टेलिमेडिसिन प्लेटफार्म: ई- संजीवनी और ई -संजीवनी ओपीडी
- नवंबर 2019 के बाद बहुत कम समय में ही ई-संजीवनी और ई-संजीवनी ओपीडी द्वारा टेली परामर्श कुल 23 राज्यो (देश की कुल 75% आबादी) द्वारा लागू किया गया है। अन्य राज्य इसको शुरू करने की प्रक्रिया में है।
- दोनों प्लेटफार्मों के माध्यम से सबसे अधिक परामर्श प्रदान करने वाले शीर्ष राज्यों में तमिलनाडु और आंध्रप्रदेश शामिल हैं।
- ई-संजीवनी और ई -संजीवनी ओपीडी का विकास “सेंटर फार डेवलपमेन्ट आफॅ एडवांस कम्युटिंग” (C-DAC) द्वारा किया गया है।
ई-संजीवनी
- डॉक्टर टू डॉक्टर परामर्श संबंधी इस प्रणाली का कार्यान्वयन आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (AB-HWCs) कार्यक्रम के तहत किया जा रहा है।
ई-संजीवनी ओपीडी
- इसकी शुरुआत कोविड-19 महामारी के दौर में रोगियों को घर बैठे डॉक्टरों से परामर्श प्राप्त करने में सक्षम बनाने के उद्देश्य से की गई थी।
- इसके माध्यम से नागरिक बिना अस्पताल गए व्यक्तिगत रूप से डॉक्टरों से परामर्श कर सकते हैं।
NOTE
- इसरो ने भारत में 2001 में टेलीमेडिसिन सुविधा की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर की थी, जिसने चेन्नइ के अपोलो अस्पताल को चित्तूर जिले के अरगोड़ा ग्राम के अपोलो ग्रामीण अस्पताल से जोड़ा था।
समुद्री और स्टार्टअप हब-अंडमान और निकोबार दीप समूह
- हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा अंडमान और निकोबार दीप समूह के लिए “सबमरीन केबल कनेक्टिविटी परियोजना”का उद्घाटन किया गया है।
- सबमरीन ओ एफ सी लिंक चेन्नई एवं पोर्ट ब्लेयर के बीच 2×200 गीगावाट प्रति सेकंड की वैडविड्थ उपलब्ध कराएगा।
- 1224 करोड़ रुपए की लागत से चेन्नई पोर्ट ब्लेयर एवं 7 द्विपो के बीच समुद्र के भीतर 2300 किलोमीटर लंबी केबल बिछाई गई है।
- यह पोर्ट ब्लेयर को स्वराज द्वीपों लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कामोरता, ग्रेट निकोबार, लाग आईलैंड और रंगत से जोड़ेगी।
परियोजना का महत्व
- अंडमान और निकोबार दीप समूह को तीव्र मोबाइल और लैंडलाइन टेलीकॉम सेवाएं मिलेगी
- इस क्षेत्र को अब बाहरी दुनिया से जुड़ाव में आसानी होगी।
- यहां स्थित द्वीपों के समूहो को नीली अर्थव्यवस्था तथा समुद्री तटवर्ती और स्टार्टअप हब का एक महत्वपूर्ण केंद्र बनने में मदद करेगा।
- इस द्वीप में टेलीमेडिसिन, टेली एजुकेशन का विस्तार किया जा सकेगा।
- इस पहल से इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार सृजन में भी वृद्धि होगी।
सिंधु जल समझौता (IWT)
संदर्भ
- हाल ही में पाकिस्तान द्वारा भारत-पाकिस्तान सीमा के निकट अटारी चेक पोस्ट पर IWT से संबंधित विषयों पर बैठक आयोजित करने का अनुरोध किया गया था, जिसे भारत ने मना कर दिया।
IWT बैठक क्या है?
- दोनों देशों के “सिंधु जल आयुक्तों” के नेतृत्व में सिंधु नदी प्रणाली से संबंधित बांधों और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण संबंधी कई मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
नवीनतम विवाद
- जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ जिले में चिनाब नदी पर “रातले (रन-ऑफ-द-रिवर-ROR) परियोजना” के निर्माण संबंधी तकनीकी पहलुओं पर मतभेद को लेकर उत्पन्न हुआ है।
- परियोजना के डिजाइन मानकों से संबंधित विवाद निपटारे के लिए भारत “तटस्थ पक्ष” की नियुक्ति का प्रस्ताव दिया है। पाकिस्तान “मध्यस्थता न्यायालय” के माध्यम से विवाद निपटाने का पक्षधर है।
IWT के बारे में?
- यह एक जल-वितरण समझौता है, जिसे 1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत के प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तथा पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किया था।
- IWT के अंतर्गत तीन पूर्वी नदियां- रावी, व्यास, सतलज के पानी पर भारत का पूरा नियंत्रण तथा पश्चिमी नदियां सिंधु, चिनाब, झेलम पर पाकिस्तान का नियंत्रण दिया गया।
- जल आयुक्तों की वर्ष में दो बार बैठक तथा परियोजना स्थलों और नदी पर किए जा रहे हैं महत्वपूर्ण कार्यों के तकनीकी पहलुओं के बारे में सूचित करना आवश्यक है।
- जल प्रवाह तथा उपयोग किए जा रहे पानी की मात्रा का विवरण साझा करना।
- नदियों के उपयोग के संबंध में सहयोग और सूचना के आदान-प्रदान प्रदान के लिए प्रणाली की स्थापना करना।
कृषि अवसंरचना निधि (AIF)
संदर्भ
हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा “एक लाख करोड़ रुपए” की AIF के तहत वित्तपोषण सुविधा की एक नई योजना आरंभ की गई।
NOTE
- उद्देश्य- किसानों को आत्मनिर्भर बनाना।
AIF के बारे में
- अखिल भारतीय “केंद्रीय क्षेत्रक योजना” है।
- ब्याज माफी तथा ऋण गारंटी के जरिए फसल उपरांत प्रबंधन और संरचना एवं सामुदायिक कृषि परिसंपत्तियों के लिए व्यवहार्थ परियोजनाओं मे निवेश के लिए एक मध्यम-दीर्घकालिक कर्ज वित्तपोषण सुविधा है।
- योजना की अवधि 2020 से 2029 (10 वर्ष)
पात्रता
- योजना के अंतर्गत बैंकों और वित्तीय संस्थानों के द्वारा एक लाख करोड रुपए ऋण के रूप में निम्नलिखित को उपलब्ध कराए जाएंगे।
- प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PAC)
- विपणन सहकारी समितियों
- किसान उत्पादक संगठनों (FPOs)
- स्वयं सहायता समूह (SHGs)
- किसानों
- संयुक्त देयता समूहों (Join Liability Groups- JLG)
- बहुउद्देशीय सहकारी समितियों
- कृषि उद्यमियों
- स्टार्टअपो।
NOTE
- सभी प्रकार के ऋणों में प्रतिवर्ष दो करोड़ रुपए की सीमा तक ब्याज में 3% की छूट प्रदान की जाएगी। यह छूट अधिकतम 7 वर्षों के लिए होगी।
क्रेडिट गारंटी
• 2 करोड रुपए तक के ऋण के लिए “क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल इंटरप्राइजेज (CGTMSE) योजना” के अंतर्गत इस वित्तपोषण सुविधा के माध्यम से पात्र उधार कर्ताओं के लिए क्रेडिट गारंटी कवरेज भी उपलब्ध होगा।
• इस कवरेज के लिए सरकार द्वारा भुगतान किया जाएगा। FPO, के मामले में कृषि सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग (DACFW) के FPO संवर्धन योजना के अंतर्गत बनाई गई इस सुविधा से क्रेडिट गारंटी का लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
NOTE
- AIF का प्रबंधन और निगरानी ऑनलाइन प्रबंधन सूचना प्रणाली (MIS) प्लेटफॉर्म के माध्यम से की जाएगी।
- सही समय पर मानिटरिंग और प्रभावी फीडबैक की प्राप्ति को सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर मॉनिटरिंग कमेटियों का गठन किया जाएगा।
गंदगी मुक्त भारत
- हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा स्वतंत्रता दिवस तक 1 सप्ताह चलने वाले “गंदगी मुक्त भारत” अभियान का शुभारंभ किया।
- 15 अगस्त तक प्रत्येक दिन भारत के शहरों तथा गांवों में “स्वच्छता” के लिए “जन आंदोलन” को पुनः आरंभ करने के लिए विशेष स्वच्छता पहलें चलाई जाएंगी।
लोक अदालत का ऑनलाइन आयोजन
- दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (DSLSA) द्वारा दिल्ली में पहली बार।
- ई-लोक अदालत के माध्यम से
- SAMA नामक लिंक ( वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) के माध्यम से।
लोक अदालत के विषय में
- NALSA act -1987 के अंतर्गत लोक अदालतों का गठन।
- संवैधानिक आधार अनुच्छेद- 39A तथा अनुच्छेद-14 एवं 22
- लोक अदालतों का निर्णय बाध्यकारी व अंतिम तथा अपील की कोई व्यवस्था नहीं।
- कोई शुल्क नही।
- गैर जमानती अपराध इसकी परिधि में नहीं।
रक्षा उपकरणों से संबंधित नकारात्मक आयात सूची
- 101 वस्तुओं की एक सूची जिनमें शामिल वस्तुओं के एक निश्चित सीमा (मात्रा) के बाद आयात प्रतिबंधित।
- ऐसी वस्तुओं का निर्णय निजी अथवा रक्षा क्षेत्र की PSU के द्वारा किया जाएगा।
रणनीतिक क्षेत्रों के लिए सरकार की नीति
संदर्भ – रणनीतिक क्षेत्रों के लिए एक नई रणनीति तथा गैर रणनीतिक क्षेत्रों में निजी निवेश को गति प्रदान की जाएगी।
- वित्त मंत्रालय के DIPAM के अनुसार 18 रणनीतिक क्षेत्रों को तीन व्यापक खंडों में वर्गीकृत किया गया है।
- खनन एवं पर्यवेक्षण
- विनिर्माण, प्रसंस्करण एवं निर्माण
- सेवा क्षेत्र
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar
- Sujit Kumar Prajapti