भारत का पहला ‘पराग कण पार्क
सन्दर्भ
देश का पहला ‘पराग कण पार्क’ (पॉलीनेटर पार्क) नैनीताल जनपद के हल्द्वानी में रामपुर रोड स्थित वन अनुसंधान केंद्र में बनाया गया है।
तथ्य
- अनुसंधान केंद्र में तकरीब चार एकड़ वन भूमि में पराग कण पार्क बनाया गया है।
- इस पार्क में परागण करने वाले जीव जंतु चिड़िया, तितली, कीट पतंगों के लिए प्राकृतिक वास स्थल विकसित किया गया है।
- पार्क में मधुमक्खियों के रहने के लिए बी बॉक्स, तितलियों के परागण के लिए हर मौसम के फूल, कीट पतंगों के लिए व्हाइट एंड लाइट हाउस बनाए गए हैं।
पोलिनेटर के बारे में:
- परागणकर्ता 180,000 से अधिक विभिन्न पौधों की प्रजातियों को परागण सेवाएं प्रदान करते हैं। उनके बिना, पौधों की मौजूदा आबादी घट जाती, भले ही मिट्टी, हवा, पोषक तत्व, और अन्य जीवन-निर्वाह तत्व उपलब्ध होते।
- परागणकों के महत्व को पश्चिम में बहुत पहले ही पहचान लिया गया था और परागणकर्ताओं के संरक्षण के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों में पार्कों, उद्यानों, स्ट्रिप्स और मार्गों को बड़े पैमाने पर बनाया गया था।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री: त्रिवेंद्र सिंह रावत
- उत्तराखंड के राज्यपाल: बेबी रानी मौर्य
‘धरोहर गोद लें: अपनी धरोहर, अपनी पहचान’ परियोजना
सन्दर्भ
Adopt a Heritage: Apni Dharohar, Apni Pehchaan’ Project
हाल ही में “धरोहर गोद लें: अपनी धरोहर, अपनी पहचान परियोजना” (Adopt a Heritage: Apni Dharohar, Apni Pehchaan’ Project) की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया।
प्रमुख बिंदु:
- शुरुआत: इसकी शुरुआत 27 सितंबर, 2017 को विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर की गई थी।
- विश्व पर्यटन दिवस प्रतिवर्ष 27 सितंबर को मनाया जाता है।
- संबंधित मंत्रालय/एजेंसी: यह पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण (ASI), राज्य/केंद्रशासित प्रदेश की सरकारों का एक सहयोगात्मक प्रयास है।
उद्देश्य
- इसका उद्देश्य भारत भर में फैले विरासत/प्राकृतिक/पर्यटन स्थलों पर सुविधाओं को योजनाबद्ध और चरणबद्ध तरीके से पर्यटन के अनुकूल बनाना एवं विकसित करना है।
सुविधाएँ
- बुनियादी सुविधाओं में स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था, रोशनी, स्थलों तक पहुँच में आसानी, स्थलों का सौंदर्यीकरण एवं साफ-सफाई, एप आधारित बहुभाषीय ऑडियो गाइड, डिजि एवं टिकटिंग कियोस्क की स्थापना, संकेत-निर्देशात्मक और दिशात्मक तथा वाई-फाई आदि शामिल हैं।
मदर टेरेसा मेमोरियल अवार्ड्स फॉर सोशल जस्टिस 2020
सन्दर्भ
हार्मोनी फाउंडेशन ने सामाजिक न्याय के लिए दिए जाने वाले मदर टेरेसा मेमोरियल अवार्ड्स की मेजबानी की। अपने 16 वें वर्ष में पुरस्कार सिस्टर प्रेमा, मिशनरीज ऑफ चैरिटी के सुपीरियर जनरल, मदर टेरेसा द्वारा शुरू किया गया एकमात्र पुरस्कार है। इस वर्ष के पुरस्कारों का विषय ‘सेलिब्रेटिंग कम्पैशन इन टाइम्स ऑफ कोविड’ था।
इस वर्ष के पुरस्कार विजेताओं में शामिल हैं:
- डॉ. एंथोनी फौसी (Anthony Fauci) संयुक्त राज्य अमेरिका के एलर्जी और संक्रामक रोगों के राष्ट्रीय संस्थान के निदेशक हैं।
- फादर फैबियो स्टीवेनाज़ी (Father Fabio Stevenazzi) (मिलान, इटली)
- डॉ प्रदीप कुमार (चेन्नई)
- आईपीएस संजय पांडे (डीजी होम गार्ड्स, महाराष्ट्र)
- विकास खन्ना (मैनहट्टन, यूएसए)
- केके शैलजा (स्वास्थ्य मंत्री, केरल),
हार्मोनी फाउंडेशन के बारे में:
- हार्मनी फाउंडेशन एक अंतर्राष्ट्रीय एनजीओ है
- सामाजिक न्याय के दायरे में काम करता है।
- इसकी स्थापना 2005 में अक्टूबर राइस डीट्रे, स्थापना, और मजबूत बनाना, और विभिन्न समुदायों के बीच सामाजिक सामंजस्य को मजबूत करना, और सभी के हित में काम करना, बिना किसी धर्म, पंथ, लिंग या उनके मूल और भेदभाव को ख़त्म करने के लिए हुई थी।
कंटेनर ‘SAHAYAK-NG’ का किया सफल उड़ान परीक्षण
सन्दर्भ
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने भारतीय नौसेना के साथ मिलकर गोवा तट से कुछ दूर समुद्र में IL 38SD एयरक्राफ्ट (इंडियन नेवी) से भारत के पहले स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित एयर कंटेनर ‘SAHAYAK-NG’ का सफल उड़ान परीक्षण पूरा किया।
“SAHAYAK-NG” के बारे में
- SAHAYAK-NG, SAHAYAK Mk I का आधुनिक संस्करण है।
- नए विकसित जीपीएस एडेड एयर ड्रॉप कंटेनर, 50 किलोग्राम तक वजन ले जाने में सक्षम है और इसे किसी भारी विमान से सतह पर उतारा जा सकता है।
- इस कंटेनर का विकास डीआरडीओर की दो प्रयोगशालाओं – विशाखापत्तनम स्थित नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला और आगरा स्थित हवाई वितरण अनुसंधान और विकास संस्थान ने अपने उद्योग साझेदार मैसर्स अवान्टेल के साथ मिलकर किया।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- DRDO के अध्यक्ष: डॉ. जी. सतीश रेड्डी
- DRDO मुख्यालय: नई दिल्ली
- DRDO स्थापना: 1958
सुनील कोठारी
चर्चा में क्यों
हाल ही में प्रख्यात नृत्य इतिहासकार और आलोचक सुनील कोठारी का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
प्रमुख बिंदु:
- उन्हें 2001 में चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित
- नृत्यों पर 20 पुस्तकें लिखीं और भरतनाट्यम, कत्थक तथा मणिपुरी नृत्य रूपों पर विस्तार से लिखा।
- “सत्रिया – असम का शास्त्रीय नृत्य
- भारतीय नृत्य में नई दिशाएँ और कुचिपुड़ी भारतीय शास्त्रीय नृत्य कला शामिल हैं।
- इन्हें संगीत नाटक अकादमी के सदस्य के रूप में चुना गया था।
भारत में 8 शास्त्रीय नृत्य हैं:
- भरतनाट्यम (तमिलनाडु)
- कत्थक (उत्तर भारत)
- कथकली (केरल)
- मोहिनीअट्टम (केरल)
- कुचिपुड़ी (आंध्र प्रदेश)
- ओडिसी (ओडिशा)
- सत्रिया (असम)
- मणिपुरी (मणिपुर)
- संगीत नाटक अकादमी भारत गणराज्य द्वारा स्थापित नृत्य और नाटक की प्रथम राष्ट्रीय अकादमी है।
- इसका गठन भारत सरकार के तत्कालीन शिक्षा मंत्रालय (पूर्व में मानव संसाधन विकास मंत्रालय) के एक प्रस्ताव द्वारा वर्ष 1952 में किया गया था तथा इसके पहले अध्यक्ष डॉ. पी. वी. राजमन्नार थे।
- नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, नई दिल्ली (वर्ष 1959 में स्थापित)।
- जवाहर लाल नेहरू मणिपुर डांस एकेडमी, इम्फाल (वर्ष1954 में स्थापित)।
- कत्थक केंद्र (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कथक डांस), नई दिल्ली (वर्ष 1964 में स्थापित)।
- केरल के प्राचीन संस्कृत थियेटर कुटियट्टम, पूर्वी भारत का छऊ नृत्य और असम के सत्रिया नृत्य को बढ़ावा देने हेतु राष्ट्रीय परियोजनाओं को समर्थन।
Team rudra
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Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
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Geography team mppg college ratanpura mau
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