न्यायालय की अवमानना (contempt of court)
- भारतीय संदर्भ में, अदालत की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले व्यक्तियों तथा न्यायिक प्रशासनों में बाधा पहुंचाने के लिए दंडित करने हेतु अवमानना कानून का उपयोग किया जाता है।
न्यायालय की अवमानना के प्रकार
- सिविल अवमानना – इसमें किसी भी फैसले, आदेश, दिशा निर्देश रिट या अदालत की अन्य प्रक्रिया या अदालत में दिए गए उपक्रम के जानबूझकर किए गए उल्लंघन शामिल हैं।
- अपराधिक अवमानना- इसके अंतर्गत किसी भी विषय(चाहे मौखिक या लिखित शब्दों से, या संकेतों से या दृश्य प्रतिनिधित्व द्वारा अथवा कोई अन्य प्रकार) के प्रकार के माध्यम से अदालत की निंदा करने व न्यायिक कार्यवाही में हस्तक्षेप करने अथवा बाधा डालने के प्रयास को सम्मिलित किया जाता है।
संबंधित प्रावधान
- संविधान के अनुच्छेद 129 और 215 में क्रमश:उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय को न्यायालय की अवमानना के लिए दोषी व्यक्ति को दंडित करने का प्रावधान ।
- 1971 की अवमानना अधिनियम की धारा 10 में उच्च न्यायालय को अपने अधीनस्थ न्यायालयों को अवमानना करने पर दंडित करने का अधिकार।
- लोक व्यवस्था तथा मानहानि, संदर्भ में न्यायालय की अवमानना करने पर अनुच्छेद 19(1)(A) के अंतर्गत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
अवमानना शक्तियों की आवश्यकता क्यों?
- न्यायिक आदेशों को लागू करने के लिए।
- न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनाए रखने के लिए।
अरुणाचल हिमालय का भूकंपीय अध्ययन
चर्चा में क्यों – वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियोलॉजी (WIHG) द्वारा भारत के सबसे पूर्वी हिस्से में अरुणाचल हिमालय के चट्टानों की लोच शीलता और भूकंपीयता के अध्ययन से पता चला है कि यह क्षेत्र दो अलग-अलग गहराई पर मध्यम तीव्रता के भूकंप उत्पन्न कर रहा है।
WIHG
- भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान।
कार्य – हिमालय के भू-आवेग संबंधी विकास के संबंध में नई धारणाओ और मॉडलों के विकास के लिए अनुसंधान।
शोध के निष्कर्ष
- अरुणाचल हिमालयी क्षेत्र की भूपर्पटी दो अलग-अलग गहराई पर मध्यम तीव्रता के भूकंपीय क्षेत्रों में अवस्थित है।
- कम परिमाण के भूकंप,1-15 किमी की गहराई पर उत्पन्न होते हैं।
- 4.0 से अधिक परिमाण वाले भूकंपों जो अधिकतर 25 -35 किमी की गहराई पर उत्पन्न होते हैं।
- मध्यवर्ती गहराई का क्षेत्र भूकंपीयता से रहित है तथा यह आंशिक रूप से पिघलित अवस्था में है।
शोध का महत्व
- क्षेपण प्रक्रिया को समझने में सहायक
- यह अध्ययन, ट्यूडिग-टिडिंग स्यूचर जोन (TTSZ) में भारतीय प्लेट की क्षेपण प्रक्रिया को समझने में सहायक
नोट – TTSZ पूर्वी हिमालय का एक प्रमुख हिस्सा है जहां हिमालय अक्षसंघीय मोड ( syntaxial Band ) बनाता हुआ दक्षिण की तरफ इंडो-बर्मा श्रेणी से जुड़ जाता है।
- क्षेपण प्रक्रिया के क्षेत्र के अपवाह प्रतिरूप तथा स्थलाकृतियो में बदलाव आता है जिसके कारण हिमालय पर्वत बेल्ट और आसपास के क्षेत्रों में बड़े भूकंप आने का खतरा रहता है।अतः ऐसे क्षेत्रों में किसी भी प्रकार की निर्माण गतिविधियों को शुरू करने से पूर्व भूकंप की संभावित गहराई और तीव्रता की जानकारी होना आवश्यक है।
अवसंरचनात्मक विकास
- भारत पूर्वोत्तर राज्यों में अवसंरचनात्मक विकास कार्यों के निर्माण पर जोर दे रहा है। अतः इस क्षेत्र में भूकंपीयता के पैटर्न को समझने की आवश्यकता है।
स्थानीय निकायों की ऑनलाइन ऐप के माध्यम से ऑडिट
- पंचायती राज मंत्रालय द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में ग्राम पंचायतों की ऑडिट ऑनलाइन ऐप के माध्यम से करेगा।
- वर्तमान में कोरोना महामारी के दौर में ऑनलाइन ऑडिट के भौतिक सत्यापन के विकल्प साथ काफी प्रसांगिक होगा। इससे आंकड़ों तक पहुंच आसान होगी व केंद्र तथा राज्य दोनों स्तर पर उचित निगरानी हो सकेगी तथा पूर्व में हुए कार्यों की फोटो अपलोड तथा स्वीकृति व भुगतान की निगरानी भी हो सकेगी।
- इससे पंचायतों का स्वरूप ई मोड में परिवर्तित होगा तथा ई- गवर्नेंस भी प्रभावी होगा।
- ई पंचायत मिशन मोड प्रोजेक्ट के तहत पंचायत इंटरप्राइजेज सूट (PES) एक भाग के रूप में विकसित एक ओपन सोर्स ऐप है तथा यह लेखा परीक्षकों द्वारा जिला, ब्लॉक, ग्राम पंचायत व शहरी स्थानीय निकायों में विभागों के बैंक खातों की वित्तीय ऑडिट की सुविधा प्रदान करता है।
- यदि ग्राम पंचायतों को और ज्यादा प्रभावी बनाना है तो उनको अत्याधुनिक सूचना प्रौद्योगिकी से लैस करना होगा तथा सरकार द्वारा ई ग्राम स्वराज, तथा स्वामित्व कार्यक्रम को लांच करना इस दिशा में प्रभावी कदम है।
- वर्तमान तकनीकी युग में एक डिजिटल समावेशी समाज निर्माण की भी आवश्यकता है जो सूचनाओं को साझा व उनका उपयोग कर विकास प्रक्रिया में प्रभावी सहभागीता कर सके।
पंचायत इंटरप्राइजेज सूट (PES)
- पंचायती राज विभाग द्वारा पूरे देश में ई गवर्नेंस को प्रभावी बनाने के लिए मिशन मोड प्रोजेक्ट (MMP) के रूप में शुरू किया तथा ई-पंचायत के तहत 11 कोर कामन ऐप तैयार किए गए। इनमें नियोजन, निगरानी, बजट, लेखा व सामाजिक लेखा तथा प्रमाण पत्र (जन्म, मृत्यु, जाति, निवास) तथा लाइसेंस आदि को समाहित किया गया है। इन 11 सॉफ्टवेयर एप को मिलाकर PPE का निर्माण होता है।
कोविड-19 वैक्सीन का मानव परीक्षण
- कोविड-19 महामारी से विश्व समुदाय को बचाने के लिए विश्व की कई दवा कंपनियां तथा शोध संस्थान इसके वैक्सीन/दवा बनाने के प्रयास में लगे हैं। इनमें भारतीय कंपनियां भारत बायोटेक तथा जाइडर्स कैंडेला भी शामिल है।
- दवा/वैक्सीन निर्माण का अंतिम चरण उसके मानव पर होने वाला प्रयोग होता है। इसमें यह देखा जाता है कि दवा/वैक्सीन का प्रयोग मानव पर कितना सुरक्षित है। कोई साइड इफेक्ट तो नहीं, वैक्सीन वह कार्य करने में सक्षम है, जिसका प्रयोग हो रहा है।
- दवा या वैक्सीन का मानव पर प्रयोग से पूर्व दवा में शामिल यौगिकों की लैब में जांच होती है तथा मानव पर प्रयोग से पूर्व जानवरों पर भी प्रयोग होती है।
- भारत में मानव पर परीक्षण से संबंधित दिशा निर्देश ICMR द्वारा जारी किया जाता है तथा परीक्षणों का निरीक्षण ‘केंद्रीय औषधि मानव नियंत्रण संगठन (CDSO) , जो स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के महानिदेशालय के अधीन कार्य करता है। मानव पर परीक्षण को मंजूरी प्रदान करने वाली संस्था ड्रग कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया है।और यदि यह परीक्षण कोई गैर सरकारी संस्थान करती है तो नजदीकी अस्पताल की नैतिकता समिति इसकी निगरानी भी करती है।
- परीक्षण के लिए उन व्यक्तियों का चयन किया जाता है जो उस रोग से संक्रमित नहीं थे, (कुछ में संक्रमित व्यक्तियों को भी चुना जाता है)
- वैक्सीन/दवा के मानव परीक्षण के 3 चरण हैं।
- क्या वैक्सीन मनुष्य के लिए सुरक्षित है तथा मानव शरीर इसे सहन करने में सक्षम है तथा वैक्सीन मानव शरीर में प्रतिरक्षा क्षमता विकसित करने में सक्षम है या नहीं।
- वैक्सीन प्रतिरक्षा क्रिया के आवश्यक स्तर को उत्पन्न करने में कितना प्रभावी है।शोधकर्ताओं द्वारा उचित प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त करने के लिए उचित खुराक का निर्धारण किया जाता है। तथा परीक्षण में शामिल लोगों पर वैक्सीन के संभावित दुष्परिणामों का समग्र व सावधानी पूर्वक निरीक्षण किया जाता है।
- दूसरे चरण में प्राप्त परिणामों की पुष्टि के साथ ही यह भी बताया जाता है कि प्रायोगिक वैक्सीन कितनी सुरक्षित है।यह चरण सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है तथा इसमें टीका की प्रभावकारिता एवं सुरक्षा के लिए अनिवार्य रूप से तीन जांच शामिल की जाती हैं ।इसके बाद सार्वजनिक उपयोग के लिए वैक्सीन स्वीकृत होने के बाद नैदानिक परीक्षण का एक चरण या मानव परीक्षण का चौथा चरण होता है।
- इस चरण में शोधकर्ताओं एवं वैक्सीन निर्माताओं द्वारा इसके प्रभावकारिता पर बराबर नजर रखी जाती है।
- हालांकि यह भी निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि कोविड-19 के उपचार के लिए उपयुक्त वैक्सीन प्राप्त करने में कितना और समय लगेगा ।यह पूर्ण दावा मानव परीक्षण के परिणामों पर निर्भर करेगा जो वर्तमान में भारत सहित विश्व के अन्य देश विभिन्न चरणों में है।
विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति
चर्चा में क्यों?
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय अक्टूबर माह तक भारत की पांचवी विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति के पहले मसौदे को प्रस्तुत करने की योजना बना रही है।
नीति से संबंधित प्रमुख तथ्य
- किसी भी समस्या के समाधान की प्रक्रिया आमतौर पर बहुआयामी एवं अंतर-संस्थागत होती है, इसीलिए भारत की पांचवी विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार नीति को अधिक समावेशी बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
- यह नीति नए भारत के लिए कोविड-19 से मिले सबक को एकीकृत करने के साथ-साथ विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के माध्यम से अनुसंधान एवं विकास, डिजाइन आदि के क्षेत्र में जनसांख्यिकी लाभांश के अवसर का लाभ उठाकर एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लक्ष्य को भी साकार करेगी।
पूर्व की नीतियों में निहित कमियां
- उचित क्रियान्वयन का अभाव
- नई सरकारों का पूर्व की सरकारों द्वारा बनाई गई नीति पर ध्यान न देना
- नीतियों पर अधिक ध्यान न देने के कारण उनका कुछ खास प्रभाव देखने को नहीं मिला।
आगे की राह
- वैश्विक स्तर पर तेजी से बदलती तकनीकी को देखते हुए भारत की इस नई STIP को इस प्रकार बनाया जाए कि वह स्वयं को इस परिवर्तन के अनुरूप ढाल सके, साथ ही प्रौद्योगिकी बदलाव के साथ तालमेल स्थापित करने के लिए प्रतिवर्ष इस नीति की समीक्षा की जाए।
मुक्त व्यापार समझौता
चर्चा में क्यों?
- भारत ब्रिटेन के बीच हाल ही में मुक्त व्यापार हेतु साझा प्रतिबद्धता व्यक्त की गई है।
14वीं संयुक्त आर्थिक एवं व्यापार समिति- मुख्य निर्णय
- मौजूदा व्यापार बाधाओं को समाप्त करने पर सहमति
- व्यापारिक गतिविधियों को चरणबद्ध तरीके से आगे बढ़ाया जाएगा।
व्यापार में वृद्धि हेतु भावी बैठक आयोजित की जाएंगी।
मुक्त व्यापार समझौता व भारत
- सामान्यतः मुक्त व्यापार से आशय संबंधित पक्षों/देशों के मध्य व्यापार के सरलीकरण से होता है। इसके अंतर्गत अनेक नियामक कानूनों, सब्सिडी कोटा, सीमा शुल्क को पक्षकार देश सरल करते हैं।
मुक्त व्यापार के अंतर्गत
- बौद्धिक संपदा अधिकार, निवेश, सार्वजनिक खरीद तथा प्रतिस्पर्धा संबंधी नीतियां भी कवर की जाती है।
- हाल के दिनों में भारत की F.T.A (मुक्त व्यापार समझौता) की नीति में बदलाव हुआ है। अब भारत EU, USA, UK के साथ मुक्त व्यापार समझौते का पक्षधर दिखाई दे रहा है।
- हाल ही में ब्रिटेन भारत का दूसरा सबसे बड़ा F.D.I का स्रोत बन कर उभरा है।
इस्तांबुल अभिसमय
- हाल ही में पोलैंड ने “इस्तांबुल अभिसमय” से अलग होने का निर्णय लिया है।
- पोलैंड का मानना है कि, यह संधि हानिकारक है क्योंकि इसके अंतर्गत स्कूलों में लैंगिक विषमता के बारे में पढ़ने को अनिवार्य किया गया है।
- इसके अलावा पोलैंड का मानना है कि यह संधि जैविक लैंगिकता के विपरीत सामाजिक संस्कृतिक लैंगिकता के निर्माण का प्रयास करती है।
- यह अभिसमय 7 अप्रैल 2011 को यूरोपीय परिषद की “कमेटी आफ मिनिस्टर्स” द्वारा अपनाया गया।
- इसे महिलाओं और घरेलू हिंसा के विरुद्ध हिंसा की रोकथाम तथा उससे निपटने हेतु यूरोपीय समझौता परिषद भी कहा जाता है।
- यह संधि महिलाओं के खिलाफ हिंसा की रोकथाम करने और निपटने के लिए विश्व का पहला कानूनी रूप से बाध्यकारी उपकरण है।
- मार्च 2019 तक इस संधि पर 45 देशों तथा यूरोपीय संघ द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं।
हरिकेन हान्ना ( Hurricane Hanna)
- 25 जुलाई 2020 को हरिकेन हान्ना USA के टेक्सास शहर से टकराया जिसकी गति 90 मील / घंटा थी।
- पूर्वी प्रशांत महासागर के ऊपर बनने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को “हरिकेन” कहा जाता है और जो प्रशांत महासागर के उत्तर पश्चिम में बनते हैं उन्हें टाइफून कहा जाता है।
- हरिकेन ऊर्जा के रूप में नम हवा का उपयोग करते हैं और इसीलिए यह भूमध्य रेखा के आसपास गर्म समुद्री जल के ऊपर बनते हैं।
खेलो इंडिया यूथ गेम का चौथा संस्करण
- हाल ही में चौथे संस्करण के आयोजन की घोषणा “पंचकूला” (हरियाणा) में आयोजित करने के लिए की गई है। इसका आयोजन 2021 में टोक्यो ओलंपिक के बाद किया जाएगा।
- स्टार स्पोर्ट ( star sports) खेलो इंडिया का आधिकारिक प्रसारण भागीदार होगा।
GI tag
हाल ही में कश्मीर घाटी में उगाए जाने वाले केसर के लिए भौगोलिक संकेतक जी आई टैग प्रमाण पत्र जारी किया गया।
कारगिल विजय दिवस -26 July
- 26 जुलाई 1999 में कारगिल – द्रास सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों से भारतीय क्षेत्रों को वापस लेने हेतु “ऑपरेशन विजय” की सफलता की स्मृति में मनाया जाता है।
- भारत पाकिस्तान द्वारा हस्ताक्षरित शिमला समझौते के अनुसार, निर्धारित नियंत्रण रेखा पर कोई सशस्त्र संघर्ष नहीं होगा, बावजूद इसके दोनों सेनाओं ने नियंत्रण रेखा पर मई- जुलाई 1999 में कारगिल युद्ध हुआ।
- भारतीय वायुसेना द्वारा “ऑपरेशन सफेद सागर” कारगिल युद्ध का प्रमुख हिस्सा था।
नाग नदी (Nag River)
- यह नदी महाराष्ट्र के नागपुर शहर से होकर प्रवाहित होती है । इसी कारण इसका नाम नाग नदी पड़ा।
- हाल ही में बाम्बे हाईकोर्ट ने इस नदी की स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि औद्योगिकीकरण ने नाग नदी को शापग्रस्त महिला में परिवर्तित कर दिया है।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
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- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar
- Sujit Kumar Prajapti