संसद के सत्र
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सरकार ने COVID-19 महामारी के कारण मामलों में वृद्धि की आशंका के चलते संसद के शीतकालीन सत्र को रद्द करने का फैसला लिया है।
संसद के सत्र (Parliament Sessions):
- संसद के सत्र के संबंध में संविधान के अनुच्छेद 85 में प्रावधान किया गया है।
- संसद के किसी सत्र को बुलाने की शक्ति सरकार के पास है। इस पर निर्णय संसदीय मामलों की कैबिनेट समिति द्वारा लिया जाता है जिसे राष्ट्रपति द्वारा औपचारिक रूप दिया जाता है।
- भारत में कोई निश्चित संसदीय कैलेंडर नहीं है। संसद के एक वर्ष में तीन सत्र होते हैं।
- सबसे लंबा, बजट सत्र (पहला सत्र) जनवरी के अंत में शुरू होता है और अप्रैल के अंत या मई के पहले सप्ताह तक समाप्त हो जाता है। इस सत्र में एक अवकाश होता है ताकि संसदीय समितियाँ बजटीय प्रस्तावों पर चर्चा कर सकें।
- दूसरा सत्र तीन सप्ताह का मानसून सत्र है, जो आमतौर पर जुलाई माह में शुरू होता है और अगस्त में खत्म होता है।
- शीतकालीन सत्र यानी तीसरे सत्र का आयोजन नवंबर से दिसंबर तक किया जाता है।
संसद सत्र आहूत करना (Summoning of Parliament):
- सत्र को आहूत करने के लिये राष्ट्रपति संसद के प्रत्येक सदन को समय-समय पर सम्मन जारी करता है,
- संसद के दोनों सत्रों के मध्य अधिकतम अंतराल 6 माह से ज़्यादा का नही होना चाहिये। ्
- संसद को कम-से-कम वर्ष में दो बार मिलना चाहिये।
स्थगन (Adjournment):
- संसद की बैठक को स्थगन या अनिश्चितकाल के लिये स्थगन या सत्रवसान या विघटन (लोकसभा के मामले में) द्वारा समाप्त किया जा सकता है।
- स्थगन द्वारा बैठक को कुछ निश्चित समय, जो कुछ घंटे, दिन या सप्ताह हो सकता है, के लिये निलंबित किया जा सकता है।
सत्रावसान (Prorogation):
- सत्रावसान द्वारा न केवल बैठक बल्कि सदन के सत्र को भी समाप्त किया जाता है।
- सत्रावसान की कार्रवाई राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- सत्रावसान और फिर से इकट्ठे होने (Reassembly) तक के समय को अवकाश कहा जाता है।
कोरम (Quorum)
- प्रत्येक सदन में पीठासीन अधिकारी समेत कुल सदस्यों का दसवाँ हिस्सा होता है।
- लोकसभा में कम-से-कम 55 सदस्य तथा राज्यसभा में कम-से-कम 25 सदस्यों का होना आवश्यक है।
तुर्की पर CAATSA प्रतिबंध
चर्चा में क्यों?
- हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका प्रशासन (USA) ने तुर्की पर रूस से एस-400 मिसाइल प्रणाली ( S-400 Missile System) की खरीद के लिये प्रतिबंध लगाए हैं।
पृष्ठभूमि:
- इससे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका ने तुर्की को स्पष्ट कर दिया था कि S-400 प्रणाली की खरीद संयुक्त राज्य अमेरिका की सुरक्षा को खतरे में डालेगी।
- यह खरीद रूस के रक्षा क्षेत्र को पर्याप्त वित्त प्रदान करने के साथ-साथ तुर्की के सशस्त्र बलों और रक्षा उद्योग तक रूस की पहुँच को बढ़ाएगी।
- S-400 प्रणाली को रूस द्वारा डिज़ाइन किया है। यह सतह से हवा में मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइल प्रणाली (SAM) है।
तुर्की पर प्रतिबंध:
- ये प्रतिबंध तुर्की की मुख्य रक्षा खरीद एजेंसी, रक्षा उद्योग विभाग (Presidency of Defense Industries- SSB) पर लगाए गए थे।
- इन प्रतिबंधों में किसी भी सामान या प्रौद्योगिकी के लिये विशिष्ट अमेरिकी निर्यात लाइसेंस और प्राधिकरण के लिये अनुमोदन शामिल है।
- इसके अलावा किसी अमेरिकी वित्तीय संस्थान द्वारा 12 महीने की अवधि में 10 मिलियन अमेरिकी डाॅलर से अधिक के ऋण या क्रेडिट पर प्रतिबंध शामिल है।
भारत के लिये चिंता:
- भारत ने अक्तूबर 2018 में अल्माज़-एंटेई कोर्पोरेशन रूस से S-400 ट्रायम्फ लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल सिस्टम खरीदने के लिये 39,000 करोड़ रुपए का सौदा किया था जिसकी डिलीवरी वर्ष 2021 में होने की उम्मीद है।
आगे की राह:
- रूस सदैव SCO में चीन की उपस्थिति के बीच संतुलन कायम करने के लिये भारत की भूमिका को महत्त्वपूर्ण मानता है, इसीलिये रूस ने SCO में भारत के समावेश और RIC सिद्धांत के गठन की सुविधा प्रदान की। भारत आज एक अनन्य स्थिति में है जहाँ उसका सभी महान शक्तियों के साथ एक अनुकूल संबंध है और उसे इस स्थिति का लाभ एक शांतिपूर्ण विश्व व्यवस्था के निर्माण के लिये उठाना चाहिये।
द्विपक्षीय शिखर सम्मेलन
सन्दर्भ
भारत और बांग्लादेश सरकार ने द्विपक्षीय सबंधों पर व्यापक चर्चा करने के लिए एक आभासी शिखर सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें COVID-19 महामारी के बाद सहयोग को और अधिक मजबूत बनाने पर भी चर्चा की गई। बैठक का नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने किया।
शिखर सम्मेलन के दौरान:
- दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से हल्दीबाड़ी-चिल्हाटी रेलवे लिंक का उद्घाटन किया, जो दोनों पड़ोसी देशों की सीमाओं को जोड़ेगा।
- यह रेल मार्ग पश्चिम बंगाल के हल्दीबाड़ी और बांग्लादेश के चिल्हाटी के बीच स्थित है। इसे 55 साल के अंतराल के बाद दोबारा शुरू किया गया है। 1965 में भारत और फिर पूर्वी पाकिस्तान के बीच रेल संपर्क टूटने के बाद रेलवे लाइन बंद पड़ी थी।
- साथ ही दोनों नेताओं ने महात्मा गांधी और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के सम्मान में डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन भी किया।
- भारत की ओर से बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के सम्मान में एक डाक टिकट भी जारी किया गया।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- बांग्लादेश की प्रधान मंत्री: शेख हसीना
- राजधानी: ढाका
- मुद्रा: टका.
‘परिश्रम’ पोर्टल का शुभारंभ
सन्दर्भ
- ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से श्रम और कर्मचारी राज्य बीमा विभाग की 22 ऑनलाइन सेवाओं के साथ ‘परिश्रम’ पोर्टल का उद्घाटन किया।
- ये पोर्टल और ऑनलाइन सेवाएं “Ease of Doing Business” यानि कारोबार को आसान बनाने में सहायक होंगी और राज्य के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
तथ्य
- पोर्टल आने वाले दिनों में 52 प्रकार की सेवाएं प्रदान करेगा।
- यह तकनीक 5-T पहल की नींव है और इससे परिवर्तन लाने में मदद मिलेगी, साथ ही उम्मीद जताई गई है
- इससे विभिन्न श्रम कानूनों के बारे में जानकारी उपलब्ध होगी और पोर्टल के माध्यम से उद्योगों, वाणिज्यिक संगठनों, छोटे उद्यमियों और आम लोगों को लाभ मिलेगा।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- ओडिशा के मुख्यमंत्री: नवीन पटनायक
- ओडिशा कैपिटल: भुवनेश्वर
- ओडिशा के राज्यपाल: गणेशी लाल.
किसान कल्याण मिशन
सन्दर्भ
उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आय को दोगुना करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। “किसान कल्याण मिशन” नाम का यह कार्यक्रम राज्य के सभी विधानसभा क्षेत्रों को कवर करेगा। किसान कल्याण मिशन के तहत, समूचे राज्य में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
किसान कल्याण मिशन के तहत:
- कृषि और संबंधित क्षेत्रों की प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा जिसमें एमएसएमई क्षेत्र की इकाइयों और आजीविका मिशन के उत्पाद शामिल भी होंगे।
- इसके अंतर्गत किसान बैठकों का भी आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रगतिशील किसान, वैज्ञानिक और कृषि विभाग से जुड़े कार्यकर्ता वैज्ञानिक खेती को समझाएंगे और सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी देंगे।
- इन आयोजनों के दौरान किसानों को कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं के तहत लाभ दिया जाएगा।
- किसान कल्याण मिशन के तहत राज्य सरकार के कई विभाग जैसे कृषि विपणन मंडी परिषद, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, गन्ना उत्पाद और आपूर्ति और पंचायती राज मिलकर काम करेंगे।
महत्वपूर्ण तथ्य-
- उत्तर प्रदेश की राजधानी: लखनऊ
- उत्तर प्रदेश के राज्यपाल: आनंदीबेन पटेल
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री: योगी आदित्यनाथ
Team rudra
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