UNSC 1267 समिति
- UNSC कि समिति 1267 को वर्ष 1999 में गठित किया गया था।
- इसे ‘दा एश’ (Da esh) तथा ‘अलकायदा प्रतिबंध समिति’ के नाम से भी जाना जाता है।
- 1267 आतंकवादियों की सूची, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से स्वीकृत एक वैश्विक सूची है।
- हाल ही में UNSC ने पाकिस्तान द्वारा दो भारतीय नागरिकों को UNSC के संकल्प 1267 के तहत आतंकवादी घोषित किए जाने के प्रयास को रद्द कर दिया है।
AIMA चाणक्य राष्ट्रीय प्रबंधन खेल
- यह ऑनलाइन व्यापार सिमुलेशन खेल है, जिनका प्रतिवर्ष आयोजन किया जाता है।
- यह अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (AIMA) द्वारा आयोजित किया जाता है।
- इसमें प्रतिभागियों को संसाधन प्रबंधन, बाजार के रुख, लागत विश्लेषण, उत्पाद की स्थिति, उत्पादन की योजना और माल सूची नियंत्रण पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक कंपनी को चलाने की जटिलताओं का अनुभव प्राप्त होता है।
राष्ट्रीय प्रबंधन खेल
- प्रतिस्पर्धी मोड़ में प्रबंधन व्यवसाय के रोमांच का सामना करने के लिए कारपोरेट प्रबंधकों का एक मंच है।
लोगों की समन्वित आवाजाही (सीमा-पार) पर G-20 सिद्धांत
- हाल ही में सऊदी अरब की अध्यक्षता में आयोजित G-20 विदेश मंत्रियों की बैठक में लोगों की समन्वित सीमा-पार आवाजाही पर G-20 सिद्धांत के स्वैच्छिक विकास का प्रस्ताव रखा है।
प्रमुख बिंदु
- इस Virtual Meeting का मुख्य विषय कोविड-19 महामारी के दौरान सीमा-पार अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने पर रहा।
- सीमा-आवाज आवाज आई के संदर्भ में तीन प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की गई
1- परीक्षण प्रक्रियाओं का मानकीकरण और परिक्षण परिणामों की सार्वभौमिक स्वीकार्यता
2- क्वारंटीन प्रक्रियाओं का मानकीकरण
3- आवाजाही व पारगमन प्रोटोकॉल का मानकीकरण
- बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री ने समूह के देशों को Vande Bharat Mission और भारत में फंसे विदेशी नागरिकों तथा विदेशों विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों के कल्याण हेतु उठाए गए कदमों से अवगत कराया।
- कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए अधिकांश देशों द्वारा अंतरराष्ट्रीय यातायात व माल परिवहन पर बड़े पैमाने पर रोक लगा दी थी।
G-20 समूह
- यह एक उन्नत व उभरती हुई अर्थव्यवस्था वाले 20 देशों का समूह है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1999 में यूरोपीय यूनियन व विश्व की 19 अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के केंद्रीय गवर्नर ओ तथा वित्त मंत्रियों के एक फोरम के रूप में की गई थी।
- यह एक फोरम मात्र है, या बिना किसी स्थाई सचिवालय या अस्थाई कर्मचारी के कार्य करता है। प्रतिवर्ष G-20 सदसय देशों के बीच इस के अध्यक्ष का चुनाव किया जाता है।
क्वाड समूह (Quad group)
- हाल ही में चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत द्वारा हिंद महासागर प्रशांत क्षेत्र में नेविगेशन की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के बेहतर प्रणाली के रूप में क्वार्ड का समर्थन किया है जिसके कारण चीन के भड़कने की आशंका बनी हुई है।
क्वाड
- यह एक चतुष्कोणीय संगठन है जिसमे भारत, जापान, अमेरिका व ऑस्ट्रेलिया शामिल है।
- क्वाड की स्थापना का प्रमुख उद्देश्य हिंद महासागर में चीन के बढ़ते हुए प्रभाव को रोकना है।
- साझे लोकतांत्रिक मूल्यो पर आधारित क्वाड की स्थापना 2007 में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे द्वारा प्रस्तावित की गई थी।
- चीन द्वारा लगातार इस क्वाड समूह का ‘एशियाई नाटो’ चतुष्पक्षीय संगठन के रूप में देखा जा रहा है जो चीन के प्रतिरोध में बनाई गई है।
- शिंजो आबे द्वारा क्वाड को दो सागरों का मिलन बिंदु बताया गया है।
नोविचोक और रासायनिक अभिसमय
- हाल ही में जर्मनी द्वारा यह कहा गया कि कोमा की हालत में बर्लिन के एक अस्पताल में भर्ती और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक अलेक्सई नवलनई को जहर देने के लिए नोविचोक का प्रयोग किया गया था।
नोविचोक क्या है?
- इसका शाब्दिक अर्थ नवागंतुक हैं। जिसका प्रयोग अत्यधिक विषाक्त नर्व एजेंट के रूप में किया जाता है। नोविचोक 1970-80 के दशक में सोवियत संघ में विकसित किया गया।
विवाद का विषय
- वर्ष 1997 के रासायनिक हथियार अभिसमय के तहत सभी प्रकार के रासायनिक हथियार प्रतिबंधित हैं रूस भी इस संधि में एक हस्ताक्षकर्ता देश है।
- नीदरलैंड स्थित रासायनिक हथियार निषेध संगठन (OPCW) द्वारा नोविचोक या उसके संगठक को प्रतिबंधित नहीं किया गया था। 2019 में नोविचोक इसे प्रतिबंधित सूची में शामिल किया गया।
मसौदा पर्यावरण प्रभाव आकलन ( EIA) अधिसूचना 2020
संदर्भ – हाल ही में UN के विशेष से प्रतिवेदकों द्वारा EIA अधिसूचना 2020 के मसौदे के बारे में कई चिंताओं को उठाया गया है तथा सरकार से पूछा है कि मसौदे के प्रावधान अंतरराष्ट्रीय कानून के अंतर्गत भारत के दायित्वों से किस प्रकार अनुरूप है।
नोट – संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदक दूत
- संयुक्त राष्ट्र की ओर से काम करने वाले स्वतंत्र विशेषज्ञ होते हैं, वे UNHRC ( संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद) द्वारा निर्दिष्ट किसी देश अथवा किसी विषय गत अधि देश पर कार्य करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदको द्वारा उठाए गए तीन महत्वपूर्ण मुद्दे।
- केंद्र सरकार द्वारा मसौदा अधिसूचना में अनुच्छेद 14 (2) और 26 के अंतर्गत कई बड़े उद्योगों और परियोजनाओं (रसायन निर्माण और पेट्रोलियम, भवन निर्माण और क्षेत्र विकास, अंतर्देशीय जलमार्ग और राष्ट्रीय मार्ग) में सार्वजनिक परामर्श से छूट प्रदान की गई है जो पर्यावरण तथा मानव अधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
- “रणनीतिक कारणों में सम्मिलित” परियोजनाओं के लिए सार्वजनिक परामर्श करना तथा सूचना का प्रकाशन की आवश्यकता नहीं है इसलिए रणनीतिक परियोजनाओं को वर्गीकृत करने के मानदंड ना देने से व्यापक व्याख्या हो सकती है।
- मसौदे में “ पोस्ट फैक्टो क्लीयरेंस “ पर एक अनुच्छेद है जो बिना मंजूरी के शुरू की गई है इसलिए विधि के पर्यावरणीय नियमों से संबंधित बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।
पृष्ठभूमि
- भारत EIA को वैधानिक रूप से पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 द्वारा स्थापित किया गया है।
- EIA ,1986 के अंतर्गत केंद्र सरकार को पर्यावरण सुरक्षा तथा सुधार के सभी उपाय करने की शक्ति प्राप्त है, 1994 में भारत सरकार द्वारा पहला EIA मसौदा/मानदंडों को अधिसूचित किया गया था।
- इसके अंतर्गत प्रत्येक विकास परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त करने के लिए EIA प्रक्रिया से गुजर ना आवश्यक है।
- EIA अधिसूचना, 1994 को वर्ष 2006 में संशोधित मसौदे के साथ प्रतिस्थापित कर दिया गया था।
- सरकार हाल ही में 2006 में लागू किए गए संशोधनों को पारदर्शी बनाने के लिए EIA मसौदा तैयार की है।
प्रस्तावित मसौदे में विवाद के प्रमुख बिंदु
- सार्वजनिक परामर्श सुनवाई की अवधि घटाकर अधिकतम 40 दिन किया गया है।
- पर्यावरण मंजूरी लेने के लिए आवेदन पर सार्वजनिक सुनवाई के दौरान जनता को प्रतिक्रियाएं देने की अवधि 30 दिन से 20 दिन कर दिया गया है।
- कुछ क्षेत्रों को बिना सार्वजनिक सुनवाई अथवा पर्यावरणीय मंजूरी के “आर्थिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों” के रूप में घोषित करने का प्रावधान है।
- साथी ही लाल और नारंगी श्रेणी के वर्गीकृत विषैले उद्योगों को संरक्षित क्षेत्र से 0 से 5 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित किया जा सकता है।
- खनन परियोजनाओं के लिए पर्यावरण मंजूरी की बढ़ती वैधता (50 वर्ष बनाम 80 वर्ष) तथा नदी घाटी परियोजनाएं (15 वर्ष बनाम 10 वर्ष) करने से पर्यावरणीय, सामाजिक तथा स्वास्थ्य संबंधी खतरो में वृद्धि की संभावना है।
असम राइफल्स
चर्चा का कारण
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरामथांगा ने असम राइफल्स से अपना बेस “आइजोल” के केंद्र से हटाकर लगभग 15 किलोमीटर दूर “जो खवा संगा” स्थापित करने को कहा।
नोट – विवाद का कारण 46 वें बटालियन के 15 सैनिकों ने कथित तौर पर वह भी कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकाल की अनदेखी करते हुए राज्य में अपना कार्य किया।
असम राइफल्स के बारे में
- असम राइफल्स ( नार्थ ईस्ट का प्रहरी भी कहा जाता है) भारत का सबसे पुराना “ अर्धसैनिक बल है”
- गठन – 1835 में कछार लेवी नामक यूनिट के रूप में
- उद्देश्य – पूर्वोत्तर में शांति बनाए रखने में ब्रिटिश शासकों की सहायता करना था।
- नाम परिवर्तन – प्राथमिक कानून प्रवर्तन एजेंसी, असम फ्रंटियर पुलिस, असम मिलिट्री पुलिस , टु ईस्टर्न बंगाल, असम मिलिट्री पुलिस
- 1917 में अधिकारीक नाम – असम राइफल्स
- दोनों विश्व युद्ध में भाग लिया।
- असम राइफल्स का प्रशासनिक नियंत्रण “गृह मंत्रालय” जबकि परिचालन नियंत्रण “रक्षा मंत्रालय” के पास है।
पूर्वी भूमध्य सागर में रुस का नौसैनिक अभ्यास
- हाल ही में तुर्की ने पूर्वी भूमध्य सागर में रूस द्वारा एक नौसैनिक अभ्यास के आयोजन की घोषणा की है।
- विशेषज्ञों के अनुसार पूर्वी भूमध्य सागर में एक मजबूत नौसैनिक उपस्थिति रखता है व गतिविधियों का आयोजन भी करता है।
- गौरतलब है कि ऊर्जा संसाधनों की खोज को लेकर वह उस पर अधिकार के उद्देश्य से तुर्की व तटीय पड़ोसी देश ग्रीस व साइप्रस के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है।
Team rudra
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