28 January 2021 current affairs

जलवायु अनुकूलन शिखर सम्मेलन 2021

    चर्चा में क्यों?

       हाल ही में PM द्बरा जलवायु अनुकूलन शिखर सम्मेलन 2021 को वर्चुअली संबोधित किया और जलवायु अनुकूलन के लिए भारत की प्रतिबद्धताओं को दोहराया। इसके साथ ही  इस वर्ष के अंत में भारत में आयोजित होने वाली आपदा रोधी संरचना पर तीसरे अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए सभी देशों को आमंत्रित भी किया गया।

  बारे में

  • मेजबानी – नीदरलैंड की सरकार  द्वारा
  • जलवायु आपातकाल के अग्रणी समाधान प्रदर्शित करने और जलवायु अनुकूलन की गति को बनाए रखने में मददगार होगा।

   प्रमुख प्रतिबद्धताएं

  • भारत का लक्ष्य वर्ष 2030 तक नवीनीकृत ऊर्जा की क्षमता को बढ़ाकर 450 गीगावाट करना है।
  • एलईडी लाइट्स के इस्तेमाल को बढ़ावा गया है।
  • भारत ने 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर अन-उपजाऊ भूमि को हरा-भरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

  UNFCCC के COP26 के बारे मे

  • UNFCCC की पार्टियों की वार्षिक बैठक को UNFCCC-COP के नाम से जाना जाता है।
  • इस बैठक के 26वें सत्र 1 से 12 नवंबर, 2021 के दौरान स्कॉटलैंड के ग्लासगो में किया जाना है।
  • अध्यक्षता यूनाइटेड किंगडम द्वारा की जाएगी।
  •  CoP1 का आयोजन बर्लिन में 1995 में किया गया था।

वित्त वर्ष 2021 में आईएमएफ का अनुमान 

चर्चा में क्यों

      हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वर्ष 2021 में भारत के लिए 11.5% विकास दर (growth rate) का अनुमान लगाया है।

    प्रमुख बिंदु

  • भारत में विकास के संदर्भ में सकारात्मक अनुमान व्यक्त किया है।
  • कोविड-19 महामारी के बीच भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जिसकी आर्थिक वृद्धि दर वर्ष 2021 में दहाई अंक में होगी।
  • चीन (8.1 प्रतिशत), स्पेन (5.9 प्रतिशत) और फ्रांस (5.5 प्रतिशत) आदि का स्थान आता है।
  • 2022 में भारत की 6.8 प्रतिशत और चीन की 5.6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।

  अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष 

  • स्थापना – जुलाई 1944 में सम्पन्न हुई
  • 27 दिसंबर, 1945 को भारत समेत 29 देशों ने मिलकर औपचारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का गठन किया था।
  • मुख्यालय वाशिंगटन डीसी में स्थित है।
  • वर्तमान में इसके 190 सदस्य देश हैं।
  • अंडोरा 16 अक्टूबर, 2020 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष का 190 वां सदस्य देश बना था।
  • मुद्रा कोष की प्रमुख –  बुल्गारिया की अर्थशास्त्री क्रिस्टालिना जॉर्जीवा हैं।

रिसा

चर्चा में क्यों

       त्रिपुरा के पारंपरिक परिधान रिसा को राष्ट्रीय स्तर पर त्रिपुरा के विशिष्ट परिधान के रूप में बढ़ावा देना है।

  •  आँगनवाड़ी और आशा कार्यकर्त्ताओं को रिसा वर्दी प्रदान किया जायेगा।
  •  हथकरघा तथा हस्तशिल्प विकास निगम में रिसा बनाने के लिये प्रशिक्षण ।
  • ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल का समर्थन करता है।

    रिसा क्या है?

  • रिसा हाथ से बना एक कपड़ा है जिसका इस्तेमाल महिलाएँ शरीर के ऊपरी हिस्से को ढकने के लिये करती हैं।
  • पारंपरिक त्रिपुरी पोशाक के तीन हिस्से होते हैं-
  • रिग्नयी: इसे मुख्य रूप से शरीर के निचले परिधान के रूप में जाना जाता है। इसका शाब्दिक अर्थ है ‘पहनने के लिये’।
  • रिकुतु: रिकुतु से शरीर के ऊपरी हिस्से को साड़ी की तरह ढकते हैं। 

  गरिया पूजा महोत्सव

  • आयोजन चैत्र महीने के अंतिम दिन किया जाता है।
  • यह त्रिपुरा की नृजातीय जनजातियों- त्रिपुरी और रींगस द्वारा एक फसल उत्सव के रूप में मनाया जाता है।
  • इस महोत्सव के दौरान गरिया नृत्य भी किया जाता है।

पारगमन उन्मुख विकास

(Transit Oriented Development)

चर्चा में क्यों?

   पारगमन उन्मुख विकास की अवधारणा पर नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जायेगा।

     प्रमुख बिंदु

  •  यह परियोजना रेल भूमि विकास प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित ।
  •  रेल मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है। 
  • इसका कार्य खाली पड़ी रेलवे भूमि पर विकास कार्य करना है।
  •  देश भर में लगभग 43,000 हेक्टेयर खाली भूमि है।
  • TOD में आमतौर पर एक केंद्रीय पारगमन स्टॉप (जैसे कि एक ट्रेन स्टेशन, रेल या बस स्टॉप) शामिल होता है जो एक उच्च घनत्व वाले क्षेत्र से घिरा होता है।
  • आवश्यकता:
  • तेज़ी से बढ़ती जनसंख्या, शहरीकरण, शहरों में प्रवास और यातायात संबंधी भीड़ आदि जैसे कारकों के कारण से।

  TOD  तीन स्तंभों पर आधारित है:

  • निजी से सार्वजनिक परिवहन में परिवर्तन को आसान बनाना।
  • सुलभ सार्वजनिक परिवहन (हरित गतिशीलता को बढ़ावा देना)
  • वहनीय परिवहन व्यवस्था।

   TOD नीति का उद्देश्य

  • सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना।
  • यात्रा में कमी लाना
  • सघन सड़क नेटवर्क स्थापित करना।
  • प्रभाव क्षेत्र में समावेशी आवासों का विकास करना
  • अतिसंवेदनशील वर्ग की सुरक्षा सुनिश्चित करना।
  • ‘कार्बन फुटप्रिंट’ को कम करना।

फिलिस्तीनियों के साथ संबंध-बहाली की घोषणा

   संदर्भ

       हाल ही में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के प्रशासन द्वारा फिलिस्तीनियों के साथ संबंधों को बहाल करने तथा फिलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए फिर से सहायता प्रदान करने घोषणा की गयी है।

  • पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन द्वारा फिलिस्तीनियों से संबंध-विच्छेद किए जाने के विपरीत है।

    इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष:

  • इजरायल-फिलिस्तीनी संघर्ष की शुरुआत, उन्नीसवीं सदी के अंत में, मुख्यतः इस भूभाग पर अधिकार के लिए संघर्ष के रूप में हुई थी।
  • वर्ष 1948 के अरब–इजरायल युद्ध के बाद, पवित्र भूमि को तीन भागों में विभाजित किया गया था: इजरायल देश, वेस्ट बैंक (जॉर्डन नदी का), और गाजा पट्टी।
  • इस संघर्ष को विराम देने हेतु वर्ष 1993 के ओस्लो समझौते द्वारा मध्यस्थता की गयी और ‘दो-राष्ट्र’ समाधान की एक रूपरेखा तैयार की गयी।
  • पश्चिम एशिया शांति योजना:
  • पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा पश्चिम एशिया शांति योजना का उदघाटन किया गया।
  • इजरायल और फिलिस्तीनियों के बीच ‘दो-राष्ट्र’ समाधान पर अवरुद्ध वार्ता को फिर से शुरू।
  • ‘पश्चिम एशिया शांति योजना’ में इजरायल के लिए ‘अविभाजित राजधानी’ के रूप में ‘यरुशलम’ सौंपे जाने तथा कड़ी शर्तों के आधार पर फलस्तीन को भविष्य में राष्ट्र का दर्जा देने की बात कही गई है।

गोविंद बल्लभ पंत

संदर्भ:

  • हाल ही में, स्वतंत्रता सेनानी गोविंद बल्लभ पंत की प्रतिमा संसद परिसर से हटाई गयी है, इसके लिए नई जगह पर फिर से स्थापित किया जाएगा।

  ‘गोविंद बल्लभ पंत’ के बारे में:

  • पंत का जन्म 10 सितंबर 1887 को अल्मोड़ा, उत्तराखंड में हुआ था।
  • उन्होंने काशीपुर में प्रेम सभा नामक एक संगठन की स्थापना की जिसने कई दिशाओं में सुधार कार्य शुरू किए।
  • उन्होंने ब्रिटिश सरकार के लिए करों का भुगतान नहीं करने के कारण एक स्कूल को बंद होने से बचाया।
  • वे स्वतंत्र भारत में उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री थे।
  • उन्होंने वर्ष 1955 से 1961 तक भारत के गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। यह उनके कार्यकाल के दौरान राज्यों को भाषाई आधार पर पुनर्गठित किया गया था।
  • गांधी के नक्शेकदम पर चलते हुए, पंत ने संयुक्त प्रांत में व्यापक स्तर पर नमक आंदोलन का आयोजन किया। इसके लिए मई 1930 में, उन्हें देहरादून जेल में गिरफ्तार किया गया।
  • उन्होंने साइमन कमीशन का विरोध किया था।
  • वर्ष 1957 में, पंत को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

    Team rudra

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