राजनीति का अपराधीकरण
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में उच्चतम न्यायालय में संसद तथा विधानसभाओं में चुने गए जनप्रतिनिधियों के खिलाफ दर्ज अपराधिक मामलों को शीघ्रता से निपटाने हेतु एक याचिका दायर की गई थी जिस पर सुनवाई के दौरान एमिक्स क्यूरी की रिपोर्ट मांगी गई थी। जिसे एमिक्स क्यूरी विजय हंसारिया द्वारा शीर्ष न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है।
मुख्य तथ्य/निष्कर्ष
- कुल आपराधिक मामले (सांसद/विधायक)- 4442
- 2556 वर्तमान में अपराधी विधायक/सांसद हैं।
- अपराधिक मामलों में पर्याप्त विविधता देखी गई है- भ्रष्टाचार, लूट, हत्या, बलात्कार, मनीलांड्रिंग।
- अधिकांश मामले IPC की धारा- 188 के उल्लंघन वाले हैं
- सर्वाधिक मामले उत्तर प्रदेश में है।
राजनीति का अपराधीकरण और जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951
- अपराधिक मामले में सजायाफ्ता व्यक्ति चुनाव नहीं लड़ सकते (दो या दो से अधिक वर्षों का सजायाफ्ता)
राजनीति में अपराधीकरण के प्रमुख कारण
1- भ्रष्टाचार/काला धन
2- वोट बैंक
3- शासन/प्रशासन में कमियां
भविष्य
- राजनीतिक दल स्वयं दागी उम्मीदवारों से परहेज करें।
- निर्वाचन आयोग को राजनीतिक दलों की वित्तीय खाते के ऑडिट की शक्ति दी जाए।
- चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता।
- लंबित मामले फास्ट ट्रैक कोर्ट द्वारा सुलझाए जाएं।
- जनप्रतिनिधि कानून को प्रासंगिक बनाया जाए।
कृषि लाभ और किसानों की आय
- रेटिंग एजेंसी CRISIL द्वारा बागवानी व 25 प्रमुख क्षेत्रों सहित एक विस्तृत विश्लेषण में यह संकेत दिया गया है कि खरीफ के सीजन (वर्ष 2020) में प्रति हेक्टेयर लाभ प्रदता में सुधार होगा।
प्रमुख बिंदु
- कोविड-19 के कारण अर्थव्यवस्था को भारी क्षति हुई है, ऐसे में कृषि ही ऐसा एकमात्र क्षेत्र रहा जिसे सबसे कम नुकसान हुआ है।
- किसानों की सहायतार्थ सरकार द्वारा NABARD के माध्यम से 30 हजार करोड़ रुपए अतिरिक्त आपातकालीन कार्यशील पूंजी के रूप में उपलब्ध कराए गए हैं।
- अर्थशास्त्रियों के अनुसार कुल लाभ में वृद्धि के बावजूद किसानों की प्रति व्यक्ति आय में गिरावट होने की संभावना है। ऐसा कोविड-19 के कारण Reverse Migration के कारण कृषि क्षेत्र में कार्यरत लोगों की संख्या में भारी वृद्धि है।
- Centre for Monitering Indian Economy (CMIE) के अनुसार अप्रैल-जुलाई 2020 के मध्य कृषि क्षेत्र में 14.9 मिलियन रोजगार उत्पन्न हुए।
- इन सबके अतिरिक्त प्रधानमंत्री द्वारा मई 2020 में घोषित आत्मनिर्भर योजना के तहत 1 लाख करोड रुपए की लागत से कृषि अवसंरचना कोष (Agriculture Infrastructure Fund) की स्थापना की गई है जिससे किसानों की फसल का उचित कीमत प्रदान किया जा सके।
इंडो- पैसिफिक क्षेत्र और भारत
- इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र भी कहा जाता है। अभी हाल ही में इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से भारत, ऑस्ट्रेलिया व फ्रांस के बीच त्रिपक्षीय वार्ता का आयोजन किया गया।
महत्व
- इस बैठक से तीनों देशों को विगत वर्षों में द्विपक्षीय माध्यम से हासिल हुई प्रगति को और आगे बढ़ाने का अवसर प्राप्त हुआ।
- बीते वर्षो में तीनों देशों के सहयोग से विशेष रूप से समुद्री क्षेत्र में काफी वृद्धि हुई है।
- ध्यातव्य है कि इस क्षेत्र में चीन के आक्रामक व्यवहार का सामना करने हेतु भारत दोनों देशों को सहयोग प्रदान कर रहा है क्योंकि इन देशों के पास चीन की चुनौती का सामना करने के लिए पर्याप्त क्षमता मौजूद है।
- यह वार्ता क्वाड (Quad) देशों (भारत, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) के अतिरिक्त है। जिससे चीन के बढ़ते प्रभाव के विरुद्ध निर्मित हो रहे हैं वैश्विक अनुबंधन को और अधिक कूटनीतिक शक्ति प्रदान हुए हैं।
प्रधान मंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)
विशेषताएं
- मत्स्य क्षेत्र पर केंद्रित और सतत विकास योजना है।
- आत्मनिर्भर भारत पैकेज के अंतर्गत 2020-21 से 2024-25 तक सभी राज्यों / UTs में कार्यान्वित होगी।
- 20050 करोड़ रुपए निवेश (मत्स्य क्षेत्र में होने वाला सबसे ज्यादा निवेश है)
- यह योजना समुद्री, अंतर्देशीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि में लाभार्थी उन्मुख गतिविधियों पर केंद्रित है।
- “कलस्टर अथवा क्षेत्र आधारित दृष्टिकोण” अपनाते हुए मत्स्य समूहों और क्षेत्रों का निर्माण किया जाएगा।
योजना का उद्देश्य और लक्ष्य
- वर्ष 2024-25 तक अतिरिक्त 70 लाख टन मछली उत्पादन वृद्धि तथा मत्स्य निर्यात आय को बढ़ाकर 1 लाख करोड़ रुपए करना।
- मछुआरो और मछली किसानों की दोगुनी आय करना।
- पैदावार, नुकसान 20-25% से घटाकर 10% करना।
- मत्स्य पालन क्षेत्र और सहायक गतिविधियों में 55 लाख प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा करना।
NOTE- योजना की विशिष्टता “नीली क्रांतियों योजना” की उपलब्धियों को समेकित करना।
PMMSY के शुभारंभ पर घोषित अन्य पहले
- सीतामढ़ी में “फिश ब्रूड बैक” की स्थापना
- किशनगंज में “जलीय रोग रेफरल प्रयोगशाला” की स्थापना
- मधेपुरा में “फिश फीड मिल” और पटना में “फिश ऑन व्हील्स” की दो नई इकाइयों का आरंभ
- डॉ राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय, पूसा बिहार में “व्यापक मछली उत्पादन प्रौद्योगिकी केंद्र” का आरंभ।
राष्ट्रीय गोकुल मिशन क्या है?
- सरकार द्वारा दुधारू पशुओं के स्वदेशी नस्लों के विकास और संरक्षण के लिए वर्ष 2014 में राष्ट्रीय पशु प्रजनन एवं डेयरी विकास कार्यक्रम (NPBBDD) के अंतर्गत आरंभ किया गया था।
प्रमुख उद्देश्य
- दुधारू पशुओं के स्वदेशी नसों का विकास व संरक्षण
- स्वदेशी पशुओं के लिए नस्ल सुधार कार्यक्रम, इससे पशुओं में आनुवंशिक सुधार और पशुओं की संख्या में वृद्धि
- दूध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने की कोशिश
- साहिवाल, राठी, देउनी, थारपारकर, रेड सिंधी के जरिए बाकी नसों को उन्नत करना
- प्राकृतिक सेवा के लिए उच्च अनुवांशिक योग्यता वाली सांडों का वितरण।
योजना का कार्यान्वयन
- राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राज्यों के “पशुधन विकास बोर्ड” द्वारा
- राज्य गौ सेवा आयोग को “राज्य कार्यान्वयन एजेंसी” के तहत पशुधन विकास बोर्ड के प्रस्ताव को प्रायोजित करने और निगरानी का उद्देश्य
- प्रतिभागी एजेंसियां- स्वदेशी पशु विभाग में सर्वश्रेष्ठ जर्म प्लाज्म, CCBF, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि या पशुपालन विश्वविद्यालय, कॉलेज, NGO, सहकारी समितियां, गौशालाएं
गोकुल ग्राम क्या है?
- देशी पशु केंद्र और अधिनियम स्वदेशी नस्लों के विकास के लिए केंद्र के रूप में काम कर रहे हैं।
- फंड एकीकृत स्वदेशी पशु केंद्र, गोकुल ग्राम की स्थापना के लिए दिया जाता है।
NOTE- गोकुल ग्राम मूल प्रजनन इलाकों और शहरी आवास के लिए मवेशियों के पास महानगरों में स्थापित किए जाते हैं।
गोकुल ग्राम की भूमिका एवं दायित्व
- किसानों को उच्च अनुवांशिक प्रजनन स्टॉक की आपूर्ति
- किसानों के लिए प्रशिक्षण केंद्र में आधुनिक सुविधाएं
- गोकुल ग्राम 1000 जानवरों की क्षमता प्रदान करता है
- पशुओं के पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा करना (चारा उत्पादन करके)
- आर्थिक संस्थान की तर्ज पर विकसित किया गया है जैसे- दूध, जैविक खाद, केचुआ-खाद, मूत्र डिस्टिलेट घरेलू खपत के लिए बायोगैस से बिजली का उत्पादन, पशु उत्पादों की बिक्री आदि।
- महानगरीय गोकुल ग्राम में शहरी मवेशियों के अनुवांशिक उन्नयन पर ध्यान केंद्रित करना।
आत्म निर्भर भारत ARISE- अटल न्यू इंडिया चैलेंजेज
संदर्भ
- हाल ही में अटल इन्नोवेशन मिशन (AIM) नीति आयोग द्वारा इसकी शुरुआत की गई।
उद्देश्य
- भारतीय MSME और स्टार्टअप्स में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित करना।
कार्यान्वयन- ISRO और चार मंत्रालय (रक्षा मंत्रालय, खाद्य प्रसंस्करण एवं उद्योग मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय) और संबंधित उद्योगों द्वारा।
कार्यक्रम की प्रमुख विशेषताएं
- जो कार्यक्रम प्रस्तावित प्रौद्योगिकी समाधान और प्रोडक्ट के त्वरित विकास के लिए ₹50 लाख तक की धनराशि से सहायता कर योग्य अनुसंधान आधारित नवाचारों की सहायता करेगा।
दूसरे मल्टी-मोडल टर्मिनल का उद्घाटन
- प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी झारखंड के साहिबगंज में निर्मित भारत के दूसरे तटवर्तीमल्टी-मॉडल टर्मिनल (MMT) को देश को समर्पित करेंगे।
- साहिबगंज में टर्मिनल झारखंड और बिहार के उद्योगों को वैश्विक बाजार में खोलेगा और जल मार्ग के माध्यम से भारत-नेपाल कार्गो कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।
- कोयला, पत्थर के चिप्स, उर्वरक, सीमेंट और चीनी अन्य वस्तुएं हैं जिन्हें टर्मिनल के माध्यम से ले जाया जाता है।
- जल मार्ग विकास परियोजना के तहत गंगा नदी पर बनाए जा रहे तीन मल्टी-मोडल टर्मिनलों में से यह दूसरा है।
टोक्यो, जापान में टाइफून फ़ैक्साई का प्रवेश
- टोक्यो, जापान में 210किलोमीटर/ घंटा (130मील प्रति घंटा) की हवाओं के साथ टाइफून फैक्सई का प्रवेश हो गया है.
- फैक्सई एक दशक में जापानी राजधानी से टकराने वाले सबसे तीर्व टाइफून में से एक है।
- अधिकारियों ने 390,000 से अधिक लोगों को गैर-अनिवार्य निकासी चेतावनी जारी की है।
. राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम का शुभारंभ
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम शुरू किया है। कार्यक्रम में मवेशी, भैंस, भेड़, बकरी और सूअर सहित 500 मिलियन से अधिक पशुधन का टीकाकरण करना है।
- कार्यक्रम में ब्रुसेलोसिस बीमारी के खिलाफ अपनी लड़ाई में सालाना 36 मिलियन महिला गोजातीय बछड़ों का टीकाकरण करना है।
- सरकार 2024 तक 5 वर्षों की अवधि के लिए 12,652 करोड़ रुपये के लिए कार्यक्रम का वित्तपोषण करेगी। कार्यक्रम में दो घटक हैं: 2025 तक रोगों को नियंत्रित करना और 2030 तक उन्मूलन।
अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ‘ANGAN’ आयोजित
- भवन निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन ANGAN (ऑगमेंटिंग नेचर बाय ग्रीन अफोर्डेबल न्यू-हैबिटेट) का आयोजन नई दिल्ली में ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी द्वारा किया जा रहा है।
- यह कार्यक्रम ऊर्जा कुशल वाणिज्यिक और आवासीय भवनों के डिजाइन और निर्माण के क्षेत्र में विभिन्न वैकल्पिक विकल्पों और प्रौद्योगिकियों पर चर्चा करने के लिए है।
- यह आयोजन बेहतर संसाधन दक्षता के लिए संगठनों, प्रणालियों की स्थिरता और प्रतिक्रिया छोरों के बीच अन्योन्याश्रय पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा।
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के महानिदेशक: अभय बाकरे।
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो का मुख्यालय: नई दिल्ली
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Rajeev Kumar Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Anand Yadav
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar
- Sujit Kumar Prajapti