विशालकाय लेदरबैक कछुआ
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सरकार ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पर्यटन और बंदरगाह विकास हेतु कई प्रस्ताव रखे हैं। इस संबंध में पर्यावरण संरक्षणवादियों का कहना है कि सरकार द्वारा पर्यटन और बंदरगाह विकास से विशालकाय लेदरबैक कछुओं (Giant Leatherback turtle) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
प्रमुख बिंदु
- विशालकाय लेदरबैक कछुआ को चमड़ा का कछुआ या लथ कहा जाता है।
- एक समुद्री कछुआ है।
- विशालकाय लेदरबैक कछुआ कुछ मगरमच्छों के बाद सबसे बड़ा सरीसृप है। इसके अतिरिक्त, यह जीवित कछुओं में से सबसे बड़ा कछुआ है।
- आर्कटिक और अंटार्कटिक को छोड़कर लगभग सभी महासागरों में पाया जाता है।
- भारत के वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I में सूचीबद्ध है एवं इसे ICUN के सुभेद्य/वल्नरेबल कैटगरी में रखा गया है।
IUCN
- स्थापना वर्ष 1948 में की गई थी।
- इसका मुख्यालय स्विटज़रलैंड में स्थित है।
- विश्व में सबसे अधिक संकटग्रस्त प्रजातियों को दर्शाती है।
नीली अर्थव्यवस्था नीति का प्रारूप
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने भारत के लिए नीली अर्थव्यवस्था नीति के प्रारूप(Draft Blue Economy Policy for India) को जारी किया गया हैं।
प्रमुख बिन्दु
- समुद्री संसाधनों के उपयोग के लिए भारत सरकार द्वारा अपनाए जाने वाले विजन और रणनीति को बताया गया है।
- इसके संस्थानों में सोशल मीडिया हैंडल शामिल हैं।
प्रारूप के बारे में
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने 2030 तक न्यू इंडिया के भारत सरकार के विजन के अनुरूप नीली अर्थव्यवस्था नीति तैयार की है।
- न्यू इंडिया विजन में नीली अर्थव्यवस्था को राष्ट्रीय विकास के लिए 10 प्रमुख आयामों में माना गया है।
- प्रारूप नीति में भारत की अर्थव्यवस्था के समग्र विकास के लिए अनेक विभिन्न क्षेत्रों की नीतियों पर बल दिया गया है।
प्रारूप दस्तावेज में सात निम्नलिखित विषय हैं-
- नीली अर्थव्यवस्था तथा समुद्री शासन संचालन के लिए राष्ट्रीय लेखा ढांचा
- तटीय समुद्री आकाशीय नियोजन तथा पर्यटन
- मरीन मछली पालन तथा मछली प्रसंस्करण
- मैन्यूफैक्चरिंग, उभरते उद्योग, व्यापार, टेक्नोलॉजी, सर्विसेज तथा कौशल विकास
- पार-लदान सहित अवसंरचना तथा शिपिंग
- तटीय तथा गहरे समुद्री खनन तथा अपतटीय ऊर्जा
- सुरक्षा, रणनीतिक आयाम तथा अंतरराष्ट्रीय सहयोग
नीली अर्थव्यवस्था क्या होती है?
- जब समुद्र के संसाधनों का उपयोग आर्थिक विकास, आजीविका तथा रोज़गार एवं महासागरीय पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण को केंद्र में रखकर किया जाता है तो वह नीली अर्थव्यवस्था (Blue Economy) के अंतर्गत आता है।
- कनाडा और ऑस्ट्रेलिया ने इस संदर्भ में कानून बनये हैं
‘ माँ योजना ‘
चर्चा में क्यो
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गरीब लोगों को 5 रुपये में भोजन उपलब्ध कराने के लिए ‘ माँ योजना शुरू की ।
तथ्य
- इस योजना के तहत , लोगों को भोजन में चावल , दाल , सब्जी और अंडा करी 5 रुपये में मिलेगा ।
- राज्य सरकार प्रति प्लेट 15 रुपये की सब्सिडी वहन करेगी ।
- सरकार ने इस योजना के लिए ₹ 100 करोड़ आवंटित किए हैं ।
- राज्य के विभिन्न स्थानों पर माँ रसोई के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराया जाएगा ।
- रसोई स्वयं सहायता समूहों द्वारा संचालित की जाएगी ।
- नौकरी गंवाने वाले प्रवासी कामगारों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए ‘ दीदीर रानाघर ‘ योजना भी शुरू की गई थी ।
पश्चिम बंगाल
- यह पूर्वी भारत का एक राज्य है ।
- यह हिमालय और बंगाल की खाड़ी के बीच स्थित है ।
- यह तीन देशों – बांग्लादेश , नेपाल और भूटान के साथ अपनी सीमा साझा करता है ।
- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं और राज्यपाल जगदीप धनखड़ हैं ।
क्वाड की तीसरी मंत्रिस्तरीय बैठक
चर्चा में क्यों
तीसरा भारत – ऑस्ट्रेलिया – जापान – यूएसए मंत्रिस्तरीय बैठक 18 फरवरी हो रही है । इस बैठक में सभी चार देशों के विदेश मंत्री भाग लेंगे ।
तथ्य
- दूसरा संस्करण अक्टूबर 2020 में टोक्यो में आयोजित किया गया था ।
- क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दे , कोविद -19 चुनौतियां और भारत – प्रशांत क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा करेंगे ,
- पहली क्वाड मंत्रिस्तरीय बैठक 2019 में न्यूयॉर्क में आयोजित की गई थी ।
- विदेश मंत्री भारत के एस जयशंकर, ऑस्ट्रेलिया के मैरिज पायने, जापान के तोशिमित्सु, यूएसए के एंटनी ब्लिंकेन भाग लेंगे।
क्वाड ( QUAD )
- इसकी स्थापना 2007 में हुई थी ।
- ऑस्ट्रेलिया , भारत , जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका इस मंच के सदस्य हैं ।
- इसका उद्देश्य एक ” एशियाई आर्क ऑफ डेमोक्रेसी ” स्थापित करना है , जिसमें मध्य एशिया , मंगोलिया , कोरियाई प्रायद्वीप और अन्य दक्षिण पूर्व एशिया के देश शामिल हैं ।
मुफ्त उपहार दूध ‘ पहल
चर्चा में क्यों
सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने ‘ सिक्किम की छात्राओं के लिए मुफ्त उपहार दूध ‘ पहल लॉन्च किया । इस पहल के तहत , हर दिन लगभग 1500 छात्राओं को 200 मिलीलीटर दूध प्रदान किया जाएगा
तथ्य
- यह बच्चों में कुपोषण को कम करने के लिए शुरू किया गया है ।
- सरकार बाद में बड़े पैमाने पर इसका विस्तार करेगी ।
- इस अवसर पर , सीएम ने युवाओं को खेती को एक व्यवसाय के रूप में लेने के लिए प्रोत्साहित किया और राज्य में खेती के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की पहल के बारे में भी बताया ।
सिक्किम
- यह पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है ।
- यह पश्चिम बंगाल , भूटान , तिब्बत और नेपाल के साथ अपनी सीमा साझा करता है ।
- यह भारत का सबसे कम आबादी वाला राज्य है ।
- राजधानी – गंगटोक
- मुख्यमंत्री – प्रेम सिंह तमांग
- राज्यपाल- गंगा प्रसाद
किशोर न्याय अधिनियम 2015
चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बच्चों के हितों को सुनिश्चित करने व बाल संरक्षण व्यवस्था को मजबूत बनाने के उपायों को सुनिश्चित करने के लिये किशोर न्याय अधिनियम 2015 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
प्रमुख संशोधन के बारे मेें
- प्रत्येक जिले में इस अधिनियम को लागू करने वाली एजेंसियों के कामकाज की निगरानी कर सकेंगे।
- जिला बाल संरक्षण इकाई” जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) के अधीन कार्य करेगी।
- जिला मजिस्ट्रेट को किशोर न्याय अधिनियम की धारा 61 के तहत गोद लेने का आदेश जारी करने का अधिकार दिया गया है।
प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों को ध्यान में रखा गया है-
- संयुक्त राष्ट बाल अधिकार अधिवेशन, 1989
- विधि द्वारा संघर्षरत किशोरों हेतु निर्धारित संयुक्त राष्ट्र किशोर न्याय न्यूनतम मानक नियम, 1985 (बीजिंग रुल्स)
- बाल स्वतंत्रता पर संयुक्त राष्ट्र किशोर संरक्षण नियम, 1990
- बाल संरक्षण और अंतरदेशीय दत्तक ग्रहण संबंधी हेग कान्वेंशन, 1993
- प्रत्येक ज़िले में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड और बाल कल्याण समितियो के गठन का प्रावधान किया
- जघन्य अपराधों में संलिप्त 16-18 वर्ष की आयु के बीच के किशोरों पर भी वयस्कों के समान ही मुकदमा चलाने की अनुमति देता है।
- बच्चे के विरुद्ध अत्याचार, बच्चे को नशीला पदार्थ देने और बच्चे के अपहरण या उनके व्यापार के संदर्भ में दंड भी निर्धारित करता है।
टीम रूद्रा
– मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा (FSO – 2021 pcs)
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।