कन्वेंशन सेंटर्स को बुनियादी ढांचे का दर्जा
चर्चा में क्यों
एक्जीबिशन -कम कन्वेंशन सेंटर / प्रदर्शनी सह-सम्मेलन केंद्र को एक नई वस्तु के रूप में सामाजिक और वाणिज्यिक अवसंरचना की श्रेणी में इंफ्रास्ट्रक्चर उप क्षेत्र की सामंजस्य पूर्ण मुल सूची में शामिल किया गया है।
तथ्य
- हालांकि, बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का लाभ केवल उन्हीं परियोजनाओं को मिलेगा जिनका न्यूनतम निर्मित फर्श क्षेत्र 100000 वर्ग मीटर का प्रदर्शनी स्थान या कन्वेंशन स्पेस या दोनों शामिल हो।
- यह कदम भारत के पर्यटन क्षेत्र में इस प्रकार की और परियोजनाओं को शुरू करने में मदद करेगा।
- थाईलैंड जैसे देशों जोकि एक प्रमुख MICE गंतव्य है, के विपरीत भारत में 7000 से 10000 लोगों की क्षमता वाले कन्वेंशन सेंटर या हॉल नहीं है।
- भारत के MICE गंतव्य जिसमें मीटिंग, इंसेंटिव, कॉन्फ्रेंस और एग्जीबिशन शामिल है, बनाने से देश से सक्रिय कई वैश्विक कंपनियों से महत्वपूर्ण राजस्व की प्राप्ति की जा सकती है।
बिगड़ी हुई अवसंरचना की विभंग रेखाएं
- वर्ष 2017 में भारत में प्रति एक लाख की आबादी पर 85.7 चिकित्सक थे। जबकि इसी वर्ष समान अवधि पर चिकित्सकों की संख्या श्रीलंका में 100 व जापान में 241 थी।
- भारत में प्रति एक लाख की आबादी पर 53 बिस्तर थे जबकि श्रीलंका में 415 तथा जापान में 1298 थी।
- भारत में प्रति एक लाख की आबादी पर दईयो और नर्सों की संख्या 172.7 थी। जबकि श्रीलंका में 220 और जापान में 1220 थी।
- विश्व के सभी देशों की तुलना में, भारत में स्वास्थ्य व्यय पर सर्वाधिक जेब से खर्च होता है।
- भारत भारत में कुल स्वास्थ्य व्यय का 62% जेब से खर्च होता है।
- वर्ष 2013-14 में जीडीपी का 1% तथा वर्ष 2017-18 में जीडीपी का 1.28% पर
- राज्य में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्रीय भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद जैसे विशेषज्ञ निकायों की कमी है।
- प्रतिवर्ष स्वास्थ्य देखभाल व्यय में केरल और दिल्ली शीर्ष स्थान के करीब रहे हैं।
- • बिहार, झारखंड और उत्तर प्रदेश लगातार रैंकिंग में सबसे नीचे स्थान पर रहे हैं।
A-76 विश्व का सबसे बड़ा हिमखंड
- अंटार्कटिका में वेडेल सागर में स्थित वैन आइस के पश्चिमी हिस्से से एक विशाल हिमखंड का खंडन हुआ है।
- यूएस नेशनल आइस सेंटर एक ऐसा संगठन है जो अंटार्कटिक इस वर्ग का नामकरण तथा उन्हें ट्रैक करता है।
- वर्ष 1880 के बाद से औसतन समुद्र में लगभग 9 इंच की बढ़ोतरी हुई है।
- वास्तव में यदि सभी देश पेरिस समझौते के तहत अपने लक्ष्यों को पूरा भी करें तो भी ग्लेशियर और बर्फ की परतो के पिघलने से समुद्र का स्तर 2 गुना तेजी से बढ़ेगा।
राष्ट्रमंडल दिवस
- 24 मई को राष्ट्रमंडल दिवस मनाया जाता है ।
- यह अफ्रीका , एशिया , कैरिबियन और अमेरिका , प्रशांत और यूरोप के देशों में मनाया जाता है ।
- 24 मई , 1819 को पैदा हुई महारानी विक्टोरिया की जयंती को चिह्नित करने के लिए राष्ट्रमंडल दिवस मनाया जाता है ।
- शुरुआत में इसे ‘ इम्पायर डे ‘ के रूप में मनाया जाता था लेकिन 1958 में इसका नाम बदलकर राष्ट्रमंडल दिवस कर दिया गया ।
- राष्ट्रमंडल दिवस 2021 का विषय ‘ एक सामान्य भविष्य प्रदान करना है ।
राष्ट्रमंडल राष्ट्र
- यह 54 देशों का राजनीतिक संगठन है ।
- इसमें अधिकांश देश ब्रिटिश साम्राज्य के उपनिवेश थे ।
- इसकी स्थापना 1931 में हुई थी । इसका मुख्यालय लंदन में है ।
ऐतिहासिक अशोक स्तूप
चर्चा में क्यों
लेह के तिरी गांव में अशोक काल के एक ऐतिहासिक स्तूप को इस क्षेत्र के एक पवित्र स्थान के रूप में माना जाता है ।
तथ्य
- अशोक के समय में लद्दाख क्षेत्र में बौद्ध धर्म की शुरुआत हुई थी ।
- लेह जिले के तिरी गांव में स्तूप अशोक द्वारा बनवाया गया था ।
- स्तूप भारत के सबसे बड़े मठ हेमिस मठ के भिक्षुओं द्वारा संरक्षित है ।
- लद्दाख अपनी अनूठी कला , संस्कृति और विदेशी परिदृश्य के लिए प्रसिद्ध है ।
- प्राकृतिक सुंदरता और बौद्ध मठ इस क्षेत्र के मुख्य आकर्षण हैं ।
- बुद्ध के पवित्र अवशेषों को रखने के लिए स्तूपों का उपयोग किया जाता है ।
- अशोक के समय में स्तूप बनाने की कला अपने चरम पर थी ।
भारत के कुछ प्रसिद्ध स्तूप हैं
सांची स्तूप
- यह मध्य प्रदेश में स्थित है ।
- इसका निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान अशोक ने किया था ।
- यह भारत की सबसे पुरानी पत्थर संरचनाओं में से एक है ।
धमेख स्तूप
- यह उत्तर प्रदेश के सारनाथ में स्थित है ।
- यह भगवान बुद्ध के पहले प्रवचन के लिए प्रसिद्ध है ।
- यह बौद्धों के लिए सबसे पवित्र स्थलों में से एक है ।
बाविकोंडा स्तूप
- यह विशाखापट्टनम के पास स्थित है ।
- यह तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान बनाया गया था ।
चौखंडी स्तूप
- यह उत्तर प्रदेश के सारनाथ में स्थित है ।
- इसका निर्माण गुप्त काल में हुआ था ।
- इस स्थान पर भगवान बुद्ध अपने पहले शिष्यों से मिले थे ।
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।