विशेष आर्थिक क्षेत्र
विगत तीन वर्षों में निर्यात, निवेश और रोज़गार में प्रदर्शन के मामले में विशेष आर्थिक क्षेत्रों (Special Economic Zones- SEZ) ने नई ऊँचाइयों को छुआ है।
परिचय:
- SEZ किसी देश के भीतर ऐसे क्षेत्र हैं जो प्रायः शुल्क मुक्त (राजकोषीय रियायत) होते हैं और यहाँ मुख्य रूप से निवेश को प्रोत्साहित करने तथा रोज़गार पैदा करने के लिये अलग-अलग व्यापार और वाणिज्यिक कानून होते हैं।
- SEZ इन क्षेत्रों को बेहतर ढंग से संचालित करने के लिये भी बनाए गए हैं, जिससे व्यापार करने में आसानी होती है।
भारत में SEZ
- एशिया का पहला निर्यात प्रसंस्करण क्षेत्र (Export Processing Zones- EPZ) वर्ष 1965 में कांडला, गुजरात में स्थापित किया गया था।
- इन EPZs की संरचना SEZ के समान थी, सरकार ने वर्ष 2000 में EPZ की सफलता को सीमित करने वाली ढाँचागत और नौकरशाही चुनौतियों के निवारण के लिये विदेश व्यापार नीति के तहत SEZ की स्थापना शुरू की।
- विशेष आर्थिक क्षेत्र अधिनियम वर्ष 2005 में पारित किया गया और वर्ष 2006 में SEZ नियमों के साथ लागू हुआ।
- हालाँकि SEZ की स्थापना का कार्य वर्ष 2000 से 2006 तक (विदेश व्यापार नीति के तहत) भारत में चालू था।
- भारत के SEZ को चीन के सफल मॉडल के साथ मिलकर संरचित किया गया था।
- वर्तमान में 379 SEZs अधिसूचित हैं, जिनमें से 265 चालू हैं। लगभग 64% SEZ पाँच राज्यों – तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में स्थित हैं।
- अनुमोदन बोर्ड सर्वोच्च निकाय है और इसका नेतृत्व वाणिज्य विभाग (वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय) के सचिव द्वारा किया जाता है।
- भारत की मौजूदा SEZ नीति का अध्ययन करने के लिये वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा बाबा कल्याणी के नेतृत्व वाली समिति का गठन किया गया था और नवंबर 2018 में अपनी सिफारिशें प्रस्तुत की थीं।
- इसे विश्व व्यापार संगठन (WTO) को अनुकूल बनाने और अधिकतम क्षमता का उपयोग करने तथा SEZs के संभावित उत्पादन को अधिकतम करने हेतु वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को लाने की दिशा में SEZ नीति का मूल्यांकन करने के व्यापक उद्देश्य के साथ स्थापित किया गया था।
SEZ अधिनियम के उद्देश्य:
- अतिरिक्त आर्थिक गतिविधियों के लिये।
- वस्तुओं और सेवाओं के निर्यात को बढ़ावा देना।
- रोज़गार पैदा करने के लिये।
- घरेलू और विदेशी निवेश को बढ़ावा देना।
- बुनियादी सुविधाओं का विकास करना।
SEZ के लिये उपलब्ध प्रमुख प्रोत्साहन और सुविधाएँ:
- SEZ इकाइयों के विकास, संचालन और रखरखाव के लिये शुल्क मुक्त आयात/माल की घरेलू खरीद।
- आयकर, न्यूनतम वैकल्पिक कर आदि जैसे विभिन्न करों से छूट।
- मान्यता प्राप्त बैंकिंग के माध्यम से बिना किसी परिपक्वता
- प्रतिबंध के SEZ इकाइयों द्वारा एक वर्ष में 500 मिलियन अमेरिकी डॉलर तक की बाहरी वाणिज्यिक उधारी।
- केंद्र और राज्य स्तर पर अनुमोदन के लिये एकल खिड़की मंज़ूरी।
चुनौतियाँ :
SEZ में अप्रयुक्त भूमि:
- SEZ क्षेत्रों की मांग में कमी और महामारी के कारण उत्पन्न हुए व्यवधान के परिणामस्वरूप SEZ के रूप में मौजूद अप्रयुक्त भूमि।
बहु-मॉडलों का अस्तित्व:
- आर्थिक क्षेत्रों या प्रक्रम के अनेक मॉडल हैं जैसे- SEZ, तटीय आर्थिक क्षेत्र, दिल्ली-मुंबई औद्योगिक गलियारा, राष्ट्रीय निवेश और विनिर्माण क्षेत्र, फूड पार्क तथा टेक्सटाइल पार्क जो विभिन्न मॉडलों को एकीकृत करने में चुनौतियाँ उत्पन्न करते हैं।
आसियान देशों से प्रतिस्पर्द्धा:
- पिछले कुछ वर्षों में कई आसियान देशों ने अपने SEZ में निवेश करने के लिये वैश्विक निवेशकों या भागीदारों को आकर्षित करने हेतु नीतियों में परिवर्तन किया है तथा अपने कौशल अभियानों के विकासात्मक स्तर पर भी कार्य किया है।
- परिणामस्वरूप भारतीय SEZ ने वैश्विक स्तर पर अपने कुछ प्रतिस्पर्द्धी हितधारकों को खो दिया है, जिसके कारण उन्हें नई नीतियों की आवश्यकता पड़ी।
स्वच्छ गंगा निधि
● जल शक्ति मंत्रालय द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार, मार्च 2021 तक स्वच्छ गंगा निधि(CGF) में 450 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जमा हो चुके है।
‘स्वच्छ गंगा निधि’ (CGF) के बारे में:
- इसे ‘भारतीय न्यास अधिनियम’, 1882 के तहत एक ट्रस्ट के रूप में स्थापित किया गया है।
- इसके अंतर्गत, भारत के निवासियों, अनिवासी भारतीयों (NRIs) और भारतीय मूल के व्यक्तियों (PIOs), कॉरपोरेट्स (सार्वजनिक और निजी क्षेत्र) को गंगा नदी के संरक्षण हेतु योगदान करने की अनुमति दी गई है।
- ‘स्वच्छ गंगा निधि’ में किया गया अंशदान ‘कंपनी अधिनियम’, 2013 की अनुसूची VII में परिभाषित ‘कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व’ (CSR) गतिविधि के दायरे में आता है।
- ‘कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व’ (CSR) के अंतर्गत निम्नलिखित गतिविधियों को शामिल किया जाता है:-
- घाट निर्माण/संशोधन/विस्तार।
- घाटों की सफाई।
- महत्वपूर्ण घाटों पर सुविधाएं उपलब्ध कराना।
- श्मशान निर्माण / संशोधन / विस्तार।
- गंगा ग्राम।
- नालों और नालियों का जैवोपचार / बायोरेमेडिएशन।
- सूचना शिक्षा संचार (IEC) गतिविधियां।
- कचरा स्किमर्स का उपयोग। करके नदी की सतह की सफाई।
- ठोस अपशिष्ट प्रबंधन।
- वृक्षारोपण।
डिजिटल व्यापार सुविधा पर 143 अर्थव्यवस्थाओं का वैश्विक सर्वेक्षण
चर्चा में क्यों
हाल ही में एशिया प्रशांत के लिए संयुक्त राष्ट्र आर्थिक एवं सामाजिक आयोग ( UNESCAP ) द्वारा , डिजिटल और सतत व्यापार सुविधा नामक वैश्विक सर्वेक्षण जारी किया गया है।
• इस रिपोर्ट का प्रकाशन प्रति 2 वर्ष पर होता है।
• वर्ष 2021 में WTO के 58-F.T.A को भी शामिल किया गया है।
भारत का प्रदर्शन
• भारत 2019 में 78.49% की तुलना में 90.32% अंक हासिल किया।
• दक्षिण और दक्षिण पश पश्चिम एशिया में भारत का प्रदर्शन सबसे अच्छा रहा।
प्रमुख संकेतक वह भारत का प्रदर्शन
- पारदर्शिता – 100%
- औपचारिकताएं – 95.83%
- संस्थागत व्यवस्था एवं सहयोग – 88.89%
• कागज रहित व्यापार – 96.3%
• सीमापार कागज रहित व्यापार – 66.67%
• भारत सरकार द्वारा प्रशासन की पारदर्शिता हेतु उठाए गए कदम।
- आधार समधी कृत बायोमेट्रिक उपस्थिति।
- E-office
- Gem
यूनेस्को – विश्व धरोहर स्थल
चर्चा में क्यों
हाल ही में यूनेस्को ने लिवरपूल मैरिटाइम मार्केटाईल सिटी को अपने ' विश्व विरासत सूची' से हटाने के लिए मतदान किया है।
विश्व धरोहर स्थल
- अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व तथा विशेष सुरक्षा की आवश्यकता वाले प्राकृतिक या मानव निर्मित क्षेत्रों के रूप में घोषित किया जाता है।
- 1972 में यूनेस्को द्वारा अपनाई गई एक अंतरराष्ट्रीय संधि के तहत विश्व धरोहर स्थलों का संरक्षण किया जाता है।
- विश्व धरोहर स्थलों की सूची, यूनेस्को की विश्व विरासत समिति द्वारा प्रशासित, अंतरराष्ट्रीय विश्व धरोहर कार्यक्रम द्वारा तैयार किया जाता है।
- विश्व विरासत स्थल में शामिल होने के लिए निम्न विशेषताएं होनी चाहिए।
- भौगोलिक और ऐतिहासिक रूप से विशिष्ट वाला अस्थल सांस्कृतिक या बौद्धिक महत्व वाला स्थल अपने आप में अद्वितीय ।
विश्व धरोहर स्थलों के प्रकार
- सांस्कृतिक विरासत स्थल
- प्राकृतिक विरासत स्थल
- मिश्रित विरासत स्थल
मत की गोपनीयता
चर्चा में क्यों
हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने माना है कि या राज्य विधान मंडल का मतदान की गोपनीयता बनाए रखना अनिवार्य है।
इसने पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टी इस मामले में अपने वर्ष 2013 के फैसले को दोहराया।
नवीनतम निर्णय की मुख्य विशेषताएं
- गोपनीयता अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का भाग है।
- किसी की पसंद की गोपनीयता से ही लोकतंत्र मजबूत होता है।
- बूथ कैपचरिंग और या फर्जी वोटिंग को लोहे के हाथों से निपटा जाना चाहिए, क्योंकि यह अंततः कानून और लोकतंत्र के प्रशासन को प्रभावित करता है।
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज केस 2013 के निर्णय
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार प्रतिशोध, दबाव या जबरदस्ती के डर के बिना मतदान करना मतदान का केंद्रीय अधिकार है।
टीम रूद्रा
मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs )
अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता)
डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या
अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर)
योगराज पटेल (VDO)-
अभिषेक कुमार वर्मा ( FSO , PCS- 2019 )
प्रशांत यादव – प्रतियोगी –
कृष्ण कुमार (kvs -t )
अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)
मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)
अश्वनी सिंह – प्रतियोगी
प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।