राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन (NBM-National Biopharma Mission)
- हाल ही में BIRAC द्वारा (Biotechnology Industry Research Assistance Council) यह घोषणा की गई, कि जाइडस (Zydus) द्वारा डिजाइन और विकसित प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन (Plasmid DNA Vaccine)-जाइकोव-डी (Zycov-D) के नैदानिक परीक्षणों की शुरुआत हो गई है।
- यह कोविड-19 के लिए पहली स्वदेशी रूप से विकसित वैक्सीन है, जिसके लिए ‘स्वस्थय मनुष्यों पर परीक्षण चरण’ की शुरुआत की गई है।
क्या है राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन?
- यह देश में बायोफार्मास्यूटिकल के क्षेत्र में तीव्र विकास हेतु एक उद्योग अकादमिक सहयोग मिशन है।
- इसकी शुरुआत वर्ष 2017 में 1500 करोड रुपए की राशि के साथ शुरू हुई।(50% वित्तपोषण विश्व बैंक द्वारा)
- यह BIRAC (Biotechnology Industry Research Assistance Council) द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।
- इस मिशन के तहत फार्मास्यूटिकल के क्षेत्र में उन्नयन हेतु सरकार द्वारा (I3-Innovate In India) की शुरुआत की गई है।
इसके अंतर्गत चार कार्य क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया है
1- समन्वित भागीदारी के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य जरूरतों को पूरा किया जाना।
2- साझा अवसंरचना सुविधाओं का उन्नयन तथा इसे खोज व विनिर्माण के केंद्र के रूप में स्थापित करना।
3- मानव पूंजी का विकास करना।
4- प्रौद्योगिकी हस्तांतरण कार्यालयों को स्थापित करना।
15वां भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन
- कोविड-19 के चलते भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन (15वां) वर्चुअल रूप से 15 जुलाई को संपन्न हुआ तथा इस सम्मेलन में भारत व यूरोपीय संघ के मध्य वैज्ञानिक सहयोग समझौते को 5 वर्ष 2020-2025 के लिए नवीनीकृत किया गया। वैज्ञानिक क्षेत्रों में सहयोग समझौता 2001 में हुआ था।
- इस समझौते से भारत व EU के मध्य जल, ऊर्जा, स्वास्थ्य, जैव, साइबर, सूचना, संचार एवं तकनीकी क्षेत्र में अनुसंधान एवं नवाचार के क्षेत्र में मदद मिलेगी।
- इस समझौते से दोनों पक्षों के विज्ञान व तकनीकी संस्थान अंतरिक्ष, विज्ञान-प्रौद्योगिकी, स्वच्छ ऊर्जा व पर्यावरण अनुसंधान के क्षेत्र में सहयोग मिलेगा।
दल-बदल विरोधी कानून और न्यायिक समीक्षा
- हाल ही में राजस्थान में उपजे राजनीतिक संकट को देखते हुए दल-बदल विरोधी कानून काफी चर्चा में है क्योंकि राजस्थान विधानसभा स्पीकर द्वारा दिए गए अयोग्यता नोटिस के विरोध में सचिन पायलट व उनके सहयोगी MLA ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है।
- इससे पूर्व भी इस तरह के मामले सामने आए हैं।
- दल-बदल विरोधी कानून के आधार पर सदस्यों के अयोग्यता का निर्धारण सदन के पीठासीन अधिकारी द्वारा तय किया जाता है तथा सदन के अध्यक्ष/सभापति द्वारा जब तक सदस्यों के खिलाफ दल-बदल कानून के तहत अंतिम फैसला नहीं ले लिया जाता तब तक हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकती।
- 2015 में हैदराबाद हाई कोर्ट ने एक याचिका में इस तरह के मामले में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया था। इसके पूर्व किहोतो होलोन बनाम जाचिल्हू और अन्य (1992) वाद में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया था कि अध्यक्ष/सभापति दल-बदल विरोधी कानून के तहत अंतिम निर्णय लेने से पहले न्यायिक समीक्षा नहीं की जा सकती और ना ही न्यायपालिका द्वारा बीच में कोई हस्तक्षेप करना अनुमन्य होगा।
- दल बदल विरोधी कानून भारतीय संविधान के 52 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1985 द्वारा संविधान की 10वीं अनुसूची में जोड़ा गया है।
कार्बन उत्सर्जन
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में ऑस्ट्रेलियाई नेशनल यूनिवर्सिटी तथा मैक्वेरी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा “कार्बन उत्सर्जन” को कम करने में “कार्बन मूल्य निर्धारण” की भूमिका को लेकर अब तक का सबसे बड़ा शोधकार्य किया गया है।
- इस शोध में 142 देशों को शामिल किया गया है।
- कार्बन मूल्य निर्धारण करने वाले देशों में, वर्ष 2007 से वर्ष 2017 की अवधि में कार्बन डाई ऑक्साइड के उत्सर्जन में 2% प्रतिवर्ष गिरावट दर्ज की गई। जबकि अन्य देशों में इस अवधि के दौरान प्रति वर्ष कार्बन उत्सर्जन में 3% की वृद्धि देखी गई।
- इस शोध कार्य का प्रकाशन पर्यावरण और संसाधन अर्थशास्त्र पत्रिका में दिया गया।
कार्बन उत्सर्जन
- कार्बन उत्सर्जन/फुटप्रिंट से तात्पर्य किसी एक संस्था या व्यक्ति द्वारा की गई कुल कार्बन उत्सर्जन की मात्रा से है।
- यह कार्बन उत्सर्जन कार्बन डाइऑक्साइड या ग्रीन हाउस गैसो के रूप में होता है।
- कार्बन/फुटप्रिंट को ज्ञात करने के लिए “लाइफ साईकिल एसेसमेंट”विधि का प्रयोग किया जाता है।
- कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन को कम करने के लिए वर्ष 1997 में क्योटो प्रोटोकॉल को अपनाया गया।
शिक्षकों एवं विद्यालय प्रमुखों की समग्र उन्नति के लिए एक राष्ट्रीय पहल निष्ठा
- हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा आंध्र प्रदेश के 1200 प्रमुख रिसोर्स पर्सन के लिए पहला ऑनलाइन निष्ठा कार्यक्रम आरंभ किया।
- मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा 2019 में निष्ठा कार्यक्रम को “फेस-टू-फेस”मोड में आरंभ किया गया था।
- इसके तहत 42 लाख प्रतिभागियों की छमता निर्माण का लक्ष्य।
- सभी सरकारी स्कूलों में प्राथमिक स्तर पर शिक्षकों और स्कूल प्रमुखों को शामिल करना ।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का 92 वां स्थापना दिवस
- 16 जुलाई 2020 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का 92 वां स्थापना दिवस मनाया गया।
- इसकी स्थापना वर्ष 1929 में हुई थी
- मुख्यालय – नई दिल्ली
- यह देशभर में बागवानी मत्स्य पालन एवं पशु विज्ञान समेत कृषि में अनुसंधान एवं शिक्षा के संबंध में मार्गदर्शन और प्रबंधन हेतु एक सर्वोच्च निकाय के रूप में कार्य करता है।
बिहार विधानसभा चुनाव में डाक मतपत्र
- हाल ही में चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि बिहार विधानसभा चुनाव में 65 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलट की सुविधा लागू नहीं की जाएगी ।
- 80 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं , कोविड-19 से संक्रमित मतदाताओं तथा आवश्यक सेवाओं में लगे हुए मतदाताओं को वैकल्पिक डाक मतपत्र की सुविधा प्रदान की जाएगी ।
अत्याधुनिक फुटवियर प्रशिक्षण केंद्र
- खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) ने चमड़ा कारीगरों को प्रशिक्षण करने के लिए दिल्ली में अपनी तरह का पहला फुटवेयर प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया ।
- स्थापना – नई दिल्ली
- KVIC के अध्यक्ष बी ० के ०सक्सेना ने परीक्षण केंद्र का उद्घाटन करते हुए चमड़े के कारीगरों को ‘चर्म चिकित्सक ‘अर्थात चमड़े के डॉक्टर के रूप में संबोधित किया ।
कोरोश्योर ( Corosure)
- हाल ही में आईआईटी दिल्ली द्वारा विकसित कम लागत ( ₹650) वाली कोविड-19 परीक्षण किट लांच की गई।
- यह कीट मात्र 3 घंटे में परिणाम देने में सक्षम है।
- यह कोविड-19 परीक्षण किट विश्व की सबसे बड़ी सस्ती कोरोना डायग्नोस्टिक किट है ।
- हाल ही में IIT दिल्ली द्वारा विकसित विश्व की सबसे सस्ती कोविड-19 परीक्षण किट कोरोश्योर को केंद्रीय मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ने लांच किया, जिसकी कीमत ₹399 है।