आधुनिक भूगोल के विकास में ब्रिटिश भूगोलवेत्ताओं का योगदान
जर्मनी व फ्रांस की तुलना में ब्रिटेन में भूगोल का विकास तुलनात्मक रूप में काफी देर से हुआ। मेरी सामर विले तथा फ्रांसिस गार्डन को ब्रिटेन में भूगोल के संस्थापकों में स्थान दिया जाता है।
ब्रिटेन में भूगोल के विकास में royal Geography society की महत्वपूर्ण भूमिका रही। ब्रिटेन की सम्राज्यवादी स्थिति का ब्रिटेन में भूगोल के विकास पर स्पष्ट प्रभाव दिखाई पड़ता है। मैंकिंडर को भूगोल का एक विषय के रूप में स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है।
प्रमुख ब्रिटिश भूगोलवेत्ता
• मैंकिंडर
• हरबर्टसन
• एल०डी० स्टाम्प
• एच०जे० फ्ल्यूर
• डडले स्टाम्प
• एच० डब्ल्यू बूलरिज
• पीटर हैगेट
• लुइस मम्फोर्ड
• जोन्स
• फासेट
• चिलोष्म
• पी० एम० राक्सवी
• चोर्ले
• जी० ग्रेगरी
• पी० डब्ल्यू ब्रायन
• स्मेल्स
• लेविस मम्फोर्ड
• पैट्रिक गेडिस
• सी०डी० फोर्ड
• रॉबर्ट ई डिकिन्सन
• जान आई क्लार्क
मैकिण्डर का हृदय स्थल सिद्धांत
परिचय
• महान के समुद्री शक्ति संकल्पना की आलोचना के जवाब में मैंकिंडर ने अपने हृदय स्थल सिद्धांत का प्रतिपादन किया।उनके अनुसार यूरोप का इतिहास स्थल एवं समुद्री शक्तियों के बीच संघर्ष का प्रतिफल है।
• उन्होंने समुद्री शक्ति की तुलना में स्थल शक्ति को अधिक महत्वपूर्ण माना।
• इनका यह सिद्धांत ऐतिहासिक भू- स्थानिक मॉडल पर आधारित है।
• उन्होंने 1904 में royal geographical society के समक्ष geographical pivot of history नाम से एक पत्र प्रस्तुत किया जो 1919 में democratic ideal and reality नाम से प्रस्तुत रिपोर्ट का पूर्ववर्ती है।
• उल्लेखनीय है कि मैंकिंडर का यह भू- राजनीतिक सिद्धांत 1919 की रिपोर्ट में ही हार्टलैंड सिद्धांत के नाम से जाना गया।
मुख्य भाग-
1904 में प्रस्तुत रिपोर्ट में उन्होंने संसार को 3 वर्गों में वर्गीकृत किया।
1-धुरी क्षेत्र
2-आंतरिक अर्धचंद्राकार क्षेत्र
3-बाह्य अर्धचंद्राकार क्षेत्र
धुरी क्षेत्र अथवा धुराग्र क्षेत्र–
इसका संबंध रूस के केंद्रीय भाग से है।
आंतरिक अर्धचंद्राकार क्षेत्र-
यह क्षेत्र धुरी क्षेत्र के पश्चिम,दक्षिण तथा पूरब स्थित है और नदियों द्वारा समुद्र से जुड़ा है।
बाह्यअर्धचंद्राकार क्षेत्र-
यह क्षेत्र आंतरिक अर्धचंद्राकार क्षेत्रों से समुद्रो अथवा सागरों के माध्यम से जुड़ा हुआ है।
धुरी क्षेत्र अनेक कारणों से मैंकिंडर के अनुसार भविष्य में एक निर्णायक शक्ति के रूप में उभरे।
दुर्गम प्राकृतिक प्रवेश द्वारों तथा आर्थिक संसाधनों की उपस्थिति इस क्षेत्र के वैश्विक नियंत्रण शक्ति बनने के पीछे मुख्य कारण है।
16वीं शताब्दी तक यह क्षेत्र यूरेशिया महाद्वीप के अधिकांश भाग का भाग्य तय करता रहा। ब्रिटेन के नेतृत्व में 17वीं शताब्दी के बाद विकसित नौसैनिक शक्ति ने इस स्थलीय शक्ति के समक्ष कड़ी चुनौति पेश की।
मैंकिंडर के अनुसार स्थलीय शक्ति के पक्ष में बताए गए उपरोक्त कारणों से स्थलीय शक्ति ही अंत में निर्णायक साबित हुई। ट्रांस साइबेरियन रेलवे लाइन के विकास ने मैंकिंडर के मत को बल प्रदान किया।
प्रथम विश्वयुद्ध में बाल्टिक सागर तथा काला सागर के माध्यम से ब्रिटेन द्वारा इस क्षेत्र में प्रवेश करने का असफल प्रयास तथा जर्मनी की निर्णायक हार एवं रूस का एक निर्णायक शक्ति के रूप में उभरना मैकिंडर के लिए अत्यंत निर्णायक साबित हुआ।
1919 में अपने शोध प्रपत्र democratic ideal and reality में उन्होंने अपने हृदय स्थल सिद्धांत को व्यवस्थित रूप प्रदान किया तथा अपने धुरी क्षेत्रों में कुछ क्षेत्रों को शामिल करते हुए उसे हृदय स्थल के नाम से संबोधित किया।
हृदय स्थल की वैश्विक रणनीतिक प्रासंगिकता के संदर्भ में उसका प्रसिद्ध कथन अग्रलिखित है-
“जो पूर्वी यूरोप को नियंत्रित करेगा वही हृदय स्थल को नियंत्रित करेगा”।
हृदय स्थल की निर्णायक शक्ति ही विश्वदीप का स्वामी होगा।
जो बिश्वदीप को नियंत्रित करेगा उसी का सिक्का संसार में चलेगा।
द्वितीय विश्व युद्ध में घटित घटनाओं का विश्लेषण करते हुए उन्होंने 1943 में पुनः around the world and winning peace में अपने सिद्धांत में थोड़ा सा परिवर्तन किया।
द्वितीय विश्व युद्ध में पश्चिमी यूरोप तथा अमेरिका के निर्णायक शक्ति के रूप उभरने के कारण उन्होंने शक्ति के दूसरे केंद्र के रूप में मिडलैंड बेसिन की संकल्पना का प्रतिपादन किया। उनके अनुसार विश्व का दूसरा पावर सेंटर यही है। हृदय स्थल में से लीना नदी के पूर्व क्षेत्र को उन्होंने अलग कर दिया तथा उसे लीना लैंड के नाम से संबोधित किया।
आलोचना
1- दुर्गम प्राकृतिक प्रवेश द्वार ही इसके आर्थिक उन्नति का मुख्य बाधक बनकर उभरा।प्रतिकूल जलवायु परिस्थितियों ने इस क्षेत्र की संभाव्य आर्थिक उन्नति की मैकिंडर की भविष्यवाणी को गलत साबित कर दिया।
2- रसिया का 1991 में बिखर जाना भी इस सिद्धांत की प्रासंगिकता को कम करने वाला साबित हुआ। अत्याधुनिक लड़ाकू विमान तथा अंतर महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) की खोज एवं विकास ने हृदय स्थल की अपारगम्यता को खत्म कर दिया ।चुकि इन्होंने अपना विश्व मानचित्र मर्केटर प्रक्षेप पर बनाया था जिसकी वजह से हृदय स्थल अपनी वास्तविक स्थिति से काफी बड़ा दिखाई पड़ता है। वैश्विक व्यवस्था में आज कई क्षेत्रीय महा शक्तियों का उभार हो रहा है।स्पाइकमैन का रिमलैण्ड सिद्धांत मैंकिंडर के सिद्धांत की आलोचना पर ही आधारित है।
प्रासंगिकता–
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद वैश्विक भू-राजनीतिक स्थितियों का विश्लेषण करने से यह एकदम स्पष्ट दिखाई देता है नाटो के रूप में उपस्थित मिडलैंड शक्ति ने हृदय स्थल को चुनौती दिया। 1990 के पूर्व का शीत युद्ध मैकिंडर की भविष्यवाणी को सही साबित करता है तथा अमेरिका तथा पश्चिमी यूरोप के देशों को अपने सिद्धांत के माध्यम से उनके द्वारा दिया गया संदेश इस क्षेत्र के देशों की विदेश नीति का सफल आधार बना।
निष्कर्ष–
निष्कर्षत: वर्तमान में मैकिंडर का हृदय स्थल सिद्धांत प्रासंगिक नहीं रह गया है किंतु भू राजनीति के क्षेत्र में यह पहला सिद्धांत था। जिसने भू राजनीतिक विचारकों को सैन्य सिद्धांतों तथा विदेशी एवं रक्षा नीति से संबंधित संकल्पनाओं के विकास हेतु प्रेरित किया।
ए० जे० हरबर्टशन
उन्होंने भौगोलिक इकाई के अध्ययन के रूप में वृहद प्राकृतिक प्रदेशों का निर्धारण किया। बृहद प्राकृतिक प्रदेशों में जैविक व अजैविक घटक एक दूसरे से परस्पर अंर्तक्रिया करते हैं तथा इस तरह के प्रदेश सापेक्ष होते हैं। इन प्रदेशों के निर्धारण में प्राकृतिक वनस्पतियों को मुख्य आधार बनाया जो स्वयं मृदा एवं जलवायु द्वारा नियंत्रित है।
मैन एंड हिज वर्क ( man and his work) इनकी प्रमुख पुस्तक है। इसी पुस्तक में उन्होंने मानव एवं प्राकृतिक प्रदेशों के मध्य विद्यामान संबंधों की व्याख्या की है।
हरबर्टशन द्वारा कल्पित वृहद प्राकृतिक प्रदेश
(1) ध्रुवीय प्रदेश – i – टुण्ड्रा ii- ग्रीनलैंड
(2) शीत शितोष्ण प्रदेश –
i- यूरोप तुल्य
ii – सेंट लारेंस तुल्य
iii- साइबेरियन तुल्य
iv- अल्टाई तुल्य
(3) उष्ण शितोष्ण प्रदेश
i- भूमध्यसागरीय
ii- चीन तुल्य
iii- तुरान तुल्य
iv- ईरान तुल्य
(4) उष्ण प्रदेश
i- सहारा
ii- मानसून
iii- सुडान तुल्य
(5) तिब्बत तुल्य
(6) अमेजन तुल्य
पैट्रिक ग्रेडिस
• लोक-कार्य-स्थान पद्धति का प्रतिपादन। लिप्ले के स्थान-कार्य-लोक से प्रभावित होकर इस संकल्पना का प्रतिपादन किया। उनके अनुसार उन्नत तकनीक वाले समाज में लिप्ले के स्थान-कार्य-लोक का क्रम बदलकर लोक-कार्य-स्थान हो जाता है।
• सन्नगर अथवा कोनर वेसन शब्द का उपयोग ,father of urban geography .
• उन्होंने नगरीय विकास को 3 प्रधान युगो में विभक्त किया।
(1) उष: तकनीक (Evotechnic) – नगरीय विकास की प्रारंभिक अवस्था ( 1000 से 1800 ई० तक)
(2) पूरातकनीक ( paleo technique) – प्राचीन तकनीकी विकास का युग ( 1800 – 1900 ई० तक)
(3) नूतन तकनीक ( neo technique) – 1900 ई० से लेकर वर्तमान काल तक)
एच० जे० फ्ल्यूर
प्रमुख पुस्तकें
• मानव प्रदेश ( women regions)
• geographical thought is changing world,.
• the corridor of time.
• man and ape
• उन्होंने अपने लेख ह्यूमन रीजन में मानव भूगोल के विषय क्षेत्र को तीन प्रमुख वर्गों में वर्गीकृत किया।
(i) जीवन ( life) – आर्थिक पक्ष
(ii) नवजीवन ( new life) – समाज एवं लिंग
(iii) शुभ जीवन – संस्कृति व कला
लारेन्स डडले स्टाम्प ( L.D.Stamp)
• भूमि उपयोग प्रतिरूप की संकल्पना पर सराहनीय कार्य।
प्रमुख पुस्तकें
• applied geography
• history of land line is arid region
• geography of life and death
• a handbook of commercial geography
• some aspect of medical geography.
• our developing world.
• physical geography and geology.
ए० डब्ल्यू बुलरिज ( H.W. wooldridge)
• physical base of geography (with migration)
• spirit and purpose of geography ( with East)
पीटर हैगेट
• मात्रात्मक क्रांति में प्रमुख योगदान।
प्रमुख पुस्तकें
• locational analysis in human geography.
• geography : a modern synthesis.
चोर्ले के साथ संयुक्त रूप से
• models in geography
• social economic models in geography.
• integrated model in geography.
• physical and information models in geography.
न्यूविगिन
प्रमुख पुस्तकें
• मनुष्य एवं उसकी प्रकृति पर विजय ( man and his Conquest on nature)
• उन्होंने मानव भूगोल को मनुष्य का जीव विज्ञान बताया।
सी०डी० फोर्ड
प्रसिद्ध पुस्तक – आवास अर्थव्यवस्था एवं समाज
पी०एम०राक्सकी
• human regions की संकल्पना का विकास।
लूइस मम्फोर्ड
• नगरीय विकास की 6 अवस्थाओं का वर्णन
- ईयोपोलिस
- पोलिस
- मेट्रोपोलिस
- मेगालोपोलिस
- टॉयरेनोपोलिस
- नैक्रोपोलिस
राबर्ट डिकिंसन
पुस्तक –
• city region and regionation.
जान आई क्लार्क
पुस्तक – geography of town
पुस्तक – man’s adaptation of nature.