युद्ध अभ्यास 20
चर्चा में क्यो
अमेरिका और भारत के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास ,राजस्थान में महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू हुआ है ।
तथ्य
- यह अभ्यास वार्षिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास युद्ध अभ्यास का 16 वां संस्करण है ।
- अभ्यास 8 फरवरी से 21 फरवरी 2021 तक आयोजित किया जाएगा ।
- जम्मू और कश्मीर राइफल्स की 11 वीं बटालियन अभ्यास में भारत का प्रतिनिधित्व कर रही है ।
- अभ्यास दोनों सेनाओं के बीच युद्ध से संबंधित तकनीकों , कौशल और अनुभव को साझा करने को बढ़ावा देगा ।
- यह दोनों देशों के बीच सबसे बड़े सैन्य प्रशिक्षण अभ्यासों में से एक है ।
- जनवरी 2021 में , भारत और फ्रांस की वायु सेनाओं ने राजस्थान के जोधपुर वायु सेना स्टेशन पर एक संयुक्त अभ्यास डेजर्ट नाइट -21 आयोजित किया ।
- इस अभ्यास का पहला संस्करण 2004 में मिजोरम में आयोजित किया गया था ।
- 2019 संस्करण जॉइन्ट बेस लेविस मैककॉर्ड , वाशिंगटन , यूएस में आयोजित किया गया था । अन्य भारत – अमेरिका संयुक्त अभ्यास : –
- वज्र प्रहार-
- सेना रेड फ्लैग – वायु सेना
- टाइगर ट्रायम्फ – त्रिसेवा
- मालाबार – नौसेना
- पासएक्स – नौसेना
ओडिशा मंदिर स्थापत्य कला
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने ओडिशा के दो प्रमुख मंदिरों- 11 वीं शताब्दी के भुवनेश्वर स्थित लिंगराज मंदिर और 12 वीं शताब्दी के पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर के आसपास ओडिशा सरकार की विकास गतिविधियों को विनियमित करने के लिए कदम उठाया है।
प्रमुख बिंदु
- जगन्नाथ मंदिर से जुड़े परिसर और अन्य प्रमुख बुनियादी ढांचों के विकास के लिए 3,500 करोड़
- लिंगराज मंदिर के सौंदर्यीकरण और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 700 करोड़ के निवेश की परिकल्पना की गई थी।
ओडिशा शैली
- ओडिशा के मंदिर शुद्ध नागर शैली का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- कलिंग साम्राज्य के समय ओडिशा मंदिर स्थापत्य शैली का विकास हुआ।
- मंदिर की बाहरी दीवारों पर बारीक नक्काशी की जाती थी जबकि भीतरी दीवारें बिना किसी नक्काशी के सपाट छोड़ दी जाती थीं।
- मंदिर की छत को लोहे के गार्डरों से सहारा दिया जाता था।
- मंदिर के शिखर को रेखा-देउल कहा जाता था, जो क्षैतिज आकार में होने के बाद शीर्ष पर एकदम से अन्दर की तरफ मुड़े थे।
- ये मंदिर द्रविड़ शैली के समान ही परकोटे से घिरे थे।
- मंदिर के मंडप को जगमोहन कहा जाता था।
ओडिशा शैली के प्रमुख मंदिर
- लिंगराज मंदिर
- पुरी का जगन्नाथ मंदिर
- भुवनेश्वर का वैताल देउल मंदिर
- राजरानी मंदिर
- परशुरामेश्वर मंदिर
- ब्रह्मेश्वर मंदिर
- कोणार्क का सूर्य मंदिर
दुनिया का पहला ऊर्जा द्वीप
चर्चा में क्यो
डेनमार्क ने उत्तरी सागर में दुनिया का पहला ऊर्जा द्वीप बनाने की योजना को मंजूरी दी है ।
तथ्य
- द्वीप 3 मिलियन यूरोपीय परिवारों की मांगों को पूरा करने के लिए हरित ऊर्जा का उत्पादन और भंडारण करेगा ।
- यह द्वीप डेनमार्क के पश्चिमी तट से 80 किलोमीटर दूर स्थित होगा और इसकी प्रारंभिक क्षमता 3 गीगावाट होगी ।
- अपने प्रारंभिक चरण में , कृत्रिम द्वीप को विभिन्न अपतटीय पवन टर्बाइनों से जोड़ा जाएगा ।
- यह निर्णय यूरोपीय संघ की अक्षय ऊर्जा की ओर बढ़ने और 2050 तक इसकी अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता को 25 गुना बढ़ाने की योजना का एक हिस्सा है ।
- डेनमार्क बाल्टिक सागर में एक ऊर्जा द्वीप के लिए भी योजना बना रहा है ।
डेनमार्क :
- यह एक नॉर्डिक देश है जो जर्मनी के साथ अपनी सीमा साझा करता है ।
- राजधानी : कोपेनहेगन मुद्रा
- डेनिश क्रोन – प्रधान मंत्री
- मेटे फ्रेडरिकसेन – यह 1973 में ईयू का सदस्य बना ।
असोम माला सड़क परियोजना
चर्चा में क्यों
- पीएम मोदी ने ‘ असोम माला ‘ सड़क परियोजना शुरू की , जिसका उद्देश्य स्टेट हाईवे को विकसित करना है ।
उद्देश्य
- असम में प्रमुख जिला सड़कों के नेटवर्क में सुधार करना भी है ।
तथ्य
- इसे पांच साल में अंतिम रूप देने की योजना है ।
- पीएम मोदी ने असम के बिश्वनाथ और चराइदेव जिलों में स्थित दो मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों का भी शिलान्यास किया ।
- मोदी ने असम के सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली में कई विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया ।
असम
- राजधानी दिसपुर है ।
- इसका सबसे बड़ा शहर गुवाहाटी है ।
- इसमें 34 जिले हैं ।
- राज्य नृत्य : बिहू
- राज्य पक्षी : व्हाइट – विंगड वुड डक
- राज्यपाल – जगदीश
- मुख्यमंत्री – सर्बानंद सोनोवाल
- लोकसभा सीटें : 14
- राज्यसभा सीटें : 7
भू-तापीय क्षेत्र विकास परियोजना
चर्चा में क्यों?
पूर्वी लद्दाख के पुगा गाँव में भारत की पहली भू-तापीय क्षेत्र विकास परियोजना को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है।
तथ्य
- पायलट प्रोजेक्ट के पहले चरण के तहत , 1 मेगावाट बिजली पैदा की जाएगी और इसके लिए ओएनजीसी एनर्जी , एलएएचडीसी ( LAHDC ) , लेह और यूटी लद्दाख के बिजली विभाग के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं ।
- इस परियोजना के 2022 के अंत तक चालू होने की संभावना है ।
- अनुसंधान और विकास चरण या परियोजना का डेमो परियोजना का दूसरा चरण होगा ।
- तीसरे चरण के तहत , संयुक्त उपक्रम और वाणिज्यिक परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा ।
- भू – तापीय ऊर्जा पृथ्वी की उप – सतह के भीतर उत्पन्न होने वाली ऊष्मा है ।
- इसका उपयोग हीटिंग , कूलिंग और स्वच्छ बिजली पैदा करने के लिए किया जा सकता है ।
- भारत के भू – तापीय क्षेत्र को पाँच वर्गों में वर्गीकृत किया गया है। उत्तर- पश्चिमी हिमालय , सोन – नर्मदा ताप्ती ( सो – ना – ता ) वंश , पश्चिमी तट मार्ग , पूर्वी और उत्तर पूर्व क्षेत्र का थर्मल क्षेत्र और अन्य भू – तापीय क्षेत्र ।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एस. एन. सुब्रह्मण्यन को राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (National Safety Council) का तीन साल की अवधि के लिए अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
एस. एन. सुब्रह्मण्यन के बारे में
- एल एंड टी लिमिटेड(L&T Ltd) के सीईओ और प्रबंध निदेशक ।
- श्री सुब्रह्मण्यन एक प्रतिष्ठित इंजीनियर हैं।
- यह देश का सबसे बड़ा निर्माण संगठन है और दुनिया में 14वें स्थान पर है।
- एलएंडटी इंजीनियरिंग, रक्षा, जहाज, बिल्डिंग आदि का निर्माण करती है।
राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के बारे मे
- भारत में राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख गैर-लाभकारी और स्व-वित्तपोषण संगठन है।
- यह एक स्वायत्त निकाय है।
कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी
- जनम 30 दिसम्बर, 1887 को गुजरात के भड़ोच में हुआ एवं इन्होंने अरविंद घोष जैसे महापुरुषों से शिक्षा प्राप्त की।
- 1920 में, इन्होंने अमदाबाद के वार्षिक कांग्रेस अधिवेशन में भाग लिया।
- बारदोली सत्याग्रह में इन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया।
- कन्हैयालाल मुंशी सर्वाधिक 11 संविधान समितियों के सदस्य थे।
कुछ महत्वपूर्ण
- यंग इण्डिया अख़बार का सम्पादन और मुंशी प्रेमचंद के साथ हंस पत्रिका का सम्पादन
- उपन्यास : लोमहर्षिणी, लोपामुद्रा, जय सोमनाथ, भगवान परशुराम, तपस्विनी, पृथ्वीवल्लभ, भग्नपादुका, पाटण का प्रभुत्व, कृष्णावतार के सात खण्ड : बंसी की धुन, रुक्मिणी हरण, पाँच पाण्डव, महाबली भीम, सत्यभामा, महामुनि व्यास, युधिष्ठिर।
- नाटक : वार रे मैं वाह!।
- आत्मकथा : आधे रास्ते (प्रथम खण्ड), सीधी चढ़ान (द्वितीय खण्ड), स्वप्नसिद्धि की खोज में (तृतीय खण्ड)।
- 8 फरवरी, 1971 को बहुमुखी प्रतिभा के धनी कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी का देहांत हो गया।
टीम रूद्रा – मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा (प्रतियोगी)
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।