राजकोषीय परिषद
राजकोषीय परिषद क्या है?
- स्वतंत्र लोक संस्थाएं होती हैं
• इसका उद्देश्य- वित्तीय योजनाओं और उनके प्रदर्शन का सार्वजनिक आकलन,बजटीय पूर्वानुमानों तथा समस्त आर्थिक नीतियों के प्रावधानों के मूल्यांकन आदि के माध्यम से दीर्घकालिक लोक वित्तीय प्रतिबद्धताओं को मजबूत करना है।
इनका कार्य- “वित्तीय प्रस्तावों का प्रत्याशित मूल्यांकन करना” तथा इन प्रस्तावों की “वित्तीय नीतियों तथा नियमों से अनुरूपता” सुनिश्चित करना होगा।
NOTE- “14वें वित्त आयोग” ने FRBM Act मे संशोधन करके स्वतंत्र राजकोषीय परिषद की स्थापना का सुझाव दिया था।
14वें वित्त आयोग के सुझाव
- राजकोषीय परिषद की नियुक्ति संसद द्वारा तथा इसकी रिपोर्ट सीधे संसद में प्रस्तुत की जानी चाहिए। इसका अपना बजट होगा।
- राजकोषीय परिषद के कार्यों में बजट प्रस्तावों के राजकोषीय निहितार्थो का पूर्व आकलन करना सम्मिलित होगा।
NOTE- पारित होने के पश्चात बजट का मूल्यांकन व निगरानी का कार्य CAG का है।
भारत में राजकोषीय परिषद की आवश्यकता
- विभाजन योग्य सकल राजस्व में विभिन्न उपकरों तथा अधिभारों का अनुपात असंगत रूप से बढ़ता जा रहा है।अंतरण प्रक्रिया की मूल भावना के साथ चतुर वित्तीय उपायों अथवा परंपराओं का सहारा लेकर छेड़छाड़ रोकने को सुनिश्चित करने हेतु एक मजबूत तंत्र होना चाहिए।
- वित्त आयोग और GST परिषद के बीच समन्वय के लिए।
- अनुच्छेद 293 (3) के अंतर्गत राज्य सरकार की देयताओं हेतु, ऋणो के संदर्भ में संवैधानिक नियंत्रण के प्रावधान हैं किंतु केंद्र सरकार पर इस तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है।
राजकोषीय परिषद पर विशेषज्ञ समिति की सिफारिशें
- वर्ष 2017 में, “वित्तीय नियमों की समीक्षा करने हेतु” (एन. के. सिंह कमेटी, वित्त मंत्रालय द्वारा गठित)
- वर्ष 2018 में, राजकोषीय आंकड़ों पर गठित की गई (डी.के. श्रीवास्तव समिति, (राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग द्वारा गठित)
डी.के.श्रीवास्तव समिति की सिफारिशें/ सुझाव
- सभी सरकारी स्तरो पर सामंजस्य पूर्ण राजकोषीय आंकड़ों को उपलब्ध कराना तथा सार्वजनिक क्षेत्र की सकल ऋण आवश्यकताओं का वार्षिक आकलन प्रदान करना।
राजस्थान की शिक्षा – दिशा – निर्देश से असंतुष्ट NCPCR
हाल ही में NCPCR (National commission for protection of child rights) अर्थात राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राजस्थान सरकार द्वारा प्रारंभिक शिक्षा पर जारी किए गए दिशा-निर्देश की आलोचना की है।
विवाद का विषय
- NCPCR के अनुसार सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा – निर्देश शिक्षा के अधिकार अधिनियम (RTE act) 2009 का उल्लंघन है और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को नर्सरी कक्षाओं में मुफ्त शिक्षा का अधिकार प्रदान करने से वंचित करते हैं।
- दिशा – निर्देश में कहा गया है कि RTE act – 2009 के तहत शैक्षिक वर्ष 2020 – 21 के लिए प्रवेश सिर्फ कक्षा एक अथवा उससे ऊपर की कक्षाओं में दिया जाएगा तथा इस कानून के प्रावधान शिशु कक्षाओं ( pre- schoolers) पर लागू नहीं होंगे।
- यह दिशा-निर्देश RTE act -2009 का साफ उल्लंघन है, जिसमें कहा गया है कि सभी निजी स्कूल अपने कुल सीट का 25 % आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के लिए आरक्षित रखेंगे तथा उन्हें निःशुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा प्रदान करेंगे।
- RET act – 2009 के अनुसार 6 – 14 वर्ष का कोई भी लड़का / लड़की प्रवेश के योग्य माने जाएंगे,किंतु जारी दिशा-निर्देश में बच्चों के प्रवेश की आयु 5 से 7 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है।
RTE act – 2009 के संदर्भ में NCPCR की शक्तियां –
- कानून के उल्लंघन पर जांच कर सकता है।
- किसी भी व्यक्ति से पूछताछ व साक्ष्यों की मांग कर सकता है।
- न्यायिक जांच का आदेश दे सकता है।
- हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर कर सकता है।
- अपराधी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए सरकार से संपर्क कर सकता है।
NCPCR के बारे मे
- इसकी स्थापना बाल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 2005 के अंतर्गत मार्च 2007 में हुई।
- इस आयोग में एक अध्यक्ष, 6 सदस्य जिनमें कम से कम 2 महिलाएं होना जरूरी है।
- सभी सदस्यों की नियुक्ति केंद्र द्वारा होती है, तथा कार्यकाल 3 वर्ष का होता है।
- अध्यक्ष की अधिकतम आयु 65 वर्ष व सदस्यों की 60 वर्ष होती है।
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है।
असीम पोर्टल (ASEEM PORTAL)
- कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) द्वारा आरंभ
- इस AI (artificial intelligence)- आधारित प्लेटफार्म को उद्योग संबंधित कुशल कार्य बल प्राप्त करने और कोविड-19 के बाद की स्थितियों में उभरते नौकरियों के अवसरों का पता लगाने में कार्य बल की मदद करने के लिए तैयार किया गया है।
- 10 जुलाई 2020 को भारत सरकार के कौशल विकास एव उद्यमिता मंत्रालय द्वारा असीम पोर्टल लांच ।
- असीम (ASSEM – Aatmanirbhar skilled Emplloyee Employer Mapping ) पोर्टल का पूर्ण रूप आत्मनिर्भर कुशल कर्मचारी नियुक्ता मानचित्रण है ।
उद्देश्य
- इस पोर्टल का उद्देश्य असीम पोर्टल पर उपलब्ध डाटा का विश्लेषण करके नीति निर्धारण में सहायता प्रदान करना है ।
राष्ट्रीय मत्स्य पालन दिवस 2020
- 10 जुलाई को वैज्ञानिक डॉ.के एच. एलिकुंदी (Dr.K.H.Alikundi) तथा डॉ. एच. एल. चौधरी की स्मृति में मनाया जाता है।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य मत्स्य के सतत स्टॉक एवं स्वस्थ परिवेश को सुनिश्चित करने के लिए देश के मत्स्य पालन संसाधनों को प्रबंधित करने के तरीके को बदलने पर ध्यान आकर्षित करना है।
NOTE- इन वैज्ञानिकों ने Indian major corp से “प्रेरित प्रजनन तकनीक (Hypophysation)” का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया था।
- भारत में प्रमुख Corps के रूप में कतला (Catla), रोहू (Labeo rohita), मृगल मीठे पानी की एक्वाकल्चर का प्रमुख आधार है।
फ्लिपकार्ट और कर्नाटक सरकार के बीच समझौता
- स्थानीय कला,शिल्प तथा हथकरघा क्षेत्रों को बढ़ावा देने के लिए तथा ई-वाणिज्य मंच पर लाने के लिए।
महत्व- राज्य के वाणिज्यिक और सामाजिक विकास में सहायक होगा।
विश्व जनसंख्या दिवस
- लगातार बढ़ती हुई जनसंख्या को सीमित करने तथा आम लोगो के बीच लिंग समानता,मातृत्व स्वास्थ्य आदि के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के तहत 1989 से ही प्रतिवर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।
- 11 जुलाई 1987 को विश्व की जनसंख्या 5 बिलियन को पार कर गई जो एक गंभीर स्थिति को प्रदर्शित करता है इसीलिए प्रतिवर्ष 11 जुलाई को ही विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है।
- 11 जुलाई 2020 के जनसंख्या दिवस के विषय में महिलाएं और लड़कियां शामिल है क्योंकि कोविड-19 लॉकडाउन की स्थिति ने लिंग आधारित हिंसा व घरेलू हिंसा को बढ़ावा दिया।
म्यूच्यूअल फंड पर सलाहकार समिति का पुनर्गठन-
- इस संबंध में जारी अधिसूचना के तहत म्यूच्यूअल फंड से संबंधित 20 सदस्यीय सलाहकार समिति का गठन किया गया जिसकी अध्यक्ष उषा थोराट बनाई गई (पूर्व आरबीआई डिप्टी गवर्नर)।
- पुनर्गठन के पहले यह 15 सदस्यीय समिति थी।
म्यूच्यूअल फंड क्या है?
- म्यूच्यूअल फंड एक प्रकार का सामूहिक निवेश है ।
उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020
- हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा नए व्यापारिक विचारों को वित्त पोषित करने के उद्देश्य से प्रदेश की स्टार्टअप नीति 2020 को स्वीकृति दे दी गई।
उद्देश्य-
- इस नीति का प्रमुख उद्देश्य राज्य को स्टार्ट अप के विषय में शीर्ष तीन राज्यों में शामिल करना है।
- राज्य में कुल 100 इनक्यूबेटर स्थापित करना।
- प्रत्येक जिले में 10000 स्टार्टअप्स स्थापित किए जाएंगे।
- देश का सबसे बड़ा इनक्यूबेटर यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थापित करने की योजना है।
- पूर्वांचल बुंदेलखंड में विशेष स्टार्टअप प्रोत्साहन पहल
- राज्य में 50000 लोगों को प्रत्यक्ष व 1 लाख लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध कराना।
गुजरात का राबरी, भारवाड़ एवं चारण समुदाय
- हाल ही में गुजरात सरकार ने कहा कि राबरी (Rabri), भारवाड़ (Bharwad) एवं चारण (Charan) समुदाय के सदस्यों की पहचान हेतु एक पांच सदस्यीय आयोग का गठन किया जाएगा। ये गुजरात के गिर, वरदा एवं एलेच इलाकों में रहते हैं।गौरतलब है कि यह तीनों समुदाय भारतीय संविधान के दायरे में अनुसूचित जनजाति के तहत लाभ पाने के पात्र हैं।
अनुसूचित जनजाति का दर्जा
केंद्र सरकार ने 29 अक्टूबर 1956 की एक अधिसूचना के द्वारा इन तीनों समुदायों को Schedule Tribe का दर्जा दिया जो उस समय नेस्सेस ( Nesses) में रहते थे। नेस्सेस मिट्टी से बने छोटे, अंडाकार आकार के झोपड़े होते हैं।
अन्य जनजातीय समुदायों द्वारा विरोध
अन्य जनजातियां इसलिए विरोध कर रही हैं कि यह लोग अब नेस्सेस में नहीं रह रहे हैं और ST प्रमाण पत्र धारक होने के कारण सरकारी नौकरियों में आरक्षण का अनुचित लाभ ले रहे हैं।
- इसी बात को स्पष्ट करने हेतु गुजरात सरकार द्वारा एक 5 सदस्यीय आयोग का गठन किया गया है जो इस समुदाय की वैधता की रिपोर्ट देगी।
अनुसूचित जनजातियों से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
- संविधान के अंतर्गत “पांचवी अनुसूची के क्षेत्र” ऐसे क्षेत्र हैं, जिन्हें राष्ट्रपति द्वारा अनुसूचित क्षेत्र घोषित किया गया है। इस अनुसूची के प्रावधानों को पंचायतों के प्रावधान अधिनियम,PESA 1996 के रूप में और विधिक व प्रशासनिक सुदृढ़ीकरण प्रदान किया गया है।
- 6ठी अनुसूची- इसके अंतर्गत पूर्वोत्तर के असम, त्रिपुरा, मेघालय तथा मिजोरम राज्यों में रहने वाले ST के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
अनुच्छेद 46- राज्य के नीति निर्देशक तत्वों के अंतर्गत अनुच्छेद 46 के तहत राज्यों को यह आदेश दिया गया है कि SC/ST तथा अन्य दुर्बल वर्गों की शिक्षा एवं उनकी अर्थ संबंधी हितों की रक्षा करें।
- वर्ष 2003 में 89 वें संविधान संशोधन के द्वारा पृथक राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की स्थापना की गई जिससे उनके हितों की और प्रभावी तरीके से रक्षा हो सके।
इंडिया साइकिल्स 4 चेंज चैलेंज
- भारतीय शहरों द्वारा कोविड-19 के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए साइकिलिंग को बढ़ावा दिया गया।
- इंडिया साइकिल्स 4 चेंज चैलेंज स्मार्ट सिटीज मिशन की दिशा में आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय की यह एक महत्वपूर्ण पहल हैं।
आवेदन की प्रमुख शर्तें
1- 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहर
2- राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश की राजधानी
3- स्मार्ट सिटी मिशन के अंतर्गत आने वाले शहर।
नेशनल फिश फार्मर्स डे (national fish farmers day)
- ICAR – Central institute office fresh water agriculture ने 10 जुलाई को 17 वां नेशनल फिश फार्मर्स डे मनाया।
- यह वर्ष 1957 में प्रेरित प्रजनन तकनीकी के अविष्कार की याद में मनाया जाता है
प्रेरित प्रजनन तकनीकी
- यह एक ऐसी तकनीकी है जिसमें पर परिपक्व मछली के प्रजनकों को कैद करके प्रजनन के लिए पिट्यूटरी हारमोंस (Pituitary Harmone )द्वारा उत्तेजित किया जाता है।
- इस तकनीकी को हाइपोफिशेशन (Hypophysation) भी कहा जाता है
यूलोफिया ओबटूसा (Eulophia Obtusa)
- दुधवा टाइगर रिजर्व में एक नियमित निरीक्षण के दौरान वन विशेषज्ञों द्वारा एक आर्किड़ प्रजाति ‘ यूलोफिया ओवटूसा ‘की पुनः खोज की गई।
- इस प्रजाति को IUCN के रेड लिस्ट में गंभीर रूप से संकटग्रस्त श्रेणी Critically endangered में सूचीबद्ध किया गया है
- गौरतलब है कि केरल का Jawahar Lal Nehru botanic garden of research institute सेलिब्रिटी आर्किड के रूप में प्रसिद्ध टाइगर आर्किड के खिलने के कारण अणुत्तको के लिए आकर्षण का केंद्र बना है।
Team rudra
Abhishek Kumar Verma
Amarpal Verma
Krishna
Yograj Patel
anil Kumar Verma
Vivek Pandey
Prashant Yadav
Dr.Sant lal
Sujata Singh
Geography team mppg college ratanpura mau
- Surjit Gupta
- Saty Prakash Gupta
- Shubham Singh
- Akhilesh Kumar