बुद्धि
- 1885 ई.में फ्रांसिस गाल्टन ने सर्वप्रथम बुद्धि शब्द का प्रयोग किया।
- जीवन की समस्याओं को हल करने का गुण या विभिन्न प्रकार की योग्यताओं का नाम बुद्धि है।
समायोजन की योग्यता
- स्टर्न
- क्रुज
- बर्ट
- कालविन
- फ्रीमैन
सीखने की योग्यता
- बकिंघम
- डिअर वार्न
- मैक्डयूगल
- थार्नडाइक
- फ्रीमैन
अमूर्त चिंतन की योग्यता
- बिन्ने
- स्पीयर मैन
- टरमन
- फ्रीमैन
परिभाषा
फ्रीमैन – बुद्धि समायोजन, अधिगम और अमूर्त चिंतन की योग्यता है।
वकिंघम – बुद्धि सीखने की योग्यता है।
डियर बार्न- बुद्धि, सीखने/अनुभव से लाभ उठाने की योग्यता है।
टरमन – बुद्धि अमूर्त चिंतन के बारे में विभिन्न योग्यतां का नाम है।
बिन्ने- बुद्धि में 4 शब्द निहित है- ज्ञान, अविष्कार, निर्देश, आलोचना।
वुडवर्थ- बुद्धि, कार्य करने की योग्यता है।
वुडरो- बुद्धि, ज्ञान का अर्जन करने की क्षमता है।
रॉस – नवीन परिस्थितियों से चेतन अनुकूल बुद्धि है।
बुद्धि के प्रकार
थार्नडाइक के अनुसार
- यांत्रिक बुद्धि/मूर्त बुद्धि/स्थूल बुद्धि/व्यावहारिक बुद्धि
- अमूर्त बुद्धि
- सामाजिक बुद्धि
गैरिट के अनुसार
- मूर्त बुद्धि/यांत्रिक बुद्धि/स्थूल बुद्धि
- अमूर्त बुद्धि
- सामाजिक बुद्धि
यांत्रिक बुद्धि – मशीन या उपकरणों के प्रयोग करना तथा समझना यांत्रिक बुद्धि ।
जैसे – अभियंता, कारीगर, वास्तुकार, मैकेनिकल, व्यापारी, इतिहासकार।
अमूर्त बुद्धि – जिसमें तर्क वितर्क उच्च स्तर का चिंतन होता है।
जैसे– दार्शनिक, वैज्ञानिक, कलाकार, चित्रकार।
सामाजिक बुद्धि – समाज, राजनेता, चित्रकार।
बुद्धि की विशेषताएं
- बुद्धि एक जन्मजात/प्राकृतिक योग्यता है।
- बुद्धि परिवर्तनशील और विकासशील होती है।
- बुद्धि अमूर्त संप्रत्यय है।
- बुद्धि पर वातावरण, प्रशिक्षण, शिक्षा एवं वंशानुक्रम आदि का प्रभाव पड़ता है।
- ज्ञान और बुद्धि में घनिष्ठ संबंध होता है।
- ज्ञान का व्यावहारिक जीवन में प्रयोग करना बुद्धि है।
बुद्धि को प्रभावित करने वाले कारक
1- वातावरण (सर्वाधिक)
2- वंशानुक्रम (नाम मात्र)
3- वातावरण एवं वंशानुक्रम की अंतः क्रिया
बुद्धि के प्रमुख सिद्धांत
1- एक खंड/एक तत्व/एक कारकीय सिद्धांत
- अल्फ्रेड बिने एवं सहयोगी स्टर्न टरमन
- बुद्धि का सबसे प्राचीन एवं प्रथम सिद्धांत।
- निरंकुश वादी सिद्धांत।
- बुद्धि को अविभाज्य ईकाइ माना गया।
2- दो तत्व सिद्धांत/2 खंड का सिद्धांत/ द्धिकारकीय सिद्धांत
- स्फीयर मैन के द्वारा
- बुद्धि के अन्य सिद्धांतों की नीव इसी सिद्धांत से मानी जाती है।
- दो तत्व – 1- सामान्य कारक (G-F) 2- विशिष्ट कारक (S-F)
3- त्रिखण्ड/तीन तत्व/त्रिकारकीय सिद्धांत
- स्पीयर मैन
- तीन तत्व – सामान्य कारक, विशिष्ट कारक, सामूहिक कारक।
बहु कारकीय सिद्धांत/बालू का सिद्धांत/परमाणु वादी सिद्धांत
- एडवर्ड ली थार्नडाइक
समूह कारकीय सिद्धांत
- लूईस थर्स्टन
- इस सिद्धांत के अनुसार बुद्धि 7 प्राथमिक कार्य को से मिलकर बनाई है।
- प्रत्येक कारक भिन्न/अद्वितीय हैं।
1- अंकिक कारक – अंको को पहचानने में की छमता।
2- शाब्दिक कारक – शब्दों को पहचानने की क्षमता।
3- स्थानिक कारक – कल्पना करने की शक्ति।
4- तार्किक कारक – तर्क करने की क्षमता।
5- शब्द प्रवाह कारक – बोलने की चालाकी।
6- स्मृति कारक- याद करने की क्षमता।
7- प्रत्यक्षत्मक गतिशीलता कारक- तुरंत देखकर पहचान ना।
त्रिआयामी सिद्धांत/त्रिविमीय सिद्धांत/ त्रियामी सिद्धांत (1967)
- बुद्धि की संरचना का सिद्धांत
- जेपी गिल्फोर्ड
- बुद्धि के 3 आयाम – संक्रिया, विषय वस्तु, परिणाम/उत्पाद
कैटेल तथा हॉन का सिद्धांत
- तरल बुद्धि तथा ठोस बुद्धि का सिद्धांत।
- G.F – G.C का सिद्धांत।
- तरल बुद्धि तर्क करने, चिंतन करने, समस्या का समाधान निकालने की जन्मजात क्षमता।
- फोर्स विधि अर्जित, प्रशिक्षण के प्राप्त कौशलों वाली बुद्धि होती है।
- तरल बुद्धि आयु के अनुसार बदलती रहती है।
जान बी केरैल
- बुद्धि का त्रिस्तरीय सिद्धांत।
- बुद्धि के तीन स्तर बताएं।
- बुद्धि को विभिन्न कारकों के रूप में विभाजित किया।
1- सामान्य कारक
2- विस्तृत कारक
3- संकरण कारक
हावर्ड गार्डनर का बहुबुद्धि सिद्धांत (1984)
- 1983 ईस्वी में बुद्धि एकाकी ना होकर बहूकारकीय होती है
- मुलत: सात प्रकार की बुद्धि बताएं।
1- भाषाई बुद्धि – शब्दों में वाक्यों के बोध की छमता – अध्यापक, कव, वकील, इतिहासकार
2- तार्किक बुद्धि-
- तर्क करने की क्षमता
- अंको को पहचानने की क्षमता।
- गणितीय प्रक्रिया में दक्ष।
- जैसे- गणितज्ञ, वैज्ञानिक, अभियंता।
- 3- स्थानिक बुद्धि – कल्पना शक्ति/कल्पना करने की योग्यता- चित्रकार, मूर्तिकार, कलाकार, कवि
4- शारीरिक गतिक बुद्धि- शरीर पर नियंत्रण – खिलाड़ी, डांसर,
5- संगीत बुद्धि- संगीतकार, भजन कार, गायक।
6- अंतर वैयक्तिक आत्म बुद्धि – अपने भावना, संवेग, मूल प्रवृत्ति, योग्यता को समझने की क्षमता।
7- अंतरा व्यक्तिक अन्य बुद्धि – दुसरे के भावना, संवेग, मूल प्रवृत्ति, योग्यता को समझने की क्षमता।
8- प्रकृतिवादी बुद्धि 1998- प्रकृति में मौजूद तत्वों को समझने की क्षमता – किसान, वनस्पति वैज्ञानिक, मौसम वैज्ञानिक,जीव वैज्ञानिक।
9- अस्तित्ववादी बुद्धि 2000- अस्तित्व की विचारधारा। दर्शनशास्त्र की। संसार में रहस्य – योगी,संत , दर्शनशास्त्री।
पदानुक्रमित/क्रमिक महत्व का सिद्धांत
- इस सिद्धांत का प्रतिपादन फिलिपवर &बर्ट
- बुद्धि को तीन कारक में बांटा सामान्य कारक, विस्तृत कारक, संकीर्ण कारक।
- सर्वाधिक महत्व सामान्य कारक को दिया।
त्रि-तंत्रीय सिद्धांत
- यह सिद्धांत सर्टेन बर्ग ने दिया।
- संदर्भ, घटक, और अनुभव तीन तंत्र बताए थे।
बुद्धि मापन
अलफ्रेड बिन्ने का काल (1905-11)
- पेरिस फ्रांस की राजधानी के नगर पालिका में एक स्कूल के बच्चों का सर्वप्रथम बुद्धि मापन किया गया।
- बिने साइमन बुद्धि परीक्षण 1905 मैं आया।
- इसे शाब्दिक परीक्षण भी कहते हैं।
- यह छोटे- छोटे बालकों के लिए था। फ्रेंच भाषा में। फ्रांस के बालकों के लिए।
- बुद्धि मापन का स्तर – उच्च, सामान्य, मंद
- बुद्धि का सफल परीक्षण अल्फ्रेड बिने और उनके सहयोगी साइमन के द्वारा किया गया।
- बुद्धि मापन का वैज्ञानिक काल
- मानसिक आयु के आधार पर बुद्धि मापन।
- मानसिक आयु का अर्थ- व्यक्ति के अंदर योग्यता/और मानसिक क्षमता से है।
प्रथम संशोधन (1908)
- 3 से 11 वर्ष के बालकों के लिए।
द्वितीय संशोधन (1911)
- 3 वर्ष से 16 वर्ष तक के बालकों के लिए।
- 1911 में जर्मनी के स्टर्न व कुहलमान बुद्धि लब्धि का सूत्र दिया।
- बुद्धि लब्धि = मानसिक आयु / वास्तविक है।
बिन्ने से पूर्व का काल/1905 से पूर्व का काल/प्रारंभिक काल
- जिन व्यक्तियों में जिस प्रकार का शरीर होता है उसी प्रकार की बुद्धि होती है।
- बुद्धि मापन का आधार शरीर था।
- बुद्धि मापन का अवैज्ञानिक काल
- लेवेस्टर,बैवर, गिलफोर्ड, गाल्टन, गिलबर्ट, कैटेल
- लेवेस्टर ने 1775 में सर्वप्रथम शारीरिक रचना की दृष्टि से बुद्धि मापन किया।
- फ्रांसिस गार्डन ने अट्ठारह सौ पचासी में सर्वप्रथम बुद्धि शब्द का प्रयोग किया।
- कैटेल ने सर्वप्रथम 1890 में अपनी पुस्तक “बुद्धि मापन एवं परीक्षण”मैं बुद्धि मापन का प्रयोग किया।
बिन्ने के बाद का काल /1911 के बाद का काल /
- बुद्धि लब्धि के आधार पर बुद्धि मापन।
- बुद्धि मापन का आधुनिक काल।
- टरमैन (अमेरिकी मनोवैज्ञानिक) 1916 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में
- टरमैन ने वुद्धि लब्धि = मासिक आय /वास्तविक आय × 100
- 1916 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में विन्ने साइमन के बुद्धि परीक्षण का संशोधन किया। यह सफल संशोधन माना जाता है। यह अमेरिकी बालकों के लिए था।
- यह शाब्दिक बुद्धि परीक्षण था।
- टरमैन ने चार बुद्धि परीक्षण किए थे – 1916,1937,1960,1985-86
बुद्धि लब्धि का टरमैन द्बारा दिया गया वर्गीकरण
वेश्लर वेलेव्यू बुद्धि परीक्षण
- वेश्लर एक अमेरिकन मनोचिकित्सक थे।
- वेश्लर वेलेव्यू मापनी
- W.A.I.S. – वेश्लर वयस्क बुद्धि परीक्षण।-1949
- W.C.I.S – वेश्लर बच्चे वुद्बि परीक्षण
आर्मी अल्फा परीक्षण
- शाब्दिक बुद्धि परीक्षण (पढ़े-लिखे व्यक्तियों के लिए)
- अमेरिका में प्रथम विश्वयुद्ध के दौरान किया गया।
आर्मी बीटा परीक्षण
- अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण (पढ़े लिखे और अनपढ़ दोनों के लिए)
- अमेरिका में।
भारत में बुद्धि परीक्षण
विन्ने – हिंदुस्तानी परफारमेंस प्वाइंट स्केल
- लाहौर विश्वविद्यालय में 1912 में।
- शाब्दिक बुद्धि परीक्षण
- 5 से 16 वर्ष के बालकों के लिए
- C.H. राइस के द्वारा।
भाटिया बैटरी क्रियात्मक बुद्धि परीक्षण
- इलाहाबाद में
- अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण।
- चंद्र मोहन भाटिया के द्वारा।
- भारत में निर्मित प्रथम अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण।
- कैटल ने सर्वप्रथम संस्कृति मुक्त परीक्षण का निर्माण किया।
संवेगात्मक बुद्धि
- संवेग पर नियंत्रण करने वाली बुद्धि को संवेगात्मक बुद्धि कहते हैं। और बुद्धि मस्तिष्क में होती है।
- शरीर में – मस्तिष्क में – मन – अचेतन मन- भावना+मूल+संवेग-प्रेम, भय, क्रोध, घृणा, ईष्र्या।
- डेनियन गोलमैन (अमेरिकी मनोवैज्ञानिक) इनकी पुस्तक “emotional intelligence why it it matter more than IQ” में सर्वप्रथम विस्तृत व्याख्या करके संवेगात्मक बुद्धि को प्रसिद्ध बनाया।
- इनके अनुसार सफलता में बुद्धि का 20% तथा संवेगात्मक बुद्धि का 80% उपयोग होता है।
- संवेगात्मक बुद्धि पर सर्वाधिक कार्य किए – डैनियल गोलमैन, जान मेयर, पीटर साल्वे, साइन,कुरुसों।
संवेगात्मक बुद्धि लब्धि E.Q – संवेगात्मक बुद्धि / वास्तविक बुद्धि × 100 ,E.Q= E.I / C.A. × 100
संवेगात्मक बुद्धि
- स्वयं को समझने की योग्यता।
- स्वयं के संवेगों की उचित अभिव्यक्ति की योग्यता।
- सर्व
- स्वअभिप्रेरित करने की योग्यता।
- संवेगों का उचित नियंत्रण/प्रबंध/संयमित
- मूल्यांकन की योग्यता।
- अंतर व्यक्तिक- संबंध, पहचान, द्वंद,
- दूसरों की भावना, संवेग उम्र को जानना एवं पहचाना संवेगात्मक बुद्धि की पहचान।
साल्वे व मेयर जान के अनुसार संवेगात्मक बुद्धि
व्यक्तिगत
- आत्म जागरूकता।
- आत्मा अभिप्रेरणा।
- स्वयं पर नियंत्रण।
सामाजिक
- सहानुभूति
- मधुर संबंध/सामाजिक कौशल
संवेगात्मक बुद्धि की विशेषताएं
- अपने संवेगो की पहचान
- दूसरों के संवेगों को जानना, पहचानना, समझना।
- मधुर संबंध स्थापित करना।
- समायोजन व निर्णय
- प्रसन्नता, सफलता।
- तालमेल
- दूसरों का सत्कार
- कार्य निष्पादन
- भविष्यवाणी
- शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक विकास की योग्यता।
प्रश्न उत्तर
- बुद्धि एक व्यक्ति की नवीन परिस्थिति से अनुकूलन करने की सामर्थ्य है – विलियम स्टर्न
- थार्नडाइक बुद्धि की प्रकृति के विषय में कौन सा सिद्धांत मानता है-बहुशक्ति सिद्धांत
- स्पीयरमैन के अनुसार बुद्धि के प्रकारों में कौन सा सब में मिलती है।- सामान्य बुद्धि (जन्मजात)
- बुद्धि परीक्षण के लिए पहला परीक्षण कौन सा था- बिने-साइमन परीक्षण
- पढ़े-लिखे व्यक्तियों की बुद्धि परीक्षण के लिए कौन सा परीक्षण प्रयोग किया जाता है-वाचिक बुद्धि परीक्षण
- बुद्धि का वैज्ञानिक मापन सर्वप्रथम किसने किया-अल्फ्रेड बिने
- बुद्धि परीक्षण में मानसिक आयु का प्रयोग सर्वप्रथम कब किया गया था – 1908
- मानसिक आयु संप्रत्यय किसके द्वारा दिया गया था।- अल्फ्रेड बिने
- विधायकता किस अवस्था में प्रारंभ होती है- बाल्यावस्था
- बुद्धि लब्धि को ज्ञात करने का सूत्र किस मनोवैज्ञानिक ने दिया- स्टर्न
- बालकों की बुद्धि लब्धि किस वर्ष तक बढ़ती है- 16 से 18 वर्ष
- बुद्धि के त्रिआयामी / संरचना सिद्धांत के प्रवर्तक-J.P. गिलफोर्ड
- बुद्धि की त्रितंत्रीय सिद्धांत – स्टेनबर्ग
- बुद्धि का त्रि-खण्ड / त्रि- तत्व / त्रि-भाग – स्पीयर मैन
- बुद्धि और विकास है – एक दूसरे के पूरक
- अधिगम सिद्धांत में वह कौन सा कारक है जो सबको एकीकृत करता है तथा निर्मितवादी सिद्धांत की ओर अग्रसर करता है। – अनुभव
- बाल अभिबोधन परीक्षण किस मनोवैज्ञानिक ने निर्मित किया था- अर्नेस्ट क्रिस
- इन्द्रिय ज्ञान द्वारा बुद्धि की व्याख्या सर्वप्रथम किसने की थी- विलियम वुण्ट
- अंतश्चेतनामि बोधन परीक्षण को किस मनोवैज्ञानिक द्वारा निर्मित किया गया – मार्गन एवं मुरे
- बुद्धि सीखने की योग्यता है- वकिंघम
- बुद्धि के एक तत्व सिद्धांत के प्रतिपादक – अल्फ्रेड बिने
- त्रि-तत्व सिद्धांत में तत्व – सामान्य तत्व, विशिष्ट तत्व, समूह तत्व।
- थर्स्टन द्बारा प्रतिपादित बुद्धि सिद्धांत है – प्राथमिक योग्यताओ का सिद्धांत।
- प्रतिभाशाली छात्र की बुद्धि- 140 से ऊपर
- बुद्धि – लब्धि सूत्र के जन्मदाता – स्टर्न
- सामान्य बुद्धि वाले बालक की बुद्धि लब्धि – 90 से 109
- बुद्धि का विभाजन किन वैज्ञानिकों ने किया – टरमन & मैरिट
- जालोटा के परीक्षण दिया – सामूहिक बुद्धि परीक्षण
- बौद्धिक मॉडल का ढांचा किसके द्वारा प्रस्तावित किया गया – गिलफोर्ड
- बुद्धि का प्रतिदर्श या न्यादर्श सिद्धांत का प्रतिपादन- थामसन
- भारत में सर्वप्रथम बुद्धि परीक्षण का प्रकाशन किसने किया – डॉ ० राइस (1912)
- वयस्कों की बुद्धि मापन हेतु सर्वाधिक प्रयुक्त परीक्षण है- वैश्लर – वैल्यूब टेस्ट
- बुद्धि का सरल एवं ठोस बुद्धि का सिद्धांत किसने दिया – कैटिल एवं हार्न
- संवेगात्मक बुद्धि : बुद्धि लब्धि से अधिक महत्वपूर्ण क्यों ‘का प्रकाशन किया था – डैनियल गोलमैन
- संवेगात्मक बुद्धि सदैव निम्न में से किससे प्रेरित होती है – अनुभव
- कौन सी बुद्धि व्यक्ति को अपना लक्ष्य प्राप्त करने की प्रेरणा देती है – संवेगात्मक बुद्धि
- अमूर्त बुद्धि वाले व्यक्ति किस कार्य क्षेत्र को चुनते हैं- साहित्यक