1 & 2 March 2021 Current affairs

‘सिंधु नेत्र’ (Sindhu Netra)

    चर्चा में क्यों?

     हाल ही में डीआरडीओ ने ‘सिंधु नेत्र'(Sindhu Netra) नामक निगरानी उपग्रह को निर्मित किया है , जो हिंद महासागर क्षेत्र की निगरानी करने में मदद करेगा।

  प्रमुख तथ्य

  • ‘सिंधु नेत्र’ उपग्रह सक्रिय युद्धपोतों और व्यापारिक जहाजों की स्वचालित रूप से पहचान करने में सक्षम है।
  • सिंधु नेत्र उपग्रहों की श्रृंखला में पहला है ।
  • PSLV-C51’ नामक प्रक्षेपण यान के द्वारा सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में तैनात किया गया।

  उद्देश्य

  • चीन के साथ लद्दाख क्षेत्र और पाकिस्तान के साथ सीमावर्ती क्षेत्रों में भूमि पर भारत की निगरानी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेगा।

 PSLV-C51’ के प्रक्षेपण से जुड़े मुख्य बिंदु

  • इसके मध्यम से 19 उपग्रह (सैटेलाइट) अंतरिक्ष में भेजे हैं।
  • अमेज़ोनिया-1 ,तीन भारतीय,एनसिल से 14 उपग्रह शामिल हैं।
  • ब्राजीलियाई उपग्रह अमेजोनिया-1 सैटेलाइट की मदद से अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई और ब्राजील में कृषि क्षेत्र से संबंधित अलग-अलग विश्लेषणों के लिए यूजर्स को रिमोट सेंसिंग डेटा प्रदान करेगा।

 ग्लोबल बायो इंडिया – 2021 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन द्बारा वर्चुअल माध्यम से नई दिल्ली में ग्लोबल बायो इंडिया-2021 (Global Bio-India-2021) के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया गया है।

ग्लोबल बायो इंडिया-2021 की थीम –  “बायोसाइंसेस टू बायो-इकोनॉमी” टैगलाइन के साथ “ट्रांसफॉर्मिंग लाइव्स”  है।

तथ्य

  • तीन दिवसीय कार्यक्रम को डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आयोजित किया जा रहा है।
  • भारत सरकार भी 2025 तक 150 बिलियन अमरीकी डॉलर की जैव-अर्थव्यवस्था (बायो-इकोनॉमी) बनाने में एक परिवर्तनकारी और उत्प्रेरक की भूमिका निभा रही है।
  • भारत सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2025 तक भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का बनाना है।
  • इसका पहला संस्करण वर्ष 2019 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था।
  • ग्लोबल बायो इंडिया-2021 में 50 से अधिक देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं।
  • इस बार इस कार्यक्रम का पार्टनरशिप देश ‘स्विट्जरलैंड’ है।

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 कॉमन सर्विस सेंटर्स को ई दाखिल पोर्टल 

  •  सरकार ने ग्रामीण उपभोक्ताओं को ई – फाइलिंग की सुविधा प्रदान करने के लिए ई ।
  •  दाखिल पोर्टल के साथ कॉमन सर्विस सेंटरों को एकीकृत करने का निर्णय लिया है । 
  • ई – दाखिल पोर्टल को राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा 7 सितंबर , 2020 को शुरू किया गया था । 
  • उपभोक्ता शिकायतों के ऑनलाइन निवारण के लिए ई – दाखिल पोर्टल शुरू किया गया था । 
  • यह अब 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चालू है । 
  • ई – दाखिल पोर्टल के माध्यम से , उपभोक्ता अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं और अपनी शिकायतों के निवारण के लिए ऑनलाइन शुल्क का भुगतान कर सकते हैं । उपभोक्ता आयोग इसके माध्यम से ऑनलाइन शिकायतों की जांच कर सकता है ।
  • सामान्य सेवा केंद्र ( सीएससीज ) योजना :
  •  यह डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत मिशन मोड परियोजनाओं में से एक है । सीएससी आवश्यक सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं , सामाजिक कल्याण योजनाओं और अन्य के वितरण के लिए पहुंच बिंदु हैं । 

   राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ( एनसीडीआरसी ) : – 

  • यह एक अर्ध – न्यायिक आयोग है ।
  •  स्थापना 1988 में उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 के तहत की गई थी । 
  • इसका मुख्य कार्यालय नई दिल्ली में है । 
  • इसकी अध्यक्षता भारत के सर्वोच्च न्यायालय के सिटिंग या रिटायर्ड जज करते हैं ।
  • वर्तमान में इसकी अध्यक्षता न्यायमूर्ति आर के अग्रवाल कर रहे हैं ।

शून्य भेदभाव दिवस 

  • 1 मार्च संयुक्त राष्ट्र ( यूएन ) और दुनिया भर के अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों द्वारा 1 मार्च को प्रति वर्ष शून्य भेदभाव दिवस मनाया जाता है ।
  •  यह आय , लिंग , आयु , स्वास्थ्य की स्थिति , व्यवसाय , विकलांगता आदि के आधार पर असमानता को समाप्त करने के लिए मनाया जाता है । 
  • दिसंबर 2013 में विश्व एड्स दिवस पर यूएनएड्स द्वारा ‘ शून्य भेदभाव ‘ अभियान के बाद पहली बार इसे 1 मार्च 2014 को मनाया गया था । 
  •  संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार , 70 % वैश्विक आबादी असमानता की चुनौती का सामना कर रही है ।
  •  भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16 में धर्म , नस्ल , जाति , लिंग , वंश , जन्म स्थान और निवास के आधार पर भेदभाव को समाप्त करने के प्रावधान हैं ।

   SDG 5 : इसका उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ सभी प्रकार के भेदभाव को समाप्त करना है ।

   यूएनएड्स : यह एचआईवी और एड्स पर संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम है । इसका उद्देश्य एचआईवी की रोकथाम , उपचार और देखभाल के लिए सार्वभौमिक पहुंच प्राप्त करना है ।

सुगम्य भारत ऐप  

सन्दर्भ

केंद्रीय सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने विकलांग व्यक्तियों के लिए ” सुगम्य भारत ऐप ” लॉन्च किया । 

तथ्य

  •  उन्होंने “ एक्सेस – द फोटो डायजेस्ट ” नामक एक पुस्तिका भी जारी की है । 
  • ” सुगम्य भारत ऐप ” सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता मंत्रालय के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग ( डीईपीडब्लयूडी ) द्वारा विकसित किया गया है ।
  •  यह सुगम्य भारत अभियान के तीन स्तंभों – निर्मित पर्यावरण , परिवहन क्षेत्र और आईसीटी ईकोसिस्टम के माध्यम से विकलांग लोगों के लिए सुगम्यता के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य करेगा । 
  • यह 10 क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध है ।
  •  इसमें परिसर की तस्वीर अपलोड करने की सुविधा है जहां विकलांग लोगों के लिए सुगम्यता की आवश्यकता होती है ।

      ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में त्रिपुरा के एक क्षेत्रीय राजनेता ने आदिवासियों, गैर-आदिवासियों, व त्रिपुरी आदिवासियों लिये एक पृथक राज्य के रूप में ग्रेटर टिपरालैंड की माँग की है ।

प्रमुख बिन्दु

  • जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (TTAADC) के बाहर स्वदेशी क्षेत्र या गाँव में रहने वाले प्रत्येक आदिवासी व्यक्ति को शामिल करना है।
  • यह विचार केवल त्रिपुरा के आदिवासी परिषद क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है। असम, मिजोरम आदि में फैले त्रिपुरियों के ‘टिप्रासा’ (TIPRASA)को भी शामिल करना चाहता है।
  • बिस्वामोहन देबबर्मा के नेतृत्व में नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) वहाँ पर एकमात्र सक्रिय विंग है।
  • 1990 में एटीटीएफ (ATTF) का गठन किया गया था, यह समूह अभी निष्क्रिय है। 

   स्वायत्तशासी परिषद के बारे मे

  • त्रिपुरा में ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट काउंसिल  7,132.56 वर्ग किमी में फैला हुआ है।लगभग 68% कवर करता है। 
  •  राज्य की 37 लाख लोगों की आबादी में आदिवासियों की संख्या एक तिहाई शामिल है।

     महत्वपूर्ण तथ्य

  • संविधान की छठी अनुसूची असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में प्रावधान करता है. 
  • भारतीय संविधान के भाग-10 में अनुच्छेद 244 के तहत अनुसूचित तथा जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन के विषय में उपबंध किये गए हैं। 
  • इसी तरह से जल,जंगल, ज़मीन पर जनजातियों का अधिकार सुनिश्चित करने के लिये पेसा (PESA) कानून भी लागू किया गया है।

जॉर्जिया के नए प्रधान मंत्री 

   सन्दर्भ

         जॉर्जिया की संसद के सदस्यों ने इराकली गरिबश्विली को नए प्रधान मंत्री के रूप में नामित किया । 

   तथ्य

  • इराकली गरिबश्विली का नामांकन प्रधानमंत्री जियोर्गी गखारिया के इस्तीफे के बाद हुआ । 
  • निक्का मेलिया की गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए प्रदर्शनकारियों ने जॉर्जिया की संसद भवन के बाहर टेंट लगाया था । 
  • जॉर्जिया की संसद भवन इसकी राजधानी त्बिलिसी में स्थित है । 
  • जॉर्जिया पिछले संसदीय चुनाव के बाद से तनावपूर्ण राजनीतिक स्थिति से गुजर रहा है ।
  •  अक्टूबर चुनाव में जॉर्जियाई ड्रीम पार्टी को अधिकतम वोट मिले थे ।
  •  हालांकि , विपक्ष ने चुनाव परिणामों को नहीं माना और मतगणना में हेरफेर का दावा किया ।

   जॉर्जिया

  • यह पूर्वी यूरोप और पश्चिमी एशिया के चौराहे ( प्रतिच्छेदन या इंटरसेक्शन ) पर स्थित है । 
  • यह काकेशस क्षेत्र में स्थित है । काला सागर इसके पश्चिम में स्थित है ।
  •  रूस उत्तर और पूर्व में स्थित है । 
  • तुर्की और आर्मेनिया इसके दक्षिण में स्थित हैं । 
  • अज़रबैजान इसके दक्षिण – पूर्व में स्थित है । 
  • त्बिलिसी इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर है ।
  •  सैलोम जुराबिचविली इसके वर्तमान राष्ट्रपति हैं ।

माइकल सोमरे का निधन 

  • माइकल सोमरे , पापुआ न्यू गिनी के पहले पीएम और 1975 में ऑस्ट्रेलिया से इसकी आजादी के बाद सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले नेता का निधन हो गया । 
  • माइकल सोमरे को पापुआ न्यू गिनी का ग्रैंड चीफ और राष्ट्रपिता भी कहा जाता है । 

    पापुआ न्यू गिनी 

  • इसकी राजधानी और सबसे बड़ा शहर पोर्ट मोरेस्बी है । 
  • पोर्ट मोरेस्बी पापुआ न्यू गिनी के दक्षिण – पूर्वी तट पर स्थित है । 
  • यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा द्वीप देश है । 
  • जेम्स मरापे पापुआ न्यू गिनी के वर्तमान प्रधान मंत्री हैं । 
  • यह ओशिआनिया भौगोलिक क्षेत्र में स्थित है ।

 टीम रूद्रा

मुख्य मेंटर – वीरेेस वर्मा (T.O-2016 pcs ) 

अभिनव आनंद (डायट प्रवक्ता) 

डॉ० संत लाल (अस्सिटेंट प्रोफेसर-भूगोल विभाग साकेत पीजी कॉलेज अयोघ्या 

अनिल वर्मा (अस्सिटेंट प्रोफेसर) 

योगराज पटेल (VDO)- 

अभिषेक कुमार वर्मा (प्रतियोगी)

प्रशांत यादव – प्रतियोगी – 

कृष्ण कुमार (kvs -t ) 

अमर पाल वर्मा (kvs-t ,रिसर्च स्कॉलर)

 मेंस विजन – आनंद यादव (प्रतियोगी ,रिसर्च स्कॉलर)

प्रिलिम्स फैक्ट विशेष सहयोग- एम .ए भूगोल विभाग (मर्यादा पुरुषोत्तम डिग्री कॉलेज मऊ) ।

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