्य पदार्थों के रूप में उपयोग होने वाले पक्षियों सहित पालतू पक्षियों में संक्रमण का खतरा सर्वाधिक।
- इनफ्लुएंजा ए वायरस दो प्रकार के प्रोटीन हेमा ग्लगुटिनिन और न्यूरो मिनिडेस के आधार पर उप वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है।
- H5N8 एवियन इनफ्लुएंजा टाइप-A इनफ्लुएंजा के कारण फैलता है।
पैंगोलिन
- यह पृथ्वी पर पाया जाने वाला एकमात्र सशल्क स्तनपाई जीव है।
- इसके 8 प्रजातियों में से दो भारत में पाई जाती है।
1- इंडियन पैंगोलिन
2- चीनी पैंगोलिन
- वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत परिशिष्ट – 1 श्रेणी में सूचीबद्ध संरक्षित जीव है,
- अवैध शिकार और अवैध तस्करी को लेकर चर्चा में है।
भारत के आर्कटिक अभियान की जून में शुरुआत
- भारत द्वारा पहले वैज्ञानिक अभियान की शुरुआत 2007 (अगस्त) में की गई थी।
- भारत अंटार्कटिक संधि का हस्ताक्षर करता है और इसे आर्कटिक परिषद में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।
- प्रतिवर्ष गर्मियों और सर्दियों में भारत से टीमों को अध्ययन के लिए आर्केटिक भेजा जाता है।
नई स्कूल बैग नीति 2020
- NCERT द्वारा जारी की गई।
- इसमें विभिन्न कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों के हिसाब से उनके स्कूल बैग का वजन तय किया गया।
तीन राज्यों के तीन धर्मांतरण रोधी कानून : समानताएं एवं भिन्नताएं
समानताएं – 3 कानूनों में इस प्रकार के विवाह को अमान्य घोषित किया गया है और राज्य की पूर्व स्वीकृति के बिना धर्मांतरण के लिए दंड का प्रावधान है।
भिन्नताएं – तीनों कानूनों में, निर्धारित सजा की मात्रा भिन्न है तथा धर्मांतरण को वैध साबित करने का दायित्व अलग-अलग पक्षकारों पर सौंपा गया है।
‘ पूर्व सूचना के संबंध में प्रावधान’
मध्य प्रदेश – सूचना जिला मजिस्ट्रेट को 60 दिन पूर्व
उत्तर प्रदेश – विधि विरुद्ध धर्म सम परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 के तहत 60 दिनों के नोटिस अनिवार्य और साथ ही मजिस्ट्रेट द्वारा धर्मांतरण के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए पुलिस जांच।
हिमाचल प्रदेश – 30 दिन पहले सूचना देना आवश्यक।
जांच की शक्ति
मध्य प्रदेश – केवल धर्म अंतरित व्यक्ति या उसके माता-पिता/ भाई बहन की लिखित शिकायत पर ही तथा सब इंस्पेक्टर के रैंक से नीचे का अधिकारी जांच नहीं करेगा।
उत्तर प्रदेश – मध्यप्रदेश के समान प्रावधान है।
हिमाचल प्रदेश – – सब डिविजनल मजिस्ट्रेट अथवा इससे ऊपर के अधिकारी के पूर्व अनुमोदन के बिना कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है।
FSSAI द्वारा खाद्य पदार्थों में ट्रांसफर सीमा में कमी
- खाद्य सुरक्षा और मानक ( बिक्री पर निषेध एवं रोक) विनियम में संशोधन करते हुए तेल और वसा में ट्रांस फैटी एसिड ( TFA) की मात्रा वर्ष 2021 के लिए 3% और वर्ष 2022 तक 2% तक निर्धारित की गई है। वर्तमान में खाद्य पदार्थों में ट्रांस फैटी एसिड का अनुमेय स्तर 5% है।
- WHO के अनुसार औद्योगिक रूप से उत्पादित TFA के सेवन से वैश्विक स्तर पर प्रतिवर्ष लगभग 4 लाख मौत होती है।
- WHO द्वारा वर्ष 2023 तक ट्रांस फैट्स में वैश्विक उन्मूलन का आह्वान किया गया है।
ईरान द्वारा परमाणु समझौतों का उल्लंघन कर यूरेनियम संवर्धन प्रारंभ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में ईरान ने वर्ष 2015 के परमाणु समझौते का उल्लंघन करते हुए एक भूमिगत इकाई में 20 प्रतिशत तक यूरेनियम का संवर्द्धन शुरू कर दिया है,
ऐसा माना जाता है किईरान और अमेरिका के मध्य और अधिक तनाव बढ़ने की घटनाएँ सामने आईं।
यूरेनियम संवर्द्धन:
- प्राकृतिक यूरेनियम में दो अलग-अलग समस्थानिक विद्यमान होते हैं जिसमें लगभग 99%, U-238 तथा 0.7%, U-235 की मात्रा पाई जाती है ।
- U-235 एक विखंडनीय सामग्री (Fissile Material) है जो परमाणु रिएक्टर में शृंखला अभिक्रिया को संचालित करने में सहायक है।
- परमाणु रिएक्टरों के लिये 3-4% तक यूरेनियम संवर्द्धन की आवश्यकता होती है
वर्ष 2015 का परमाणु समझौता:
- वर्ष 2015 में वैश्विक शक्तियों (P5 + 1) के समूह जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन, फ्राँस, चीन, रूस और जर्मनी शामिल हैं, के साथ ईरान द्वारा अपने परमाणु कार्यक्रम के लिये दीर्घकालिक समझौते पर सहमति व्यक्त की गई।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Anand Yadav
Geography team mppg college ratanpura mau
Surjit Gupta
Saty Prakash Gupta
Shubham Singh
Akhilesh Kumar